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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 29 May, 2019
  • 8 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 29 मई, 2019

वीर सावरकर

28 मई को स्वतंत्रता सेनानी वीर दामोदर सावरकर की जयंती मनाई गई।

वीर सावरकर के बारे में

  • वीर सावरकर का पूरा नाम विनायक दामोदर सावरकर था। इनका जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के भागुर ग्राम में हुआ था।
  • सावरकर इंडिया हाउस (India House) नामक राष्ट्रवादी संस्था से जुड़े थे एवं उन्होने अभिनव भारत और फ्री इंडिया सोसाइटी (Free India Society) की स्थापना भी की थी।
  • वर्ष 1910 में सावरकर को क्रांतिकारी समूह इंडिया हाउस के साथ संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था।
  • वर्ष 1911 में ब्रिटिश सरकार ने सावरकर को 50 वर्ष के कठोर कारावास की सज़ा सुनाकर उन्हें अंडमान निकोबार दीप समूह में स्थित कालापानी जेल में डाल दिया गया। लेकिन वर्ष 1921 में उन्हें रिहा कर दिया गया।
  • वीर सावरकर एक स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ, वकील, लेखक, समाज सुधारक और हिंदुत्व दर्शन के सूत्रधार थे।
  • वर्ष 1923 में उन्होंने ‘हिंदुत्व’ (Hindutva) शब्द की व्याख्या की और कहा कि भारत केवल उन्ही लोगों का है जो इसे ‘पितृभूमि’ और ‘पवित्र भूमि’ मानते हैं।
  • वीर सावरकर ने अपनी पुस्तक हिंदुत्व (Hindutva) में द्विराष्ट्र सिद्धांत (Two-nation Theory) का प्रतिपादन किया जिसमें हिंदुओं और मुसलमानों के लिये दो अलग-अलग राष्ट्रों की बात कही गई जिसे वर्ष 1937 में हिंदू महासभा ने एक संकल्प के रूप में पारित किया।
  • वर्ष 2000 में अंडमान और निकोबार की राजधानी में पोर्ट ब्लेयर में स्थित हवाई अड्डे का नाम बदलकर वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा रखा गया।

केरल आपदा सेस (Flood cess) लगाने वाला पहला राज्य

केरल सरकार 1 जून, 2019 से राज्य में 5% से अधिक GST वाली वस्तुओं पर 1% का अतिरिक्त कर आरोपित करेगी।

  • इसके साथ ही केरल आपदा सेस (Flood cess) लगाने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा।
  • इस आपदा सेस/उपकर का उद्देश्य राज्य के पुनर्निर्माण हेतु धन जुटाना है, जो कि अगस्त 2018 में आई विनाशकारी बाढ़ के कारण बहुत अधिक प्रभावित हुआ था।
  • इस उपकर (Cess) की घोषणा राज्य सरकार के बजट सत्र के दौरान ही कर दी गई थी।
  • यह कर 1 जून, 2019 से 2 वर्षों की अवधि के लिये आरोपित किया जाएगा।
  • रेलवे सेवाओं, फिल्म के टिकटों पर यह कर लागू नहीं होगा।
  • उपकर के बोझ को कम करने के लिये छोटे व्यापारियों (जिनका सालाना कारोबार 1.5 करोड़ रुपए से कम हो) द्वारा बेचे जाने वाले उत्पादों पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया जाएगा।
  • यह उपकर केवल केरल राज्य के भीतर होने वाले लेन-देन पर ही लागू होगा, न कि अंतर्राज्यीय लेन-देन पर।
  • सरकार ने सोने और चांदी पर भी बाढ़ उपकर के रूप में 0.25% का अतिरिक्त कर लगाने का फैसला किया है।

उपकर (Cess)
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  • उपकर या सेस, कर के ऊपर लगने वाला कर है जो आमतौर पर विशिष्ट उद्देश्यों की पूर्ति हेतु लगाया जाता है।
  • एक बार इसका उद्देश्य पूरा हो जाने के बाद इस पर रोक लगा दी जाती है। अन्य करों (जिन्हें अन्य भारतीय राज्यों के साथ साझा किया जाता है) के विपरीत, उपकर के माध्यम से प्राप्त होने वाली संपूर्ण राशि केंद्र सरकार के पास संग्रहित की जाती है।
  • समर्पित खातों में स्थानांतरित होने से पहले सेस से प्राप्त राशि को भारत की समेकित निधि (Consolidated Fund of India) में रखा जाता है।

उपकर के प्रकार

  • 1 जुलाई, 2017 से GST के तहत कुछ उपकरों को शामिल किया गया है, जैसे- कृषि कल्याण उपकर (Krishi Kalyan Cess), स्वच्छ भारत उपकर (Swachh Bharat Cess), स्वच्छ ऊर्जा उपकर (Clean energy cess), चाय चीनी और जूट आदि पर उपकर।
  • वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा 6 प्रकार के उपकर को GST से बाहर रखा गया है, ये हैं- प्राथमिक शिक्षा उपकर, माध्यमिक शिक्षा उपकर, कच्चे पेट्रोलियम पर उपकर, सड़क उपकर और तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों पर उपकर, आयातित वस्तुओं पर शिक्षा उपकर।

सामाजिक और श्रम अभिसरण कार्यक्रम

सामाजिक और श्रम अभिसरण कार्यक्रम (SLCP) कपड़ा और वस्त्र उद्योग के लिये एक मानक-तटस्थ, अभिसरण मूल्यांकन ढाँचा है।

  • यह कन्वर्जेंस असेसमेंट फ्रेमवर्क (Converged Assessment Framework-CAF) को लागू करने के लिये एक मिशन है जो वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं की कार्य स्थिति में सुधार करने हेतु विभिन्न हितधारकों के प्रयासों का समर्थन करता है।
  • CAF में डेटा संग्रहण के साधन (Data Collection Tool), सत्यापन हेतु मूल-पत्र (Verification Protocol) और सत्यापनकर्त्ता मार्गदर्शन दस्तावेज (Verifier Guidance document) शामिल होते हैं।
  • यह मौजूदा लेखांकन प्रणाली (Audit Systems) और आचार संहिताओं (Codes of Conduct) के अनुकूल है। इसके तहत समान डेटा समूह का उपयोग कई हितधारकों द्वारा किया जा सकता है। यह एक ही सुविधा हेतु बार-बार किये जाने वाले लेखांकन की आवश्यकता को समाप्त करता है।

उद्देश्य
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  • सामाजिक और श्रम लेखा परीक्षा की संख्या कम करने एवं दोहराव से बचने के लिये वर्तमान मूल्यांकन साधनों के स्थान पर आधुनिक तकनीकी साधनों का प्रयोग करना।
  • सामाजिक और श्रम डेटा की अधिक तुल्यता के अवसरों में वृद्धि करना।
  • सुधार कार्यों की दिशा में संसाधनों का पुनः इस्तेमाल करना।
  • कपड़ा इकाइयों में काम करने की स्थिति में सुधार करने हेतु संसाधनों में बढ़ोत्तरी करना।
  • आपसी विश्वास और सम्मान को बनाए रखना, काम की परिस्थितियों को समझना एवं समय के साथ उन परिस्थितियों में सुधार के लिये लगातार प्रयास करना।

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