Mpemba प्रभाव
वैज्ञानिक Mpemba प्रभाव से इसके विरोधाभासी निष्कर्ष के कारण आकर्षित हुए हैं कि, समान परिस्थितियों में, गर्म जल ठंडे जल की तुलना में अधिक तेज़ी से जम सकता है।
- घटना के कारणों की पहचान करने के प्रयास में शोधकर्त्ताओं द्वारा कई अध्ययन किये गए हैं, लेकिन अभी तक व्यापक रूप से स्वीकृत निष्कर्ष पर नहीं पहुँचा जा सका है।
- संभावित कारणों में सूक्ष्म बुलबुले, वाष्पीकरण, ठंडे जल में पाले की उपस्थिति और उबलने से उत्पन्न यौगिकों का प्रभाव शामिल है।
- उबालकर गर्म किये गए जल में सूक्ष्म बुलबुले रह जाते हैं। ये संवहन को बढ़ावा देते हैं और जल ठंडा होने पर तेज़ी से गर्मी को स्थानांतरित करते हैं।
- वाष्पीकरण, एक एन्डोथर्मिक (ऊष्मा अवशोषित) प्रक्रिया, गर्म जल में तीव्र रूप से ऊष्मा हानि में योगदान करती है।
- गर्म जल का कम घनत्व संवहन को बढ़ाता है और ऊष्मा हस्तांतरण को तीव्र करता है, जिससे जमने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।
- ठंडे जल में पाले की उपस्थिति एक इंसुलेटर के रूप में कार्य कर सकती है, इससे ठंडे जल का हिमांक बढ़ जाता है और ऊष्मा का ह्रास कम हो जाता है तथा हिमांक समय प्रभावित होता है।
- जल में कैल्शियम कार्बोनेट जैसे यौगिक उबलने से अवक्षेपित हो सकते हैं और फिर घुल जाते हैं, जिससे जल का हिमांक बढ़ जाता है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
स्रोत: पी.आई.बी
भारत के राष्ट्रपति ने हाल ही में 19 बच्चों को बहादुरी, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवाचार, सामाजिक सेवा, खेल तथा कला एवं संस्कृति में उनके उत्कृष्ट योगदान को मान्यता देते हुए विभिन्न श्रेणियों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (Pradhan Mantri Rashtriya Bal Puraskar- PMRBP) से सम्मानित किया।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) क्या है?
- परिचय:
- प्रत्येक वर्ष प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार का आयोजन बच्चों की ऊर्जा, दृढ़ संकल्प, क्षमता, जोश और उत्साह का जश्न मनाने के लिये किया जाता है।
- यह भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष विभिन्न क्षेत्रों यानी नवाचार, शैक्षिक उपलब्धियों, सामाजिक सेवा, कला एवं संस्कृति, खेल और बहादुरी में बच्चों की असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देने के लिये दिया जाता है।
- PMRBP के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार एक प्रमाण-पत्र और प्रशस्ति-पत्र दिया जाता है।
- पुरस्कार विजेताओं का चयन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री की अध्यक्षता में एक चयन समिति द्वारा किया गया था।
- यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस से पहले के सप्ताह में भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिये जाते हैं।
- पृष्ठभूमि:
- भारत सरकार बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिये पुरस्कार प्रदान करती रही है।
- बाल कल्याण के लिये पुरस्कार व्यक्तियों के साथ-साथ संस्थानों को भी प्रदान किये गए।
- ये पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में दिये गए:
- असाधारण उपलब्धियों के लिये राष्ट्रीय बाल पुरस्कार– वर्ष 1996 से।
- राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार (व्यक्तिगत) – वर्ष 1979 से।
- राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार (संस्था) – वर्ष 1979 से।
- राजीव गांधी मानव सेवा पुरस्कार– वर्ष 1994 से।
- वर्ष 2017-18 से ये पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों के तहत दिये गए:
- बाल शक्ति पुरस्कार (पहले राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के रूप में जाना जाता था)।
- बाल कल्याण पुरस्कार [व्यक्तिगत एवं संस्थान] (पहले राष्ट्रीय बाल कल्याण पुरस्कार के रूप में जाना जाता था)।
- वर्ष 2022 से बाल कल्याण पुरस्कार (व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों) को बंद कर दिया गया है और बाल शक्ति पुरस्कार को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार के अंतर्गत शामिल कर दिया गया है।
