प्रीलिम्स फैक्ट्स: 26 जून, 2019
मनौरिया इम्प्रेस्सा (Manouria impressa)
हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में लोअर सुबनसिरी ज़िले के याजाली इलाके में ‘इम्प्रेस्ड कछुआ’ (Impressed Tortoise) की खोज की गई।
- इसका वैज्ञानिक नाम मनौरिया इम्प्रेस्सा है तथा इसकी वंश/जीनस (Genus) ‘मनौरिया’ है।
- नर इम्प्रेस्सा कछुआ मादा की तुलना में छोटा होता है।
- मनौरिया इम्प्रेस्सा दक्षिण-पूर्व एशिया में वनों में निवास करने वाले कछुओं की अब तक ज्ञात चार प्रजातियों में से एक है।
- मनौरिया जीनस के तहत कछुओं की केवल दो प्रजातियाँ हैं जिसमें भारत में केवल एक एशियाई वन कछुआ मनौरिया ईमेस (Manouria emys) ही पाया जाता है।
- इससे पहले ऐसा माना जाता था कि यह कछुआ पश्चिमी म्याँमार तक सीमित है, लेकिन यह थाईलैंड, लाओस, वियतनाम, कंबोडिया और दक्षिणी चीन तथा प्रायद्वीपीय मलेशिया के क्षेत्रों में भी पाया जाता है।
- पारंपरिक चिकित्सा एवं व्यापार हेतु अवैध शिकार किये जाने के कारण कछुए की यह प्रजाति खतरे में है।
- इसी वज़ह से यह CITES परिशिष्ट II के अंतर्गत सूचीबद्ध है, तथा IUCN के रेड लिस्ट में भेद्य (Vulnerable) सूची के अंतर्गत शामिल है।
‘जल ही जीवन है’ योजना
‘Jal Hi Jeevan Hai’ scheme
‘जल ही जीवन है’ योजना हरियाणा सरकार द्वारा शुरू की गई। इसका प्रमुख उद्देश्य भूमि के गिरते जल स्तर को रोकना है।
- इस योजना का उद्देश्य किसानों को फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करते हुए पानी की अधिक खपत वाली फसलों (जैसे धान) के बजाय कम खपत वाली फसलों (जैसे- मक्का, अरहर आदि) को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना है।
- इस राज्य में धान का लगातार का उत्पादन किये जाने के कारण जल का स्तर प्रतिवर्ष एक मीटर तक गिरता जा रहा है।
- इस योजना के तहत किसानों को 2000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाएगा जिसे सीधे उनके खाते में हस्तांतरित किया जाएगा और इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा।
- पहले चरण में 200 रुपए पंजीकरण के समय तथा शेष 1800 रुपए दो महीने के भीतर बुवाई के आँकड़ों के सत्यापन के बाद।
- इस योजना के तहत मुफ्त में संकर बीज भी प्रदान किया जाएगा।
नागरी का ऐतिहासिक क्लॉक टॉवर
Nagari’s historial clock tower
दो दशकों तक एक जीर्ण-शीर्ण अवस्था में रहने के बाद नागरी शहर (चेन्नई) के बीचों-बीच 54 साल पुराना क्लॉक टॉवर (Clock Tower) फिर से चलाया जाएगा।
- यह ऐतिहासिक क्लॉक टॉवर वर्ष 1965 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी की याद में उनकी दूसरी पुण्यतिथि पर टाउन के बीच में बनाया गया था।
- ए.के. वेंकट रमना, उर्फ थम्बा नायडू ने नागरी (चेन्नई) में इस ऐतिहासिक संरचना का निर्माण करवाया था।
- नायडू कैनेडी के बहुत बड़े प्रशंसक थे तथा उस समय के एक गाँव नागरी (Nagari) के सरपंच थे।
- यह टॉवर नागरी नगरपालिका का प्रमुख स्मारक बन गया है।
- नागरी में प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सैन्य आंदोलनों तथा ब्रिटिश राज की गतिविधियों का केंद्र था।