प्रीलिम्स फैक्ट्स: 23 मई, 2019
अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस
अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस, जिसे विश्व जैव विविधता दिवस के रूप में भी जाना जाता है, जैव-विविधता को बढ़ावा देने के लिये 22 मई को मनाया जाता है।
- वर्ष 2019 के लिये अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस (International Day of Biological Diversity) की थीम ‘हमारी जैव-विविधता, हमारा भोजन, हमारा स्वास्थ्य’ (Our Biodiversity, Our Food, Our Health) है।
- अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस को मनाने की शुरुआत 20 दिसंबर, 2000 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव द्वारा की गई थी।
- 22 मई, 1992 को नैरोबी में जैव-विविधता पर अभिसमय (Convention on Biological Diversity- CBD) के टेक्स्ट को स्वीकार किया गया था। इसलिये 22 मई को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय जैव-विविधता दिवस मनाया जाता है।
खाद्य और कृषि हेतु जैव विविधता
- आनुवंशिकी, प्रजातिय और पारिस्थितिकी-तंत्र के स्तर पर जैव-विविधता जीवन की विविधता है। खाद्य और कृषि हेतु जैव विविधता (Biodiversity For Food and Agriculture- BFA) इसी का ही एक हिस्सा है जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि और खाद्य उत्पादन में योगदान देता है।
- जैव-विविधता, उत्पादन प्रणाली और आजीविका को जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान के प्रति अधिक लचीला बनाती है।
ब्रह्मोस का हवाई संस्करण
- हाल ही में भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) ने अपने अग्रिम पंक्ति के एसयू-30 एमकेआई (Su-30 MKI) लड़ाकू विमान से सफलतापूर्वक ब्रह्मोस हवाई प्रक्षेपित मिसाइल का परीक्षण किया है।
- हवाई प्रक्षेपित 2.5 टन की ब्रह्मोस मिसाइल हवा से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल (Cruise Missile) है, जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर है।
- बीएपीएल (BrahMos Aerospace Pvt. Ltd) ने इसका डिज़ाइन तैयार करने के साथ-साथ इसे विकसित भी किया है।
- भारतीय वायुसेना दुनिया की पहली वायुसेना बन गई है, जिसने 22 नवंबर, 2017 को इस श्रेणी की जमीन पर हमला करने में सक्षम (समुद्र पर लक्षित) 2.8 मैक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- विमान में इस प्रकार के हथियार को जोड़ना एक जटिल प्रक्रिया थी, क्योंकि इसके लिये विमान में मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर सुधार किये जाने की आवश्यकता थी।
- भारतीय वायुसेना अपने अस्तित्व में आने के बाद से इस कार्य में लगी हुई है।
- विमान के सॉफ्टवेयर को विकसित करने का काम भारतीय वायुसेना के इंजीनियरों ने किया, जबकि एचएएल (Hindustan Aeronautics Limited) ने मैकेनिकल और इलेक्ट्रोनिकल सुधार किए।
- भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation), बीएपीएल और एचएएल के समर्पित प्रयासों ने ऐसे जटिल कार्यों को हाथ में लेने की देश की क्षमता को साबित कर दिया है।
- ब्रह्मोस मिसाइल दिन अथवा रात तथा हर मौसम में भारतीय वायुसेना को समुद्र अथवा जमीन पर किसी भी लक्ष्य को भेदने की क्षमता प्रदान करता है।
कॉम्बेट मिशन की योग्यता हासिल करने वाली पहली महिला पायलट
फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ (Flight Lieutenant Bhawana Kanth) भारतीय वायुसेना की पहली ऐसी महिला पायलट बन गई हैं जिन्होंने फाइटर जेट में कॉम्बेट मिशन (Combat Missions) पर जाने की योग्यता हासिल की है।
- भावना कंठ ने ‘Operational By Day’ मिग-21 बाइसन (MiG-21 ‘Bison’) एयरक्राफ्ट पर कॉम्बेट मिशन में भाग लेने हेतु ऑपरेशनल सिलेबस पूरा कर लिया है।
- ‘Operational By Day’ के लिये पायलट को अपने सिलेबस को पूरा करना होता है, जो उन्हें दिन के दौरान उड़ान भरने के लिये उचित घोषित करता है।
- गौरतलब है कि रात्रि के समय किये जाने वाले अभियानों के प्रशिक्षण के पश्चात् भावना को रात में भी फाइटर जेट में युद्धक मिशन पर जाने की अनुमति मिल जाएगी।
- सरकारी आँकड़ों के अनुसार, थल सेना में 3.80%, वायु सेना में 13.09% और नौसेना 6% महिलाएँ कार्यरत हैं। इस वर्ष सरकार ने तीनों सेनाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्त्व को बढ़ाने के उद्देश्य से उन्हें सैन्य पुलिस में शामिल करने की योजना बनाई है।