प्रिलिम्स फैक्ट: 22 अप्रैल, 2021
रिस्पॉन्ड प्रोग्राम: इसरो
RESPOND Program : ISRO
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) ने घोषणा की है कि वह IIT- दिल्ली स्थित स्पेस टेक्नोलॉजी सेल (Space Technology Cell) की आठ संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं का समर्थन करेगा।
- इसरो ने अपने रिस्पॉन्ड प्रोग्राम (RESPOND Programme) के अंतर्गत इन परियोजनाओं का समर्थन किया है।
प्रमुख बिंदु
- इसरो ने वर्ष 1970 के दशक में रिस्पॉन्ड प्रोग्राम (अनुसंधान प्रायोजित) शुरू किया था, जिसका उद्देश्य विभिन्न अंतरिक्ष अनुसंधान गतिविधियों में भाग लेने और योगदान के लिये शिक्षाविदों को प्रोत्साहित करना था।
- इसरो इस प्रोग्राम के अंतर्गत भारत में शैक्षणिक संस्थानों में अंतरिक्ष विज्ञान, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों से संबंधित अनुसंधान तथा विकास गतिविधियों के संचालन के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
- यह इसरो का एकेडेमिया (Academia) में अंतरिक्ष के उभरते क्षेत्रों पर बाह्य अनुसंधान को बढ़ावा देने वाला प्रमुख प्रोग्राम है।
- यह शैक्षणिक संस्थानों में अंतरिक्ष कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिये मानव संसाधन, शैक्षणिक आधार और बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- भारत अपना पहला मानव अंतरिक्षयान मिशन गगनयान (Gaganyaan) लॉन्च करने जा रहा है, जहाँ भारतीय अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष प्रयोग के लिये समय व्यतीत करेंगे। यह महत्त्वाकांक्षी मिशन देश को भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिये तैयार करने में मदद करेगा।
- रिस्पॉन्ड इम्प्रिंट (IMPacting Research INnovation and Technology) और उच्च्तर अविष्कार योजना (Uchhatar Avishkar Yojana) जैसे राष्ट्रीय मिशनों में भी भाग ले रहा।
इम्प्रिंट प्रोग्राम
- यह योजना मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) द्वारा वर्ष 2015 में शुरू की गई थी।
- यह भारत के लिये महत्त्वपूर्ण दस प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में प्रमुख इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी चुनौतियों के समाधान हेतु अनुसंधान के लिये एक खाका विकसित करने से संबंधित देश भर के IIT एवं IISC की संयुक्त पहल है।
- इम्प्रिंट मुख्यतः सामाजिक रूप से प्रासंगिक अनुसंधान को व्यापक दृष्टि प्रदान करता है।
उच्चतर अविष्कार योजना
- इस योजना को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने वर्ष 2015 में लॉन्च किया था।
- यह उच्च स्तर के नवाचार को बढ़ावा देती है जो सीधे उद्योग की ज़रूरतों को प्रभावित करती है और इस तरह भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्परर्द्धा स्थिति को बेहतर बनाती है।
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 अप्रैल, 2021
संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘खंजर’
हाल ही में भारत और किर्गिज़स्तान के विशेष बलों ने आतंकवाद विरोधी गतिविधियों पर केंद्रित सैन्य अभ्यास की शुरुआत की है। ‘खंजर’ नामक इस सैन्य अभ्यास को की राजधानी बिश्केक में किया जा रहा है। यह भारत और किर्गिज़स्तान के संयुक्त विशेष बलों के बीच आयोजित होने वाले ‘खंजर' सैन्य अभ्यास का आठवाँ संस्करण है। वर्ष 2011 में शुरू हुआ दो सप्ताह लंबा ‘खंजर' सैन्य अभ्यास मुख्य तौर पर ऊँचाई वाले तथा पहाड़ी क्षेत्रों और आतंकवाद एवं अतिवाद पर केंद्रित है। मध्य एशिया का देश किर्गिज़स्तान उत्तर-पश्चिम और उत्तर में कज़ाखस्तान, दक्षिण-पूर्व में चीन तथा दक्षिण-पश्चिम में ताजिकिस्तान एवं उज़्बेकिस्तान के साथ अपनी सीमा साझा करता है। किर्गिज़स्तान की राजधानी बिश्केक है। किर्गिज़स्तान में मुख्य तौर पर मुस्लिम और ईसाई आबादी पाई जाती है। किर्गिज़स्तान वर्ष 1991 में एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अस्तित्त्व में आया था और तभी से भारत तथा किर्गिज़स्तान के बीच सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय संबंध बने हुए हैं। वर्ष 1992 में भारत, किर्गिज़स्तान के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला देश था। वर्ष 2018 में भारत और किर्गिज़स्तान ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किये थे, जिनमें से एक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने और वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास आयोजित करने से संबंधित था।
