प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट: 22 फरवरी, 2021
नाथूला
Nathu La, Sikkim
हाल ही में भारतीय सेना ने सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर नाथूला में बर्फबारी में फँसे कई पर्यटकों को बचाया।
प्रमुख बिंदु:
- नाथूला जो कि दुनिया की सबसे ऊँची सड़कों में से एक है, समुद्र तल से 14450 फीट ऊपर भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित हिमालय की चोटियों में एक पहाड़ी दर्रा है।
- नाथू का अर्थ है 'कानों से सुनना', और ला का अर्थ है 'दर्रा'।
- यह भारत और चीन के बीच एक खुली व्यापारिक सीमा पोस्ट है।
- सिक्किम राज्य में स्थित अन्य दर्रे हैं- जेलेप ला दर्रा, डोंकिया दर्रा, चिवाभंजंग दर्रा।
दर्रा | किससे-किसको जोड़ता है?/विशेषताएँ |
1. बनिहाल दर्रा | कश्मीर घाटी को बाह्य हिमालय और दक्षिण में मैदानी इलाकों के साथ। |
2. बारा-लाचा-ला दर्रा | हिमाचल प्रदेश के लाहौल को लेह ज़िले से। |
3. फोटू-ला दर्रा | लेह को कारगिल से। |
4. रोहतांग दर्रा | कुल्लू घाटी को हिमाचल प्रदेश की लाहौल और स्पीति घाटी से। |
5. शिपकी ला दर्रा | हिमाचल प्रदेश को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से। |
6. जेलेप ला दर्रा | सिक्किम को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से। |
7. नाथू ला दर्रा | सिक्किम को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से। |
8. लिपूलेख दर्रा | भारत की चौड़न घाटी को तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र से। यह उत्तराखंड, चीन और नेपाल के ट्राई-जंक्शन पर स्थित है। |
9. खार्दूंग ला |
लद्दाख को सियाचिन ग्लेशियर से। यह विश्व का सबसे ऊँचा मोटर वाहन योग्य दर्रा है। |
10. बोम-डि-ला दर्रा |
यह अरुणाचल प्रदेश में है। |
एपिलेप्सी
Epilepsy
हाल ही में एक प्रमुख दवा निर्माता ने ‘सक्रिय दवा सामग्री’ (Active Pharmaceutical Ingredient- API) तैयार करके एपिलेप्सी (Epilepsy) के लिये एक दवा ‘ब्रिवानेक्स्ट’ (Brivanext) की खुराक तैयार की है।
प्रमुख बिंदु:
- एपिलेप्सी
- एपिलेप्सी (मिर्गी) एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Neurological) संबंधी विकार है, इसमें मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य हो जाती है, जिससे दौरे या असामान्य व्यवहार, संवेदनाएँ और कभी-कभी अभिज्ञता संबंधी हानि होती है।
- एपिलेप्सी चौथा सबसे सामान्य न्यूरोलॉजिकल विकार है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है।
- हालाँकि कोई भी एपिलेप्सी से ग्रसित हो सकता है परंतु यह छोटे बच्चों और वयस्कों तथा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में थोड़ा अधिक देखा जाता है।
- लक्षण:
- स्वाद, गंध, दृष्टि, श्रवण या स्पर्श में परिवर्तन आना, चक्कर आना, अंगों में सिहरन उत्पन्न होना, एकटक घूरना, एक ही कार्य को बार-बार करना।
- इसमें जागरूकता या चेतना की हानि शामिल हो भी सकती है या नहीं भी।
- उपचार:
- एपिलेप्सी का कोई उपचार नहीं है, लेकिन इस विकार को दवाओं और अन्य रणनीतियों के साथ प्रबंधित किया जा सकता है।
- जागरूकता बढ़ाने हेतु पहल: वर्ष 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक रिपोर्ट ‘एपिलेप्सी अ पब्लिक हेल्थ इंप्रेटिव’ जारी की गई।
- यह एपिलेप्सी पर उपलब्ध सबूतों और वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रियाओं का संक्षेपण करते हुए प्रस्तुत की गई एपिलेप्सी पर पहली वैश्विक रिपोर्ट है।
सक्रिय दवा सामग्री (APIs):
- APIs, जिसे बल्क ड्रग्स भी कहा जाता है, दवाओं के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले महत्त्वपूर्ण तत्त्व हैं। चीन का हुबेई प्रांत APIs विनिर्माण उद्योग का केंद्र है।
- भारत APIs के अत्यधिक आयात के लिये चीन पर निर्भर है। भारत का APIs आयात प्रतिवर्ष लगभग 3.5 बिलियन डॉलर है और यह कुल आयात के लगभग 70% (2.5 बिलियन डॉलर) के लिये चीन पर निर्भर है।
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 फरवरी, 2021
खजुराहो नृत्य महोत्सव
