प्रीलिम्स फैक्ट्स: 23 नवंबर, 2019
बोगनविली
Bougainville
23 नवंबर,2019 को होने वाले जनमत संग्रह के बाद बोगनविली (Bougainville), पापुआ न्यू गिनी से अलग होकर विश्व का नवीनतम देश बन जाएगा।
बोगनविली के संदर्भ में:
- बोगनविली का नाम 18वीं शताब्दी के फ़्राँसीसी खोज़कर्ता के नाम पर पड़ा।
- यह प्राकृतिक संसाधनों जैसे- तांबा आदि से समृद्ध है।
पृष्ठभूमि
- वर्ष 1975 में पापुआ न्यू गिनी को ऑस्ट्रेलिया से स्वतंत्रता मिली जिसमें बोगनविली को एक अलग प्रांत बनाया गया।
- पापुआ न्यू गिनी की स्वतंत्रता के समय ही बोगनविली को भी स्वतंत्र किये जाने की घोषणा की गई जिसे पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया द्वारा नज़रअंदाज़ कर दिया गया।
- इसी कारण यहाँ जन असंतोष उमड़ पड़ा और वर्ष 1988 से अलगाव के लिये युद्ध चलता रहा है।
- वर्ष 1997 में अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थों की मदद से यह युद्ध समाप्त हो गया।
- बोगनविली शांति समझौता, 2005 के तहत स्वायत्त बोगनविली सरकार का निर्माण और इसकी स्वतंत्रता हेतु एक गैर-बाध्यकारी जनमत संग्रह कराने का वादा किया गया था।
केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा निधि
Central Road and Infrastructure Fund
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र- 2019 के दौरान लोकसभा में केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा निधि (Central Road and Infrastructure Fund- CRIF) के बारे में चर्चा की गई।
केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा निधि के विषय में:
- CRIF को पूर्व में केंद्रीय सड़क निधि के नाम से जाना जाता था तथा इसे वर्ष 2000 में केंद्रीय सड़क निधि अधिनियम, 2000 के तहत स्थापित किया गया था।
- इस निधि में पेट्रोल और डीज़ल पर लगाए गए उत्पाद शुल्क के साथ उपकर भी शामिल है।
- CRIF का प्रशासनिक नियंत्रण वित्त मंत्रालय के अंतर्गत है।
- पूर्व में CRIF, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन था।
केंद्रीय सड़क निधि अधिनियम (संशोधन), 2018
- इस संशोधन के तहत केंद्रीय सड़क निधि का नाम बदलकर केंद्रीय सड़क और बुनियादी ढाँचा निधि कर दिया गया था।
- इसके अलावा CRIF के तहत सड़क उपकर से प्राप्त आय के उपयोग की अनुमति अन्य अवसंरचना परियोजनाओं जैसे- जलमार्ग, रेलवे बुनियादी ढाँचे का कुछ हिस्सा और यहाँ तक कि कुछ सामाजिक बुनियादी संबंधी ढाँचे की परियोजनाओं जैसे- शिक्षा संस्थान, मेडिकल कॉलेज आदि के वित्तपोषण के लिये दी गई।
हरित इस्पात
Green Steel
हाल ही में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्रालय (Ministry of Petroleum and Natural Gas & Steel) ने इस्पात उद्योग से हरित इस्पात (Green Steel) मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में काम करने का आह्वान किया है।
हरित इस्पात के बारे में:
- हरित इस्पात, इस्पात निर्माण की ऐसी प्रक्रिया को संदर्भित करता है जो हरितगृह गैसों के उत्सर्जन को कम करने और कम लागत के साथ-साथ इस्पात की गुणवत्ता में सुधार करता है।
- यह कार्य कोयले के स्थान पर गैस का प्रयोग तथा इस्पात के पुनर्चक्रण से ही संभव है।
- इसी संदर्भ में भारत के पूर्वी हिस्से में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना की शुरुआत की गई है।
- यह परियोजना इस क्षेत्र में स्थित सभी इस्पात संयंत्रों को गैस की आपूर्ति करेगी।
- इसके अलावा इस्पात निर्माण की प्रक्रिया में कोयले की जगह लेने में मदद करेगी क्योंकि कोयले के उपयोग से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) का अधिक उत्सर्जन होता है।
समीर एप्लीकेशन
SAMEER Application
समीर एप्लीकेशन (SAMEER Application) वायु प्रदूषण शमन उपायों में से एक है जो राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index- AQI) की वास्तविक जानकारी उपलब्ध कराता है।
समीर एप्लीकेशन के बारे में:
- इसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण ब्यूरो (Central Polution Control Board- CPCB) द्वारा विकसित किया गया है जो देश भर के 100 से अधिक शहरों की वायु गुणवत्ता की जानकारी प्रदान करता है।
- यह एप्लीकेशन चिह्नित किये गए शहरों को वायु गुणवत्ता सूचकांक के आधार पर एक कोड (Code) रंग के प्रारूप में प्रदर्शित करता है।
- वायु गुणवत्ता सूचनाओं का संग्रहण और प्रसार एक केंद्रीकृत स्थान से किया जाता है।
- इस एप्लीकेशन का प्रयोग किसी क्षेत्र विशेष में कचरा डंपिंग, सड़क की धूल, वाहनों के उत्सर्जन या अन्य प्रदूषण के मुद्दों से संबंधित शिकायतों को दर्ज करने या ट्रैक करने के लिये भी किया जा सकता है।