प्रिलिम्स फैक्ट्स (24 Aug, 2022)



आपूर्ति शृंखला मंत्रिस्तरीय मंच

हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग ने वैश्विक चुनौती पर ध्यान केंद्रित करते हुए आपूर्ति शृंखला मंत्रिस्तरीय मंच, 2022 पर एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया जिसमें COVID-19 महामारी, युद्ध और संघर्ष एवं जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे शामिल हैं।

आपूर्ति शृंखला मंत्रिस्तरीय मंच:

  • परिचय:
    • जुलाई 2022 को, संयुक्त राज्य अमेरिका ने निकट अवधि की आपूर्ति शृंखला व्यवधानों को कम करने के उद्देश्य से आपूर्ति शृंखला मंत्रिस्तरीय मंच की मेजबानी की और भविष्य के व्यवधानों से बचने के लिये आपूर्ति शृंखला में लचीलापन लाने के लिये सहयोग की अपील की।
  • उद्देश्य:
    • लचीली आपूर्ति शृंखला:
      • अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के आधार पर सामूहिक रूप से दीर्घकालिक लचीली आपूर्ति शृंखला का निर्माण।
        • भागीदार देशों का उद्देश्य पारदर्शिता, विविधीकरण, सुरक्षा और स्थिरता सहित विभिन्न वैश्विक आपूर्ति शृंखला सिद्धांतों का पालन करना है।
    • पारदर्शिता:
      • आपूर्ति शृंखला को अनुकूलित करने के लिये निजी क्षेत्र, नागरिक समाज, सरकार के विभिन्न स्तरों और अन्य संबंधित हितधारकों के परामर्श से पारदर्शिता को बढ़ावा देना जो प्रतिभागियों के घरेलू कानूनों और अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों के अनुरूप हो।
    • विविधीकरण और वैश्विक क्षमता:
      • विविधीकरण को बढ़ावा देना, सामग्री और लागत के बहुविश्वसनीय तथा टिकाऊ स्रोतों , मध्यवर्ती सामान और प्राथमिकता क्षेत्रों में तैयार माल, लॉजिस्टिक बुनियादी ढाँचे के लिये वैश्विक क्षमता में वृद्धि करना एवं हमारी अर्थव्यवस्थाओं को व्यवधानों के प्रति कम संवेदनशील बनाने के लिये आपूर्ति शृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाना। .
    • वहनीयता:
    • भागीदार अर्थव्यवस्थाएँ:
      • ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, यूरोपीय संघ, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, नीदरलैंड, कोरिया गणराज्य, सिंगापुर, स्पेन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका .

भारत की संबंधित पहल 

  • सप्लाई चैन रेज़ीलिएंस इनीशिएटिव (SCRI):
    • भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सप्लाई चैन रेज़ीलिएंस इनीशिएटिव (SCRI) वर्ष 2021 में शुरू की गई।
    • इस पहल का लक्ष्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थायी, संतुलित और समावेशी विकास को प्राप्त करने के लिये आपूर्ति शृंखला को बेहतर तथा अधिक लचीला बनाना है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रश्न: ‘चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (QUAD) वर्तमान समय में स्वयं को एक सैन्य गठबंधन से व्यापार गुट के रूप में परिवर्तित कर रहा है। चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2020)

स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स


अफ्रीकी गैंडा

हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अफ्रीका में गैंडे के शिकार की दर वर्ष 2021 में घटकर 2.3% रह गई है, जो कि वर्ष 2018 में 3.9% थी।

  • वर्ष 2018 और 2021 के बीच अफ्रीका में कम से कम 2,707 गैंडों का शिकार किया गया, जिनमें गंभीर रूप से संकटग्रस्त काले गैंडे और संकट के निकट सफेद गैंडे शामिल हैं।

रिपोर्ट से संबंधित प्रमुख निष्कर्ष:

