इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 30 Jul, 2020
  • 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 30 जुलाई, 2020

 बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क योजना

Scheme for promotion of Bulk Drug Parks

हाल ही में केंद्र सरकार ने बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क (Scheme for promotion of Bulk Drug Parks) के विकास के लिये दिशा-निर्देशों की घोषणा की है।

bulk-drug

योजना के बारे में:

  • इस योजना के अंतर्गत राज्यों की भागीदारी के साथ अगले पाँच वर्षों में 3 बल्क ड्रग और मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित किये जाएंगे।
  • केंद्र सरकार राज्यों को अनुदान के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
    • अनुदान राशि उत्तर-पूर्व और पहाड़ी राज्यों के लिये परियोजना की लागत का 90 प्रतिशत तथा अन्य राज्यों के मामले में 70 प्रतिशत होगी।
  • इन पार्कों में आम सुविधाएँ जैसे-सॉल्वेंट रिकवरी प्लांट, डिस्टिलेशन प्लांट, पावर एंड स्टीम यूनिट्स, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट आदि होंगी।

योजना का प्रभाव:

  • इस योजना से देश में थोक दवाओं की विनिर्माण लागत में कमी और थोक दवाओं के लिये अन्य देशों पर निर्भरता में कमी होने की उम्मीद है।
  • इसके अलावा दवा विनिर्माण से संबंधित सामान्य बुनियादी सुविधाएँ भी मज़बूत होंगी।

कार्यान्वयन:

  • इस योजना का कार्यान्वयन संबंधित राज्य सरकारों द्वारा स्थापित राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों (State Implementing Agencies- SIA) द्वारा किया जाएगा।

पृष्ठभूमि:

  • भारतीय दवा उद्योग विश्व का तीसरा दवा उद्योग है, इसके बावजूद भी भारत दवाओं के निर्माण हेतु आवश्यक कच्चे माल के लिये काफी हद तक आयात पर निर्भर है। 
    • यहाँ तक कि कुछ बल्क ड्रग्स के निर्माण के लिये आयात निर्भरता 80 से 100% है।


नटेश मूर्ति

Natesa of Rajasthan temple returns to India

वर्ष 1998 में भारत से चोरी की गई ‘नटेश मूर्ति’ को लगभग 22 वर्षों बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को सौंप दिया गया है

Natesh-Temple

मूर्ति के बारे में:

  • यह मूल रूप से राजस्थान के बाड़ौली में स्थित घटेश्वर महादेव मंदिर की 10 वीं शताब्दी की शिव की मूर्ति है
  • यह लगभग 4 फीट की ऊँचाई के साथ प्रतिहार शैली में एक दुर्लभ बलुआ पत्थर से निर्मित मूर्ति है
  • इसके दाहिने पैर के पीछे नंदी का एक सुंदर चित्रण दर्शाया गया है।

घटेश्वर मंदिर:

  • घटेश्वर मंदिर बाड़ौली के मंदिर समूहों में से एक है।
  • इस मंदिर में शिव के नटराज स्वरुप को उत्कीर्ण किया गया है।
  • यह मंदिर उड़ीसा मंदिर शैली से मिलता जुलता है। 
  • अलंकृत मंदिर, तोरण द्वार, शिव का बलिष्ठ रूप आदि इसकी विशेषताएँ है।

प्रतिहार शैली:

  • गुर्जर-प्रतिहार एक विशाल साम्राज्य था जिसके अंतर्गत गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश का क्षेत्र आता था। 
  • राजस्थान में जिस क्षेत्रीय शैली का विकास हुआ उसमें उसे गुर्जर-प्रतिहार अथवा महामारु कहा गया।
  • इस शैली के अंतर्गत प्रारंभिक निर्माण मंडौर के प्रतिहारों, सांभर के चौहानों तथा चित्तौड़ के मौर्यों ने किया।
  • इस प्रकार के मंदिरों में केकींद का नीलकंठेश्वर मंदिर, किराड़ू का सोमेश्वर मंदिर प्रमुख हैं।
  • इस क्रम को आगे बढ़ाने वालों में जालौर के गुर्जर-प्रतिहार रहे और बाद में चौहानों, परमारों और गुहिलों ने मंदिर शिल्प को समृद्ध बनाया।


