प्रीलिम्स फैक्ट्स: 22 अक्तूबर, 2019
आज़ाद हिंद सरकार
Azad Hind Government
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय द्वारा 21 अक्तूबर, 2019 को दिल्ली के लाल किले में 'आज़ाद हिंद सरकार' की स्थापना के 76वें वर्ष के उपलक्ष्य में एक समारोह आयोजित किया गया।
आज़ाद हिंद सरकार:
- वर्ष 1943 में सुभाष चंद्र बोस द्वारा सिंगापुर में आज़ाद हिंद सरकार की अस्थायी रूप से स्थापना की गई थी।
- इस सरकार को जापान, जर्मनी, इटली जैसी ध्रुवीय शक्तियों द्वारा मान्यता प्रदान की गई थी।
आज़ाद हिंद सरकार का संगठन:
- इस सरकार में सुभाष चंद्र बोस प्रधानमंत्री थे और उनके पास ही युद्ध तथा विदेश मामलों से संबधित विभाग का प्रभार था।
- कैप्टन लक्ष्मी सहगल महिला संगठन की अध्यक्षा थीं, जबकि एस. ए. अय्यर को प्रचार और प्रसार विंग का प्रमुख नियुक्त किया गया था। क्रांतिकारी नेता रास बिहारी बोस को सर्वोच्च सलाहकार नियुक्त किया गया था।
आज़ाद हिंद सरकार की स्थापना की 75वीं वर्षगाँठ:
- पिछले वर्ष 21अक्तूबर को सुभाष चंद्र बोस द्वारा गठित आज़ाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में पट्टिका (Plaque) का अनावरण किया गया।
सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय
- 23 जनवरी, 2019 को सुभाष चंद्र बोस की 122वीं जयंती के उपलक्ष्य में लाल किले में सुभाष चंद्र बोस संग्रहालय का उद्घाटन किया गया।
सियाचिन
Siachen
रक्षा मंत्रालय द्वारा विश्व के सबसे ऊँचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में पर्यटकों को जाने की अनुमति प्रदान की गई है।
सियाचिन के बारे में:
- सियाचिन ग्लेशियर या सियाचिन हिमनद हिमालय की काराकोरम रेंज में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के समीप स्थित है।
- सामरिक दृष्टिकोण से यह स्थान अति-महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ पर भारत-पाकिस्तान की सीमाएँ मिलती हैं।
- भारत ने इस क्षेत्र में आपरेशन मेघदूत के तहत विजय प्राप्त की थी।
- पर्यावरण के दृष्टिकोण से यह अति-संवेदनशील क्षेत्र है इसलिये यहाँ पर मानवीय हस्तक्षेप को सीमित रखा गया था।
- हाल ही में यहाँ पर अत्यधिक प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या देखी गई है, इसलिये सेना इसके निपटान हेतु प्रयासरत है।
पर्यटन के निहितार्थ:
- इस क्षेत्र में विद्यमान पर्यटन संबंधी अपार संभावनाओं का समुचित लाभ उठाना।
- इस प्रकार की गतिविधियों से यहाँ के लोगों के लिये आजीविका के नए अवसर उत्पन्न करना।
- इस प्रकार की पहल से लद्दाख को विशेष रूप से फायदा मिलेगा।
स्किन-ऑन इंटरफेस
Skin-On Interface
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिस्टल के शोधकर्त्ताओं ने टेलीकॉम पेरिस टेक (Telecomm ParisTech) और फ्राँस की सोरबोन यूनिवर्सिटी (Sorbonne University) के साथ मिलकर एक स्किन-ऑन इंटरफेस (Skin-On Interfac) विकसित किया है, जो मानव त्वचा की बनावट एवं उसकी क्षमता (संवेदनशीलता) की नकल करता है।
किससे बना होता है इंटरफेस?
- इंटरफेस सिलिकान झिल्ली की परतों से बना है। इसलिये यह फोन के हार्ड केसिंग (Hard Casing) की तुलना में अधिक व्यावहारिक है और उपयोगकर्त्ताओं द्वारा किये गए संकेत को समझ सकता है।
यह किस प्रकार कार्य करता है?
- कृत्रिम त्वचा इस उपकरण के माध्यम से उपयोगकर्त्ता के स्पर्श को स्थान (Location) एवं दबाव (Pressure) के साथ समझ लेती है। इस प्रकार यह गुदगुदी (Tickling) और प्रेम/ध्यान रखने (Caressing) जैसी गतिविधियों को पहचान सकती है।
संभावनाएँ:
- इस प्रकार का शोध फोन, विअरेबल्स (Wearables) और कंप्यूटर जैसे इंटरैक्टिव उपकरणों में प्रयुक्त होने वाली स्पर्श प्रौद्योगिकी (Touch Technology) को अधिक विकसित कर सकता है।
स्मार्ट ड्रैगन
Smart Dragon
चीन ने वाणिज्यिक वाहक रॉकेटों (Commercial Carrier Rockets) की नई पीढ़ी स्मार्ट ड्रैगन (Smart Dragon- SD) का अनावरण किया है।
विशेषताएँ:
- ठोस ईंधन संचालित इस रॉकेट के माध्यम से 1.5 टन तक के पेलोड को प्रक्षेपित किया जा सकता है।
- स्मार्ट ड्रैगन रॉकेट, स्मार्ट ड्रैगन-1,2,3 लॉन्च वाहनों से बना है।
वित्तीयन:
- वाणिज्यिक रॉकेटों के अनुसंधान के क्षेत्र में चीन नवाचार और क्षमता निर्माण तथा पुन: प्रयोज्य लॉन्च वाहनों के विकास के लिये चरणबद्ध तरीके से जनता से 10 बिलियन युआन जुटाएगा ।
उद्देश्य:
- इस रॉकेट के अनावरण का उद्देश्य घरेलू और वैश्विक वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रक्षेपण की बढ़ती क्षमता का लाभ उठाना है।
भारत के लिये चिंताएँ:
- कुछ दिनों पहले भारत ने 104 उपग्रहों का एक साथ सफल प्रक्षेपण किया था। वर्तमान में भारत वाणिज्यिक अंतरिक्ष उद्योग चीन से बेहतर स्थिति में है।
- चीन के इस प्रकार के परीक्षण से भारत के लिये कठिन चुनौती उत्पन्न होगी।