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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 30 Jun, 2020
  • 8 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 30 जून, 2020

सांस्कृतिक सद्भाव मंडप

Sanskritik Sadbhav Mandap

29 जून, 2020 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री (Union Minister of Minority Affairs) ने उत्तर प्रदेश के रामपुर में बहुउद्देशीय ‘सांस्कृतिक सद्भाव मंडप’ (Sanskritik Sadbhav Mandap) का शिलान्यास किया।

प्रमुख बिंदु:

  • यह ‘सांस्कृतिक सद्भाव मंडप’ प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (Pradhan Mantri Jan Vikas Karykram- PMJVK) के तहत 92 करोड़ रूपए की लागत से बनाया जाएगा।
  • इस ‘सांस्कृतिक सद्भाव मंडप’ में कौशल विकास के लिये ट्रेनिंग, विभिन्न आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियाँ, कोचिंग, COVID-19 जैसी आपदा में लोगों को राहत देने की व्यवस्था एवं खेल-कूद की गतिविधियाँ आयोजित की जा सकेंगी।

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम

(Pradhan Mantri Jan Vikas Karykram- PMJVK):

अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक सशक्तीकरण एवं रोज़गार उन्मुख कौशल विकास को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (Multi-sectoral Development Programme-MsDP) का नाम बदलकर प्रधान मंत्री जन विकास कार्यक्रम (PMJVK) के रूप में इसका पुनर्गठन किया है।

उद्देश्य:

  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये स्कूल, कॉलेज, पॉलिटेक्निक, लड़कियों के लिये छात्रावास, आईटीआई, कौशल विकास केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास करना है।
  • PMJVK के तहत 80% संसाधनों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल विकास से संबंधित परियोजनाओं के लिये रखा गया है। इसके तहत करीब 33 से 40% संसाधन विशेष तौर पर महिला केंद्रित परियोजनाओं को आवंटित किये गए हैं।
  • उल्लेखनीय है कि बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (MsDP) को भारत सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा वर्ष 2008-09 में लॉन्च किया गया था।

गगनयान

Gaganyaan

केंद्रीय परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्री (Union Minister for Atomic Energy and Space) ने 29 जून, 2020 को बताया कि COVID-19 महामारी के कारण भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ (Gaganyaan) का प्रक्षेपण प्रभावित नहीं होगा।

प्रमुख बिंदु:

  • गगनयान की घोषणा भारत के प्रधानमंत्री द्वारा अगस्त, 2018 में की गई थी।
  • इस मिशन को वर्ष 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है तथा इस मिशन की लागत लगभग 1000 करोड़ रुपए है।
  • इस मिशन के तहत अंतरिक्ष यान को 300-400 किलोमीटर की निम्न पृथ्वी कक्षा (Low Earth Orbit) में स्थापित किया जाएगा। जहाँ 3-7 क्रू सदस्य अंतरिक्ष में 3-7 दिन बिताएंगे।

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (INSPACe):

  • केंद्रीय परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्री ने बताया कि इसरो (ISRO) की गतिविधियों में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये ‘भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन एवं प्राधिकरण केंद्र’ (Indian National Space Promotion & Authorization Centre- INSPACe) नामक एक नियामक संस्था की स्थापना की जानी है।
  • यह नियामक संस्था निजी कंपनियों को एक समान अवसर प्रदान करने एवं उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने में मदद करेगी।

प्लेसबो

Placebo

प्लेसबो (Placebo) एक ऐसा पदार्थ है जो दवाओं से मिलता-जुलता है किंतु उसमें सक्रिय दवा (Active Drug) नहीं होती है।

प्रमुख बिंदु:

  • एक प्लेसबो (Placebo) वास्तव में एक वास्तविक दवा की तरह दिखता है किंतु यह एक निष्क्रिय पदार्थ (स्टार्च या चीनी) से बना होता है।

प्लेसबो प्रभाव (Placebo Effect):

  • कभी-कभी किसी रोगी में प्लेसबो के कारण एक सकारात्मक या नकारात्मक प्रतिक्रिया हो सकती है। उदाहरण के लिये रोगी के लक्षणों में सुधार हो सकता है या रोगी में उपचार से होने वाले दुष्प्रभाव भी दिखाई दे सकते हैं। इन प्रतिक्रियाओं को ‘प्लेसबो प्रभाव’ (Placebo Effect) के रूप में जाना जाता है।
  • कुछ स्थितियाँ ऐसी होती हैं जिनमें प्लेसबो सकारात्मक परिणाम उत्पन्न कर सकता है जबकि व्यक्ति को यह पता भी नहीं होता है कि वह वास्तविक दवा के स्थान पर एक प्लेसबो ले रहा है।
  • विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि प्लेसबो मानव की विभिन्न स्थितियों जैसे- डिप्रेशन, दर्द, नींद संबंधी विकार, आंत की संवेदनशील बीमारी, रजोनिवृत्ति (Menopause) आदि पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

मिशन सागर

Mission Sagar

मिशन सागर’ (Mission Sagar) के अंतर्गत दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र में तैनात किया गया भारतीय नौसेना का एक जहाज़ आईएनएस केसरी (INS Kesari) 55 दिनों के बाद कोच्चि (केरल) पहुँचा।

प्रमुख बिंदु:

आईएनएस केसरी (INS Kesari) को एक विशेष ‘COVID राहत मिशन’ (Covid Relief Mission) के लिये तैनात किया गया था और इस मिशन के अंतर्गत माले (मालदीव), पोर्ट लुइस (मॉरीशस), एंटसिरानाना (मेडागास्कर), मोरोनी (कोमोरोस आइलैंड्स) एवं पोर्ट विक्टोरिया (सेशल्स) में 580 टन खाद्य सहायता एवं आवश्यक मेडिकल वस्तुएँ भेजी गयी थी।

आईएनएस केसरी (INS Kesari):

  • आईएनएस केसरी भारतीय नौसेना का एक शार्दुल-श्रेणी (Shardul-Class) का टैंक लैंडिंग जहाज़ है।
  • वर्ष 2009 में INS केसरी को विशाखापट्टनम के पूर्वी नौसेना कमान से पोर्ट ब्लेयर स्थानांतरित किया गया था।
  • गौरतलब है कि यह मिशन प्रधानमंत्री की ‘सागर’ (Security and Growth for All in the Region -SAGAR) पहल के अनुरूप है जो भारत द्वारा उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के महत्त्व को रेखांकित करता है एवं मौजूदा संबंधों को और मज़बूत करता है।

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