केंद्रीय पुरातत्त्व सलाहकार बोर्ड
हाल ही में सरकार ने केंद्रीय पुरातत्त्व सलाहकार बोर्ड (CABA) का पुनर्गठन किया है।
CABA के बारे में:
- इसका गठन भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) एवं पुरातात्त्विक अनुसंधान के क्षेत्र में संपर्कों को मज़बूत करने के लिये किया गया है।
- बोर्ड में "भारत सरकार द्वारा नामित पांँच व्यक्ति" और साथ ही पूर्व ASI महानिदेशक शामिल होंगे।
- बोर्ड वर्ष में एक बार बैठक करेगा तथा सदस्यों द्वारा उल्लेखित "पुरातत्त्व से संबंधित मामलों" पर केंद्र को सलाह देगा।
- यह पुरातत्त्व अनुसंधान का संचालन करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों एवं भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण के बीच संपर्क को बढ़ावा देगा।
- यह पुरातात्त्विक सिद्धांतों के अनुप्रयोग को बढ़ावा देगा, भविष्य के पुरातत्त्वविदों को प्रशिक्षित करेगा और ASI की गतिविधियों के माध्यम से भारत तथा इसकी राज्य सरकारों की दक्ष सोसाइटियों के बीच संबधों में निकटता लाएगा।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण:
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) संस्कृति मंत्रालय के तहत देश की सांस्कृतिक विरासत के पुरातात्त्विक अनुसंधान और संरक्षण के लिये प्रमुख संगठन है।
- यह 3650 से अधिक प्राचीन स्मारकों, पुरातात्त्विक स्थलों और राष्ट्रीय महत्त्व के अवशेषों का प्रबंधन करता है।
- इसके कार्यों में पुरातात्त्विक अवशेषों का सर्वेक्षण, पुरातात्त्विक स्थलों की खोज एवं उत्खनन, संरक्षित स्मारकों का संरक्षण और रखरखाव करना आदि शामिल हैं।
- इसकी स्थापना वर्ष 1861 में ASI के पहले महानिदेशक अलेक्जेंडर कनिंघम ने की थी। अलेक्जेंडर कनिंघम को "भारतीय पुरातत्त्व के जनक" के रूप में भी जाना जाता है।
स्रोत: द हिंदू
NDB की 7वीं वार्षिक बैठक
हाल ही में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री और न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) के लिये भारत की गवर्नर श्रीमती निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से NDB के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 7वीं वार्षिक बैठक की अध्यक्षता की।
- बैठक में ब्राज़ील, चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका के राज्यपाल और बांग्लादेश एवं संयुक्त अरब अमीरात (नए सदस्य) भी शामिल हुए।
- इस वार्षिक बैठक का विषय "NDB: अधिकतम विकास प्रभाव (NDB: Optimising Development Impact)" था।
बैठक की मुख्य विशेषताएंँ:
- वित्त मंत्री ने बहुपक्षवाद के महत्त्व एवं आर्थिक सुधार के लिये वैश्विक सहयोग की भावना को रेखांकित किया।
- इस संबंध में वित्त मंत्री ने स्वीकार किया कि NDB ने उभरती बाज़ार अर्थव्यवस्थाओं के लिये खुद को एक विश्वसनीय विकास भागीदार के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित किया है।
- इस वर्ष भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ के संदर्भ में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि मज़बूत रही है और इसके 8.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।
- यह भारत की दृढ़ता और त्वरित सुधार को दर्शाता है।
- वित्त मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत चालू वर्ष और अगले वित्तीय वर्ष में उच्च विकास दर हासिल करना जारी रखेगा।
न्यू डेवलपमेंट बैंक:
- परिचय:
- यह वर्ष 2014 में ब्राज़ील के ‘फोर्टालेज़ा’ में आयोजित छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स देशों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और साउथ कोरिया) द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित एक बहुपक्षीय विकास बैंक है।
- इसका गठन ब्रिक्स और अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में नवाचार एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के माध्यम से तीव्र विकास के लिये बुनियादी अवसंरचना व सतत् विकास प्रयासों का समर्थन करने हेतु किया गया था।
- इसका मुख्यालय शंघाई (चीन) में स्थित है।
- वर्ष 2018 में ‘न्यू डेवलपमेंट बैंक’ ने संयुक्त राष्ट्र के साथ सक्रिय और उपयोगी सहयोग के लिये एक मज़बूत आधार स्थापित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त किया था।
- उद्देश्य:
- सदस्य देशों के विकास को बढ़ावा देना।
- आर्थिक विकास का समर्थन करना।
- प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ावा देना और रोज़गार सृजन की सुविधा प्रदान करना।
- विकासशील देशों के बीच ज्ञान साझाकरण मंच का निर्माण करना।
विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (B)
प्रश्न. हाल ही में चर्चा में रहा 'फोर्टालेजा डिक्लेरेशन' किससे संबंधित है? (2015) (A) आसियान उत्तर: B व्याख्या:
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स्रोत:पी.आई.बी.
