नेपाल के नागरिकता कानून को लेकर विवाद
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नेपाल के राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2006 के संसोधन विधेयक को पुनर्विचार के लिये नेपाल संसद के निचले सदन में वापस भेज दिया।
नागरिकता कानून से संबंधित विवाद का कारण:
- परिचय:
- वर्ष 2006 में नेपाल में राजशाही के पतन और उसकी शासन प्रणाली में लोकतांत्रिक रूप से परिवर्तन के बाद वर्ष 2015 में एक संविधान को अपनाने के बाद बहुदलीय प्रणाली का उदय हुआ।
- इसके कारण संविधान लागू होने से पूर्व जन्म लेने वाले सभी नेपाली नागरिकों को प्राकृतिक नागरिकता मिल गई।
- लेकिन इनके बच्चे नागरिकता से विहीन हो गए हैं क्योंकि इस मुद्दे को एक संघीय कानून द्वारा निर्देशित किया जाना था, जिसे अभी तक तैयार नहीं किया गया है।
- हाल के संशोधन से नागरिकता से विहीन युवाओं और उनके माता-पिता के लिये नागरिकता का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है।
- वर्ष 2006 में नेपाल में राजशाही के पतन और उसकी शासन प्रणाली में लोकतांत्रिक रूप से परिवर्तन के बाद वर्ष 2015 में एक संविधान को अपनाने के बाद बहुदलीय प्रणाली का उदय हुआ।
- अधिनियम में निहित मुद्दे:
- लैंगिक भेद-भाव:
- यह लैंगिक न्याय के स्थापित मापदंडों के विरुद्ध है, एक नए संशोधन के अनुसार नेपाली नागरिकता वाले पिता या माता से पैदा हुए व्यक्ति को वंश के आधार पर नागरिकता मिल सकती है।
- साथ ही, एक व्यक्ति जो एक नेपाली माँ (जो देश में रह चुकी है) एक अज्ञात पिता से पैदा हुआ है, उसे भी वंश के आधार पर नागरिकता मिलेगी।
- लेकिन यह प्रावधान उस महिला के लिये अपमानजनक है, क्योंकि बच्चे को नागरिकता के लिये आवेदन करने हेतु उसके पति को अज्ञात घोषित करना पड़ता है।
- इसके अलावा नेपाली पिता के मामले में ऐसी किसी घोषणा की आवश्यकता नहीं है।
- प्रकृति में विरोधाभासी:
- यदि कोई बच्चा नेपाली माँ और विदेशी नागरिकता रखने वाले पिता से उत्पन्न हुआ है, तो उसे प्राकृतिक नागरिकता मिल सकती है।
- यह माँ (और बच्चे) पर स्थायी निवास की शर्त रखता है जो बच्चे के लिये नागरिकता प्रदान करने का निर्धारण करेगा।
- यदि कोई बच्चा नेपाली माँ और विदेशी नागरिकता रखने वाले पिता से उत्पन्न हुआ है, तो उसे प्राकृतिक नागरिकता मिल सकती है।
- कानून की त्रुटिपूर्ण प्रकृति:
- यदि कोई व्यक्ति जो नेपाली माँ और अज्ञात पिता से संतान के रूप में जन्म लेता है, को वंश के आधार पर नागरिकता दी जा सकती है, हालाँकि अज्ञात पिता विदेशी नागरिक है, तो वंश द्वारा नागरिकता को प्राकृतिक नागरिकता में बदल दिया जाएगा।
- लैंगिक भेद-भाव:
इस संशोधन की आवश्यकता:
- नेपाली पुरुष विशेष रूप से तराई क्षेत्र वाले, उत्तरी भारत की महिलाओं से शादी करना जारी रखते हैं तो इससे उनकी नेपाली पहचान प्रभावित हो सकती है।
- "बेटी-रोटी" मुद्दा (भारतीय महिलाओं से शादी करने वाले नेपाली पुरुष), कई महिलाएँ नेपाल की नागरिक नहीं बन सकीं क्योंकि नेपाल में नागरिकता के लिये आवेदन करने से पहले उन्हें सात वर्ष की पुनर्विचार अवधि के अधीन किया गया था।
- चूँकि ऐसी महिलाएँ नागरिकता विहीन थीं, ऐसे परिवारों के बच्चे भी अक्सर नेपाली नागरिकता विहीन पाए जाते थे।
- इसलिये नए संशोधनों ने इन नागरिकता विहीन महिलाओं के लिये पुनर्विचार-अवधि को समाप्त कर दिया है।
