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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 26 May, 2021
  • 11 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट: 26 मई, 2021

कार्बन प्रौद्योगिकी के पुनर्चक्रण के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार

National Award for Recycling Carbon Technology

बंगलूरू स्थित एक स्टार्टअप को कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को रसायनों और ईंधन में बदलने के लिये एक वाणिज्यिक समाधान विकसित करने हेतु प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (TDB) से राष्ट्रीय पुरस्कार 2021 प्राप्त हुआ है।

  • इस स्टार्टअप को नैनो मिशन के तहत फंडिंग मिली है।

प्रमुख बिंदु:

  • स्टार्टअप ने कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) को मेथनॉल और अन्य रसायनों में बदलने के लिये कुशल उत्प्रेरक और कार्य प्रणाली विकसित की।
  • इसने कोयला और प्राकृतिक गैस बिजली उत्पादन क्षेत्रों, इस्पात उद्योग, सीमेंट उद्योग तथा रासायनिक उद्योगों सहित विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न मानवजनित CO2 से रसायनों और ईंधन के उत्पादन को बढ़ाने के लिये इंजीनियरिंग प्रक्रिया में सुधार किया है।
  • इसने ग्लोबल वार्मिंग के कारण पर्यावरणीय मुद्दों के लिये एक संपूर्ण समाधान विकसित करने हेतु CCUS (कार्बन कैप्चर, यूटिलाइजेशन और सीक्वेस्ट्रेशन) में शामिल कई घटकों को एकीकृत किया है।
  • पुनर्चक्रण कार्बन प्रौद्योगिकी को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त संस्थान, जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र (JNCASR) को हस्तांतरित किया जाएगा।
  • कार्बन कैप्चर, यूटिलाइज़ेशन एंड सीक्वेस्ट्रेशन (CCUS): 
    • यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो कोयले से चलने वाले बिजली संयंत्रों जैसे स्रोतों से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को अवशोषित करती है और इसका पुन: उपयोग या भंडारण करती है ताकि यह वातावरण में प्रवेश न करे।
    • भूगर्भीय संरचनाओं में कार्बन डाइऑक्साइड भंडारण में तेल और गैस जलाशय, अखाद्य कोयला तथा गहरे खारे जलाशय शामिल हैं - संरचनाएँ जिन्होंने लाखों वर्षों से कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, नमक और कार्बन डाइऑक्साइड को संग्रहीत किया है।

प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड:

  • TDB प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड अधिनियम, 1995 द्वारा स्थापित एक वैधानिक निकाय है।
  • यह वर्ष 1996 में स्थापित किया गया था और प्रौद्योगिकी विज्ञान विभाग के तहत कार्य करता है।
  • यह स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के व्यावसायीकरण और घरेलू अनुप्रयोगों के लिये आयातित प्रौद्योगिकियों के अनुकूलन हेतु काम करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस (11 मई) के हिस्से के रूप में TDB उन औद्योगिक प्रतिष्ठानों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करता है जिन्होंने स्वदेशी तकनीक का सफलतापूर्वक व्यावसायीकरण किया है।

नैनो मिशन:

  • भारत सरकार ने वर्ष 2007 में एक ‘क्षमता निर्माण कार्यक्रम’ के रूप में नैनो मिशन शुरू किया।
  • इसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 मई, 2021

रास बिहारी बोस

25 मई, 2021 को उपराष्‍ट्रपति ने क्रांतिकारी नेता रास बिहारी बोस की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। 25 मई, 1886 को बंगाल प्रांत के सुबलदाहा गाँव में जन्मे रास बिहारी बोस ने गदर आंदोलन का नेतृत्‍व करने से लेकर भारतीय राष्ट्रीय सेना की स्थापना तक स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रास बिहारी बोस वर्ष 1789 की फ्राँँसीसी क्रांति से खासा प्रभावित थे। वर्ष 1905 में बंगाल विभाजन और उसके बाद की घटनाओं ने रास बिहारी बोस को क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने प्रख्यात क्रांतिकारी नेता जतिन बनर्जी के मार्गदर्शन में अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया। गदर आंदोलन में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका तो निभाई किंतु यह अल्पकालिक थी, क्योंकि जल्द ही ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ विद्रोह की उनकी योजना का खुलासा हो गया था, जिसने अंततः उन्हें जापान जाने के लिये मजबूर कर दिया, जहाँ उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों का नया अध्याय उनकी प्रतीक्षा कर रहा था। वर्ष 1942 में जापान के टोक्यो में रासबिहारी बोस ने 'आज़ाद हिंद फौज़' की स्थापना की। 'आजाद हिंद फौज' की स्थापना का उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेज़ोंं के खिलाफ लड़ना था। जापान ने 'आज़ाद हिंद फौज़' के गठन में सहयोग दिया था। बाद में 'आज़ाद हिंद फौज़' की कमान सुभाषचंद्र बोस के हाथों में सौंप दी गई। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए जापान की सरकार ने उन्हें 'सेकंड ऑर्डर ऑफ मेरिट ऑफ द राइजिंग सन' से सम्मानित किया था।