  • परिचय:
    • इस रिपोर्ट को प्रकृति के संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN), प्रजाति जीवन रक्षा आयोग (SSC), अफ्रीकी और एशियाई राइनो विशेषज्ञ समूह (AfRSG) और ट्रैफिक (TRAFFIC) द्वारा संकलित किया गया था।
    • AfRSG ने राइनो रेंज के तेरह देशों से जानकारी एकत्र की है:
      • बोत्सवाना, चाड, इस्वातिनी, केन्या, मलावी, मोज़ाम्बिक, नामीबिया, रवांडा, दक्षिण अफ्रीका, तंजानिया, युगांडा, जाम्बिया और ज़िम्बाब्वे।
  • रिपोर्ट के निष्कर्ष:
    • अफ्रीका में गैंडे के शिकार की दर वर्ष 2015 में कुल आबादी के 5.3% से गिरकर वर्ष 2021 में 2.3% हो गई है।
    • दक्षिण अफ्रीका में मुख्य रूप से सफेद गैंडों को प्रभावित करने वाले सभी मामलों का 90% हिस्सा क्रूगर राष्ट्रीय उद्यान से संबंधित है।
    • दक्षिण अफ्रीका ने वर्ष 2020 में अवैध शिकार के कारण 394 गैंडे मारे गए, जबकि केन्या में उस वर्ष कोई अवैध शिकार दर्ज नहीं किया।
  • अफ्रीका में गैंडे:
    • वर्ष 2021 के अंत तक अफ्रीका में गैंडों की संख्या क कुल अनुमान 22,137 था।
    • निजी क्षेत्र में अवैध शिकार में वृद्धि हुई है।
      • वर्ष 2021 में दक्षिण अफ्रीका में कुल 451 गैंडों का शिकार किया गया:
        • 327 सरकारी क्षेत्र के भीतर और 124 निजी क्षेत्रों में।
    • वर्ष 2015-18 के दौरान महाद्वीप में सफेद गैंडों की संख्या में लगभग 8% की गिरावट आई, जबकि काले गैंडों की आबादी में केवल 12.2% की वृद्धि हुई।
    • अफ्रीका के चार रेंज देशों अर्थात् दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, केन्या और ज़िम्बाब्वे में अफ्रीकी गैंडों की सबसे बड़ी आबादी का संरक्षण किया जाता है।

काले गैंडों और सफेद गैंडों से संबंधित मुख्य बिंदु:

काले गैंडे :

Black-rhino

  • परिचय:
    • काले गैंडे दोनों अफ्रीकी गैंडे प्रजातियों में छोटे होते हैं।
    • सफेद और काले गैंडों के बीच सबसे उल्लेखनीय अंतर उनके झुके हुए ऊपरी होंठ हैं।
      • जबकि सफेद गैंडे के होंठ चौकोर होते हैं।
    • काले गैंडे चरने के बजाय ब्राउज़ (ऐसे जानवर जो पेड़ो की छाल और पत्ती खाते है) करते हैं और उनके नुकीले होंठ उन्हें झाड़ियों तथा पेड़ों से पत्तियों को खाने में मदद करते हैं।
    • उनके दो सींग होते हैं और कभी-कभी इन सींगों के पीछे, एक तीसरा छोटा सींग होता है।
  • वैज्ञानिक नाम:
    • डिसेरोस बाइकोर्निस (Diceros bicornis)
  • प्राकृतिक वास:
    • अर्ध-रेगिस्तान सवाना, आर्द्रभूमि, वन, वनभूमि
  • संरक्षण की स्थिति:

सफेद गैंडा:

White-rhino

  • परिचय:
    • हाथी के बाद सफेद गैंडे दूसरे सबसे बड़े भूमि स्तनपायी हैं।
    • सफेद गैंडे को उनके चौकोर (नुकीले नहीं) ऊपरी होंठ के कारण चौकोर होंठ वाले गैंडे के रूप में भी जाना जाता है।
    • अफ्रीका में दो आनुवंशिक रूप से अलग-अलग उप-प्रजातियाँ मौजूद हैं जो उत्तरी और दक्षिणी सफेद गैंडे के रुप में जाने जाते हैं जो अफ्रीका के दो अलग-अलग क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
  • वैज्ञानिक नाम:
    • सीराटोथेरियम सिमम (Ceratotherium simum)
  • प्राकृतिक वास:
    • लंबी और छोटी घास वाले सवाना क्षेत्र।
  • संरक्षण स्थिति:
    • IUCN रेड लिस्ट: लुप्तप्राय
    • CITES: परिशिष्ट I और परिशिष्ट II
    • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुप्रयोज्य

गैंडों के अन्य प्रकार:

ग्रेटर वन हॉर्नड गैंडा:

