Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 दिसंबर, 2020
गोवा मुक्ति दिवस
गोवा में 450 वर्षों के पुर्तगाली शासन की समाप्ति को चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 19 दिसंबर को गोवा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। पुर्तगालियों ने वर्ष 1510 में भारत के कई हिस्सों को अपना उपनिवेश बनाया था, किंतु 19वीं शताब्दी के अंत तक भारत में पुर्तगाली उपनिवेश केवल गोवा, दमन और दीव, दादरा एवं नगर हवेली और अंजेडिवा द्वीप तक ही सीमित रह गया। गोवा मुक्ति आंदोलन, जिसके तहत पुर्तगाली औपनिवेशिक शासन को समाप्त करने की मांग की गई थी, काफी छोटे स्तर पर एक विद्रोह के साथ शुरू हुआ, किंतु वर्ष 1940-1960 के बीच यह अपने चरम पर पहुँच गया। 15 अगस्त, 1947 को जब भारत आज़ाद हुआ, तब भी गोवा पुर्तगाली शासन के अधीन था। पुर्तगाली शासकों ने गोवा और अन्य भारतीय क्षेत्रों को छोड़ने से इनकार कर दिया था। पुर्तगाली शासकों के साथ तमाम वार्ताओं और कूटनीतिक प्रयासों की विफलता के बाद अंततः भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सैन्य हस्तक्षेप का विकल्प चुना। 18 दिसंबर को भारतीय नौसेना, वायु सेना एवं थल सेना द्वारा गोवा में सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन विजय' का संचालन किया गया और 19 दिसंबर, 1961 को गोवा को पुर्तगालियों चंगुल से मुक्त करा लिया गया।
‘स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस’ (SSA) गतिविधियों के लिये केंद्र
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा देश की ‘स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस’ (SSA) गतिविधियों के लिये बंगलूरू में एक समर्पित नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारतीय अंतरिक्ष संपदा की निगरानी, ट्रैकिंग और सुरक्षा करना है। यह केंद्र भारत में सभी ‘स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस’ (SSA) गतिविधियों के केंद्र के रूप में कार्य करेगा। स्पेस सिचुएशनल अवेयरनेस, विज्ञान की एक विशिष्ट शाखा है, जो कि अंतरिक्ष में पृथ्वी के आसपास मौजूद मानव निर्मित अथवा प्राकृतिक निकायों की भौतिक स्थिति को ट्रैक करने, उन्हें समझने और उनका अनुमान लगाने की क्षमता को संदर्भित करती है। इसका प्राथमिक उद्देश्य दो या दो से अधिक मानव निर्मित/प्राकृतिक निकायों के बीच टकराव को रोकना है। पहले केवल अमेरिका, रूस और यूरोप के पास अंतरिक्ष निकायों को ट्रैक करने और किसी भी प्रकार के टकराव को रोकने की क्षमता मौजूद थी, किंतु अब भारत भी इस सूची में शामिल हो गया है। इसरो द्वारा स्थापित यह केंद्र इस दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है कि अंतरिक्ष में मानव निर्मित उपग्रहों की संख्या और अंतरिक्ष मलबे में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण वहाँ मौजूद सक्रिय उपग्रहों पर खतरा काफी बढ़ गया है तथा यदि दो उपग्रहों का आपस में टकराव होता है तो इससे काफी नुकसान हो सकता है।
महाराष्ट्र का पहला खेल विश्वविद्यालय
महाराष्ट्र सरकार पुणे में बालेवाड़ी स्थित शिव-छत्रपति खेल परिसर में राज्य के प्रथम विश्वस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना करेगी। बालेवाड़ी खेल परिसर को एक विश्वविद्यालय के स्तर पर उन्नत किया जाएगा। प्रस्तावित नए खेल विश्वविद्यालय में 213 पदों का सृजन किया जाएगा और इसे 400 करोड़ रुपए की प्रारंभिक धनराशि भी प्रदान की जाएगी। यह खेल विश्वविद्यालय आधिकारिक तौर पर शैक्षणिक वर्ष 2021-2022 से कार्य शुरू कर देगा। महाराष्ट्र के इस नए खेल विश्विद्यालय में खेल से संबंधित विषयों जैसे- खेल विज्ञान, चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, कोचिंग और प्रशिक्षण, खेल प्रबंधन व खेल मीडिया तथा संचार आदि को कवर किया जाएगा। साथ ही यहाँ विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसके लिये कुछ अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों को नियुक्त करने की भी योजना बनाई गई है। शिव-छत्रपति खेल परिसर का निर्माण मूल रूप से राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी के लिये वर्ष 1995 में पुणे के बालेवाड़ी में 53 एकड़ भूमि पर किया गया था। वर्ष 2008 में इसी खेल परिसर में ‘यूथ कॉमनवेल्थ गेम्स’ का भी आयोजन किया गया था।
मोहम्मद आमिर
पाकिस्तान के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद आमिर ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है। ध्यातव्य है कि मोहम्मद आमिर ने बीते वर्ष ही टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। पाकिस्तान के बेहतरीन तेज़ गेंदबाज़ों में से एक मोहम्मद आमिर ने वर्ष 2009 में इंग्लैंड के विरुद्ध पाकिस्तान के लिये अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था। आमिर ने अपने संपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर में कुल 30 टेस्ट, 61 एकदिवसीय और 50 T20 मैच खेले, जिसमें उन्होंने क्रमशः 119, 81 और 59 विकेट भी लिये। वर्ष 2010 में आमिर पर स्पॉट-फिक्सिंग के भी आरोप लगे थे, जिसके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने उन्हें 5 वर्ष के लिये अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से प्रतिबंधित कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने वर्ष 2015 में एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की थी।