पम्पा नदी 

Pampa river sand removal nearing end

पम्पा/पम्बा नदी के तट से लगभग एक माह पहले शुरू हुई रेत हटाने का प्रक्रिया पूरी होने वाली है।

Pampa-river

पम्पा नदी के बारे में:

  • पम्पा नदी केरल की पेरियार और भरतपुझा के बाद तीसरी सबसे बड़ी नदी है।
  • इसकी लंबाई 176 किलोमीटर है।  
  • केरल का प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर तीर्थ इसी नदी के तट पर स्थित है। 
  • इस नदी को 'दक्षिणा भागीरथी' और 'नदी बारिस' के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह केरल में पश्चिमी घाट में पेरुमेदु पठार की पुलचिमलाई पहाड़ी से निकलती है। 


माउस लेमूर

Mouse Lemur

हाल ही में पूर्वोत्तर मेडागास्कर के उष्णकटिबंधीय जंगलों में माउस लेमूर (Mouse Lemur) की एक नई प्रजाति पाई गई है।

Mouse-Lemur

प्रमुख बिंदु:

  • ये प्राणी मेडागास्कर के लगभग सभी क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
    • मेडागास्कर दुनिया की प्रमुख जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक है।
  • हाल ही में पाई गई प्रजाति दुनिया में सबसे छोटे प्राइमेट्स में से एक है।
  • इसकी लंबाई नाक से पूंछ तक लगभग 26 सेमी (10.2 इंच) है और इसका द्रव्यमान केवल 60 ग्राम है।
  • इसे माइक्रोसेबस जोनाही (Microcebus Jonahi) का नाम दिया गया है।
  • मेडागास्कर में सभी माउस लेमूर प्रजातियों का लगभग एक तिहाई (31%) अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (International Union for Conservation of Nature-IUCN) गंभीर रूप से लुप्तप्राय (Critically Endangered) श्रेणी में है।

वर्ग: 

  • यह छोटे शरीरवाला, सर्वभक्षी, निशाचर प्राइमेट, माइक्रोसेबस (Microcebus) वर्ग से संबंधित है।

संकट:

  • प्राकृतिक आवास को नुकसान और इनसे संबंधित क्षेत्र में भूमि के उपयोग में लगातार परिवर्तन इनकी विलुप्ति का कारण बनते जा रहे हैं।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 जुलाई, 2020

पवन हंस हेलीकॉप्टर सेवा

केंद्रीय नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने क्षेत्रीय हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘उड़ान योजना’ (UDAN Scheme) के अंतर्गत उत्तराखंड में पवन हंस की पहली हेलीकॉप्टर सेवा का उद्घाटन किया है। हेलीकॉप्टर सेवा के शुरू होने से देहरादून, नई टिहरी, श्रीनगर (उत्तराखंड) और गौचर के बीच हवाई संपर्क स्थापित हो जाएगा और इन स्थानों के बीच यात्रा में औसतन 20 से 25 मिनट का समय लगेगा। इसके अलावा चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को भी इस हेलीकॉप्टर सेवा का लाभ प्राप्त होगा। पवन हंस लिमिटेड (Pawan Hans Limited) इन हवाई मार्गों पर सप्ताह में तीन उड़ानें संचालित करेगा। आने वाले समय में देहरादून से रामनगर, पंतनगर, नैनीताल, अलमोड़ा, पिथौरागढ़ और मसूरी के लिये भी पवन हंस की हवाई सेवा जल्द शुरू की जाएगी। उड़ान योजना की शुरुआत वर्ष 2016 में क्षेत्रीय एयर कनेक्टिविटी को सुविधाजनक बनाने के मुख्य उद्देश्य के साथ की गई थी। गौरतलब है कि यह वैश्विक स्तर पर अपनी तरह की पहली योजना है जो क्षेत्रीय मार्गों पर सस्ती, आर्थिक रूप से व्यवहार्य एवं लाभप्रद उड़ानों को बढ़ावा दे रही है, ताकि आम आदमी वहनीय कीमत पर हवाई यात्रा कर सके। 