संयुक्त राष्ट्र के तीन प्रमुख निकायों में भारत का चुनाव
भारत को ‘संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद’ (ECOSOC) के तीन प्रमुख निकायों के लिये चुना गया है। इन निकायों में ‘कमीशन ऑन क्राइम प्रिवेंशन एंड क्रिमिनल जस्टिस’ (CCPCJ), ‘यूएन वीमेन' का कार्यकारी बोर्ड और ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम’ (WFP) का कार्यकारी बोर्ड शामिल हैं। वियना स्थित ‘कमीशन ऑन क्राइम प्रिवेंशन एंड क्रिमिनल जस्टिस’ अपराध रोकथाम और आपराधिक न्याय के क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख नीति-निर्माण निकाय के रूप में कार्य करता है। CCPCJ में कुल 40 सदस्य देश हैं, जिन्हें ECOSOC द्वारा चुना जाता है। वहीं ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम’ संयुक्त राष्ट्र की खाद्य-सहायता शाखा है, जो वैश्विक स्तर पर भुखमरी की समस्या से लड़ने और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य करता है। विश्व खाद्य कार्यक्रम का कार्यकारी बोर्ड उसका सर्वोच्च शासी निकाय है। यह बोर्ड WFP की गतिविधियों को अंतर-सरकारी समर्थन, नीति निर्देशन और पर्यवेक्षण प्रदान करता है, इसमें कुल 36 देश शामिल हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष 2010 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा गठित ‘यूएन वीमेन' मुख्य तौर पर महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तीकरण के क्षेत्र में कार्य करता है। ‘यूएन वीमेन' के कार्यकारी बोर्ड में कुल 41 देश शामिल होते हैं, जिन्हें क्षेत्रीय आधार पर चुना जाता है।
ब्लू नेचर एलायंस
आगामी पाँच वर्षों में महत्त्वपूर्ण जलीय क्षेत्रों और महासागरों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिये एक नई वैश्विक समुद्री पहल शुरू की गई है। ‘ब्लू नेचर एलायंस’ नामक इस पहल को विभिन्न परोपकारी संगठनों, राष्ट्रीय सरकारों, स्थानीय समुदायों, स्वदेशी लोगों, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों के सहयोग से शुरू किया गया है। ‘ब्लू नेचर एलायंस’ प्रारंभ में अपने संरक्षण कार्यों के तहत 4.8 मिलियन वर्ग किलोमीटर (1.9 मिलियन वर्ग मील) क्षेत्र में फैले तीन समुद्री क्षेत्रों यथा- फिजी का लाउ सीस्केप, अंटार्कटिका का दक्षिणी महासागर और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में ट्रिस्टन दा कुन्हा द्वीप को कवर करेगा। इस पहल का प्राथमिक उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के कारण सबसे अधिक प्रभावित होने वाले स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर कार्य करना है और ऐसे में यह पहल समुद्री संरक्षण में मददगार होने के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र का लचीलापन बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकती है। पृथ्वी की सतह के दो-तिहाई से अधिक हिस्से पर मौजूद महासागर मानवीय जीवन को काफी अधिक प्रभावित करते हैं और ये तटीय या छोटे द्वीप क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की आजीविका के लिये विशेष तौर पर महत्त्वपूर्ण होते हैं। इसके बावजूद दुनिया भर में महासागर गंभीर तनाव का सामना कर रहे हैं।
शिव सुब्रमणियम रमण
हाल ही में शिव सुब्रमणियम रमण ने भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला है। इस संबंध में जारी आधिकारिक सूचना के मुताबिक, सुब्रमणियम रमण की नियुक्ति कुल वर्षीय कार्यकाल के लिये की गई है। इस नियुक्ति से पूर्व सुब्रमणियम रमण राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ लिमिटेड (NeSL) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में सेवारत थे। तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले सुब्रमणियम रमण वर्ष 1991 बैच के भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा सेवा (IA&AS) अधिकारी हैं। इसके अलावा वे वर्ष 2015-2016 के झारखंड के प्रधान महालेखाकार के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। वहीं भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) की स्थापना 2 अप्रैल, 1990 को संसद के एक अधिनियम के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र के संवर्द्धन, वित्तपोषण और विकास हेतु एक प्रमुख वित्तीय संस्था के रूप में की गई थी।