विश्व मापिकी दिवस 2022
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research- CSIR) -राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, नई दिल्ली ने मेट्रोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया (MSI) के सहयोग से विश्व मापिकी दिवस (20 मई) का आयोजन किया।
- मेट्रोलॉजी माप और उसके अनुप्रयोग का विज्ञान है।
विश्व मापिकी दिवस की मुख्य विशेषताएंँ:
- परिचय:
- विश्व मापिकी दिवस 1875 में मीटर अभिसमय (Metre Convention) पर हस्ताक्षर करने की वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- यह संधि विश्वव्यापी सुसंगत माप प्रणाली के लिये आधार प्रदान करती है।
- विश्व मापिकी दिवस उन सभी लोगों के योगदान को मान्यता देने के लिये मनाया जाता है जो पूरे वर्ष अंतर-सरकारी और राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी संगठनों और संस्थानों में काम करते हैं।
- विषय-वस्तु/थीम:
- इसकी थीम है- "डिजिटल युग में मौसम विज्ञान"।
- इस विषय को इसलिये चुना गया है क्योंकि डिजिटल तकनीक हमारे समुदाय में क्रांति ला रही है और वर्तमान की सबसे रोमांचक प्रवृत्तियों में से एक है।
- थीम की घोषणा इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ वेट एंड मेजर्स (BIPM) और इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ लीगल मेट्रोलॉजी (OIML) द्वारा संयुक्त रूप से की गई थी।
इंटरनेशनल ब्यूरो ऑफ वेट एंड मेजर्स (BIPM):
- वर्ष 1875 में मीटर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर ने BIPM बनाया और पहली बार मेट्रोलॉजी में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को औपचारिक रूप दिया।
- कन्वेंशन ने BIPM की स्थापना के माप की विश्वव्यापी एकरूपता की नींव रखी।
- BIPM राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी संस्थानों (NMI) के एक विश्वव्यापी नेटवर्क का केंद्र है जो राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं और उद्योगों में इंटरनेशनल सिस्टम ऑफ यूनिट (SI) के लिये ट्रेसबिलिटी की शृंखला का अनुभव और प्रसार करना जारी रखता है।
इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ लीगल मेट्रोलॉजी (OIML):
- इंटरनेशनल ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ लीगल मेट्रोलॉजी एक अंतर-सरकारी संगठन है जिसे वर्ष 1955 में लीगल मेट्रोलॉजी प्रक्रियाओं के वैश्विक सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिये बनाया गया था, यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को रेखांकित करने के साथ ही सुविधाजनक बनाता है।
- वर्ष 1955 में OMIL को ब्यूरो इंटरनेशनल डीमेट्रोलॉजी लीगल (Bureau International de Métrologie Légale- BIML) के साथ कानूनी मौसम विज्ञान संबंधी प्रक्रियाओं के वैश्विक सामंजस्य को बढ़ावा देने के लिये एक अंतर-सरकारी संधि संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।
- OIML ने एक विश्वव्यापी तकनीकी संरचना विकसित की है जिसका प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय मेट्रोलॉजिकल सेवाओं या संबंधित संगठनों द्वारा लागू नियमों और मेट्रोलॉजिकल नियंत्रणों में सामंजस्य स्थापित करना है।
CSIR-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला:
- CSIR-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (NPL-India) को संसद के अधिनियम द्वारा भारत के "राष्ट्रीय मेट्रोलॉजी संस्थान" (NMI) के रूप में स्थापित किया गया जो देश की ज़रूरतों के लिये माप-मानक की ज़िम्मेदारी के साथ "राष्ट्रीय मानकों" का संरक्षक है।
- यह भारत में S.I इकाइयों का अनुरक्षण (Maintains) तथा राष्ट्रीय भार तथा माप के मानकों की जाँच (Calibration) करता है।
स्रोत: पी.आई.बी.
