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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 22 Mar, 2022
  • 16 min read
प्रारंभिक परीक्षा

अभ्यास लामितिये 2022

भारतीय सेना और सेशेल्स रक्षा बलों (एसडीएफ) के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास लामितिये 2022 (LAMITIYE 2022) के नौवें संस्करण के लिये भारतीय सेना का एक दल सेशेल्स पहुँच गया है।

  • सेशल्स पश्चिमी हिंद महासागर में एक द्वीप समूह है, जिसमें लगभग 115 द्वीप हैं।

Seychelles

प्रमुख बिंदु

  • लामितिये का ‘क्रेओल’ भाषा में मतलब दोस्ती है, यह वर्ष 2001 से सेशल्स में आयोजित होने वाला एक द्विवार्षिक प्रशिक्षण सैन्य अभ्यास है।
  • इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं के बीच कौशल, अनुभव और अच्छी प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के अलावा द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को बनाना और बढ़ावा देना है।
  • वर्तमान वैश्विक स्थिति और हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं की पृष्ठभूमि में दोनों देशों द्वारा सामना की जाने वाली सुरक्षा चुनौतियों के संदर्भ में सैन्य अभ्यास लामितिये महत्त्वपूर्ण है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

नवरोज़

हाल ही में प्रधानमंत्री ने नवरोज़ (21 मार्च, 2022) के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएँ दीं।

प्रमुख बिंदु

  • नवरोज़ को पारसी नववर्ष के नाम से भी जाना जाता है।
  • फारसी में 'नव' का अर्थ है नया और 'रोज़' का अर्थ है दिन, जिसका शाब्दिक अर्थ है 'नया दिन'(New Day)।
  • हालांँकि वैश्विक स्तर पर इसे मार्च में मनाया जाता है। नवरोज़ भारत में 200 दिन बाद आता है और अगस्त के महीने में मनाया जाता है क्योंकि यहांँ पारसी शहंशाही कैलेंडर (Shahenshahi Calendar) को मानते हैं जिसमें लीप वर्ष नहीं होता है।
    • भारत में नवरोज़ को फारसी राजा जमशेद के नाम पर जमशेद-ए-नवरोज़ (Jamshed-i-Navroz) के नाम से भी जाना जाता है। 
    • राजा जमशेद को शहंशाही कैलेंडर बनाने का श्रेय दिया जाता है।
  • इस त्योहार की खास बात यह है कि भारत में लोग इसे वर्ष में दो बार मनाते हैं- पहला ईरानी कैलेंडर के अनुसार और दूसरा शहंशाही कैलेंडर के अनुसार, जिसका पालन भारत और पाकिस्तान के लोग करते हैं। यह त्योहार जुलाई और अगस्त माह के मध्य आता है।
  • इस परंपरा का पालन विश्व भर में ईरानियों और पारसियों द्वारा किया जाता है
  • वर्ष 2009 में नवरोज़ को यूनेस्को द्वारा भारत की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल  किया गया था।
    • इस प्रतिष्ठित सूची में उन अमूर्त विरासत तत्त्वों को शामिल किया जाता है जो सांस्कृतिक विरासत की विविधता को प्रदर्शित करने और इसके महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करते हैं।

यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की सूची में शामिल हैं: 

(1) वैदिक जप की परंपरा 
(2) रामलीला, रामायण का पारंपरिक प्रदर्शन 
(3) कुटियाट्टम, संस्कृत थिएटर 
(4) राममन, गढ़वाल हिमालय के धार्मिक त्योहार और धार्मिक अनुष्ठान, भारत 
(5) मुदियेट्टू, अनुष्ठान थियेटर और केरल का नृत्य नाटक 
(6) कालबेलिया लोकगीत और राजस्थान के नृत्य 
(7) छऊ नृत्य 
(8) लद्दाख का बौद्ध जप: हिमालय के लद्दाख क्षेत्र, जम्मू और कश्मीर, भारत में पवित्र बौद्ध ग्रंथों का पाठ 
(9) मणिपुर का संकीर्तन, पारंपरिक गायन, नगाड़े और नृत्य 
(10) पंजाब के ठठेरों द्वारा बनाए जाने वाले पीतल और तांबे के बर्तन 
(11) योग 
(12) नवरोज़, नोवरूज़, नोवरोज़, नाउरोज़, नौरोज़, नौरेज़, नूरुज़,नवरूज़, नेवरूज़
(13) कुंभ मेला
(14) कोलकाता की दुर्गा पूजा

पारसी धर्म (ज़ोरोएस्ट्रिनिइज़्म) 