- इससे ऐसे परिवारों के बच्चों को फायदा होगा जहाँ माँ और बच्चे सालों तक नागरिकता विहीन रहे हों।
स्रोत: द हिंदू
रोहिणी साउंडिंग रॉकेट
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation-ISRO) रोहिणी आरएच-200 साउंडिंग रॉकेट के लगातार 200वें सफल प्रक्षेपण की योजना बना रहा है।
- रोहिणी साउंडिंग रॉकेट परिवार के आरएच-200 ने लगातार 198 सफल उड़ानें पूरी की हैं।
- 199वाँ प्रक्षेपण अक्तूबर 2022 में विश्व अंतरिक्ष सप्ताह (4-10 अक्तूबर) समारोह के दौरान होगा। 200वाँ प्रक्षेपण अक्टूबर के अंत या नवंबर 2022 की शुरुआत में होगा।
साउंडिंग रॉकेट:
- परिचय:
- साउंडिंग रॉकेट एक या दो चरण के ठोस प्रणोदक रॉकेट हैं जिनका उपयोग ऊपरी वायुमंडलीय क्षेत्रों की जाँच और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये किया जाता है।
- वे लॉन्च व्हीकल और उपग्रहों में उपयोग के लिये नए घटकों या उप-प्रणालियों के प्रोटोटाइप का परीक्षण या साबित करने हेतु आसानी से वहनीय प्लेटफॉर्म के रूप में भी काम करते हैं।
- इतिहास:
- थुंबा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन (TERLS) की स्थापना 21 नवंबर, 1963 को हुई थी। इसका दक्षिणी सिरा पृथ्वी के चुंबकीय भूमध्य रेखा के करीब है।
- वर्ष 1963 में थुंबा से पहले साउंडिंग रॉकेट (अमेरिकन नाइके-अपाचे) के प्रक्षेपण ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत को चिह्नित किया और निर्मित सभी वाहनों का आधार बना।
- इसरो ने वर्ष 1965 से स्वदेश निर्मित साउंडिंग रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ शुरुआत की थी तथा वर्ष 1967 में अपना संस्करण रोहिणी आरएच-75 प्रक्षेपित किया था।
- वर्ष 1975 में, रोहिणी साउंडिंग रॉकेट (RSR) कार्यक्रम के तहत सभी साउंडिंग रॉकेट गतिविधियों को अव्यवस्थित कर दिया गया था।
- साउंडिंग रॉकेट की शृंखला को रोहिणी शृंखला कहा जाता है, जिसमें आरएच-200, आरएच-300 और आरएच-560 सबसे महत्त्वपूर्ण हैं।
- RH-200:
- आरएच -200 एक दो-चरणीय रॉकेट है जो वैज्ञानिक पेलोड के साथ 70 किमी की ऊँचाई तक जाने में सक्षम है।
- आरएच-200 के पहले और दूसरे चरण ठोस मोटर्स द्वारा संचालित होते हैं।
- वर्षों से आरएच-200 रॉकेट ने पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) आधारित प्रणोदक का उपयोग किया था।
- हाइड्रॉक्सिल-टर्मिनेटेड पॉलीब्यूटाडाइन (HTPB) पर आधारित एक नए प्रणोदक का उपयोग करने वाला पहला RH-200 सितंबर 2020 में TERLS से सफलतापूर्वक उड़ाया गया था।
- PVC आधारित प्रणोदक की तुलना में HTPB आधारित प्रणोदक अधिक ऊर्जावान, उच्च यांत्रिक और इंटरफेस के साथ हैं तथा कम प्रसंस्करण तापमान के कारण इसमें कम दोष हैं।
- RH-200 नाम '200' मिमी रॉकेट के व्यास को दर्शाता है। अन्य परिचालन रोहिणी वेरिएंट RH-300 Mk-II और RH-560 Mk-III हैं।
साउंडिंग रॉकेट के कुछ विवरण:
वाहन |
आरएच-200 |
आरएच-300 एमके-II |
आरएच -560 एमके-II |
पेलोड (किलोग्राम) |
10 |
60 |
100 |
ऊँचाई (किमी.) |
80 |
160 |
470 |
लक्ष्य |
मौसम विज्ञान |
एयरोनॉमी |
एयरोनॉमी |
लॉन्च पैड |
थुंबा बालासोर |
एसडीएससी-शार |
एसडीएससी-शार |
द हिंदू
भारतीय पोषण रेटिंग
हाल ही में देश के शीर्ष खाद्य नियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने फ्रंट-ऑफ-पैक लेबलिंग के लिये एक मसौदा अधिसूचना जारी की, जिसे भारतीय पोषण रेटिंग (INR) के रूप में जाना जाएगा।