मेकेदतु बाँध परियोजना

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने कर्नाटक के मेकेदातु में कावेरी नदी पर एक जलाशय के निर्माण में मानदंडों के कथित उल्लंघन पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु एक समिति का गठन किया है। यह निर्देश ट्रिब्यूनल द्वारा एक मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेने के बाद आया है, जिसके मुताबिक कर्नाटक ने कावेरी नदी पर एक बाँध निर्माण का प्रस्ताव किया है और यह प्रस्ताव कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा पूर्व में दो बार स्थगित कर दिया गया था। ज्ञात हो कि मेकेदतु, कावेरी और उसकी सहायक अर्कावती नदी के संगम पर स्थित एक गहरी घाटी है। इस परियोजना के तहत कर्नाटक सरकार द्वारा मेकेदतु के निकट कावेरी नदी पर एक जलाशय का निर्माण किये जाने का प्रस्ताव है। तकरीबन 9,000 करोड़ रुपए की लागत वाली इस परियोजना का उद्देश्य बंगलूरू शहर के लिये पीने के पानी की आपूर्ति करना तथा एक जल विद्युतस्टेशन के लिये पानी का प्रयोग करना है। यह कावेरी वन्यजीव अभयारण्य के बीच में स्थित है। आलोचकों का मत है कि इस परियोजना के कारण कावेरी वन्यजीव अभयारण्य का 63 प्रतिशत वन क्षेत्र जलमग्न हो जाएगा। तमिलनाडु ने भी इस परियोजना को लेकर आपत्ति ज़ाहिर की है, क्योंकि इससे तमिलनाडु में कावेरी नदी का प्रवाह प्रभावित होगा। 

हॉकी इंडिया 

भारत में हॉकी के विकास में योगदान देने हेतु ‘हॉकी इंडिया’ को प्रतिष्ठित एटियेन ग्लिचच पुरस्कार के लिये चुना गया है। पुरस्कार की घोषणा हॉकी के वैश्विक शासी निकाय ‘अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ’ (FIH) द्वारा 47वीं काॅॅन्ग्रेस के दौरान की गई है। यह पुरस्कार व्यक्तियों, टीमों और संगठनों को हॉकी के खेल तथा इसे बढ़ावा देने में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये मान्यता प्रदान करता है। इसके अलावा बेहतर अवसंरचना निर्माण के लिये ‘उज़्बेकिस्तान हॉकी महासंघ’ ने ‘पाब्लो नेग्रे पुरस्कार’ और स्कूली बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिये ‘पोलिश हॉकी संघ’ ने ‘थियो इकेमा पुरस्कार’ जीता है। ‘हॉकी इंडिया’ भारत में पुरुष और महिला हॉकी गतिविधियों को संचालित करने की शीर्ष संस्था है। इसे युवा मामलों और खेल मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा देश में हॉकी को बढ़ावा देने के लिये राष्ट्रीय खेल संघ के रूप में मान्यता प्राप्त है। 20 मई, 2009 को स्थापित ‘हॉकी इंडिया’ वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH), भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) और एशियाई हॉकी महासंघ (AHF) से भी संबद्ध है। 

एड्डू शहर में भारत का नया महावाणिज्य दूतावास

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2021 में मालदीव के एड्डू शहर में भारत का नया महावाणिज्य दूतावास खोलने की मंज़ूरी दे दी है। भारत और मालदीव के बीच जातीय, भाषायी, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंध हैं। भारत की पड़ोसी को तरजीह देने और इस क्षेत्र में सबके लिये सुरक्षा तथा विकास की नीति में मालदीव का महत्त्वपूर्ण स्‍थान है। मालदीव में भारत का महावाणिज्य दूतावास खुलने से मालदीव में भारत की राजनयिक उपस्थिति को बढ़ाने में मदद मिलेगी। मालदीव में दूसरा सबसे बड़ा भारतीय प्रवासी समुदाय है, जिसकी अनुमानित संख्या लगभग 22,000 है। इसके अतिरिक्त मालदीव में लगभग 25 प्रतिशत डॉक्टर और शिक्षक भारतीय हैं। भारत वर्तमान में मालदीव में 2 अरब डॉलर की बड़ी बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं को लागू कर रहा है, जिसमें बंदरगाह, सड़क, पुल, पानी और स्वच्छता आदि शामिल हैं। राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह की ‘इंडिया फर्स्ट’ नीति से भी द्विपक्षीय संबंधों को फायदा हुआ है।


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