  • पारसी धर्म/ज़ोरोएस्ट्रिनिइज़्म पारसियों द्वारा अपनाए जाने वाले सबसे पहले ज्ञात एकेश्वरवादी मतों में से एक है।
  • इस धर्म की आधारशिला 3,500 वर्ष पूर्व प्राचीन ईरान में पैगंबर जरथुस्त्र (Prophet Zarathustra) द्वारा रखी गई थी।
  • यह 650 ईसा पूर्व से 7वीं शताब्दी में इस्लाम के उद्भव तक फारस (अब ईरान) का आधिकारिक धर्म था और 1000 वर्षों से भी अधिक समय तक यह प्राचीन विश्व के महत्त्वपूर्ण  धर्मों में से एक था।
  • जब इस्लामी सैनिकों ने फारस पर आक्रमण किया, तो कई पारसी लोग भारत (गुजरात) और पाकिस्तान में आकर बस गए।
  • पारसी ('पारसी' फारसियों के लिये गुजराती है) भारत में सबसे बड़ा एकल समूह है। विश्व में इनकी कुल अनुमानित आबादी 2.6 मिलियन है।
  • पारसी अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों में से एक है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

विषाणुओं का पुनर्संयोजन

हाल ही में नेचर माइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में विषाणुओं/वायरस में उत्परिवर्तन (Mutation), बढ़ती अनुकूलता/अनुरूपता (Increased Fitness) और विषाणुओं के पुनर्संयोजन (Recombination Of Viruses) के बारे में कुछ बातें सामने आईं है।

प्रमुख बिंदु: 

शोध के प्रमुख बिंदु: 

  • शोध के अनुसार डीएनए वायरस (RNA Viruses) की तुलना में आरएनए वायरस (RNA Viruses) में उत्परिवर्तन की दर अधिक होती है।
    • हालांँकि अन्य आरएनए वायरस के विपरीत कोरोनावायरस में कम उत्परिवर्तन होते हैं।
  • ऐसा इसलिये है क्योंकि कोरोनावायरस में आनुवंशिक रूप से एक "प्रूफरीडिंग मेकनिज़्म" (Proofreading Mechanism) पाई जाती है जो प्रतिकृति/रिप्लीकेशन (Replication) के दौरान की गई कुछ त्रुटियों को ठीक करती है।
  • यह SARS-CoV-2 वायरस पर भी लागू होती है।
  • परिणामस्वरूप SARS-CoV-2 वायरस में अन्य एकल-असहाय RNA वायरस की तुलना में अधिक स्वस्थ्य और स्थायी उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) होते हैं।
  • वायरस की अनुकूलता/अनुरूपता में वृद्धि का मतलब है वायरस की संक्रामकता में वृद्धि और उत्परिवर्तन की क्षमता वायरस की रोग प्रतिरोधक क्षमता से बचाव करती है।
  • इस तरह केउ त्परिवर्तन जो वायरस की अनुकूलता में वृद्धि करते हैं, उनसे इनकी संख्या में वृद्धि होती है तथा ये एक प्रभावी स्ट्रेन या वेरिएंट (Strain or Variant) में  परिवर्तित हो जाते हैं।
  • इसके अलावा जब कोई व्यक्ति एक साथ दो अलग-अलग SARS-CoV-2 के वेरिएंटस से संक्रमित होता है, तो एक वेरिएंट के आनुवंशिक पदार्थ दूसरे वेरिएंट के साथ मिश्रित हो सकते हैं। इसे पुनर्संयोजन (Recombination) कहते हैं।
    • उदाहरण के लिये डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट का पुनर्संयोजन।

उत्परिवर्तन:

  • उत्परिवर्तन (Mutation) का आशय एक जीवित जीव या किसी वायरस की कोशिका के आनुवंशिक पदार्थ (जीनोम) में परिवर्तन से है जो अधिकांशत: स्थायी होता है तथा कोशिका या वायरस के वंशजों में प्रसारित/संचारित होता है। 
  • जीवों के सभी जीनोम डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid- DNA) से बने होते हैं, जबकि वायरस के जीनोम DNA या फिर राइबोन्यूक्लिक एसिड (Ribo Nucleic Acid- RNA) से निर्मित हो सकते हैं। 

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 मार्च, 2022

आशीष झा

हाल ही में अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के चिकित्सक आशीष झा (Ashish Jha) को व्हाइट हाउस का नया कोविड-19 प्रतिक्रिया समन्वयक (White House Covid-19 Response Coordinator) नियुक्त किया गया है। वे जेफ ज़िन्ट्स की जगह लेंगे। आशीष झा अमेरिका में एक प्रमुख संक्रामक रोग विशेषज्ञ हैं और ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डीन हैं। उन्होंने इबोला वायरस पर कार्य किया है तथा वर्ष 2014 में पश्चिम अफ्रीका में इस बीमारी के प्रकोप से निपटने हेतु एक पैनल के सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। आशीष झा का जन्म वर्ष 1970 में भारत के बिहार राज्य में हुआ। वह वर्ष 1979 में कनाडा और फिर वर्ष 1983 में अमेरिका चले गए। उन्होंने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के ब्रिघम व महिला अस्पताल में अपनी सामान्य चिकित्सा फेलोशिप पूरी की तथा उसके बाद वर्ष 2004 में हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से सार्वजनिक स्वास्थ्य की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने पूर्व में हार्वर्ड ग्लोबल हेल्थ इंस्टीट्यूट के निदेशक के रूप में कार्य किया और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल तथा हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में पढ़ाने का काम भी किया है। उनके कार्य ने ज़्यादातर अमेरिकी स्वास्थ्य प्रणालियों में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया है, उनके नाम पर 200 से अधिक अनुभवजन्य पत्र (Empirical Papers) प्रकाशित हुए हैं। 

