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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 25 Feb, 2022
  • 8 min read
प्रारंभिक परीक्षा

रज्ज़ाज़ा झील

इराक की रज्ज़ाज़ा झील कभी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र थी, जो अपने खूबसूरत दृश्यों और मछलियों की बहुतायत के लिये जानी जाती थी, जिस पर स्थानीय लोग निर्भर थे। अब मरी हुई मछलियाँ इसके तटों पर जमा हो जाती हैं और इसके चारों ओर की उपजाऊ भूमि एक बंजर रेगिस्तान में बदल गई है।

Iraq

प्रमुख बिंदु

  • रज्ज़ाज़ा झील, जिसे मिल्ह झील के नाम से भी जाना जाता है तथा अरबी में इसे ‘साल्ट लेक’ कहाँ जाता है, इराक के अनबर और कर्बला प्रांतों के बीच स्थित है।
  • यह इराक की दूसरी सबसे बड़ी झील है और एक विस्तृत घाटी का हिस्सा है जिसमें हब्बानियाह (Habbaniyah), थरथर (Tharthar)और बहर अल-नजफ (Bahr al-Najaf) की झीलें शामिल हैं।
  • झील का निर्माण यूफ्रेट्स (Euphrates) नदी की बाढ़ को नियंत्रित करने और सिंचाई उद्देश्यों के लिये एक विशाल जलाशय के रूप में उपयोग करने हेतु किया गया था।
  • इराक के अत्यधिक गर्म ग्रीष्मकाल के दौरान राहत पाने के लिये इराकियों और पर्यटकों द्वारा झील को एक मनोरंजक स्थल के रूप में देखा जाता है।
  • झील को ‘अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमि’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • हाल के वर्षों में यह झील न केवल पानी की कमी से बल्कि सूखे, उपेक्षा और इराक के गर्म ग्रीष्मकाल के दौरान बढ़ते वाष्पीकरण से प्रभावित हुई है। झील में सीवेज के पानी के डायवर्जन और इसे आवंटित पानी के कोटे की चोरी के कारण भी यह प्रदूषण की चपेट में आ गई है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 25 फरवरी, 2022

मन्नथु पद्मनाभन

25 फरवरी, 2022 को समाज सुधारक एवं भारत केसरी मन्नथु पद्मनाभन की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मन्नथु पद्मनाभन का जन्‍म 02 जनवरी, 1878 को केरल के पेरुन्ना (कोट्टायम ज़िले) में हुआ था। उन्होंने अपने संपूर्ण जीवनकाल में सामाजिक अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाई और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। नायर समुदाय के उत्थान के लिये उन्‍होंने 31 अक्‍तूबर, 1914 को नायर सेवा समाज (NSS) की स्‍थापना की। वर्ष 1924 में पिछड़े समुदायों को प्रसिद्ध वाईकॉम महादेव मंदिर से सटे रास्तों का उपयोग करने की अनुमति देने के लिये उन्होंने सक्रिय रूप से वायकोम सत्याग्रह में हिस्सा लिया। वर्ष 1949 में मन्नथु पद्मनाभन, त्रावणकोर विधानसभा के सदस्य बने। वर्ष 1959 में उन्हें ‘भारत केसरी’ का खिताब दिया गया था। वहीं वर्ष 1966 में उन्‍हें पद्मभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उनका निधन 25 फरवरी, 1970 को हुआ था। 

संजीव सान्याल

भारतीय अर्थशास्त्री संजीव सान्याल को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के नए पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले संजीव सान्याल केंद्र सरकार में वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे थे। संजीव सान्याल ने नब्बे के दशक के मध्य से सक्रिय रूप से वित्तीय बाज़ार में काम किया था। वह वर्ष 2015 तक ड्यूश बैंक में प्रबंध निदेशक और वैश्विक रणनीतिकार थे। वर्ष 2017 में उन्हें भारत सरकार का प्रधान आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया। वह G20 के फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप के सह-अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं। ज्ञात हो कि ‘प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद’ (EAC-PM) भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री को आर्थिक और संबंधित मुद्दों पर सलाह देने हेतु गठित एक स्वतंत्र निकाय है। वर्तमान में अर्थशास्त्री ‘डॉ. बिबेक देबरॉय’ प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की अध्यक्षता कर रहे हैं।  

बहुपक्षीय अभ्यास: ‘मिलन-2022’

भारतीय नौसेना के बहुपक्षीय अभ्यास ‘मिलन-2022’ का नवीनतम संस्करण 25 फरवरी, 2022 से 'सिटी ऑफ डेस्टिनी' के रूप में जाना जाने वाले शहर विशाखापत्तनम में शुरू हो रहा है। ‘मिलन-2022’ का आयोजन दो चरणों में कुल 09 दिनों की अवधि में किया जा रहा है। इस अभ्यास का उद्देश्य अनुकूल नौसेनाओं के बीच पेशेवर बातचीत के माध्यम से अभियानगत कौशल को बेहतर बनाना, सर्वोत्तम प्रथाओं एवं प्रक्रियाओं को आत्मसात करना और समुद्री क्षेत्र में सैन्य नीतियों से जुड़ी सैद्धांतिक शिक्षा प्रदान करना है। ‘मिलन’ एक द्विवार्षिक बहुपक्षीय नौसैनिक अभ्यास है, जिसकी शुरुआत भारतीय नौसेना ने वर्ष 1995 में अंडमान एवं निकोबार कमान में की थी। कोविड-19 के कारण ‘मिलन’ अभ्यास के वर्ष 2020 के संस्करण को वर्ष 2022 तक के लिये स्थगित कर दिया गया था। 

खाद्य पदार्थों के लिये 'हेल्थ स्टार' रेटिंग प्रणाली

भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) पैकेज़्ड खाद्य पदार्थों के लिये एक स्टार रेटिंग प्रणाली शुरू कर रहा है। यह प्रणाली ‘ऊर्जा दक्षता ब्यूरो’ द्वारा इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिये शुरू की गई प्रणाली पर आधारित है। इस 'हेल्थ स्टार' रेटिंग प्रणाली के अनुसार, पैक किये गए खाद्य पदार्थ की पैकिंग के सामने की तरफ सितारों की संख्या को प्रदर्शित करना होगा, जो दर्शाएगा कि यह नमक, चीनी और वसा की मात्रा के आधार पर कितना स्वस्थ या अस्वस्थ है। विदित हो कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) मानव उपभोग के लिये पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात की सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करने का कार्य करता है। इसका गठन केंद्र सरकार द्वारा खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत किया गया था। इसका संचालन भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत किया जाता है।


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