प्रीलिम्स फैक्ट्स: 20 फरवरी, 2019
राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (National Rural Economic Transformation Project- NRETP) को मंज़ूरी दी है।
- गौरतलब है कि विश्व बैंक से ऋण सहायता (International Bank for Reconstruction and Development- IBRD Credit) के ज़रिये दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन [Deendayal Antyodaya Yojana- National Rural Livelihoods Mission (DAY-NRLM)] के तहत ‘राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (National Rural Economic Transformation Project- NRETP)’ को कार्यान्वित किया जाएगा।
क्या होंगे लाभ?
- राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (NRETP) द्वारा उपलब्ध कराई जा रही तकनीकी सहायता एवं परियोजना द्वारा सुगम कराए जाने वाले उच्च स्तरीय उपायों से आजीविका संवर्द्धन एवं वित्तीय सुविधा में बढ़ोतरी होगी तथा डिजिटल वित्त एवं आजीविका युक्तियों से संबंधित पहलों को बढ़ावा मिलेगा।
- राष्ट्रीय ग्रामीण आर्थिक रूपांतरण परियोजना (NRETP) के तहत वित्तीय समावेशन के वैकल्पिक माध्यमों का मार्गदर्शन करने, ग्रामीण उत्पादों के आसपास मूल्य श्रृंखला सृजित करने से संबंधित पहलों को बढ़ावा देने के लिये नवोन्मेषी परियोजनाएँ आरंभ की जाएंगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2019 से आगे के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G) चरण- II के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दे दी है।
- PMAY-G चरण- II के तहत सरकार ने 2022 तक 1.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है।
- PMAY-G चरण-II 2019-20 तक PMAY-G चरण-l के मौजूदा मानदंडों के अनुसार जारी रहेगा जिसके तहत 60 लाख घरों का लक्ष्य है।
- 2016 में शुरू की गई PMAY-G योजना का उद्देश्य 2022 तक सभी बेघर, कच्चे और जीर्ण घरों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं से लैश पक्के मकान प्रदान करना है।
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प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना अपने लक्ष्य से पीछे
तीन तलाक पर फिर से अध्यादेश मंज़ूर
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विपक्षी पार्टियों के विरोध के चलते तीन तलाक विधेयक के संसद में पारित न होने के कारण एक बार फिर अध्यादेश लाने का प्रस्ताव दिया है।
इसके अंतर्गत केंद्रीय मंत्रिमंडल ने निम्नलिखित प्रस्तावों को मंज़ूरी दी है:
- संविधान के अनुच्छेद 123 के खंड (1) के तहत परिशिष्ट की पृष्ठ संख्या 9 से 12 के अनुरूप एक अध्यादेश के प्रस्ताव की घोषणा जिसका नाम मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण द्वितीय अध्यादेश- 2019 है।
- मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण विधेयक- 2018 जो कि राज्यसभा में लंबित है, में आवश्यक आधिकारिक संशोधन करना जिससे कि उपरोक्त अध्यादेश के स्थान पर वर्तमान में आवश्यक प्रारूपण एवं अनुवर्ती प्रकृति के संशोधनों को रखा जा सके।
लाभ
- यह प्रस्तावित अध्यादेश विवाहित मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करते हुए उन्हें उनके पतियों द्वारा दिये जाने वाले तात्कालिक और अपरिवर्तनीय ‘तलाक-ए-बिद्दत’ के प्रचलन द्वारा तलाक दिये जाने पर पाबंदी लगाएगा।
- यह अध्यादेश तीन तलाक अर्थात् तलाक-ए-बिद्दत की प्रथा को निरुत्साहित करेगा।
- प्रस्तावित अध्यादेश के तहत तीन तलाक यानी ए तलाक-ए-बिद्दत से प्रभावित नाबालिग बच्चों के लिये संरक्षण का अधिकार प्रदान करेगा।
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सरकार ने फिर से लागू किया तीन तलाक संबंधी अध्यादेश
तीन तलाक पर नया विधेयक लोकसभा में पारित
