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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 21 Dec, 2019
  • 8 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 21 दिसंबर, 2019

भारत की जैव प्रौद्योगिकी संस्था

Society of Biotechnology of India

हाल ही में केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Union Department of Biotechnology) के भूतपूर्व बायोटेक्नोलॉजिस्ट (Biotechnologists) और टेक्नोक्रेट (Technocrats) ने भारत की जैव प्रौद्योगिकी संस्था (Society of Biotechnology of India- SBPI) का शुभारंभ किया।

Biotechnology

  • केंद्रीय जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कार्यरत है।

SBPI के विषय में:

  • SBPI एक गैर-लाभकारी संगठन है।

उद्देश्य:

  • यह आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी में मुख्य अनुसंधान की ओर परिवर्तनकारी दृष्टिकोण को बढ़ावा देगी ताकि इससे प्राप्त नतीजे आर्थिक और सामाजिक कल्याण के लिये अधिक उत्पादों एवं प्रौद्योगिकियों को जन्म दे सकें।
  • SBPI अंतराल क्षेत्रों (Gap Areas) जो भारत की लाईफ साइंस प्रगति में एक बाधा है की ओर देश की अनुसंधान निधि बढ़ाने के लिये पूरक के रुप में कार्य करेगी।
    • ये बाधाएँ मुख्यतः बुनियादी ढाँचे, मानव संसाधन, नियामक ढाँचे और अनुसंधान तथा विकास को अनुप्रयोगों में परिवर्तित करने में आती हैं।
  • SBPI के सदस्यों को जैव प्रौद्योगिकी में बढ़ावा देने वाले क्षेत्रों जैसे- बीटी कॉटन (BT Cotton), पुनरावर्ती चिकित्सीय प्रोटीन (Recombinant Therapeutic Proteins) और टीके लगाने तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का अनुभव है।

ईको नेटवर्क

EChO Network

हाल ही में भारत सरकार द्वारा अंतर-अनुशासनात्मक नेतृत्व को बढ़ाने के लिये ईको नेटवर्क (EChO Network) लॉन्च किया गया है।

EchO-Network

ईको नेटवर्क के विषय में:

  • यह नेटवर्क भारत सरकार, उद्योग और शिक्षाविदों का एक सहयोगी प्रयास है।
  • यह पारिस्थितिकी और पर्यावरण से संबंधित क्षेत्रों में अंतःविषयक तरीकों से शिक्षकों तथा छात्रों को प्रशिक्षित करने हेतु एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है।

उद्देश्य/लक्ष्य:

  • इस नेटवर्क का उद्देश्य सभी को ज्ञान साझा करने और प्रयासों को समन्वित करने के लिये विज्ञान के क्षेत्र में एक साथ लाना है तथा इसके लिये ऐसे लीडर की आवश्यकता है जो समाज के विभिन्न क्षेत्रों में संचार करने हेतु प्रशिक्षित हो।

आवश्यकता क्यों?

  • भारत ने पारिस्थितिक और पर्यावरण अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिये कई राष्ट्रीय स्तर के प्रयासों को शुरू किया है।
    • उसके लिये शिक्षकों और छात्रों की एक नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है जो अंतःविषयक तरीके से समस्याओं की पहचान करके उन्हें हल कर सकें।
    • इसके अलावा जो प्रकृति को समझ सके और चिकित्सा, कृषि, पारिस्थितिकी तथा प्रौद्योगिकी में विश्व की वास्तविक समस्याओं से निपट सके।
  • यह नेटवर्क भारतीय शिक्षा के लिये पूरी तरह से एक नया दृष्टिकोण और तकनीकी दुनिया के लिये आवश्यक अन्वेषण को प्रेरित करेगा।

अपाचे हेलीकॉप्टर

Apache Helicopters

हाल ही में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच 6 AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर (AH-64E Apache Helicopters) के लिये समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं।

Apache

पृष्ठभूमि:

  • भारतीय वायुसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच वर्ष 2015 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर के लिये समझौता हुआ था। जिसमें से सितबंर 2019 में 8 हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल कर लिये गए हैं।
  • इसकी आखिरी खेप मार्च, 2020 में मिलेगी।
  • यह सेना में पहले से शामिल रूसी हेलीकॉप्टर Mi-35 की जगह लेगा।
  • वर्तमान में आर्मी एविएशन कॉर्प्स (Army Aviation Corps) के चीता और एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर- ध्रुव का संचालन करती है, जिनका वज़न पाँच टन से कम है।

अपाचे हेलीकॉप्टर की विशेषताएँ:

  • यह विश्व का सबसे एडवांस मल्टी-कॉम्बेट हेलीकॉप्टर है जो सेंसर तथा लेज़र इंफ्रारेड की मदद से रात में भी उड़ान भरने में सक्षम है।
  • इसमें 2 इंजन होने के कारण यह 280 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ़्तार से उड़ान भरने में सक्षम है तथा इसकी फ्लाईंग रेंज 550 किलोमीटर है।
  • यह 16 एंटीटैंक AGM- 114 हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल (Hellfire and Stinger Missile) से लैस है तथा लगभग 1 मिनट में एक साथ 128 टारगेट पर हमला करने में सक्षम है।
  • यह दुश्मन के रडार की पहुँच से बाहर रहने तथा कम ऊँचाई पर उड़ान भरने में सक्षम है।
  • इसके अलावा यह अत्याधुनिक लांगबो फायर कंट्रोल रडार (Longbow Fire Control Radar) से लैस है।

महत्त्व:

  • यह भारतीय वायुसेना और नौसेना दोनों के लिये मददगार होगा तथा उनकी मारक क्षमता में वृद्धि करेगा।
  • भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण में महत्त्वपूर्ण कदम है।
  • भारत में रक्षा बजट का 35% विमान खरीद पर खर्च होता है।
    • राफेल, तेजस और 15 चिनूक हेलीकॉप्टर भी बेड़े में शामिल होंगे।
  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में खतरे को लेकर सजगता।

चीता हेलिकॉप्टर:

  • चीता हेलीकॉप्टर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिज़ाइन किया गया उच्च प्रदर्शन वाला हेलीकॉप्टर है।
  • यह एक ईंजन वाला टर्बोशैफ्ट FAC हेलिकॉप्टर है।
  • इसकी 3 यात्रियों या 100 किलोग्राम बाह्य स्लिंग लोड वहन क्षमता है।
  • इसकी अधिकतम क्रूज गति 121 किलोमीटर प्रति घंटा है।

एडवांस लाइट हेलिकॉप्टर- ध्रुव

  • यह स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित तथा ट्विन इंजन, मल्टीरोल, मल्टी मिशन, 5.5-टन वज़न के वर्ग का हेलिकॉप्टर है।
  • ध्रुव एमके-I, एमके-II, एमके-III और एमके-I इसके प्रमुख प्रकार हैं।

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