इंडो-इस्‍लामिक कल्‍चरल फाउंडेशन

उत्तर प्रदेश सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड ने सर्वोच्च न्‍यायालय के आदेश के अनुसार, अयोध्‍या में मस्ज़िद के निर्माण के लिये एक ट्रस्‍ट बनाने की घोषणा की है। इस ट्रस्‍ट को इंडो-इस्‍लामिक कल्‍चरल फाउंडेशन (Indo-Islamic Cultural Foundation) का नाम दिया गया है। आधिकारिक सूचना के अनुसार, सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मस्ज़िद के लिये रौनाही क्षेत्र के धन्‍नीपुर गाँव में आवंटित पाँच एकड़ भूमि को स्‍वीकार कर लिया है। इस फाउंडेशन के अंतर्गत कुल 15 सदस्‍य होंगे। ध्यातव्य है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड को दी गई पाँच एकड़ ज़मीन पर एक मस्ज़िद, भारत-इस्लामी संस्कृति का प्रदर्शन करने के लिये दो केंद्र, एक धर्मार्थ अस्पताल और एक सार्वजनिक पुस्तकालय बनाया जाएगा। सुन्‍नी सेंट्रल वक्‍फ बोर्ड के अध्यक्ष ज़फर अहमद फारूकी, मस्ज़िद निर्माण के लिये गठित इस फाउंडेशन के मुख्य ट्रस्टी और अध्यक्ष होंगे। इससे पूर्व फरवरी 2020 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, राम मंदिर के निर्माण के लिये 15 सदस्यों वाले एक ट्रस्‍ट का गठन किया गया था, जिसे ‘श्रीराम जन्‍म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ नाम दिया गया था। 

‘आश्रय’ आइसोलेशन प्रणाली

वर्तमान कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी भारत समेत विश्व के लगभग सभी देशों में तेज़ी से प्रसारित हो रही है और वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में संक्रमित रोगियों के लिये आवश्यक बिस्तर/बेड उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। ऐसे में पुणे स्थिति डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी (DIAT) ने COVID-19 महामारी से मुकाबला करने के लिये ‘आश्रय’ (Aashray) नाम से एक मेडिकल बेड आइसोलेशन प्रणाली विकसित की है, जो कि संक्रमित रोगियों द्वारा प्रसारित वायरस को रोकने/कम करने में मदद करेगी। यह COVID-19 से संक्रमित रोगियों के उचित अलगाव को बनाए रखने के लिये एक कम लागत और पुन: प्रयोज्य (Reusable) योग्य समाधान है। DIAT द्वारा विकसित यह उत्पाद डिज़ाइन के लिहाज़ से मॉड्यूलर और पोर्टेबल है तथा इसका प्रयोग विभिन्न आवश्यकताओं के अनुरूप जैसे- संस्थागत, अस्पतालों और घर/व्यक्तिगत आइसोलेशन आदि के लिये किया जा सकता है। इसके अंतर्गत एक बेड, मेज़ और एक कुर्सी को रखने का स्थान दिया गया है। इस प्रणाली में 10 बेड की एक इकाई के सेटअप की कुल लागत 1 लाख रुपए और होम आइसोलेशन के लिये 15000 रुपए है।

महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासत को बढ़ावा देने हेतु विधेयक

अमेरिकी काॅन्ग्रेस की विदेशी मामलों की एक समिति ने हाल ही में महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर (Martin Luther King Jr.) की विरासत को बढ़ावा देने के लिये एक विधेयक पारित किया है। यह विधेयक महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर के कार्य एवं उनकी विरासत का अध्ययन करने के लिये अमेरिका और भारत के बीच एक विनिमय पहल स्थापित करने का प्रावधान करता है। यह विधेयक अमेरिका के विदेश विभाग को भारत सरकार के सहयोग से दोनों देशों के विद्वानों के लिये महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की विरासत पर केंद्रित एक वार्षिक शैक्षिक मंच स्थापित करने के लिये अधिकृत करता है। इसके अलावा इस विधेयक के अंतर्गत अहिंसा के सिद्धांतों के आधार पर संघर्ष समाधान को लेकर एक पेशेवर विकास प्रशिक्षण पहल विकसित करने की भी बात की गई है। साथ ही इस विधेयक में भारत के सहयोग से एक यूनाइटेड स्टेट्स-इंडिया गांधी-किंग डवलपमेंट फाउंडेशन (United States-India Gandhi-King Development Foundation) के गठन की भी बात की गई है।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2