प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स : 27 मार्च, 2021
एन.वी. रमना: भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश
(N.V. Ramana: 48th Chief Justice of India)
भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश (एस.ए. बोबडे) द्वारा 48वें मुख्य न्यायाधीश के पद के लिये सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश एन.वी. रमना/रमण के नाम की सिफारिश की गई है।
- जस्टिस एन.वी. रमना 24 अप्रैल, 2021 को भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में पदभार संभालेंगे और वे 26 अगस्त, 2022 तक इस पद पर रहेंगे।
प्रमुख बिंदु
मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति
- भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय (SC) के न्यायाधीशों को राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) के तहत नियुक्त किया जाता है।
- मुख्य न्यायाधीश के पद के मामले में देश के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश द्वारा अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की जाती है।
- केंद्रीय विधि मंत्री द्वारा मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश प्रधानमंत्री को हस्तांतरित की जाती है और प्रधानमंत्री उसी आधार पर राष्ट्रपति को सलाह देता है।
- द्वितीय न्यायाधीश मामले में वर्ष 1993 में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को ही मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया जाना चाहिये।
- सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- कॉलेजियम प्रणाली न्यायाधीशों की नियुक्ति और स्थानांतरण की प्रणाली है जो सर्वोच्च न्यायालय (न्यायाधीशों के मामलों) के निर्णयों के माध्यम से विकसित हुई है, न कि संसद के अधिनियम द्वारा या संविधान के प्रावधान द्वारा।
CJI के प्रशासनिक अधिकार
- प्रायः मुख्य न्यायाधीश के पद को ‘फर्स्ट अमंग इक्वल’ (प्राइमस इंटर पारेस) के रूप में संदर्भित किया जाता है।
- भारत का मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय के प्रशासनिक प्रमुख की भूमिका निभाता है।
- अपनी प्रशासनिक क्षमता में मुख्य न्यायाधीश किसी भी मामले को किसी खंडपीठ को आवंटित करने संबंधी विशेषाधिकार का प्रयोग करता है।
- मुख्य न्यायाधीश, किसी भी मामले की सुनवाई के लिये आवश्यक न्यायाधीशों की संख्या भी तय करता है।
- इस प्रकार वह केवल न्यायाधीशों का चयन करके ही परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
- इस तरह की प्रशासनिक शक्तियों का प्रयोग बिना किसी आम सहमति के और बिना किसी कारण किया जा सकता है।
हालिया घटनाक्रम
- वर्ष 2019 में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा था कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) का कार्यालय सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के दायरे में आता है।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 मार्च, 2021
महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार
सुप्रसिद्ध पार्श्वगायिका आशा भोसले को महाराष्ट्र सरकार द्वारा हाल ही में वर्ष 2020 के लिये राज्य के सर्वोच्च सम्मान महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में एक समिति ने वर्ष 2020 के लिये आशा भोसले का चयन किया है। ज्ञात हो कि आशा भोसले की बहन लता मंगेशकर को वर्ष 1997 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। इसके अलावा आशा भोसले को प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। वर्ष 2011 में आशा भोसले ने आधिकारिक तौर पर संगीत इतिहास में सबसे अधिक बार रिकॉर्ड होने वाली कलाकार का खिताब हासिल किया था और उनका नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। उन्होंने 20 से अधिक भाषाओं में गाया है। उनकी रचनाओं में फिल्म संगीत, गज़ल, भजन, पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय संगीत, लोकगीत, कव्वाली और रवींद्र संगीत आदि शामिल हैं। महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1996 में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में राज्य के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपलब्धियों और कार्यों को पहचान प्रदान करने के लिये स्थापित किया गया था, इस पुरस्कार के तहत 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
विश्व रंगमंच दिवस
आम लोगों को रंगमंच के विभिन्न पहलुओं और इसके महत्त्व के बारे में जागरूक करने के लिये प्रत्येक वर्ष 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व रंगमंच दिवस की स्थापना इंटरनेशनल थियेटर इंस्टीट्यूट (ITI) द्वारा की गई थी और इस दिवस का आयोजन पहली बार 27 मार्च, 1962 को पेरिस में किया गया था। प्रथा के अनुसार, इस दिन किसी थियेटर के किसी प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा रंगमंच की मौजूदा स्थिति पर विचार व्यक्त करते हुए संदेश दिया जाता है। वर्ष 1962 में पहला विश्व थियेटर दिवस संदेश जीन कोक्टयू द्वारा दिया गया था। वर्ष 2002 में यह संदेश भारत के सबसे प्रसिद्ध थियेटर कलाकार गिरीश कर्नाड ने दिया था। नाटक अथवा थियेटर रंगमंच से जुड़ी एक विधा है, जिसे अभिनय करने वाले कलाकारों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। नाटक की परंपरा बहुत प्राचीन है। इस संदर्भ में शेक्सपियर की निम्नलिखित पंक्तियाँ उल्लेखनीय हैं-
‘यह दुनिया एक रंगमंच है और सभी स्त्री-पुरुष सिर्फ पात्र हैं’।
अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग एंड कॉम्प्लेक्स स्कीम
उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही छात्रों, शहरों में रहने वाले गरीब लोगों और शहरी प्रवासियों के लिये एक किफायती किराए के आवास की योजना शुरू करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग एंड कॉम्प्लेक्स (ARHC) स्कीम के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। राज्य सरकार की इस आवासीय योजना के तहत छात्र, शहरी प्रवासी, गरीब मज़दूर, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा। योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, विधवाओं, कामकाजी महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित लोगों को वरीयता प्रदान की जाएगी। योजना को मुख्यतः दो मॉडलों में लागू किया जाएगा। पहले मॉडल के तहत केंद्र या राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली मकानों को योजना में शामिल किया जाएगा, जबकि दूसरे मॉडल के तहत सार्वजनिक/निजी संस्थाओं द्वारा अपनी उपलब्ध खाली भूमि पर मकानों का निर्माण, संचालन और रखरखाव किया जाएगा। योजना के तहत केवल 25 वर्ष के लिये ही मकान किराये पर दिया जाएगा।
इथेनॉल उत्पादन संवर्द्धन नीति, 2021
हाल ही में बिहार मंत्रिमंडल ने इथेनॉल उत्पादन संवर्द्धन नीति, 2021 नामक अपनी स्वयं की इथेनॉल नीति को मंज़ूरी दे दी है, जिससे बिहार इस प्रकार की नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। बिहार सरकार की इस नई नीति के तहत जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति (2018) और राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति द्वारा स्वीकृत सभी प्रकार के फीडस्टॉक से इथेनॉल के उत्पादन को मंज़ूरी दी गई है। बिहार की इथेनॉल उत्पादन संवर्द्धन नीति, 2021 के तहत नई इथेनॉल विनिर्माण इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिये उन्हें संयंत्र और मशीनरी की लागत का अधिकतम 5 करोड़ तक 15 प्रतिशत अतिरिक्त पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। यह पूंजीगत सब्सिडी, बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत मौजूदा प्रोत्साहन के अतिरिक्त होगी।