माया पिट वाइपर
हाल ही में मेघालय के री-भोई ज़िले के उमरोई मिलिट्री स्टेशन में त्रिमेरेसुरुस्माया या माया पिट वाइपर नाम के एक नए ज़हरीले हरे साँप की प्रजाति देखी गई है।
पिट वाइपर की मुख्य विशेषताएँ:
- माया पिट वाइपर:
- इस साँप की लंबाई लगभग 750 मिमी. है।
- यह देखने में पोप्स पिट वाइपर से काफी मिलता-जुलता है लेकिन इसकी आँखों का रंग अलग है।
- माया पिट वाइपर और पोप्स पिट वाइपर के हेमेपेनिस (Hemepenis) भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं
- एक पशु चिकित्सक के अनुसार, यह नई प्रजाति मेघालय, मिज़ोरम और यहाँ तक कि गुवाहाटी में भी अपेक्षाकृत आम थी।
- पिट वाइपर:
- पिट वाइपर, वाइपर की कोई भी प्रजाति (सबफैमिली क्रोटालिने) जिसमें दो जंगम (नुकीले डंक) के अलावा आँख और नथुने के बीच एक गर्मी-संवेदनशील अंग होता है जो इसे शिकार करने में सहायता करता है।
- पिट वाइपर रेगिस्तान से लेकर वर्षा वनों तक में पाए जाते हैं।
- ये स्थलीय, वृक्षीय या जलीय हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रजातियाँ अंडे देती हैं और अन्य प्रजातियाँ जीवित बच्चों को जन्म देती हैं।
- विषैले पिट वाइपर प्रजातियों में हंप-नोज्ड पिट वाइपर, मैंग्रोव पिट वाइपर और मालाबार पिट वाइपर शामिल हैं।
- रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर भारत में पाई जाने वाली दो सबसे ज़हरीली वाइपर प्रजातियांँ हैं जो भारत के चार सबसे ज़हरीले एवं सबसे घातक सांँपों के सदस्य हैं।
- भारत में ज़्यादातर सर्पदंश की घटनाएँ इन्हीं प्रजातियों के कारण होती हैं।
- महत्त्व:
- देश में पिछले दो दशकों में लगभग 1.2 मिलियन लोग सर्पदंश के कारण मारे गए हैं एवं कई लोग अपने अंग खो चुके हैं, ऐसे में एक नए ज़हरीले सांँप की खोज सार्वजनिक स्वास्थ्य की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है।
- ज़हर एक जटिल प्रोटीन है जो ज़्यादातर प्रजातियों में अद्वितीय है, इसलिये एक नई प्रजाति की खोज से इसके ज़हर और मानव जीवन पर इसके प्रभाव को समझने में मदद मिलेगी।
विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. किंग कोबरा एकमात्र ऐसा साँप है जो अपना घोंसला खुद बनाता है। यह अपना घोंसला क्यों बनाता है? (2010) (A) यह साँपों को खाता है तथा इसका घोंसला अन्य साँपों को आकर्षित करने में मदद करता है। उत्तर: C
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स्रोत : द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 मई, 2022
ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक के ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड से सम्मानित आशा कार्यकर्त्ताओं की टीम के प्रति प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि स्वस्थ भारत सुनिश्चित करने में आशा कार्यकर्त्ता सबसे आगे हैं और उनका समर्पण एवं दृढ़ संकल्प सराहनीय है। भारत में दस लाख से अधिक आशा कार्यकर्त्ताओं (महिला स्वयंसेवक) का समूह है। यह सम्मान उन्हें COVID-19 महामारी के दौरान समुदाय को स्वास्थ्य प्रणाली से जोड़ने तथा ग्रामीण गरीबों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक पहुंँच सुनिश्चित करने में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका के लिये प्रदान किया गया है। इस छठे ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड की घोषणा WHO के महानिदेशक डॉ टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने की। ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड के पुरस्कार विजेताओं का फैसला WHO के महानिदेशक द्वारा किया जाता है। यह पुरस्कार उन लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये प्रदान किया जाता है जिन्होंने दुनिया भर में स्वास्थ्य की रक्षा और उसे बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान दिया है।
‘क्वाड’ शिखर बैठक
भारत के प्रधानमंत्री मोदी क्वाड नेताओं की शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिये 23 मई, 2022 को जापान की दो दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। जापान, भारत के सबसे महत्त्ववपूर्ण भागीदारों में से एक है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-जापान संबंधों को इस क्षेत्र हेतु महत्त्वपूर्ण बताया है। जापान के प्रधानमंत्री की हाल की भारत यात्रा के सकारात्मक परिणाम रहे हैं जिसमें जापान से भारत में अगले पाँच वर्षों में 50 खरब येन यानी लगभग 40-42 अरब डॉलर का सरकारी और निजी निवेश शामिल है। क्वाड चतुर्भुज सुरक्षा संवाद’ (Quadrilateral Security Dialogue) अर्थात् क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता मंच है। ‘क्वाड’ समूह की स्थापना नवंबर 2017 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र को किसी बाहरी शक्ति (विशेषकर चीन) के प्रभाव से मुक्त रखने हेतु नई रणनीति बनाने के लिये की गई थी और आसियान शिखर सम्मेलन के एक दिन पहले इसकी प्रथम बैठक का आयोजन किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस
प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा जैव विविधता के मुद्दों पर लोगों में समझ और जागरूकता बढाने के लिये 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस (International Day for Biological Diversity) के रूप में मनाया जाता है। इसका प्रमुख उद्देश्य लोगों को जैव-विविधता के प्रति जागरूक करना है। संयुक्त राष्ट्र संघ के तत्त्वाधान में वर्ष 1992 में ब्राज़ील के रियो डी जनेरियो में "पृथ्वी सम्मेलन" आयोजित किया गया, इसी सम्मेलन में इस दिवस को मनाने पर विचार किया गया। इसके अगले वर्ष 29 दिसंबर,1993 को पहली बार जैव-विविधता दिवस मनाया गया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा शुरू किया गया जैव-विविधता दिवस वर्ष 2000 तक 29 दिसंबर को मनाया जाता रहा। उसके बाद वर्ष 2001 से यह प्रत्येक वर्ष 22 मई को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2022 की थीम है- ‘सभी जीवों के साझे भविष्य का निर्माण’ (Building a shared future for all life)।