प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट: 23 फरवरी, 2021
सिल्वर एंटिमनी टेल्युराइड: अपशिष्ट ऊष्मा के दोहन हेतु एक पदार्थ
Silver Antimony Telluride: A Material to Tap Waste Heat
बंगलूरू स्थित ‘जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च’ (Jawaharlal Nehru Centre for Advanced Scientific Research) के वैज्ञानिकों ने एक नए पदार्थ सिल्वर एंटिमनी टेल्युराइड (AgSbTe2) की खोज की है जो सभी प्रकार के घरेलू और औद्योगिक उपकरणों द्वारा उत्पादित अपशिष्ट ऊष्मा का दोहन करने में मदद कर सकता है और अन्य उपयोगी कार्यों को पूरा करने के लिये भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
- मूल रूप से यह पदार्थ थर्मो-इलेक्ट्रिक प्रभाव के लाभों का उपयोग करेगा। थर्मो-इलेक्ट्रिक प्रभाव में वह प्रक्रिया शामिल होती है जिसके द्वारा ऊष्मा, विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है।
प्रमुख बिंदु:
पृष्ठभूमि:
- परंपरागत रूप से थर्मो-इलेक्ट्रिक प्रभाव का प्रदर्शन दो अलग-अलग धातुओं का एक साथ उपयोग करके किया जाता है और इसके सिरों पर यांत्रिक रूप से दो अलग-अलग तापमान बनाए रखे जाते हैं लेकिन यह पदार्थ कुशल या किफायती समाधान प्रदान नहीं करता है।
- इसके अलावा अधिकांश पदार्थ जो विद्युत के सुचालक होते हैं, ऊष्मा के भी अच्छे सुचालक होते हैं। इसका अर्थ है कि इस पदार्थ के दोनों सिरे के बीच बहुत लंबे समय तक तापमान में कोई महत्त्वपूर्ण अंतर नहीं होगा।
- आज तक सबसे कुशल थर्मो-इलेक्ट्रिक पदार्थों में सीसा एक प्रमुख घटक के रूप में उपयोग किया जाता है, लेकिन सीसा का पर्यावरण पर अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है जैसे- यह वायु प्रदूषण और मानव स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का भी कारण बनता है।
सिल्वर एंटिमनी टेल्युराइड (AgSbTe2):
- यह सिल्वर, कॉपर और टेल्युरियम से संश्लेषित एक नैनोमैटेरियल यौगिक है।
- यह एक क्रिस्टलीय ठोस है, जिसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन प्रवाहित होते हैं जो विद्युत प्रवाह को संचालित करने में मदद करते हैं लेकिन इसके लैटिस (परमाणु व्यवस्था) अनम्य होने के साथ-साथ काफी धीरे-धीरे कंपन करते हैं एवं ऊष्मा के प्रसार को रोकते हैं।
- इस प्रकार यह विद्युत का अच्छा सुचालक होने के साथ ऊष्मा का कुचालक है जो कि थर्मो-इलेक्ट्रिक प्रभाव के लिये अति महत्त्वपूर्ण गुण है।
- इसके विभिन्न प्रकार के संभावित अनुप्रयोग हैं। औद्योगिक प्रक्रियाएँ, बिजली संयंत्र एवं सभी प्रकार के घरेलू उपकरण पर्याप्त मात्रा में अपशिष्ट ऊष्मा का उत्पादन करते हैं जिसका उपयोग महत्त्वपूर्ण कार्यों को करने में किया जा सकता है।
- उदाहरण के लिये लैपटॉप से निकलने वाली ऊष्मा का उपयोग मोबाइल फोन को चार्ज करने के लिये किया जा सकता है या किसी फोन की ऊष्मा को एक छोटी घड़ी को चार्ज करने के लिये प्रयोग किया जा सकता है।
चुनौती:
- ऊर्जा रूपांतरण अत्यधिक कुशल प्रक्रिया नहीं है। आमतौर पर अपशिष्ट ऊष्मा के 15-20% से अधिक का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 फरवरी, 2021
होशंगाबाद का नाम परिवर्तन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के ‘होशंगाबाद’ शहर का नाम बदलकर ‘नर्मदापुरम’ करने की घोषणा की है। मध्य प्रदेश का यह अद्भुत और सुंदर शहर होशंगाबाद, मध्य नर्मदा घाटी और सतपुड़ा पठार के उत्तरी किनारे पर स्थित है। इस शहर को प्रारंभ में ‘नर्मदापुरम’ के नाम से ही जाना जाता था, हालाँकि बाद में शहर का नाम बदलकर ‘मालवा’ के पहले शासक होशंग शाह के नाम पर ‘होशंगाबाद’ कर दिया गया। होशंगाबाद ज़िला, मध्य प्रांत और बरार के नेरबुड्डा (नर्मदा) प्रभाग का हिस्सा था, जो वर्ष 