प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स: 24 जून,2021
पीटर पैन सिंड्रोम
Peter Pan Syndrome
हाल ही में मुंबई की एक विशेष अदालत नेद्वारा नाबालिग का यौन शोषण करने वाले आरोपी को इसलिये जमानत दे दी गई क्योंकि वह पीटर पैन सिंड्रोम (PPS) से पीड़ित था।
- सिंड्रोम लक्षणों और संकेतों का एक संयोजन है जो एक साथ किसी रोग प्रक्रिया का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रमुख बिंदु
- PPS एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है जिसका उपयोग एक ऐसे वयस्क व्यक्ति का वर्णन करने के लिये किया जाता है जो सामाजिक रूप से अपरिपक्व है।
- ऐसे व्यक्ति जो लापरवाह तरीके से जीवन जीने जीते हैं, वयस्कता में भी जिन्हे ज़िम्मेदारियाँ चुनौतीपूर्ण लगती हैं और जो मूल रूप से कभी बड़े नहीं होते हैं, वे प्रायः PPS से पीड़ित होते हैं।
- पीटर पैन स्कॉटिश उपन्यासकार जेम्स मैथ्यू बैरी द्वारा 1900 के दशक की शुरुआत में बनाया गया एक काल्पनिक चरित्र है।
- वह काल्पनिक चरित्र एक लापरवाह युवा लड़के का था जो कभी बड़ा नहीं होता है।
- यह शब्द वर्ष 1983 में मनोवैज्ञानिक डैन केली द्वारा ऐसे पुरुषों के व्यवहार की व्याख्या करने के लिये गढ़ा गया था जो 'बड़े होने से इनकार करते हैं' और अपनी उम्र के अनुसार व्यवहार नहीं करते हैं।
- यद्यपि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पीटर पैन सिंड्रोम को एक स्वास्थ्य संबंधी विकार के रूप में मान्यता नहीं देता है लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जो किसी के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती है।
लक्षण:
- PPS को अभी तक आधिकारिक तौर पर स्वास्थ्य विकार के रूप में मान्यता नहीं दी गई है तथा अभी तक इस बीमारी के लिये स्पष्ट रूप से उत्तरदायी कोई परिभाषित लक्षण या या कारण भी संज्ञान में नहीं आए हैं।
- हालाँकि यह किसी की दैनिक दिनचर्या, रिश्तों, कार्य नैतिकता को प्रभावित कर सकता है और इसके परिणामस्वरूप इससे ग्रसित व्यक्ति के व्यवहार में भी परिवर्तन हो सकता है।
प्रभावित लोग:
- यह किसी भी लिंग, जाति या संस्कृति के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। यद्यपि यह सिंड्रोम सामान्यतः पुरुषों में अधिक प्रतीत होता है।
- यह उन लोगों को प्रभावित करता है जो बड़े होने में असमर्थ महसूस करते हैं या महसूस नहीं करते हैं, यानी शरीर तो वयस्क होता है लेकिन इनका दिमाग बच्चे के समान होता है।
- इस सिंड्रोम से ग्रसित लोग नहीं जानते कि कैसे बच्चे की तरह व्यवहार करना बंद करना है या वे ऐसा करना ही नहीं चाहते हैं और माता या पिता बनना शुरू करते हैं।
- इसे वर्तमान में साइकोपैथोलॉजी नहीं माना गया है। हालाँकि पश्चिमी समाज में बड़ी संख्या में वयस्क भावनात्मक रूप से अपरिपक्व व्यवहार प्रस्तुत कर रहे हैं।
- साइकोपैथोलॉजी एक ऐसा शब्द है जो या तो मानसिक बीमारी या मानसिक संकट के अध्ययन या व्यवहार और अनुभवों की अभिव्यक्ति को संदर्भित करता है, यह मानसिक बीमारी या मनोवैज्ञानिक हानि का संकेत हो सकता है।
वेंडी सिंड्रोम
- PPS को परिभाषित करने वाले मनोवैज्ञानिक ने वेंडी सिंड्रोम (WS) शब्द का प्रयोग उन महिलाओं का वर्णन करने के लिये किया है जो अपने सहयोगियों या उनके करीबी लोगों के साथ माँ की तरह व्यवहार करती हैं।
- WS से पीड़ित लोगों को प्रायः निर्णय लेते हुए, गंदगी को साफ करते हुए और एकतरफा भावनात्मक समर्थन प्रस्तुत करते हुए देखा जाता है।
“लैंड फॉर लाइफ” पुरस्कार
Land for Life Award
हाल ही में राजस्थान के एक जलवायु कार्यकर्त्ता श्याम सुंदर ज्ञानी को अपनी पर्यावरण संरक्षण अवधारणा- पारिवारिक वानिकी हेतु संयुक्त राष्ट्र का प्रतिष्ठित "लैंड फॉर लाइफ" पुरुस्कार दिया गया है।
- विजेता की घोषणा विश्व मरुस्थलीकरण और सूखा रोकथाम दिवस के अवसर पर 17 जून 2021की गई थी।
