प्रिलिम्स फैक्ट्स (28 May, 2019)



प्रीलिम्स फैक्ट्स: 28 मई, 2019

पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य

पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य (Pobitora Wildlife Sanctuary) गुवाहाटी से लगभग 45 किमी दूर मोरीगाँव ज़िले में ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ के मैदान में स्थित है।

  • पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य का मात्र 16 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र 90 से ज़्यादा गैंडों का आवास स्थल है। गौरतलब है कि इतने कम क्षेत्रफल में 90 से ज़्यादा गैंडों का रहना इस अभयारण्य को दुनिया के उच्चतम जनसंख्या घनत्व वाला अभयारण्य बनाता है।
  • गैंडे के अलावा तेंदुआ, फिशिंग कैट, जंगली बिल्ली, जंगली भैंस, जंगली सुअर, चीनी पैंगोलिन आदि जैसे अन्य स्तनधारी भी यहाँ पाए जाते हैं।
  • सर्दियों में पोबितोरा पक्षियों के लिये स्वर्ग बन जाता है, जिसमें हज़ारों जलप्रपात आर्द्रभूमि को रोमांचित करते हैं।
  • पोबितोरा को तीन अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: वन, घास का मैदान और जल निकाय।

आकाश-एमके-1 एस

हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation- DRDO) ने चांदीपुर, ओडिशा से आकाश- एमके-1एस (AKASH-MK-1S) मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है।

  • आकाश- एमके -1 मौजूदा आकाश मिसाइल का एक उन्नत संस्करण है जो स्वदेशी तकनीक से लैस है।
  • आकाश- एमके -1 सतह से हवा में मार करने में सक्षम एक मिसाइल है जो हवाई लक्ष्यों पर सटीक निशाना लगा सकती है।
  • आकाश हथियार प्रणाली में कमांड संचालन और सक्रिय टर्मिनल संचालन दोनों का संयोजन है।

डॉ. ली जोंग वुक मेमोरियल प्राइज़

हाल ही में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research- ICMR) के प्रोफेसर बलराम भार्गव को डॉ. ली जोंग वुक मेमोरियल प्राइज़ फॉर पब्लिक हेल्थ से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान अनुसंधान व प्रशिक्षण कार्य में योगदान हेतु दिया गया है। प्रोफेसर बलराम भार्गव इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक हैं।

सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये डॉ. ली जोंग वुक मेमोरियल प्राइज़
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये डॉ. ली जोंग वुक प्राइज़ की स्थापना वर्ष 2008 में की गई थी।
  • इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों, सरकारी संगठनों तथा गैर-सरकारी संगठनों (Non-Governmental Organizations- NGO) को प्रदान किया जाता है।
  • यह एक वार्षिक पुरस्कार है, इसे विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाता है।
  • दक्षिण कोरिया के डॉ. ली जोंग वुक (Dr. Lee Jong Wook) वर्ष 2003 से वर्ष 2006 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) के महानिदेशक थे।
  • WHO के महानिदेशक बनने से पहले डॉ. ली अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य और विकास में आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों (‘तपेदिक’ और ‘टीके से बचाव योग्य बच्चों की बीमारियों’) के खिलाफ संघर्षरत थे।