भारतीय पोषण रेटिंग (INR):
- परिचय:
- यह प्री-पैकेज़्ड चीनी, नमक और वसा जैसे खाद्य पदार्थों की उच्च खपत को हतोत्साहित करने के लिये इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर ऊर्जा-दक्षता रेटिंग के समान स्टार रेटिंग देने के लिये अनिवार्य करता है।
- प्रकार:
- दैनिक सेवन गाइड: पोषक तत्त्वों की दैनिक सिफारिशों का अनुपात पहले से पैक किये गए खाद्य पदार्थो की एक सर्विंग में मौजूद होता है।
- पोषण संबंधी सूचना पैनल: यह खाद्य पदार्थो में मौजूद प्रत्येक मुख्य पोषक तत्त्व की गुणवत्ता प्रदान करता है।
- ट्रैफिक लाइट लेबलिंग: यह खाद्य पदार्थोे में मौजूद वसा, नमक, चीनी आदि की मात्रा को दर्शाता है और इसे लाल, नारंगी या हरे जैसे रंगों के साथ वर्गीकृत करता है कि यह कितना स्वस्थ है।
- चेतावनी लेबल: यह दर्शाता है कि नमक, चीनी और वसा जैसे खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता संदर्भित नहीं की गई हैं।
- स्टार रेटिंग: उत्पाद कितना स्वस्थ है, इसके आधार पर यह 1 से 5 स्टार प्रदान करता है, जिसमें 5 स्वास्थ्यप्रद और 1 सबसे कम स्वस्थ है।
- रेटिंग की प्रक्रिया: इसके अलावा 100 ग्राम ठोस या 100 मिली. तरल खाद्य पदार्थों/वस्तुओं को ऊर्जा के योगदान और संतृप्त वसा, चीनी, सोडियम, फल एवं सब्जियांँ (FV), नट, फलियांँ तथा कदन्न (NLM) , आहार फाइबर और प्रोटीन की सामग्री के आधार पर स्कोर दिया जाएगा।
- 25 से अधिक स्कोर वाले सॉलिड फूड को 0.5 स्टार दिये जाएंगें और - (माइनस)11 से कम स्कोर वाले लोगों को 5 स्टार दिये जाएंगें।
- लोगो: लोगो को पैक के सामने उत्पाद के नाम या ब्रांड नाम के निकट ही प्रदर्शित किया जाएगा।
- कार्यान्वयन: खाद्य व्यवसाय ऊर्जा, चीनी, संतृप्त वसा और नमक सामग्री का विवरण देते हुए स्टार-रेटिंग लोगो के आगे व्याख्यात्मक जानकारी जोड़ सकते हैं।
- उत्पाद के लिये स्टार-रेटिंग लोगो बनाने के लिये खाद्य व्यवसायों को FSSAI के FoSCoS (खाद्य सुरक्षा अनुपालन प्रणाली) पोर्टल पर संबंधित उत्पादों की पोषण संबंधी प्रोफाइल प्रस्तुत करनी होगी।
- छूट प्राप्त उत्पाद:
- दूध और दूध उत्पाद, मट्ठा, मक्खन तेल, घी, वनस्पति तेल एवं वसा, ताज़े फल- सब्जियांँ, ताज़े मांँस, अंडा, मछली, आटा, और स्वीटनर जैसे खाद्य पदार्थों को स्टार रेटिंग प्रदर्शित नहीं करनी होगी।
- कैलोरी रहित या चीनी के कार्बोनेटेड पेय भी रेटिंग घोषित करने के पात्र नहीं होंगे।
- दूध और दूध उत्पाद, मट्ठा, मक्खन तेल, घी, वनस्पति तेल एवं वसा, ताज़े फल- सब्जियांँ, ताज़े मांँस, अंडा, मछली, आटा, और स्वीटनर जैसे खाद्य पदार्थों को स्टार रेटिंग प्रदर्शित नहीं करनी होगी।
- महत्त्व:
- एक अध्ययन के अनुसार कई लैटिन अमेरिकी देशों में खपत पैटर्न में बदलाव आया है, जिन्होंने इस तरह के चेतावनी लेबल लागू किये हैं और चिली ने शर्करा पेय की खपत में 24% की गिरावट दर्ज की है।
- एक रिपोर्ट में प्रकाशित मेटा-विश्लेषण ने संकेत दिया कि पोषक तत्त्व चेतावनी लेबल ट्रैफिक लाइट और न्यूट्री-स्कोर लेबल की तुलना में अधिक प्रभावी हैं।
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 सितंबर, 2022
अंत्योदय दिवस
