अंतर्राष्ट्रीय संबंध
14वांँ ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
- 27 Jun 2022
- 12 min read
प्रिलिम्स के लिये:ब्रिक्स, यूएनएससी, बीजिंग घोषणा। मेन्स के लिये:समूह और समझौते, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन, यूएनएससी. |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जिसकी वर्चुअली मेज़बानी चीन द्वारा की गई थी।
- 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विषय है: उच्च गुणवत्ता वाली ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा देना, वैश्विक विकास के लिये एक नए युग की शुरुआत करना।
- संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मिस्र, कज़ाखस्तान, इंडोनेशिया, अर्जेंटीना, नाइजीरिया, सेनेगल और थाईलैंड सहित देशों के मंत्रियों के साथ मुख्य बैठक के हिस्से के रूप में ब्रिक्स प्लस आभासी सम्मेलन भी आयोजित किया गया था।
शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएंँ:
- बीजिंग घोषणा:
- इसमें कहा गया है कि ब्रिक्स (BRICS) रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता का समर्थन करता है।
- यह समूह यूक्रेन को मानवीय सहायता प्रदान करने के लिये संयुक्त राष्ट्र एवं रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICRC) के प्रयासों का समर्थन करने को तैयार है।
- देशों ने तालिबान द्वारा नियंत्रित अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में भी चिंता व्यक्त की।
- मुद्दों पर चर्चा:
- यूक्रेन में मानवीय स्थिति:
- यूक्रेन और उसके आसपास मानवीय स्थिति पर चिंता तथा मानवता, तटस्थता एवं निष्पक्षता के बुनियादी सिद्धांतों के अनुसार मानवीय सहायता प्रदान करने के लिये संयुक्त राष्ट्र महासचिव, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों व रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (ICRC) के प्रयासों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
- आतंकवाद:
- आतंकवाद और आतंकी सहयोग पर चर्चा करते हुए ब्रिक्स देशों ने कहा कि प्रतिबंध लगाने का अधिकार केवल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पास है।
- अफगानिस्तान के संबंध में ब्रिक्स देशों ने "अफगानिस्तान के अधिकारियों से बातचीत के माध्यम से राष्ट्रीय सुलह प्रक्रिया शुरू करने के साथ-साथ एक व्यापक-आधार वाली समावेशी और प्रतिनिधि राजनीतिक संरचना स्थापित करने का आग्रह किया," साथ ही कहा कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादियों को शरण देने या किसी अन्य देश पर हमला करने के लिये नहीं किया जाना चाहिये।
- भ्रष्टाचारियों को सुरक्षित आश्रय से वंचित करने की पहल:
- भ्रष्टाचरियों को सुरक्षित आश्रय से वंचित करने पर ब्रिक्स पहल का उद्देश्य शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से भ्रष्टाचार विरोधी क्षमता निर्माण को और मज़बूत करना तथा बहुपक्षीय ढांँचे के अंतर्गत भ्रष्टाचार विरोधी आदान-प्रदान एवं सहयोग को बढ़ाना है।
- ई-कॉमर्स में उपभोक्ता संरक्षण हेतु ढांँचा:
- घोषणा ने ई-कॉमर्स वर्किंग ग्रुप को उन्नयन करके डिजिटल इकॉनमी वर्किंग ग्रुप की स्थापना का स्वागत किया।
- ब्रिक्स राष्ट्र ई-कॉमर्स में उपभोक्ता संरक्षण के लिये ब्रिक्स फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाकर ई-कॉमर्स में उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु सहमत हुए हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी से निपटने पर अधिक ध्यान:
- शिखर सम्मेलन ने विश्व में मादक दवाओं की गंभीर स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। ब्रिक्स घोषणा अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने एवं वैश्विक ड्रग गवर्नेंस को बढ़ावा देने में ब्रिक्स एंटी-ड्रग वर्किंग ग्रुप की सक्रिय भूमिका की सराहना करती है तथा दवा नियंत्रण सहयोग को और मज़बूत करेगी।
- यूक्रेन में मानवीय स्थिति:
ब्रिक्स (BRICS):
- परिचय:
- ब्रिक्स दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं, जैसे- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिये एक संक्षिप्त शब्द है।
- 2001 में ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओ'नील ने ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन की चार उभरती अर्थव्यवस्थाओं का वर्णन करने के लिये BRIC शब्द गढ़ा।
- 2006 में ब्रिक विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान समूह को औपचारिक रूप दिया गया था।
- दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को BRIC में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया गया था, जिसके बाद समूह ने BRICS का संक्षिप्त नाम अपनाया।
- BRICS का हिस्सा:
- ब्रिक्स विश्व के पाँच सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ लाता है, जो वैश्विक आबादी के 41%, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24% और वैश्विक व्यापार के 16% का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- अध्यक्षता:
- ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता प्रतिवर्ष B-R-I-C-S क्रमानुसार सदस्य देश के सर्वोच्च नेता द्वारा की जाती है।
- भारत 2021 के लिये अध्यक्ष था।
- ब्रिक्स की पहल:
- न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB):
- वर्ष 2014 में ब्राज़ील के फोर्टालेजा में छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान BRICS नेताओं ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की स्थापना के लिये समझौते पर हस्ताक्षर किये।
- इसने अब तक 70 बुनियादी ढाँचे और सतत् विकास परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।
- आकस्मिक रिज़र्व व्यवस्था:
- वैश्विक वित्तीय संकट की संभावना के मद्देनज़र ब्रिक्स राष्ट्रों ने वर्ष 2014 में छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में फोर्टालेजा घोषणा के दौरान ब्रिक्स आकस्मिक रिज़र्व व्यवस्था (CRA) बनाने पर सहमति जताई।
- CRA का उद्देश्य भुगतान संतुलन संकट की स्थिति को कम करने और वित्तीय स्थिरता को मज़बूत करने में मदद के लिये मुद्रा विनिमय के माध्यम से सदस्यों को अल्पकालिक मौद्रिक सहायता प्रदान करना है।
- ब्रिक्स भुगतान प्रणाली:
- स्विफ्ट भुगतान प्रणाली के विकल्प के रूप में ब्रिक्स भुगतान प्रणाली।
- यूक्रेन युद्ध के बाद रूस को स्विफ्ट से बाहर कर दिया गया है, इसलिये यह एक नई तात्कालिक व्यवस्था है।
- सीमा शुल्क समझौते:
- ब्रिक्स देशों के बीच व्यापार परिवहन के समन्वय और सुगमता के लिये सीमा शुल्क समझौते पर हस्ताक्षर किये गए।
- सुदूर संवेदन उपग्रह का प्रक्षेपण:
- उपग्रहों का एक रिमोट सेंसिंग तारामंडल लॉन्च किया गया है- जिसमें 6 उपग्रह शामिल हैं जिनमें 2 भारत से, 2 चीन से, 1 रूस से और 1 ब्राज़ील-चीन सहयोग द्वारा विकसित किये गए हैं।
- न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB):
आगे की राह:
- ब्रिक्स देशों के लिये जी-20, विश्व व्यापार संगठन, विश्व बैंक और आईएमएफ के ढांँचे के भीतर समन्वय को मज़बूत करना अनिवार्य है।
- ब्रिक्स को व्यापक आर्थिक नीतियों और बहुपक्षीय सहयोग पर समन्वय को मज़बूत करना चाहिये।
- ब्रिक्स देशों को सांस्कृतिक और लोगों के मध्य आदान-प्रदान एवं सहयोग के लिये इंटरनेट सहित तंत्र का पूरा उपयोग करना चाहिये।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b)
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। |