विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 मार्च, 2021
वॉल्कैनिक बाॅण्ड
डेनिश रेड क्रॉस, ज्वालामुखी विस्फोटों के लिये विश्व का पहला ‘वॉल्कैनिक बाॅण्ड’ प्रस्तुत करेगा, जिसे तीन महाद्वीपों में 10 ज्वालामुखियों के विस्फोट के बाद मानवीय राहत के प्रावधान और दक्षता में सुधार करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। इस प्रकार के बाॅण्ड का उद्देश्य ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सहायता के लिये निवेशकों से 3 मिलियन डॉलर तक का फंड जुटाना है। इस बाॅण्ड का उद्देश्य वैश्विक पूंजी बाज़ारों से सहायता जुटाकर आपदा सहायता प्रदान करने की संपूर्ण पद्धति में बदलाव लाना है। ब्लॉकचेन तकनीक और एडवांस मॉडलिंग का उपयोग करके इस बाॅण्ड के माध्यम से मानवीय सहायता हेतु एडवांस में धन जुटाया जाएगा और निवेशकों के लिये असंबद्ध रिटर्न की पेशकश करते हुए आपदा के समय सहायता को और अधिक तेज़ी से तथा प्रभावी रूप से जारी करने का प्रयास किया जाएगा। ‘वॉल्कैनिक बाॅण्ड’ के लिये चयनित 10 ज्वालामुखियों को उनके कारण उत्पन्न मानवीय खतरे के आधार पर चुना गया है, इसमें मुख्यतः वे ज्वालामुखी शामिल हैं, जिनमें संभावित विस्फोट क्षेत्र के 60 मील (100 किलोमीटर) के दायरे में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या कम-से-कम 700,000 है।
स्थायी सिंधु आयोग
वर्ष 2018 के बाद भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयुक्तों के बीच वार्षिक स्थायी सिंधु आयोग की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय दल का नेतृत्त्व सिंधु जल आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना द्वारा किया जा रहा है, साथ ही इसमें केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और राष्ट्रीय जल-विद्युत निगम के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। सिंधु जल संधि (IWT) दोनों देशों के आयुक्तों के लिये वर्ष में कम-से-कम एक बार बैठक का आयोजन करना अनिवार्य बनाती है, यह बैठक भारत और पाकिस्तान में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। हालाँकि विगत वर्ष की बैठक मार्च 2020 में नई दिल्ली में आयोजित होनी थी, लेकिन महामारी के मद्देनज़र इसे रद्द कर दिया गया था और संधि के अस्तित्व में आने के बाद यह पहली बार था, जब बैठक को रद्द किया गया था। अंतिम बैठक अगस्त 2018 में लाहौर में आयोजित की गई थी। ज्ञात हो कि सिंधु प्रणाली में मुख्यतः सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलज नदियाँ शामिल हैं। इन नदियों के बहाव वाले क्षेत्र (Basin) को प्रमुखतः भारत और पाकिस्तान साझा करते हैं। इसका एक बहुत छोटा हिस्सा चीन और अफगानिस्तान को भी मिला हुआ है। 19 सितंबर, 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच इन नदियों के जल के विभाजन को लेकर समझौता हुआ। इसे ही 1960 की सिंधु जल संधि कहते हैं।
देश का प्रथम पशु चिकित्सा एम्बुलेंस नेटवर्क
आंध्र प्रदेश में पशुपालन और पशु चिकित्सा क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने जानवरों हेतु संचालित भारत के पहले ‘पशु चिकित्सा एम्बुलेंस नेटवर्क’ की स्थापना का निर्णय लिया गया है। राज्य के पशुपालन विभाग को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मोबाइल एम्बुलेंस पशु चिकित्सा क्लिनिक की स्थापना करने का निर्देश दिया गया है। राज्य के लोगों को घर पर पशु चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने की तर्ज पर सभी विधानसभा क्षेत्रों में कुल 175 मोबाइल एम्बुलेंस (पशु चिकित्सा) क्लीनिक स्थापित किये जाएंगे। ये मोबाइल एम्बुलेंस पशु-चिकित्सा प्राथमिक उपचार सेवाएँ प्रदान करेंगी और इसमें आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिये भी सुविधाएँ मौजूद होंगी। प्रत्येक मोबाइल एम्बुलेंस में एक पशु चिकित्सक और एक पैरा-पशु चिकित्सा कार्यकर्त्ता को तैनात किया जाएगा। इन एम्बुलेंस में चौबीसों घंटे टोल-फ्री कॉल सेंटर भी मौजूद होगा।
फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल (FFV)
सरकार जल्द ही सभी प्रकार के वाहनों में जैव ईंधन का उपयोग सुनिश्चित करने के लिये ‘फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल’ के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु नियम बनाने पर विचार कर रही है। फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल, वाहनों का एक संशोधित संस्करण है, जिसे पेट्रोल और इथेनॉल दोनों के साथ प्रयोग किया जा सकता है। वर्तमान में इसे ब्राज़ील में सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है और यह कीमत और सुविधा के आधार पर लोगों को ईंधन (पेट्रोल और इथेनॉल) में परिवर्तन करने का विकल्प प्रदान करता है। ब्राज़ील में बेचे जाने वाले अधिकांश वाहन फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल हैं। मौजूदा नियम पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाने की अनुमति देते हैं। हालाँकि कम आपूर्ति और अन्य परिवहन चुनौतियों के कारण 10 प्रतिशत मिश्रित पेट्रोल केवल 15 राज्यों में ही उपलब्ध हो पाता है, जबकि अन्य राज्यों में यह मात्रा 0 से 5 प्रतिशत के बीच है।