प्रीलिम्स फैक्ट्स: 22 अप्रैल, 2020
पृथ्वी दिवस-2020
Earth Day-2020
प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस (Earth Day) मनाया जाता है।
थीम:
- इस वर्ष पृथ्वी दिवस का थीम ‘जलवायु कार्रवाई’ (Climate Action) है।
उद्देश्य:
- इसका मुख्य उद्देश्य पृथ्वी एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना है।
मुख्य बिंदु:
- इस वर्ष अर्थात् 22 अप्रैल, 2020 को पृथ्वी दिवस के 50 वर्ष पूरे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1970 में अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन (Gaylord Nelson) ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पृथ्वी दिवस की शुरुआत की थी जिसके बाद से विश्व में पृथ्वी दिवस मनाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
- अमेरिकी सीनेटर गेलोर्ड नेल्सन (Gaylord Nelson) को ‘पृथ्वी दिवस के जनक’ के रूप में जाना जाता है।
- वर्ष 1970 में पहले पृथ्वी दिवस की शुरुआत के साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका में कई महत्त्वपूर्ण पर्यावरणीय कानून पारित किये गए, जिनमें वर्ष 1970 में स्वच्छ वायु अधिनियम, स्वच्छ जल अधिनियम एवं लुप्तप्राय प्रजाति अधिनियमन के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (Environmental Protection Agency- EPA) का गठन भी शामिल था। इसके बाद विश्व के अनेक देशों में ऐसे ही पर्यावरणीय कानून पारित किये गए।
- पहले पृथ्वी दिवस को आधुनिक पर्यावरण आंदोलन शुरू करने का श्रेय दिया जाता है और अब इसे विश्व भर में जन जागरूकता आंदोलन के रूप में मान्यता दी गई है। जिसमें 192 देशों के अरबों नागरिक पृथ्वी के संरक्षण का संकल्प लेते हैं। इस दिन उत्तरी ध्रुव में वसंत तो दक्षिणी ध्रुव में शरद ऋतु होती है।
- गौरतलब है कि इसके अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के कारण वर्ष 2016 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु ऐतिहासिक पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर के लिये पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल, 2016) के दिन को ही चुना गया था।
ई-रक्तकोष पोर्टल
e-RaktKosh Portal
COVID-19 की स्थिति के मद्देनज़र केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री (Union Minister of Health and Family Welfare) ने 21 अप्रैल, 2020 को बताया कि प्रत्येक रक्त समूह के वर्तमान भंडार की रियल टाइम स्थिति की निगरानी के लिये ऑनलाइन पोर्टल ‘ई-रक्तकोष’ (e-RaktKosh) का उपयोग किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने ब्लड बैंकों में रक्त की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये सभी राज्यों/संघ शासित क्षेत्रों के स्वास्थ्य विभागों को पत्र लिखा है क्योंकि थैलेसेमिया, सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia) और हीमोफीलिया जैसे रक्त विकारों से पीड़ित लोगों के लिये नियमित रूप से रक्त-आधान काफी अहम है।
- COVID-19 प्रबंधन हेतु सहयोगी दृष्टिकोण के तहत, इंडियन रेड क्रॉस (Indian Red Cross) ने रक्त सेवाओं के लिये दिल्ली में एक 24X7 नियंत्रण कक्ष शुरू किया है।
ई-रक्तकोष पोर्टल:
- ई-रक्तकोष की शुरुआत 7 अप्रैल, 2016 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा की गई थी।
- यह एक एकीकृत ब्लड बैंक प्रबंधन सूचना प्रणाली (Blood Bank Management Information System) है, जिसे सभी हितधारकों के साथ विकसित किया गया है। यह वेब-आधारित तंत्र राज्य के सभी ब्लड बैंकों को एक ही नेटवर्क से एकीकृत करता है।
- एकीकृत ब्लड बैंक प्रबंधन सूचना प्रणाली का तात्पर्य विभिन्न सक्रिय डेटा की प्राप्ति, सत्यापन, भंडारण तथा परिसंचरण और रक्तदान एवं आधान सेवा (Transfusion Service) के बारे में इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त जानकारी से है।