जलवायु परिवर्तन से विलुप्त होने वाला पहला स्तनपायी
Aussie mammal the first ‘climate change extinction’
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरण मंत्रालय ने ग्रेट बैरियर रीफ क्षेत्र में पाए जाने वाले कृंतक के विलुप्त सूची में शामिल होने की आधिकारिक तौर पर घोषणा की है, ऐसा माना जाता है कि यह पहला स्तनपायी जीव है जो मानव-जनित जलवायु परिवर्तन से समाप्त हुआ है।
- ब्रम्बल केई मेलोमिस (Bramble Cay melomys) जो चूहे के समान दिखाई पड़ता था, पिछले एक दशक में देखा नहीं गया है। इसका अब तक का ज्ञात वास-स्थान सुदूर उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में एक छोटा रेतीले द्वीप था।
- शोधकर्त्ताओं ने इसके गायब होने का एक प्रमुख कारक पिछले दशक के दौरान इस द्वीप में पाए जाने वाले प्रवाल भित्ति पर बार-बार में समुद्री जल सैलाब का आना बताया।
- 2014 में शोधकर्त्ताओं ने इन प्रजातियों का पता लगाने के लिये एक विस्तृत सर्वेक्षण किया, लेकिन कोई भी साक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ।
- 2016 में जारी एक अध्ययन के अनुसार, टोरेस स्ट्रेट क्षेत्र में समुद्र के स्तर में वृद्धि और मौसम की घटनाओं पर उपलब्ध आँकड़े ‘मानव-जनित जलवायु परिवर्तन’ की ओर इशारा करते हैं, जो कि ब्रमबल केई मेलोमिस के नष्ट होने का मूल कारण है।
- 1845 में पहली बार यूरोपीय लोगों द्वारा द ग्रेट बैरियर रीफ पर इस प्रजाति के मेलोमीस रूबिकोला (Melomys rubicola) को खोजा गया था ये लोग अपने मनोरंजन के लिये ‘बड़े चूहों’ को गोली से मार रहे थे।
पीसा (PISA) में भारत की प्रस्तावित भागीदारी के समझौते को मंज़ूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आर्थिक सहयोग और विकास संगठन ( Organization for Economic Cooperation and Development (OECD) द्वारा 2021 में आयोजित किये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के मूल्यांकन कार्यक्रम (Programme for International Students Assessment-PISA) में भारत की भागीदारी के लिये OECD के साथ समझौते को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
- भारत सरकार और OECD के बीच इस समझौते पर 28 जनवरी, 2019 को हस्ताक्षर हुए थे।
- पीसा में भागीदारी से प्राप्त ज्ञान के आधार पर स्कूल में वर्तमान में चल रही रट कर सीखने की प्रणाली को योग्यता-आधारित परीक्षा में परिवर्तित करने में मदद मिलेगी।
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education-CBSE) तथा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (National Council of Educational Research and Training-NCERT) वास्तविक परीक्षा की प्रक्रिया और उससे संबंधित गतिविधियों का हिस्सा होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम (Program for International Student Assessment-PISA)
- PISA का आयोजन पहली बार वर्ष 2000 में किया गया था।
- आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (OECD) द्वारा समन्वित यह एक त्रैवार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सर्वेक्षण है जिसमें दुनिया भर की शैक्षिक प्रणालियों की गुणवत्ता का आकलन विज्ञान, गणित और पठन संबंधी क्षेत्रों में छात्रों का मूल्यांकन करके किया जाता है।
- भारत में अधिकांश स्कूली परीक्षाओं की तरह इस कार्यक्रम में छात्र की स्मृति और पाठ्यचर्या आधारित ज्ञान का परीक्षण नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिये, PISA का विज्ञान परीक्षण तीन दक्षताओं को मापता है- वैज्ञानिक घटनाओं को समझने की क्षमता, डेटा एवं साक्ष्यों की वैज्ञानिक व्याख्या तथा वैज्ञानिक जिज्ञासाओं को डिज़ाइन और मूल्यांकन करने की क्षमता।