Greater-Rhino

  • परिचय:
    • एशिया की गैंडों की सबसे बड़ी प्रजाति, जिसे भारतीय राइनो के नाम से भी जाना जाता है।
  • वैज्ञानिक नाम:
    • राइनोसोरेस यूनिकॉर्निस
  • IUCN स्थिति:
    • संवेदनशील
  • प्राकृतिक वास:
    • उष्णकटिबंधीय घास का मैदान, झाड़ियाँ, सवाना
  • वितरण:
    • भारत और नेपाल

सुमात्रा गैंडा:

Sumatra-rhino

  • परिचय:
    • वूली राइनोसोरेस के निकटतम सापेक्ष जीवित। अकेली प्रजातियाँ जिसपर अभी भी बाल से ढके हुए हैं।
  • वैज्ञानिक नाम :
    • डाइसेरोरिनस सुमाट्रेनसिस
  • IUCN स्थिति:
    • गंभीर रूप से लुप्तप्राय
  • प्राकृतिक वास:
    • उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय वन
  • वितरण:
    • सुमात्रा, सबाह

जावन गैंडा:

Javan-Rhino

  • परिचय:
    • दुनिया के सभी जावा गैंडे उजोंग कुलोन नेशनल पार्क में जीवित रह पाते हैं।
  • वैज्ञानिक नाम:
    • राइनोसोरेस सोंडाइकस
  • IUCN स्थिति:
    • गंभीर रूप से लुप्तप्राय
  • आवास:
    • उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय वन
  • वितरण:
    • सुमात्रा, सबाह

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. एशियाई शेर प्राकृतिक रूप से भारत में ही पाया जाता है।
  2. दो कूबड़ वाला ऊँट प्राकृतिक रूप से भारत में ही पाया जाता है।
  3. एक सींग वाला गैंडा प्राकृतिक रूप से भारत में ही पाया जाता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • एशियाई शेर कभी फारस (ईरान) से लेकर पूर्वी भारत तक के क्षेत्रों में पाए जाते थे। 1890 के दशक के अंत तक एशियाई शेर गुजरात, भारत के गिर वन क्षेत्र तक सीमित हो। राज्य और केंद्र सरकार के निरंतर प्रयासों से, एशियाई शेरों की आबादी वर्ष 2015 में 523 से बढ़कर वर्ष 2020 में 674 हो गई। अतः कथन 1 सही है।
  • दोहरे कूबड़ वाला ऊँट मूलतः गोबी रेगिस्तान में पाया जाता है और ठंडे रेगिस्तानों के विस्तृत इलाकों, जैसे मंगोलिया, चीन, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में भी यह ऊँट देखने को मिल जाते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है।
  • एक सींग वाले गैंडे उत्तर-पूर्वी भारत और नेपाल के तराई घास के मैदानों में पाए जाते हैं। अत: कथन 3 सही नहीं है।

अतः विकल्प (a) सही है।

स्रोत: डाउन टू अर्थ


यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमण्डल ने 9-27 अगस्त, 2021 को आबिदजान (कोटे डी आइवर) में आयोजित यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन की 27वीं कांग्रेस के दौरान हस्ताक्षरित संविधान के ग्यारहवें अतिरिक्त प्रोटोकॉल में संपन्न संविधान संशोधन के अनुमोदन को मंज़ूरी दे दी है।

अनुमोदन का महत्त्व:

  • यह अनुमोदन भारत सरकार के डाक विभाग को भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षरित “अनुमोदन के प्रपत्र” की प्राप्ति और इस प्रपत्र को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन केअंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय ब्यूरो के महानिदेशक के पास जमा करने हेतु समर्थ बनाता है।
    • इसके अलावा यह यूपीयू संविधान के अनुच्छेद 25 और 30 में वर्णित दायित्वों को पूरा करेगा जो सदस्य देशों द्वारा किसी कांग्रेस द्वारा पारित किये गए संविधान में संशोधन के जल्द से जल्द अनुमोदन का प्रावधान करता है।
    • यह संसोधन कई लंबे समय से चली आ रही विसंगतियों को हल करेगा और संधियों के कानून पर वियना अभिसमय, 1969 के अनुरूप अधिनियमों की स्वीकृति या अनुमोदन के प्रावधानों को समायोजित करेगा।
      • संधियों के कानून पर वियना अभिसमय, देशों के बीच संधियों को नियंत्रित करने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता जिसे संयुक्त राष्ट्र के अंतर्राष्ट्रीय विधि आयोग द्वारा तैयार किया गया था और 23 मई, 1969 को अपनाया गया था, तथा जो 27 जनवरी, 1980 को लागू हुआ।

यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन

  • इसका गठन वर्ष 1874 में किया गया था और इसका मुख्यालय स्विज़टरलैंड के बर्न में स्थित है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष एजेंसी है जो विश्वव्यापी डाक प्रणाली के अलावा सदस्य देशों के बीच डाक नीतियों का समन्वय करती है।
  • यह दुनिया भर में दूसरा सबसे पुराना अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
  • इसकी चार इकाइयाँ निम्नलिखित हैं-
    • काॅन्ग्रेस।
    • प्रशासन परिषद।
    • अंतर्राष्ट्रीय ब्यूरो।
    • डाक संचालन परिषद।
  • यह टेलीमैटिक्स और एक्सप्रेस मेल सर्विस (EMS) सहकारी समितियों की भी देखरेख करता है।
  • संयुक्त राष्ट्र संघ का कोई भी सदस्य देश UPU का सदस्य बन सकता है।
  • संयुक्त राष्ट्र का कोई भी गैर-सदस्य देश UPU का सदस्य बन सकता है बशर्ते कि उसका अनुरोध UPU के कम से कम दो-तिहाई सदस्य देशों द्वारा अनुमोदित हो।
  • अपने 192 सदस्य देशों के साथ, संगठन सलाहकार, मध्यस्थता और संपर्क भूमिका को पूरा करता है, और जहाँ आवश्यक हो वहाँ तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
  • संघ अंतर्राष्ट्रीय मेल विनिमय के लिये नियम निर्धारित करता है एवं मेल, पार्सल और वित्तीय सेवाओं की मात्रा में वृद्धि को प्रोत्साहित करने और ग्राहकों के लिये सेवा की गुणवत्ता में सुधार करने की  सिफारिशें करता है।
  • भारत वर्ष 1876 में UPU में शामिल हुआ।

स्रोत:पी.आई.बी.


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24अगस्त, 2022

अंतर्राष्ट्रीय  खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी ओलंपियाड

भारत ने खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी (IOAA) पर आयोजित 15वें अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड की पदक तालिका में तीसरा स्थान हासिल किया है। प्रतिभागियों के तीन स्वर्ण और दो रजत पदक जीतने के साथ भारत सिंगापुर के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहा। खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी (IOAA) पर 15वाँ अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड 14 से 21 अगस्त, 2022 तक जॉर्जिया के कुटैसी में आयोजित किया गया। भारत का व्यक्तिगत प्रदर्शन कुछ इस प्रकार रहा: राघव गोयल, मो. साहिल अख्तर तथा मेहुल बोराद ने स्वर्ण जबकि मलय केडिया तथा अथर्व नीलेश महाजन ने रजत पदक जीताआईओएए, 2022 में 37 मुख्य और 6 अतिथि टीमों के 209 प्रतिभागी शामिल हुए। इसके अलावा, 6 देशों के 24 छात्रों ने ऑनलाइन हिस्सा लिया। इस वर्ष की प्रतियोगिता पहले यूक्रेन के कीव में आयोजित होने वाली थी, लेकिन यूक्रेन में युद्ध के कारण मार्च 2022 में इसे जॉर्जिया के कुटैसी में स्थानांतरित कर दिया गया। पदक तालिका में ईरान प्रथम स्थान पर है। ईरान की आधिकारिक टीम को 5 स्वर्ण तथा अतिथि टीम को 4 स्वर्ण और 1 रजत पदक मिले । इसके बाद सिंगापुर के साथ भारत संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर रहा। इस IOAA में कुल मिलाकर 28 स्वर्ण, 38 रजत और 55 कांस्य पदक प्रदान किये गए। राघव गोयल ने सबसे चुनौतीपूर्ण सैद्धांतिक प्रश्न के सर्वश्रेष्ठ समाधान के लिये विशेष पुरस्कार जीता।  