- यह एप्लिकेशन न केवल एक मोबाइल पर निकटतम ब्लड बैंक की जानकारी प्रदान करेगा बल्कि किसी दिये गए क्षेत्र में विशेष रक्त समूह की उपलब्धता के बारे में भी बतायेगा।
- ई-रक्तकोष, ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट (Drug & Cosmetic Act), राष्ट्रीय रक्त नीति (National Blood Policy) के मानकों और रक्त के उचित संग्रह एवं दान तथा प्रभावी प्रबंधन व दान किये गए रक्त की गुणवत्ता एवं मात्रा की निगरानी के दिशा-निर्देशों को लागू करता है।
COVID इंडिया सेवा
COVID India Seva
22 अप्रैल, 2020 को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने COVID-19 महामारी के दौरान संचार का प्रत्यक्ष चैनल स्थापित करने के लिये परस्पर संवादात्मक प्लेटफॉर्म 'COVID इंडिया सेवा' (COVID India Seva) की शुरुआत की।
उद्देश्य:
- इसका उद्देश्य COVID-19 जैसी संकट की स्थिति के दौरान रियल टाइम में पारदर्शी ई-गवर्नेंस सेवाओं को सक्रिय करना और बड़े पैमाने पर नागरिकों के प्रश्नों का उत्तर देना है।
मुख्य बिंदु:
- यह (@CovidIndiaSeva) एक डैशबोर्ड के माध्यम से कार्य करता है जो बड़ी मात्रा में ट्वीट् किये गए मैसेजों को संशोधित करने में मदद करता है उन्हें समाधान योग्य बनाता है और फिर उन्हें रियल टाइम समाधान के लिये संबंधित प्राधिकरण को सौंपता है।
- इसकी मदद से प्रशिक्षित विशेषज्ञ, नागरिकों के साथ संचार के लिये एक प्रत्यक्ष चैनल निर्मित करके बड़े पैमाने पर आधिकारिक सार्वजनिक स्वास्थ्य जानकारी साझा करेंगे।
- गौरतलब है कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से व्यापक प्रश्नों एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सूचनाओं से संबंधित नागरिकों के प्रश्नों के जवाब दिया जायेगा। जिससे लोगों को व्यक्तिगत संपर्क विवरण या स्वास्थ्य रिकॉर्ड विवरण साझा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
संयम
Saiyam
हाल ही में पुणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने स्मार्ट सिटीज़ मिशन (Smart Cities Mission) के तहत ‘संयम’ (Saiyam) नाम से एक मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है।
मुख्य बिंदु:
- इस एप्लिकेशन का प्रयोग प्रभावी रूप से होम-क्वारंटाइन नागरिकों को ट्रैक करने और यह सुनिश्चित करने के लिये कि वे वास्तव में घर में रह रहे हैं या नहीं, में किया जाएगा।
- इस मोबाइल एप्लिकेशन में जीपीएस ट्रैकिंग सुविधा होने के कारण जब भी क्वारंटाइन नागरिक अपना घर छोड़ता है तो यह शहरी प्रशासन को सतर्क करता है।
- जिससे इस एप की मदद से शहरी प्रशासन मॉनिटरिंग सेल से रियल टाइम के आधार पर नागरिकों के आवागमन की निगरानी कर सकता है और आवागमन को लाल, पीले या हरे रंग के रूप में चिह्नित कर सकता है।
- लाल रंग: व्यक्ति लंबी अवधि के लिये बाहर गया है।
- पीला रंग: व्यक्ति सीमित क्षेत्र में सीमित समय के लिये गया है।
- हरा रंग: व्यक्ति घर की सीमा तक ही सीमित है।
- इसके अतिरिक्त पुणे के शहरी प्रशासन ने दैनिक आधार पर होम-क्वारंटाइन लोगों की जाँच करने हेतु पाँच क्षेत्रों के लिये टीमों की नियुक्ति की है।
- ये टीमें हाल ही में विदेशों से लौटने वाले और COVID-19 के उपचार के बाद डिस्चार्ज होने वाले लोगों की नियमित जाँच करेंगी। तदनुसार, ये टीमें क्वारंटाइन लोगों से स्वास्थ्य की स्थिति और उनके संपर्क में आए व्यक्तियों के विवरण पर जानकारी मांगेंगी। तथा यह भी जाँचेंगी कि क्या उनके लिये अलग भोजन, बिस्तर, बर्तन, कपड़े और वॉशरूम प्रदान किये जाते हैं या नहीं।
इस प्रकार पुणे शहरी प्रशासन ने होम-क्वारंटाइन नागरिकों की निगरानी के लिये प्रौद्योगिकी समाधान के पूरक प्रशासनिक उपाय किये हैं।