वित्तीय बाज़ारों में SRO के लिये ढाँचा
स्रोत: लाइव मिंट
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अनुपालन संस्कृति को सुदृढ़ करने और नीति निर्माण के लिये एक परामर्श मंच प्रदान करने की दिशा में वित्तीय बाज़ारों में स्व-नियामक संगठनों (SRO) की मान्यता हेतु एक ढाँचा/फ्रेमवर्क जारी किया।
- प्रस्तावित SRO उद्योग मानकों और सर्वोत्तम प्रथाओं को विकसित करने एवं सदस्यों के अनुपालन को सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
- नए फ्रेमवर्क के तहत SRO गैर-लाभकारी कंपनियाँ (कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत) होनी चाहिये जिनकी न्यूनतम निवल संपत्ति 10 करोड़ रुपए होनी चाहिये, शेयरधारिता विविध होनी चाहिये, जिसमें कोई भी एकल इकाई चुकता/प्रदत्त शेयर पूंजी का 10% या उससे अधिक हिस्सा नहीं रख सकती।
- SRO प्रायः सरकारी नियामकों के सहयोग से अपने संबंधित उद्योगों या क्षेत्रों को विनियमित करते हैं।
- SRO अपने सदस्यों और नियामक के बीच एक सेतु का कार्य करेगा। यह नियामक दिशा-निर्देशों के साथ बेहतर अनुपालन, प्रारंभिक चेतावनी संकेतों का विकास, हितधारकों के हितों की सुरक्षा एवं नवाचार को प्रोत्साहन सुनिश्चित करेगा।
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भारत का पहला सकल पर्यावरण उत्पाद लॉन्च
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया
हाल ही में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने वायु, जल, वन और मिट्टी सहित अपने प्राकृतिक संसाधनों को मौद्रिक मूल्य प्रदान किया है और इसे (Gross Environment Product- GEP) नाम दिया है।
GEP के बारे में:
- यह ग्रीन GDP का एक घटक है। इसे पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देने वाले उत्पादों और सेवाओं के मूल्य के रूप में माना जाता है। यह सतत मानव कल्याण, आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए प्रावधान करता है, जिसमें विनियमन और सांस्कृतिक पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ शामिल हैं।
- ग्रीन GDP आर्थिक विकास का एक संकेतक है, जो मानक GDP के साथ-साथ जैव विविधता ह्रास और जलवायु परिवर्तन लागत जैसे पर्यावरणीय पहलुओं को भी ध्यान में रखता है।
- GEP सूचकांक में मानव निर्मित सकल पर्यावरण उत्पाद संरक्षण (जैसे, अमृत सरोवर) को वर्षा जैसी प्राकृतिक प्रक्रियाओं से अलग रखा गया है।
- GEP सूचकांक 2020-2022 के तुलनात्मक आँकड़ों को दर्शाता है और निर्मित पर्यावरणीय उत्पादों में 0.9% की वृद्धि दर्शाता है।
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वन नेशन, वन लोकेशन
स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स
हाल ही में सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने भारत में सड़क, रेलवे, वायुमार्ग, जलमार्ग और रज्जुमार्ग/रोपवे सहित सभी परिवहन प्रणालियों को एकल हब व टर्मिनल में एकीकृत करने की घोषणा की है, ताकि यात्री सुविधा को सरल एवं बेहतर बनाया जा सके।
- ये टर्मिनल विभिन्न परिवहन साधनों को जोड़ने के लिये वन-स्टॉप समाधान के रूप में कार्य करेंगे, जो देश में सड़कों के माध्यम से आवागमन करने वाले 87% यात्री यातायात की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।
- इससे शहरी भीड़भाड़ कम होगी और शहरी केंद्रों के निर्माण के माध्यम से आर्थिक गतिविधि में सुधार होगा।
- इससे परिवहन के विभिन्न साधनों के बीच सुगम स्थानांतरण की सुविधा भी मिलेगी।
- NHAI की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग लॉजिस्टिक्स प्रबंधन (NHLM) के माध्यम से कटरा और तिरुपति में दो पायलट हब विकसित किये जाएंगे, साथ ही वाराणसी एवं नागपुर में भी दो अन्य हब विकसित किये जाएंगे।
- NHLM परिवहन लॉजिस्टिक्स बुनियादी अवसरंचना और परिसंपत्ति मुद्रीकरण में सुधार लाने के उद्देश्य से महत्त्वपूर्ण पहलों का नेतृत्व करने के लिये ज़िम्मेदार है।
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डिनायल ऑफ-सर्विस (DoS) अटैक
स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में टेस्ला के सीईओ एलन मस्क का X (पहले ट्विटर) पर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ साक्षात्कार डिनायल ऑफ सर्विस (DoS) नामक साइबर हमले से बाधित हुआ था।
- DoS हमला तब होता है जब बड़ी संख्या में उपयोगकर्ता एक ही समय में एक विशिष्ट ऑनलाइन सर्वर के पर अपना ट्रैफिक निर्देशित करते हैं, जिससे वेबसाइट का उपयोग करना असंभव हो जाता है।
- बॉट्स का उपयोग नेटवर्क पर दबाव डालने के लिये किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप लोडिंग का समय धीमा हो सकता है या इंटरनेट सेवाएँ पूरी तरह से ठप्प हो सकती हैं।
- DoS हमलों के प्रकार:
- स्मर्फ अटैक: हमलावर एक नकली IP एड्रेस प्रयोग करते हैं, जो वास्तव में टारगेट मशीन का एड्रेस होता है। जैसे ही टारगेट मशीनें प्रतिक्रिया देती हैं, वे अपने स्वयं के सर्वर को फ्लड कर देते हैं, जिसके परिणामस्वरूप DoS हमला होता है।
- SYN फ्लड अटैक: हमलावर लक्ष्य सर्वर से कनेक्ट करने के लिये अनुरोध भेजता है, लेकिन कनेक्शन पूरा नहीं करता है। कई लक्षित अधूरे कनेक्शन फिर से सर्वर पर लोड डालते हैं, जिससे वैध कनेक्शन को सुचारू रूप से पूरा करना मुश्किल हो जाता है।
- DDoS का उदाहरण: पेरिस ओलंपिक 2024 से पहले "एनॉनमस सूडान" नामक हैकर्स ने फ्राँसीसी सरकार के नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर पर डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल ऑफ सर्विस (DDoS) हमला किया था।
- DoS हमले और DDoS हमले के बीच मुख्य अंतर यह है कि DoS एक सिस्टम-ऑन-सिस्टम हमला है, जबकि DDoS में कई सिस्टम एक ही सिस्टम पर हमला करते हैं।
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