पहली पेपरलेस विधानसभा

हाल ही में नगालैंड राज्य की विधानसभा पेपरलेस कार्यप्रणाली को अपनाने हेतु नेशनल ई-विद्या एप्लीकेशन (National e-Vidhan Application- NeVA) कार्यक्रम को लागू कर देश की पहली राज्य विधानसभा बन गई है। NeVA एक प्रकार की कार्य-प्रवाह प्रणाली (Work-Flow System) है जिसे NIC क्लाउड, मेघराज (MeghRaj) पर तैनात किया गया है जो सदन के अध्यक्ष द्वारा सदन की कार्यवाही के  सुचारू रूप से संचालन के साथ ही सदन के विधायी कार्य को कागज़ रहित/पेपरलेस तरीके से संचालित करने में मदद करती है। NeVA एक सदस्य-केंद्रित और डिवाइस न्यूट्रल एप्लीकेशन है जिसे सदस्यों के संपर्क विवरण, व्यवसाय की सूची, प्रक्रिया नियमों, बुलेटिन, नोटिस, तारांकित या अतारांकित प्रश्नों के बारे में पूरी जानकारी एकत्र कर सदस्यों की विभिन्न कार्यवाही को स्मार्ट तरीके से संभालने के लिये तैयार किया गया था। NeVA के कार्यान्वयन पर होने वाले खर्च को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच 90:10 के अनुपात के आधार पर वित्तपोषित किया जाता है। NeVA का उद्देश्य देश की विधायिकाओं को एक मंच प्रदान कर एक साथ लाना है।

बिहार दिवस

22 मार्च, 2022 को बिहार राज्य द्वारा अपना 110वाँ स्थापना दिवस अर्थात् “बिहार दिवस” मनाया जा रहा है। यह दिवस प्रतिवर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। यह बिहार राज्य के गठन का प्रतीक है। इस दिन वर्ष 1912 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बिहार को बंगाल से अलग कर नया राज्य बनाया गया था। प्राचीन भारत में बिहार को एक शक्ति केंद्र, शिक्षण स्थल एवं संस्कृति के केंद्र के रूप में जाना जाता था। भारत का पहला साम्राज्य जिसे “मौर्य साम्राज्य” कहा जाता है, का उदय मगध से हुआ था। बिहार जो कि पूर्वी भारत का एक राज्य है, जनसंख्या की दृष्टि से भारत का तीसरा सबसे बड़ा तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से 12वाँ सबसे बड़ा राज्य है। इसका क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किलोमीटर है। यह पश्चिम में उत्तर प्रदेश, उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग और दक्षिण में झारखंड से घिरा हुआ है। इसके तीन मुख्य सांस्कृतिक क्षेत्रों में मिथिला, मगध व भोजपुर शामिल हैं। राज्य की आधिकारिक भाषाएँ हिंदी एवं उर्दू हैं।

एक्वामैप 

हाल ही में नए जल प्रबंधन और नीति केंद्र- एक्वामैप (AquaMAP) का उद्घाटन भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार, प्रो. के. विजयराघवन द्वारा IIT मद्रास में किया गया है, साथ ही इसकी वेबसाइट https://aquamap.iitm.ac.in/ को भी लॉन्च किया गया गया है। एक्वामैप के उद्देश्यों में शामिल हैं- स्मार्ट जल प्रबंधन प्रथाओं को लागू करने में आने वाली चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करना, वास्तविक जीवन की जल संबंधी समस्याओं का समाधान करने की क्षमता हासिल करना, विभिन्न अनुप्रयोगों और व्यापक प्रभाव वाले समाधान प्रदान करना। इससे कम-से-कम छह जल नवाचार गांँवों या कस्बों (Water Innovation Villages or Towns) में पायलट प्रोजेक्ट पर अध्ययन करने में मदद मिलेगी। इसे उस समय एक मॉडल के रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है जब भारत के भीतर नीति कार्यान्वयन और जल प्रबंधन को दोहराए जाने की आवश्यकता होती है। इस परियोजना के तहत एक अत्याधुनिक हाइड्रो-सूचना विज्ञान प्रयोगशाला (Hydro-Informatics Laboratory) भी स्थापित भी की जाएगी। एक्वामैप के अंतर्गत जल प्रबंधन प्रथाओं को देश भर में विभिन्न क्षेत्रों में लागू किया जाएगा तथा नवीन प्रबंधन प्रौद्योगिकियों के लिये स्केलेबल मॉडल के रूप में उपयोग किया जाएगा।


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