प्रीलिम्स फैक्ट्स: 21 नवंबर, 2019
इनसैट 3D और 3DR
INSAT-3D & 3DR
इसरो के इनसैट 3D और 3DR (INSAT-3D & 3DR) उपग्रहों पर लगे हुए इमेज़र पेलोड द्वारा ज्ञात हुआ है कि गंगा के मैदान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे क्षेत्रों में अक्तूबर तथा नवंबर के दौरान एरोसोल ऑप्टिकल डेप्थ, PM2.5 एवं PM10 की सांद्रता सबसे अधिक है।
इनसैट 3D और 3DR के बारे में:
- इसरो के इनसैट-3D और 3DR उपग्रहों पर लगे इमेज़र पेलोड का उपयोग एरोसोल ऑप्टिकल डेप्थ Aerosol Optical Depth- AOD) की निगरानी के लिये किया जाता है
- AOD, जैवभार के जलने से होने वाले कणों और धुएँ का सूचक है जो दृश्यता को प्रभावित करता है तथा वातावरण में PM2.5 व PM10 की सांद्रता के बढ़ने का कारक है।
- इसके अलावा इस उपग्रह आधारित जलवायु वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि वर्ष 2003 से 2017 के मध्य अक्तूबर-नवंबर के दौरान पंजाब और हरियाणा क्षेत्र में आग की घटनाओं में 4% की वृद्धि हुई।
सोवा-रिग्पा राष्ट्रीय संस्थान
National Institute of Sowa Rigpa (NISR)
हाल ही में केंद्रीय कैबिनेट ने लेह में नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर सोवा-रिग्पा (National Institute of Sowa Rigpa- NISR) की स्थापना को मंज़ूरी प्रदान कर दी।
सोवा रिग्पा राष्ट्रीय संस्थान के बारे में:
- यह आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्तशासी संस्थान होगा।
- NISR की स्थापना आयुष मंत्रालय के तहत 47.25 करोड़ रुपये की लागत से की जाएगी।
- NISR सोवा-रिग्पा से संबंधित अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
सोवा रिग्पा क्या है?
- सोवा-रिग्पा भारत में हिमालयी क्षेत्र की एक पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली है।
- यह सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, दार्जिलिंग (पश्चिम बंगाल), हिमाचल प्रदेश, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के साथ-साथ पूरे भारत में प्रचलित हो रहा है।
- NISR की स्थापना से सोवा-रिग्पा को न सिर्फ भारतीय उपमहाद्वीप में नया जीवन मिलेगा बल्कि भारत के साथ-साथ अन्य देशों के छात्रों को भी इस पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को सीखने का अवसर मिलेगा।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण पुरस्कार- 2019
Swachh Survekshan Grameen Awards-2019
19 नवंबर, 2019 को विश्व शौचालय (World Toilet Day) दिवस के अवसर पर, जल शक्ति मंत्रालय द्वारा द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण पुरस्कार- 2019 (Swachh Survekshan Grameen Awards 2019) प्रदान किये गए।
स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण पुरस्कार- 2019 के बारे में:
- स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण पुरस्कार- 2019, विभिन्न श्रेणियों में राज्यों/केंद्रशासित राज्यों और ज़िलों को नई दिल्ली स्थित प्रवासी भारतीय केंद्र में दिये गए।
- राज्यों की श्रेणी में शीर्ष स्थान तमिलनाडु को प्राप्त हुआ है तथा इसके बाद रैंकिंग में क्रमशः हरियाणा तथा गुजरात राज्य हैं।
- ज़िलों की श्रेणी में शीर्ष स्थान पेडापल्ली (तेलंगाना) का है इसके बाद क्रमशः फरीदाबाद तथा रेवाड़ी (हरियाणा) हैं।
- उत्तर प्रदेश अधिकतम जन भागीदारी वाला राज्य रहा है।
- इस वर्ष प्रभावी प्लास्टिक कचरा प्रबंधन के लिये स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत, निगमों को भी उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया जिनमे सीमेंट निर्माता संघ, हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड तथा अमूल शामिल हैं।
- पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने एक स्वतंत्र सर्वेक्षण एजेंसी के माध्यम से मात्रात्मक और गुणात्मक स्वच्छता मानकों के आधार पर भारत के सभी ज़िलों की रैंकिंग तय करने के लिये "स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण- 2019" (SSG 2019) की शुरुआत की थी।
- इस सर्वेक्षण में भारत के सभी गाँवों के सार्वजनिक स्थानों जैसे- स्कूल, आँगनवाड़ी, सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र, हाट/बाज़ार/धार्मिक स्थानों आदि का सर्वेक्षण किया।
यूरोपा उपग्रह
हाल ही नेचर एस्ट्रोनोमी पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, यूरोपा उपग्रह की सतह पर जलवाष्प की उपस्थिति है।
- यह अध्ययन अमेरिका के हवाई द्वीप स्थित WM कीक वेधशाला (WM Keck Observatory) द्वारा किया गया है।
- जल की यह तरल अवस्था, यूरोपा उपग्रह पर मौजूद बर्फ की परत के नीचे उपस्थित है।
यूरोपा उपग्रह के बारे में:
- यूरोपा ब्रहस्पति ग्रह के 79 उपग्रहों में से एक है तथा यह 3.5 दिन में ब्रहस्पति की परिक्रमा पूरी करता है।
- इसके अलावा यह सौर मंडल का 6वाँ सबसे बड़ा उपग्रह भी है।
- इसका व्यास पृथ्वी के व्यास का एक चौथाई होने के बावजूद भी यहाँ उपलब्ध जल की मात्रा, पृथ्वी पर उपलब्ध जल की मात्रा से दोगुनी है।
- इसकी सतह पर बर्फ की अधिक मात्रा होने के कारण यह हमारे चंद्रमा की तुलना में सूर्य के प्रकाश का 5.5 गुना परावर्तित करता है।
- सूर्य के प्रकाश को यूरोपा तक पहुँचने में 45 मिनट लगते हैं।