हाल ही में मध्य प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में 47वें खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुरुआत की गई। इस महोत्सव को भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) की अनुमति मिलने के बाद 44 वर्ष पश्चात् मंदिर परिसर में आयोजित किया जा रहा है। खजुराहो नृत्य महोत्सव की शुरुआत वर्ष 1975 में मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी, हालाँकि महोत्सव के दौरान स्मारकों और मूर्तियों को नष्ट करने की घटनाओं के चलते भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने वर्ष 1976 में मंदिर परिसर में महोत्सव का आयोजन करने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसकी वजह से मध्य प्रदेश के सांस्कृतिक विभाग द्वारा बीते 44 वर्षों के दौरान यह महोत्सव मंदिर के पास ही एक खुले बगीचे में आयोजित किया जाता रहा। खजुराहो को हाल ही में 19 प्रतिष्ठित विश्व पर्यटन स्थलों की सूची में शामिल किया गया है, जिसके चलते इस महोत्सव को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लोकप्रियता प्राप्त होगी एवं लोग इसकी ओर आकर्षित होंगे। चंदेल राजवंश द्वारा 10वीं और 11वीं शताब्दी में निर्मित यह मंदिर समूह स्थापत्य कला और मूर्ति कला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता है। नागर शैली में बने यहाँ के मंदिरों की संख्या अब केवल 20 ही रह गई है, जिनमें कंदरिया महादेव का मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यहाँ के मंदिर दो धर्मों- जैन और हिंदू से संबंधित हैं।
‘राष्ट्र प्रथम- 82 वर्षों की स्वर्णिम गाथा’ पुस्तक
केंद्रीय गृह मंत्री ने हाल ही में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के स्वर्णिम इतिहास पर आधारित पुस्तक ‘राष्ट्र प्रथम- 82 वर्षों की स्वर्णिम गाथा’ का विमोचन किया है। यह पुस्तक CRPF में भर्ती होने वाले जवानों के लिये प्रेरणा का काम करेगी और इतिहास की रोंगटे खड़े कर देने वाली वीरता की गाथाएँ लोगों को बताएगी। इस संबंध में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल ने कहा कि यह पुस्तक बल और उसके सदस्यों की यात्रा, चुनौतियों, सफलताओं और बलिदानों का एक विस्तृत और गहन शोध है। इसके अलावा 19 फरवरी, 2021 को CRPF का पहला ‘वेटरन्स डे’ भी आयोजित किया गया। ज्ञात हो कि वर्ष 2021 से प्रत्येक वर्ष फरवरी माह के तीसरे शुक्रवार को CRPF के ‘वेटरन्स डे’ के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) एक ऐसा अर्द्ध-सैन्य बल है, जिसका प्राथमिक कार्य देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करना है। केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल 27 जुलाई, 1939 को रॉयल रिप्रेज़ेंटेटिव पुलिस के रूप में अस्तित्व में आया था, जो 28 दिसंबर, 1949 को CRPF अधिनियम लागू होने पर केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल बन गया।
स्मार्ट आँगनवाड़ी
केरल सरकार ने हाल ही में पारंपरिक आँगनवाड़ियों को बेहतर सुविधाओं के साथ ‘स्मार्ट’ अवसंरचना के रूप में विकसित करने के लिये 9 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी है। ‘स्मार्ट आँगनवाड़ी योजना’ के तहत राज्य के महिला और बाल विकास विभाग ने राज्य में 48 आँगनवाड़ियों को नई इमारतों के निर्माण की मंज़ूरी दी है। राज्य सरकार की योजना के मुताबिक, इन ‘स्मार्ट आँगनवाड़ियों’ को चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास सुनिश्चित करने के लिये आँगनवाड़ियों में मौजूद सुविधाओं को अधिक बाल-सुलभ बनाना है। ‘स्मार्ट आँगनवाड़ियों’ का डिज़ाइन और विकास ‘एकीकृत बाल विकास योजना’ (ICDS) के हिस्से के रूप में किया जा रहा है। इन ‘स्मार्ट आँगनवाड़ियों’ में भूमि की उपलब्धता के अनुसार स्टडी हॉल, किचन, डाइनिंग एरिया, स्टोर रूम, क्रिएटिव ज़ोन और गार्डन से लेकर स्विमिंग पूल तथा आउटडोर प्ले एरिया जैसी सुविधाएँ मौजूद होंगी।
‘कार्बन वाॅच’ मोबाइल एप्लीकेशन
हाल ही में चंडीगढ़ ने ‘कार्बन वाॅच’ नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया है, इसका उद्देश्य एक व्यक्ति के कार्बन फुटप्रिंट का आकलन करना है। इसके साथ ही चंडीगढ़ इस तरह की पहल शुरू करने वाला पहला केंद्रशासित प्रदेश/राज्य बन गया है। इस मोबाइल एप्लीकेशन को डाउनलोड करने पर उपयोगकर्त्ताओं को कुल चार श्रेणियों यथा- जल, ऊर्जा, अपशिष्ट उत्पादन और परिवहन से संबंधित विवरण प्रदान करना होगा, जिसके पश्चात् प्राप्त सूचना के आधार पर यह एप स्वयं एक व्यक्ति के कार्बन फुटप्रिंट की गणना कर लेगा। इसके अलावा यह मोबाइल एप्लीकेशन उपयोगकर्त्ताओं द्वारा प्रदान की गई सूचना के आधार पर कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के तरीकों का भी सुझाव देगा। कार्बन फुटप्रिंट एक का आशय किसी विशेष मानवीय गतिविधि द्वारा वातावरण में जारी ग्रीनहाउस गैसों, विशेष रूप से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा से है।