- पारिवारिक वानिकी तात्पर्य वृक्ष और पर्यावरण की देखभाल को परिवार की आदतों का एक अहम हिस्सा बनाने से है ताकि एक वृक्ष परिवार की चेतना का हिस्सा बन जाए।
प्रमुख बिंदु
लैंड फॉर लाइफ पुरस्कार:
- संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD) द्वारा यह पुरुस्कार प्रत्येक 2 वर्षों में प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार भूमि संतुलन की दिशा में किये गए प्रयासों में उत्कृष्टता और नवाचार को मान्यता देता है।
- इसके पिछले संस्करण विश्व भर की निम्नीकृत/क्षयित भूमि के पुनर्नवीकरण और बहाली की प्रेरक पहलों पर प्रकाश डालते हैं।
- इन सभी प्रयासों ने सतत् विकास लक्ष्य (SDG) संख्या 15: "भूमि पर जीवन", विशेष रूप से लक्ष्य संख्या 15.3 अर्थात् भूमि क्षरण तटस्थता (LDN) को प्राप्त करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- इस वर्ष यह पुरस्कार उन व्यक्तियों/संगठनों पर प्रकाश डालता है जिन्होंने बड़े पैमाने पर भूमि क्षरण तटस्थता में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
- इसका अर्थ यह है कि 25 वर्षों या उससे अधिक समय में दीर्घकालिक परिवर्तन और समर्पित कार्यों द्वारा भूमि, लोगों, समुदायों तथा समाज पर उल्लेखनीय सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
शुरुआत :
- इस पुरुस्कार को वर्ष 2011 में आयोजित ‘संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय’ (UNCCD) के COP-10 (पक्षकारों का सम्मेलन) में कोरिया गणराज्य की चांगवोन पहल के हिस्से के रूप में शुरू किया गया था
- चांगवोन पहल का उद्देश्य वर्ष 2008-18 के लिये रणनीति और COP-10 के निर्णयों के अनुसार की जा रही गतिविधियों के पूरक के रूप में कार्य करना है।
चांगवोन पहल के मुख्य घटकों में शामिल हैं:
- UNCCD की वैज्ञानिक प्रक्रिया को बढ़ाना।
- अतिरिक्त संसाधन जुटाना और साझेदारी व्यवस्था को सुगम बनाना।
- सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिये वैश्विक ढाँचे का समर्थन करना।
वर्ष 2021 के लिये पुरुस्कार की थीम:
- “स्वस्थ भूमि, स्वस्थ जीवन” (Healthy Land, Healthy Lives)
संयुक्त राष्ट्र मरुस्थलीकरण रोकथाम अभिसमय (UNCCD)
- वर्ष 1994 में स्थापित, यह पर्यावरण और विकास को स्थायी भूमि प्रबंधन से जोड़ने वाला एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय समझौता है।
- यह विशेष रूप से शुष्क, अर्ध-शुष्क और शुष्क उप-आर्द्र क्षेत्रों को संबोधित करता है, जिन्हें शुष्क भूमि के रूप में जाना जाता है, जहाँ कुछ सबसे कमज़ोर पारिस्थितिक तंत्र और लोग पाए जा सकते हैं।
- यह अभिसमय राष्ट्रीय सरकारों को मरुस्थलीकरण के मुद्दे से निपटने के लिये उपाय करने के लिये बाध्य करता है।
- यह तीन रियो अभिसमयों में से एक है, अन्य दो अभिसमयों जैव विविधता अभिसमय (CBD) और जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) हैं।
- भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जिसने तीनों रियो सम्मेलनों के COPs की मेज़बानी की है।
- नया UNCCD 2018-2030 रणनीतिक फ्रेमवर्क भूमि क्षरण तटस्थता (LDN) को प्राप्त करने के लिये सबसे व्यापक वैश्विक प्रतिबद्धता है ताकि क्षरित भूमि को बहाल किया जा सके; 1.3 बिलियन से अधिक लोगों की आजीविका में सुधार किया जा सके और संवेदनशील आबादी पर सूखे के प्रभावों को कम किया जा सके।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 जून, 2021
डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी
उपराष्ट्रपति एम.वेंकैया ने 23 जून, 2021 को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्म 06 जुलाई, 1901 को तत्कालीन कलकत्ता के एक संभ्रांत परिवार में हुआ था। श्यामाप्रसाद मुखर्जी के पिता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश थे और कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में भी कार्य कर चुके थे। वर्ष 1921 में कलकत्ता से अंग्रेज़ी में स्नातक करने के पश्चात् उन्होंने वर्ष 1923 में कलकत्ता से ही बांग्ला भाषा और साहित्य में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1934 में मात्र 33 वर्ष की आयु में डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को कलकत्ता विश्वविद्यालय का सबसे कम उम्र का कुलपति नियुक्त किया गया। कुलपति के तौर पर डॉ. मुखर्जी के कार्यकाल के दौरान ही रवींद्रनाथ टैगोर ने पहली बार बांग्ला भाषा में कलकत्ता विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया और उन्ही के कार्यकाल के दौरान कलकत्ता विश्वविद्यालय की उच्च परीक्षा में जनभाषा को एक विषय के रूप में प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा डॉ. मुखर्जी स्वतंत्र भारत के पहले उद्योग और आपूर्ति मंत्री भी थे। हालाँकि बाद में उन्होंने विचारों में मतभेद के कारण काॅॅन्ग्रेस पार्टी छोड़ दी और वर्ष 1977-1979 में जनता पार्टी की सह-स्थापना की, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बन गई। मई 1953 में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर में बिना परमिट के प्रवेश करने के मामले में डॉ. मुखर्जी को हिरासत में ले लिया गया, जिसके पश्चात् 23 जून, 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई।
कृषि विविधीकरण योजना-2021
हाल ही में गुजरात के मुख्यमंत्री ने ‘कृषि विविधीकरण योजना-2021’ का शुभारंभ किया है, जिससे आदिवासी क्षेत्रों में किसानों को लाभ प्राप्त होगा। इस योजना के माध्यम से राज्य के 14 आदिवासी ज़िलों के 1.26 लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना के शुभारंभ का प्राथमिक उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों में कृषि को और अधिक सतत् तथा लाभदायक बनाना है। इस योजना के तहत आदिवासी किसानों को 31 करोड़ रुपए की खाद-बीज सहायता प्रदान की जाएगी, जिसमें 45 किलो यूरिया, 50 किलो एनपीके उर्वरक और 50 किलो अमोनियम सल्फेट शामिल होगा। इस योजना के तहत आदिवासी किसानों को मक्का, करेला, कैलाबश (दूधी), टमाटर, बाजरा आदि फसलों के बीज प्रदान किये जाएंगे। इसके अलावा आदिवासी किसानों को बेहतर ढंग से खेती करने में सक्षम बनाने और सिंचाई के लिये आवश्यक पानी तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये राज्य सरकार ने आदिवासी ज़िले के पहाड़ी क्षेत्रों में विभिन्न लिफ्ट सिंचाई योजनाओं के माध्यम से ऊँचाई पर सिंचाई हेतु पानी पहुँचाने के लिये व्यापक पैमाने पर कार्य शुरू किया है।
‘रोल ऑफ एक्सीलेंस’ सम्मान
कोचीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (CIAL) ने हाल ही में हवाईअड्डे की गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के लिये ‘एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल’ (ACI) का ‘रोल ऑफ एक्सीलेंस’ सम्मान जीता है। ‘एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल’ एयरपोर्ट संचालकों की एक वैश्विक संस्था है, जिसने उन हवाईअड्डों के लिये ‘रोल ऑफ एक्सीलेंस’ सम्मान की स्थापना की है, जिन्होंने यात्रियों की राय में गुणवत्तापूर्ण एवं उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान की हैं। यह पुरस्कार 9 सितंबर, 2021 को मॉन्ट्रियल, कनाडा में आयोजित होने वाले ACI कस्टमर एक्सपीरियंस ग्लोबल समिट के दौरान प्रदान किया जाएगा। वर्ष 1991 में स्थापित ‘एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल’ (ACI) दुनिया भर की सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों जैसे- अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन’ (ICAO) के साथ-साथ विभिन्न एयरपोर्ट्स के हितों का प्रतिनिधित्त्व करता है, इसके अलावा यह हवाई अड्डों के लिये मानकों, नीतियों और अनुशंसित प्रथाओं को भी विकसित करता है तथा दुनिया भर में मानकों को बढ़ावा देने के लिये सूचना और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करता है।