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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 22 Jul, 2021
  • 7 min read
विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 जुलाई, 2021

ब्रिटिश ग्रैंड प्रिक्स

ब्रिटिश फाॅर्मूला वन रेसर ‘लुईस हैमिल्टन’ ने हाल ही में रिकॉर्ड आठवीं बार ‘ब्रिटिश ग्रैंड प्रिक्स’ का खिताब अपने नाम कर लिया है। इस स्पर्द्धा में मोनाको के रेसर ‘चार्ल्स लेक्लेर्क’ को दूसरे, जबकि ‘लुईस हैमिल्टन’ की मर्सीडीज़ टीम के ‘वाल्टेरी बोटास’ तीसरे स्थान पर रहे। 07 जनवरी, 1985 को इंग्लैंड में जन्मे रेस-कार ड्राइवर ‘लुईस हैमिल्टन’ को वर्तमान में सबसे सफल फॉर्मूला वन (F1) ‘ग्रैंड प्रिक्स रेसिंग ड्राइवरों में से एक माना जाता है। वर्ष 2008 में वह  फाॅर्मूला वन वर्ल्ड ड्राइवर्स चैंपियनशिप जीतने वाले पहले अश्वेत ड्राइवर बने थे। हैमिल्टन ने अपने ड्राइविंग कॅरियर की शुरुआत मात्र आठ वर्ष की उम्र में की थी और 10 वर्ष की उम्र में ब्रिटिश कार्ट चैंपियनशिप जीती थी। 15 वर्ष की उम्र में वह रेसिंग में नंबर एक स्थान पाने वाले सबसे कम उम्र के ड्राइवर बने थे। ‘ब्रिटिश ग्रैंड प्रिक्स’ रॉयल ऑटोमोबाइल क्लब द्वारा यूनाइटेड किंगडम में आयोजित की जाने वाली एक ग्रैंड प्रिक्स मोटर रेस है, जिसका आयोजन पहली बार वर्ष 1926 में किया गया था। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वर्ष 1948 से ‘ब्रिटिश ग्रैंड प्रिक्स’ को प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस

विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस (International Chess Day) मनाया जाता है, इसका आयोजन प्रत्येक वर्ष 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ (International Chess Federation-FIDE) के स्थापना दिवस की याद में किया जाता है। हाल ही में 20 जुलाई, 2021 को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ (FIDE) की 97वीं वर्षगाँठ मनाई गई। दुनिया भर में खेले जाने वाले शतरंज को हमारे युग के सबसे पुराने खेलों में शामिल किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ (FIDE) अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शतरंज के खेल का शासी निकाय है और यह सभी अंतर्राष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं को नियंत्रित करता है। एक गैर-सरकारी संस्थान के रूप में अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ (FIDE) की स्थापना 20 जुलाई, 1924 को पेरिस (फ्रांँस) में की गई थी। गौरतलब है कि वर्ष 1966 से प्रतिवर्ष 20 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। ध्यातव्य है कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वर्ष 1999 में अंतर्राष्ट्रीय शतरंज संघ (FIDE) को एक वैश्विक खेल संगठन के रूप में मान्यता प्रदान की थी। 

स्पेस राइस

हाल ही में चीन ने ‘स्पेस राइस’ की अपनी पहली फसल की कटाई की है, चीन ने नवंबर में ‘चांग ई-5’ मिशन के तहत 23 दिवसीय चंद्र यात्रा के दौरान चावल के बीज भेजे थे। ब्रह्मांडीय विकिरण और शून्य गुरुत्वाकर्षण के संपर्क में आने के बाद लगभग 40 ग्राम वज़न वाले इन बीजों पर चीन के ‘अंतरिक्ष प्रजनन अनुसंधान केंद्र’ में अनुसंधान किया जा रहा है। ज्ञात हो कि वैज्ञानिकों का मानना है कि अंतरिक्ष में पर्यावरण के संपर्क में आने वाले चावल के बीज पृथ्वी पर उत्परिवर्तित हो सकते हैं और अधिक पैदावार दे सकते हैं। चीन 1987 से चावल और अन्य फसलों के बीज अंतरिक्ष में ले जा रहा है और उन पर अनुसंधान कर रहा है। चीन में कपास और टमाटर सहित 200 से अधिक पौधों की किस्मों को अंतरिक्ष में रोपण के लिये अनुमोदित किया गया है। वर्ष 2018 में चीन में स्वीकृत अंतरिक्ष फसलों के लिये कुल वृक्षारोपण क्षेत्र 2.4 मिलियन हेक्टेयर से अधिक तक पहुँच गया था। ज्ञात हो कि पृथ्वी के जीवों पर ब्रह्मांडीय किरणों का ज़ीरो ग्रेविटी प्रभाव को जानने के उद्देश्य से अंतरिक्ष प्रजनन वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय के लिये सदैव काफी महत्त्वपूर्ण रहा है।

आदर्श स्मारक योजना

‘आदर्श स्मारक योजना’ के तहत आंध्र प्रदेश में तीन स्मारकों की पहचान की गई है, जिसका उद्देश्य उन्हें अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान कर पर्यटकों के अनुकूल बनाना है। केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने संसद को सूचित किया है कि ‘आदर्श स्मारक योजना’ के तहत गुंटूर के नागार्जुनकोंडा में मौजूद स्मारकों, श्रीकाकुलम के सालिहुंडम में बौद्ध अवशेषों और अनंतपुर में वीरभद्र मंदिर (लेपाक्षी) को ‘आदर्श स्मारक’ के रूप में चुना गया है तथा इसके तहत इन स्थानों पर वाई-फाई, कैफेटेरिया एवं व्याख्या केंद्र जैसी अतिरिक्त सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी, ताकि इन क्षेत्रों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सके। ‘आदर्श स्मारक योजना’ की शुरुआत वर्ष 2014 में ऐतिहासिक स्मारकों में आगंतुकों (मुख्यतः शारीरिक रूप से अक्षम लोगों) को बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराने लिये की गई थी। यह योजना संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आती है। इन स्थलों पर नागरिक सुविधाओं में वृद्धि का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान में आंध्र प्रदेश में केंद्रीय रूप से संरक्षित 135 स्मारक और स्थल मौजूद हैं।


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