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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 12 Mar, 2021
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स : 12 मार्च, 2021

भारत-बांग्ला मैत्री सेतु

(Bharat Bangla Maitri Bridge)

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने दक्षिणी त्रिपुरा ज़िले में भारत-बांग्ला मैत्री सेतु का उद्घाटन किया।

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प्रमुख बिंदु:

मैत्री सेतु: :

  •  'मैत्री सेतु' नामक इस पुल का निर्माण फेनी नदी पर किया गया है जो भारत के त्रिपुरा राज्य और बांग्लादेश के बीच प्रवाहित होती है।
    • फेनी नदी का उद्गम दक्षिणी त्रिपुरा ज़िले में होता है। यह नदी भारतीय सीमा की तरफ सबरूम शहर से गुज़रती है और बांग्लादेश में बहने के बाद बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
  • 1.9 किलोमीटर लंबा यह पुल सबरूम (त्रिपुरा में) को रामगढ़ (बांग्लादेश में) के साथ जोड़ता है।
  • 'मैत्री सेतु' नाम भारत और बांग्लादेश के बीच  द्विपक्षीय और मैत्रीपूर्ण संबंधों में हो रही वृद्धि का प्रतीक है।

निर्माण और लागत:

  • इस पुल के निर्माण को राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (National Highways and Infrastructure Development Corporation- NHIDCL) द्वारा 133 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया गया है। 
    • गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड भारत सरकार की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है।
    • यह भारत के राष्ट्रीय राजमार्गों और सामरिक सड़कों के विकास एवं रखरखाव के लिये उत्तरदायी है।

महत्त्व: 

  • इस पुल के उद्घाटन के बाद अब अगरतला (त्रिपुरा की राजधानी) भारत में एक अंतर्राष्ट्रीय  समुद्री बंदरगाह से सबसे निकटतम शहर बन जाएगा।
  • इसके अतिरिक्त त्रिपुरा, बांग्लादेश के चटगाँव बंदरगाह तक पहुँच प्राप्त करने के साथ ही  'पूर्वोत्तर का प्रवेशद्वार' (Gateway of North East) बन जाएगा, गौरतलब है कि चटगाँव बंदरगाह और सबरूम के बीच की दूरी मात्र 80 किमी. है।
    • भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से पारगमन और व्यापार पर लंबे समय से स्थायी एवं प्रभावी प्रोटोकॉल लागू है।
  • यह दोनों देशों के बीच एक नए व्यापार गलियारे के रूप में काम करेगा, जो  पूर्वोत्तर राज्यों की प्रगति में सहायक होगा। साथ ही यह दोनों देशों के बीच नागरिक संपर्क को बढ़ाएगा।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 मार्च, 2021

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो

11 मार्च, 2021 को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने अपना 36वाँ स्थापना दिवस मनाया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की स्थापना वर्ष 1986 में गृह मंत्रालय के तहत अपराध और अपराधियों से संबंधित सूचनाओं के एक भंडार के रूप में की गई थी, जिसका प्राथमिक उद्देश्य इस प्रकार की सूचनाओं के माध्यम से जाँच में सहायता प्रदान करना था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) तथा गृह मंत्रालय के टॉस्क फोर्स (1985) की  सिफारिशों के आधार पर की गई थी, ताकि खोजकर्त्ताओं को अपराध एवं अपराधियों से संबंधित डेटा का मिलान करने  में सहायता मिल सके। इसका गठन पुलिस कंप्यूटर एवं समन्वय निदेशालय (DCPC), CBI की अंतर-राज्य अपराधी डेटा शाखा, CBI के केंद्रीय फिंगर प्रिंट ब्यूरो तथा पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) की सांख्यिकी शाखा के विलय से किया गया था। NCRB ‘क्राइम इन इंडिया’ रिपोर्ट के माध्यम से देश भर में अपराध संबंधी वार्षिक आँकड़े प्रस्तुत करता है। वर्ष 1953 से प्रकाशित हो रही यह रिपोर्ट देश भर की कानून-व्यवस्था की स्थिति को समझने हेतु एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है। NCRB को वर्ष 2016 में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा ‘डिजिटल इंडिया अवार्ड’ से भी सम्मानित किया गया था।