भारत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को चिह्नित करने के लिये प्रत्येक वर्ष 25 सितंबर को अंत्योदय दिवस (Antyodaya Diwas) के रूप में मनाया जाता है। अंत्योदय का अर्थ "गरीब से गरीब व्यक्ति का उत्थान" या "अंतिम व्यक्ति का उत्थान" (uplifting the poorest of the poor” or “rise of the last person)" है। यह दिन भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर, 2014 को घोषित किया गया था और आधिकारिक तौर पर वर्ष 2015 से मनाया जा रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को मथुरा ज़िले के नगला चन्द्रभान ग्राम में हुआ था। इनके द्वारा प्रस्तुत दर्शन को ‘एकात्म मानववाद’ कहा जाता है जिसका उद्देश्य एक ऐसा ‘स्वदेशी सामाजिक-आर्थिक मॉडल’ प्रस्तुत करना था जिसमें विकास के केंद्र में मानव हो। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने पश्चिमी ‘पूंजीवादी व्यक्तिवाद’ एवं ‘मार्क्सवादी समाजवाद’ दोनों का विरोध किया, लेकिन आधुनिक तकनीक तथा पश्चिमी विज्ञान का स्वागत किया।
दिलीप तिर्की
हाल ही में भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप तिर्की को निर्विरोध हॉकी इंडिया का अध्यक्ष चुना गया। वे वर्ष 1998 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य भी रहे। हॉकी इंडिया के इतिहास में पहली बार कोई पूर्व ओलम्पियन इसकी अध्यक्षता करेगा। 44 वर्षीय दिलीप तिर्की ने 15 वर्ष के अपने कॅरियर में 412 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले। वे टीम के मज़बूत डिफेंडर माने जाते थे। उन्होंने वर्ष 1996 में अटलाँटा, वर्ष 2000 में सिडनी तथा वर्ष 2004 में एथेंस ओलिम्पिक्स में देश का प्रतिनिधित्त्व किया। पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ और प्रशासकों की समिति ने 9 अक्तूबर तक हॉकी इंडिया के चुनाव पूरे कराने को कहा था। दिलीप तिर्की के अध्यक्ष चुने जाने से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर प्रशासकों की समिति हॉकी इंडिया का कामकाज देख रही थी। राष्ट्रीय खेल अधिनियम के कथित उल्लंघन के आरोपों पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया था।
‘चक्रवात नोरू ’
शक्तिशाली चक्रवात ‘नोरू’ के कारण फिलीपींस में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। चक्रवात से देश के पूर्वी द्वीप तबाह हो गए हैं। नागरिकों से उच्च खतरे वाले क्षेत्रों को तुरंत खाली करने को कहा गया है। चक्रवात के कारण 240 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ चल रही हैं। इससे राजधानी मनीला में भूस्खलन, बाढ़ और चक्रवात के खतरे की आशंका है। 24 घंटे में चक्रवात की तीव्रता में 90 किलोमीटर प्रति घंटे की वृद्धि हुई है। फिलीपींस के मौसम विभाग ने लूज़ोन द्वीप के लिये भी चेतावनी जारी की है। चक्रवात के कारण क्वेज़ोन प्रांत में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। दिसंबर 2021 में चक्रवात ‘राय’ से फिलीपींस में व्यापक विनाश हुआ था और लगभग 400 लोगों की मौत हो गई थी। चक्रवात ‘नोरू’ को इस वर्ष दक्षिण-पूर्व एशियाई देश में आने वाला सबसे शक्तिशाली चक्रवात माना जा रहा है। फिलीपींस दक्षिण-पूर्व एशिया में स्थित एक देश है। पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपों के समूह से बने इस देश का आधिकारिक नाम 'फिलीपींस गणतंत्र' है और इसकी राजधानी मनीला है। फिलीपीन द्वीप-समूह पूर्व में फिलीपींस महासागर से पश्चिम में दक्षिण चीन सागर से और दक्षिण में सेलेबस सागर से घिरा हुआ है।