- ये पुरस्कार निम्नलिखित श्रेणियों में दिये गए:
- अर्हता:
- एक बच्चा जो भारतीय नागरिक है और भारत का निवासी है।
- यह पुरस्कार 5 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को प्रदान किया जाता है।
- किया गया कार्य/घटना/उपलब्धि की समय-सीमा वेबसाइट पर आवेदन/नामांकन की प्राप्ति की अंतिम तिथि से 2 वर्ष के अंतर्गत होनी चाहिये।
- पुरस्कार प्राप्तकर्त्ताओं की संख्या:
- पुरस्कार प्राप्तकर्त्ताओं की अधिकतम संख्या 25 होती है, हालाँकि राष्ट्रीय चयन समिति के विवेक पर इस अधिकतम संख्या में किसी भी छूट की अनुमति दी जा सकती है।
BHISHM क्यूब
प्रोजेक्ट आरोग्य मैत्री का भीष्म (भारत हेल्थ इनिशिएटिव फॉर सहयोग, हित एंड मैत्री- BHISHM) क्यूब, अयोध्या में स्थित एक अत्याधुनिक स्वदेशी मोबाइल अस्पताल, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर उद्घाटन के दौरान एक चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में एक जीवनरक्षक के रूप में उभरकर आया।
- आरोग्य मैत्री परियोजना में भारत प्राकृतिक आपदाओं या मानवीय संकटों के प्रभाव का सामना करने वाले किसी भी विकासशील देश को महत्त्वपूर्ण चिकित्सा संसाधनों की आपूर्ति करना शामिल है।
- BHISHM क्यूब को त्वरित प्रतिक्रिया और समग्र देखभाल पर बल देते हुए 200 हताहतों तक के उपचार के लिये तैयार किया गया है। यह एड क्यूब (Aid Cube) आपात स्थितियों के दौरान आपदा प्रतिक्रिया और चिकित्सा सहायता वृद्धि करने हेतु निर्मित कई नवोन्मेषी उपकरणों से युक्त है।
- यह क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं के प्रभावी समन्वय, वास्तविक समय की निगरानी और कुशल प्रबंधन को सुगम बनाने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence- AI) तथा डेटा एनालिटिक्स को एकीकृत करता है।
- BHISHM क्यूब की सफलता आपात स्थिति के दौरान तत्काल और प्रभावी चिकित्सा सहायता प्रदान करने में मोबाइल अस्पताल इकाइयों के महत्त्व को रेखांकित करती है।
भारत-मिस्र संयुक्त विशेष बल अभ्यास साइक्लोन
भारतीय सेना की टुकड़ी भारत-मिस्र संयुक्त विशेष बल अभ्यास साइक्लोन (CYCLONE) के दूसरे संस्करण में भाग ले रही है।
- यह अभ्यास मिस्र के अंशास में आयोजित किया जा रहा है। अभ्यास का पहला संस्करण वर्ष 2023 में भारत में आयोजित किया गया था।
- इस युद्धाभ्यास में, भारतीय दल का प्रतिनिधित्व पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है और 25 कर्मियों वाले मिस्र के दल का प्रतिनिधित्व मिस्र के कमांडो स्क्वाड्रन तथा मिस्र के एयरबोर्न प्लाटून द्वारा किया जा रहा है।
- युद्धाभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के अध्याय VII के तहत रेगिस्तानी/अर्द्ध रेगिस्तानी इलाकों में विशेष अभियानों की पृष्ठभूमि में दोनों पक्षों को एक-दूसरे की संचालन प्रक्रियाओं से परिचित कराना है।
भारत-किर्गिज़स्तान संयुक्त विशेष बल अभ्यास खंजर
भारत-किर्गिस्तान का 11वाँ संयुक्त विशेष बल अभ्यास खंजर हिमाचल प्रदेश के बकलोह स्थित विशेष बल प्रशिक्षण स्कूल में प्रारंभ हो गया है।
- यह अभ्यास 22 जनवरी से 3 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जाना है।
- 20 कर्मियों वाले भारतीय सेना के दल का प्रतिनिधित्व पैराशूट रेजिमेंट (विशेष बल) के सैनिकों द्वारा किया जा रहा है और किर्गिज़स्तान दल में 20 कर्मियों का प्रतिनिधित्व स्कॉर्पियन ब्रिगेड द्वारा किया जाता है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अध्याय-VII के अंतर्गत निर्मित क्षेत्र तथा पर्वतीय इलाकों में आतंकवाद विरोधी और विशेष बलों के संचालन में अनुभवों एवं श्रेष्ठ व्यवहारों का आदान-प्रदान करना है।
- यह अभ्यास अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद तथा चरमपंथ की साझी समस्याओं का समाधान करते हुए दोनों पक्षों को रक्षा संबंधों को मज़बूत बनाने का अवसर प्रदान करेगा।
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