प्रिलिम्स फैक्ट्स (25 Oct, 2021)



प्रिलिम्स फैक्ट्स: 25 अक्तूबर, 2021

कोंकण शक्ति-2021

Konkan Shakti 2021

हाल ही में भारत और ब्रिटेन ने ‘कोंकण शक्ति-2021’ की शुरुआत की, जो कि पहली बार आयोजित एक त्रि-सेवा संयुक्त अभ्यास है। इसकी शुरुआत भारत के पश्चिमी तट से हुई थी।

  • इससे पहले भारतीय सेना की गोरखा राइफल्स (फ्रंटियर फोर्स) को वेल्स (ब्रिटेन) में आयोजित कैम्ब्रियन पेट्रोल अभ्यास में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था।

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प्रमुख बिंदु

  • उद्देश्य
    • एक-दूसरे के अनुभवों से पारस्परिक लाभ प्राप्त करना और दोनों देशों के बीच निरंतर सहयोग को प्रदर्शित करना।
    • इसका उद्देश्य एक विरोधी वातावरण में गठबंधन बलों द्वारा मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के संचालन में सैनिकों को प्रशिक्षण देना भी है।
  • भारत और ब्रिटेन के बीच अन्य संयुक्त अभ्यास:
    • नौसेना: कोंकण
    • वायु सेना: इंद्रधनुष
    • मिलिट्री: अजय वारियर

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 अक्तूबर, 2021

भारत-तिब्बत सीमा पुलिस

24 अक्तूबर, 2021 को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) का 60वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। ज्ञात हो कि ‘भारत-तिब्बत सीमा पुलिस’ (ITBP) भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल है। ITBP की स्थापना 24 अक्तूबर, 1962 को भारत-चीन युद्ध के दौरान की गई थी और यह एक सीमा रक्षक पुलिस बल है, जिसके पास ऊँचाई वाले अभियानों की विशेषज्ञता है। वर्तमान में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस लद्दाख में काराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश के जचेप ला तक 3488 किलोमीटर भारत-चीन सीमा की सुरक्षा हेतु उत्तरदायी है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस को नक्सल विरोधी अभियानों और अन्य आंतरिक सुरक्षा मुद्दों जैसे मामले में भी तैनात किया जाता है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की स्थापना प्रारंभ में ‘केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल’ (CRPF) अधिनियम, 1949 के तहत की गई थी। हालाँकि संसद ने ‘भारत-तिब्बत सीमा पुलिस’ अधिनियम वर्ष 1992 में लागू किया और वर्ष 1994 में इसके संबंध में नियम बनाए गए। अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल हैं: असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और सशस्त्र सीमा बल (SSB)।

संयुक्त राष्ट्र दिवस

वर्ष 1948 से प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को ‘संयुक्त राष्ट्र दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यह दिवस वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अस्तित्त्व में आने को चिह्नित करता है। संयुक्त राष्ट्र चार्टर, वैश्विक शांति और समानता की दिशा में कार्य कर रहे संयुक्त राष्ट्र (UN) का संस्थापक दस्तावेज़ है। दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र के घोषणापत्र का प्रारूप तैयार करने के लिये 50 देशों के प्रतिनिधि अमेरिका के सैन फ्रांसिस्‍को में एकत्रित हुए और 26 जून, 1945 को सभी देशों के हस्‍ताक्षर के बाद इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर (U.N. Charter) के रूप में स्‍वीकार किया गया था। ध्यातव्य है कि पोलैंड, बाद में इस पर हस्ताक्षर करके संयुक्त राष्ट्र का संस्थापक सदस्य बना था। इसके पश्चात् संयुक्त राष्ट्र (UN) आधिकारिक रूप से 24 अक्तूबर, 1945 को तब अस्तित्व में आया, जब चीन, फ्रांँस, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत अधिकांश हस्ताक्षरकर्त्ताओं ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर की पुष्टि कर दी। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र 193 सदस्यों वाले एक महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संगठन के तौर पर कार्य कर रहा है, इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को सुविधाजनक बनाने हेतु सहयोग प्रदान करना, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक एवं सामाजिक विकास तथा मानवाधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ विश्व शांति की दिशा में कार्य करना है। संयुक्त राष्ट्र संघ के 6 अंग हैं- 1. महासभा, 2. सुरक्षा परिषद, 3. आर्थिक एवं सामाजिक परिषद 4. न्यास परिषद, 5. सचिवालय और 6. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय।

आर.के. लक्ष्‍मण

24 अक्तूबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्वप्रसिद्ध कार्टूनिस्‍ट ‘आर.के. लक्ष्‍मण’ की 100वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ‘उनके कार्टूनों में सामाजिक-राजनीतिक वास्‍तविकता का सजीव चित्रण रहता था।’ रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण का जन्म 24 अक्तूबर, 1921 को मैसूर में हुआ था और उनके पिता ‘आर.के. नारायण’ भी एक प्रसिद्ध उपन्यासकार थे। उच्च शिक्षा हेतु उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहाँ से उन्होंने कला स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1947 में उन्होंने बाल ठाकरे के साथ बॉम्बे में ‘द फ्री प्रेस जर्नल’ के लिये कार्टून बनाना शुरू किया। इसके पश्चात् वर्ष 1951 में वह ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह में शामिल हो गए। आर.के. लक्ष्‍मण को अपने संपूर्ण कॅरियर के दौरान कई महत्त्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त हुए जिसमें वर्ष 1973 में पद्मभूषण पुरस्कार, वर्ष 1984 में ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ (नोबेल पुरस्कार के एशियाई समकक्ष) और वर्ष 2008 में पत्रकारिता के लिये लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड आदि शामिल हैं। वर्ष 2005 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’

भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ का जल्द ही भारतीय नौसेना द्वारा दूसरा समुद्री परीक्षण किया जाएगा। यह दूसरा परीक्षण कोच्चि में आयोजित किया जाएगा। भारत में निर्मित सबसे बड़े और सबसे जटिल विमानवाहक पोत ने इसी वर्ष अगस्त में पाँच दिवसीय पहला समुद्री परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया था। इस विमानवाहक पोत का वज़न लगभग 40,000 टन है। इस युद्धपोत का निर्माण लगभग 23,000 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है और इसने भारत को उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल कर दिया है जिनके पास अत्याधुनिक विमान वाहक के निर्माण की क्षमता है। इस युद्धपोत पर मिग-29K लड़ाकू जेट, कामोव-31 हेलीकॉप्टर, एमएच-60R मल्टीरोल हेलीकॉप्टर को तैनात किया जाएगा। इसमें 2,300 से अधिक कम्पार्टमेंट्स हैं, जिन्हें लगभग 1,700 लोगों के दल के लिये डिज़ाइन किया गया है, इसमें महिला अधिकारियों हेतु विशेष केबिन भी बनाए गए हैं। भारत के पास वर्तमान में केवल एक ही विमानवाहक पोत है- आईएनएस विक्रमादित्य।