अन्ना मणि 

गूगल ने भारतीय भौतिक और मौसम वैज्ञानिक अन्ना मणि की 104वीं जयंती के अवसर पर उनके नाम के समर्पित डूडल का प्रदर्शन किया है। अन्ना मणि जिन्हें "भारत की मौसम महिला (Weather Woman Of India)" के रूप में भी जाना जाता है मौसम संबंधी उपकरणों में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया, साथ ही सौर विकिरण, वायुमंडलीय ओज़ोन और पवन ऊर्जा माप पर शोधपत्र प्रकाशित किये। अन्ना मोदयिल मणि का जन्म वर्ष 1918 में केरल के पीरमेड/पीर्मदे में हुआ था। उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु में सी.वी. रमन के साथ अपने वैज्ञानिक कॅरियर की शुरुआत की, जहाँ उन्होंने हीरों के प्रतिदीप्ति और अवशोषण प्रतिरूप तथा स्पेक्ट्रम का अध्ययन किया। वह वर्ष 1945 में इंपीरियल कॉलेज, लंदन और बाद में ब्रिटिश मौसम विज्ञान कार्यालय गईं, जहाँ उन्होंने मौसम संबंधी उपकरणों के विकास का अध्ययन किया। उन्होंने इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में कई मौसम संबंधी उपकरणों के निर्माताओं एवं क्षेत्रीय वेधशालाओं का दौरा किया। बाद में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) में कार्य प्रारंभ किया। वह अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन संघ, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी, अमेरिकी मौसम विज्ञान सोसायटी, अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा सोसायटी, विश्व मौसम विज्ञान संगठन सहित कई संगठनों की सदस्य थीं। वह वर्ष 1976 में IMD के उप महानिदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुईं। उनका वर्ष 2001 में निधन हो गया।

‘पराग्वे में नवनिर्मित भारतीय दूतावास 

भारतीय विदेश मंत्री ने 23 अगस्त, 2022 को  पराग्वे की सरकारी यात्रा के दौरान राजधानी असुन्सियोन में नवनिर्मित भारतीय दूतावास भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विदेश मंत्री ने कहा कि यह भारत और पराग्वे के बीच सुदृढ आपसी संबंधों तथा लंबे समय से जारी बहुपक्षीय सहयोग का प्रतीक है। इससे पहले, विदेश मंत्री ने असुन्सियोन में महात्‍मा गांधी की अर्ध प्रतिमा का अनावरण किया। उन्‍होंने पराग्वे के निर्माण में योगदान करने वाले राष्‍ट्रीय नायकों और राष्‍ट्र के लिये बलिदान करने वाले शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस दौरान विदेश मंत्री ने पराग्वे के राष्‍ट्रपति मारियो अब्दो बेनिटेज़ से मुलाकात की। दोनों देशों ने व्‍यापार, वाणिज्‍य, कृषि, फार्मास्‍युटिकल, परंपरागत औषधियाँ और सौर ऊर्जा सहित विभिन्‍न क्षेत्रों में सहयोग बढाने पर सहमति व्‍यक्‍त की है। भारत और पराग्वे ने हाल ही में राजनयिक संबंधों की स्‍थापना की 60वीं वर्षगाँठ मनाई है। पराग्वे दक्षिण अमेरिका के दक्षिण-मध्य में स्थित एक स्थल अवरुद्ध/लैंडलॉक देश है। यहाँ बहने वाली नदियाँ अटलांटिक महासागर में गिरती हैं, जो पनबिजली संयंत्रों के प्रमुख केंद्रों के रूप में कार्य करती हैं इसी कारण पराग्वे को जलविद्युत के मामले में विश्व के सबसे बड़े निर्यातक देशों में शामिल किया जाता है। पराग्वे, मर्कोसुर (MERCOSUR) का सदस्य है। दक्षिणी साझा बाज़ार जिसे स्पेनिश में मर्कोसुर कहा जाता है क्षेत्रीय एकीकरण की एक प्रक्रिया है। इसे अर्जेंटीना, ब्राज़ील, पराग्वे और उरुग्वे देशों द्वारा शुरू किया गया था तथा बाद में वेनेजुएला और बोलिविया भी इस प्रक्रिया में शामिल हो गए। भारत द्वारा मर्कोसुर से सुविधा प्राप्त करने के लिये व्यापार समझौता किया गया है।