प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 26 मई, 2020
शाही लीची और जर्दालु आम
Shahi Lichi & Zardalu Mango
भारत सरकार के डाक विभाग और बिहार सरकार के बागवानी विभाग ने लोगों के दरवाज़ों तक ‘शाही लीची’ (Shahi Lichi) और ‘जर्दालु आम’ (Zardalu Mango) की आपूर्ति करने के लिये समझौता किया है।
- गौरतलब है कि COVID-19 के कारण हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में लीची एवं आम उत्पादकों को बाज़ार तक अपने उत्पादों को ले जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शाही लीची:
- मई से जून तक उपलब्ध होने वाली शाही लीची की खेती मुख्य रूप से बिहार में मुजफ्फरपुर एवं उसके आसपास के ज़िलों में की जाती है।
- शाही लीची की खेती में लगभग 25,800 हेक्टेयर का क्षेत्र शामिल है जो प्रत्येक वर्ष लगभग 300,000 टन का उत्पादन करता है।
- वर्ष 2018 में इस प्रसिद्ध शाही लीची को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्रदान किया गया।
जर्दालु आम:
- बिहार के भागलपुर का ‘जर्दालु आम’ अपनी अनोखी खुशबू के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
- आम की यह किस्म (जर्दालु आम) हल्की पीली परत और मिठास के लिये जानी जाती है।
- जर्दालु आम को सबसे पहले खड़गपुर के महाराजा रहमत अली खान बहादुर द्वारा भागलपुर क्षेत्र में लगाया गया था।
- वर्ष 2018 में जर्दालु आम को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्रदान किया गया।
- ग्राहक ‘शाही लीची’ और ‘जर्दालु आम’ को मंगाने के लिये ऑनलाइन वेबसाइट "horticulture.bihar.gov.in" पर ऑर्डर दे सकते हैं।
विश्व कछुआ दिवस
World Turtle Day
प्रत्येक वर्ष 23 मई को ‘विश्व कछुआ दिवस’ (World Turtle Day) मनाया जाता है।
थीम:
- इस दिवस की थीम ‘कछुओं एवं कछुओं के विषय पर ध्यान केंद्रित करना एवं ज्ञान बढ़ाना’ है।
उद्देश्य:
- इस दिवस का उद्देश्य कछुओं एवं उनके आवास के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
प्रमुख बिंदु:
- वर्ष 2000 के बाद से प्रत्येक वर्ष एक गैर-लाभकारी संगठन ‘अमेरिकन टारटाईज़ रेसक्यु’ (American Tortoise Rescue- ATR) विश्व कछुआ दिवस के उत्सव को आयोजित करता है।
- ATR को वर्ष 1990 में स्थापित किया गया था।
- इस वर्ष विश्व कछुआ दिवस की 20वीं वर्षगाँठ है।
पुंटियस सैंक्टस
Puntius Sanctus
तमिलनाडु के वेलनकन्नी (Velankanni) में साइप्रिनिडे (Cyprinidae) परिवार के ताजे पानी की एक छोटी मछली की एक नई प्रजाति ‘पुंटियस सैंक्टस’ (Puntius Sanctus) का पता चला है।
प्रमुख बिंदु:
- इस मछली की पहचान एवं नामकरण कोल्लम (तमिलनाडु) में बीजेएम गवर्नमेंट कॉलेज के प्राणी विज्ञान विभाग के प्रमुख ‘मैथ्यूज़ प्लामूत्तिल’(Mathews Plamoottil) द्वारा किया गया है।
- यह मछली अत्यंत छोटी होती है जो 7 सेमी. की लंबाई तक बढ़ती है।
- पुंटियस प्रजाति को स्थानीय रूप से केरल में 'पाराल' (Paral) और तमिलनाडु में 'केंडे' (Kende) के नाम से जाना जाता है। वे विशुद्ध रूप से ताजे जल की मछलियाँ हैं।
- हालाँकि केरल और तमिलनाडु में पाई जाने वाली इस मछली में लगभग समानता दिखाई देती है किंतु वेलंकन्नी में पाई गई इस मछली में शेष प्रजाति से अंतर है।
शारीरिक विशेषताएँ:
- इसकी शारीरिक विशेषताओं में एक ‘फैला हुआ मुँह’ (Protractible Mouth), ‘मैक्सिलरी बार्बल्स’ (Maxillary Barbels) (मुँह के पास एक संवेदी अंग) की एक जोड़ी, 24-25 पार्श्व रेखा अनुमाप और 10 पूर्व-पृष्ठीय अनुमाप शामिल हैं।
खेलों को 'उद्योग’ का दर्जा
‘Industry’ Status To Sports
पूर्वोत्तर भारत के एक राज्य मिज़ोरम ने रोज़गार सृजन के उद्देश्य से खेलों को उद्योग का दर्जा (‘Industry’ Status To Sports) दिया है।
प्रमुख बिंदु:
- इस निर्णय का मुख्य लक्ष्य राज्य में खेलों को पेशेवर बनाना है।
- मिज़ोरम को विशेष रूप से फुटबॉल के प्रति अपने अहम खेल के लिये जाना जाता है। फुटबाॅल, राज्य की सर्वोच्च फुटबॉल लीग ‘मिज़ोरम प्रीमियर लीग’ के माध्यम से प्रतिस्पर्द्धात्मक रूप से खेला जाता है।
- कम-से-कम 100 मिज़ो खिला ड़ी ‘इंडियन सुपर लीग’ का हिस्सा हैं जो भारत में शीर्ष ‘प्रीमियर फुटबॉल लीग’ में से एक है।
- मिज़ोरम में देश भर के प्रमुख क्लबों के लिये फुटबॉल खेलने वाले खिलाड़ियों की अच्छी खासी संख्या है। हाल के वर्षों में हॉकी और भारोत्तोलन में भी राज्य ने अच्छा प्रदर्शन किया है।