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद मध्य भारत (बाद में मध्य प्रदेश) का राज्य बन गया। यह शहर नर्मदा नदी के किनारे अपने खूबसूरत घाटों के लिये प्रसिद्ध है, सेठानी घाट एक प्रमुख आकर्षण है। यह घाट तवा और नर्मदा नदियों के संगम से लगभग 7 किमी. की दूरी पर स्थित है। होशंगाबाद की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर है और यह सोयाबीन के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। दो मुख्य नदियाँ- नर्मदा और तवा होशंगाबाद ज़िले से होकर बहती हुई बांद्राभान गाँव में मिलती हैं।
नोवाक जोकोविच
सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट का पुरुष सिंगल खिताब जीत लिया है। नोवाक जोकोविच ने ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में रूस के डेनियल मेदवेदेव को पराजित किया। जोकोविच का जन्म 22 मई, 1987 को बेलग्रेड, सर्बिया में हुआ था। नोवाक जोकोविच ने 4 वर्ष की आयु में टेनिस खेलना शुरू कर दिया था और 13 वर्ष की आयु में वे प्रशिक्षण के लिये जर्मनी चले गए। ज्ञात हो कि नोवाक जोकोविच अब तक कुल 9 ऑस्ट्रेलियन ओपन टेनिस टूर्नामेंट्स जीत चुके हैं। ऑस्ट्रेलियन ओपन चार ग्रैंड स्लैम टेनिस टूर्नामेंट्स में से एक है, अन्य तीन ग्रैंड स्लैम- फ्रेंच ओपन, विंबलडन और यूएस ओपन हैं। इन ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट्स का संचालन इंटरनेशनल टेनिस फेडरेशन (ITF) द्वारा किया जाता हैं।
महिलाओं को संपत्ति में सह-स्वामित्व
उत्तराखंड सरकार ने पति की पैतृक संपत्ति में महिलाओं को सह-स्वामित्व का अधिकार देने से संबंधित अध्यादेश जारी किया है। यह अध्यादेश राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों से व्यापक पैमाने पर आजीविका की तलाश में पुरुषों के प्रवासन को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है। अध्यादेश का उद्देश्य उन महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना है, जो प्रायः पुरुषों के प्रवासन के बाद पीछे छूट जाती हैं और उन्हें अपनी आजीविका के लिये कृषि पर निर्भर रहना पड़ता है। इस अध्यादेश के माध्यम से उत्तराखंड सरकार, अन्य राज्य सरकारों के लिये एक उदाहरण प्रस्तुत करेगी, ताकि अन्य राज्य भी इस दिशा में कदम उठा सकें। भारतीय समाज के पारंपरिक ताने-बाने में पुरुष और महिला दोनों ही समान रूप से कृषि गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं। हालाँकि महिलाओं की पूर्ण भागीदारी के बावजूद उन्हें संपत्ति में स्वामित्व नहीं दिया जाता है। स्वामित्व न होने के कारण प्रायः महिलाओं को कृषि संबंधी गतिविधियों के लिये ऋण भी नहीं मिल पाता है। निर्वाचन आयोग के आँकड़ों की मानें तो उत्तराखंड के कुल 78.15 लाख मतदाताओं में से तकरीबन 37.40 लाख महिलाएँ हैं और राज्य सरकार के इस निर्णय से काफी सहायता मिलेगी।
विश्व पैंगोलिन दिवस
पैंगोलिन के महत्त्व और वैश्विक स्तर पर इसकी मौजूदा स्थिति को लेकर जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रतिवर्ष फरवरी माह के तीसरे शनिवार को विश्व पैंगोलिन दिवस के रूप में मनाया जाता है। पैंगोलिन एक विशाल चींटीखोर (Anteater) स्तनपायी है, जिसकी पीठ पर शल्कनुमा संरचना बनी होती है। पैंगोलिन पृथ्वी पर सबसे अधिक अवैध रूप से तस्करी किये जाने वाले स्तनधारी जीव हैं, आँकड़ों की मानें तो प्रतिवर्ष 200,000 से अधिक पैंगोलिन का शिकार किया जाता है और उनकी अवैध रूप से तस्करी की जाती है। इनका वज़न लगभग 3 पाउंड से लेकर 75 पाउंड तक हो सकता है। वर्तमान में पैंगोलिन की केवल आठ प्रजातियाँ मौजूद हैं, हालाँकि अतीत में विलुप्त हो चुकी कई प्रजातियों के जीवाश्मों की खोज की गई है। इसमें से चार प्रजातियाँ उप-सहारा अफ्रीका और चार प्रजातियाँ एशिया में पाई जाती हैं।