आज़ादी का ‘अमृत महोत्सव’

प्रधानमंत्री ने 12 मार्च, 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में आज़ादी के ‘अमृत महोत्सव’ (India@75) का उद्घाटन किया। आजादी का ‘अमृत महोत्सव’ भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ मनाने हेतु भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की एक शृंखला है। यह महोत्सव जनभागीदारी की भावना के साथ जन उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ पर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में नीतियों और योजनाओं को तैयार करने हेतु गृहमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय क्रियान्वयन समिति बनाई गई है। महोत्सव के शुरुआती कार्यक्रम 12 मार्च, 2021 से प्रारंभ होंगे। ध्यातव्य है कि ये कार्यक्रम 15 अगस्त, 2022 से 75 सप्ताह पूर्व आयोजित किये जा रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने साबरमती आश्रम से पदयात्रा (स्वतंत्रता मार्च) भी शुरू की। 241 मील की यह यात्रा 25 दिन में 5 अप्रैल को समाप्त होगी। ज्ञात हो कि 12 मार्च, 1930 को ही महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांडी मार्च की शुरुआत की थी। यह मार्च साबरमती आश्रम से गुजरात के दांडी नामक तटीय कस्बे में पहुँचकर समाप्त होना था। यह पहली राष्ट्रवादी गतिविधि थी, जिसमें महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई। 

‘फुगाकू’ सुपर कंप्यूटर 

जापान के वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर ‘फुगाकू’ को पूरी तरह से विकसित कर लिया है और अब यह अत्याधुनिक मशीन अनुसंधान के उपयोग हेतु उपलब्ध है। ज्ञात हो कि जापानी वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान ‘रिकेन’ (RIKEN) और ‘फुजिस्तु’ (FUJITSU) ने जापान की कंप्यूटिंग अवसंरचना में वृद्धि करने के उद्देश्य से तकरीबन छह वर्ष पूर्व इस सुपर कंप्यूटर पर कार्य करना शुरू किया था। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ‘फुगाकू’ सुपर कंप्यूटर में जापान के ही ‘के-सुपर कंप्यूटर’ की तुलना में 100 गुना अधिक प्रदर्शन क्षमता है और इसे मुख्य रूप से उच्च-रिज़ॉल्यूशन, लंबी अवधि और बड़े पैमाने पर सिमुलेशन को लागू करने हेतु विकसित किया गया है। सुपर कंप्यूटर उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) का भौतिक मूर्तरूप है, जो संगठनों को उन समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाता है, जिन्हें सामान्य कंप्यूटर द्वारा हल किया जाना असंभव है। विश्व स्तर पर अधिकतम सुपर कंप्यूटरों के साथ चीन दुनिया में शीर्ष स्थान पर है। चीन के बाद अमेरिका, जापान, फ्रांँस, जर्मनी, नीदरलैंड, आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों का स्थान है। 

आइवरी कोस्ट

आइवरी कोस्ट के प्रधानमंत्री, हामिद बाकायोका का जर्मनी के एक अस्पताल में निधन हो गया। पूर्व मीडिया कार्यकारी बाकायोका ने सदी के पहले दशक के दौरान आइवरी कोस्ट के गृहयुद्ध में मुख्य मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। आइवरी कोस्ट अथवा कोट डी आइवर पश्चिमी अफ्रीका के तट पर स्थित एक देश है। 1960 में फ्रांँस से आज़ादी प्राप्त करने के बाद से मुख्यतः कोको उत्पादन और निर्यात के कारण आइवरी कोस्ट (कोट डी आइवर) को पश्चिम अफ्रीका में सबसे समृद्ध देशों में से एक माना जाता है। कोटे डी आइवर उत्तर में माली और बुर्किना फासो, पूर्व में घाना, दक्षिण में गिनी की खाड़ी, दक्षिण-पश्चिम में लाइबेरिया और उत्तर-पश्चिम में गिनी के साथ अपनी सीमा साझा करता है। यहाँ कि आधिकारिक भाषा फ्रेंच है, हालाँकि यहाँ अफ्रीका की लगभग सभी भाषाएँ बोलने वाले लोग पाए जाते हैं।

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