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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 19 Apr, 2021
  • 10 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स : 19 अप्रैल, 2021

बच्चों में मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम

Multisystem Inflammatory Syndrome in Children

हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका में डॉक्टरों ने मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रन (Multisystem Inflammatory Syndrome in Children- MIS-C) वाले बच्चों में न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की सूचना दी है।

प्रमुख बिंदु

मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम इन चिल्ड्रन:

  • MIS-C बच्चों और किशोरों में एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है जो आमतौर पर कोविड-19 संक्रमण के 2-6 सप्ताह बाद होती है।
  • यह बीमारी पूरे शरीर को प्रभावित करती है, जिससे शरीर के विभिन्न अंगों जैसे- हृदय, गुर्दा, मस्तिष्क, त्वचा, आँख, जठरांत्र आदि में सूजन हो सकती है।
  • MIS-C से पीड़ित बच्चों में पेट दर्द, आँख से खून आना, थकान महसूस होना दस्त, आदि लक्षण देखे जा सकते हैं।

न्यूरोलॉजिकल संबंधी जटिलता के साथ MIS-C:

  • हाल के एक अध्ययन में MIS-C सिंड्रोम वाले युवाओं में न्यूरोलॉजिकल लक्षणों का पता चला जो आघात या गंभीर इंसेफेलोपैथी (Encephalopathy- मस्तिष्क की ऐसी बीमारी जो मस्तिष्क के कार्य या संरचना को बदल देती है) की तरह जानलेवा थे।
  • न्यूरोलॉजिकल लक्षणों में मतिभ्रम, भ्रम, आवाज का चले जाना आदि समस्याएँ शामिल हैं।
  • नए निष्कर्ष इस सिद्धांत को मज़बूत करते हैं कि सिंड्रोम वायरस की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से उत्पन्न सूजन के बढ़ने से संबंधित है।

MIS-C के कारण:

  • MIS-C सिंड्रोम पर कम शोध हुए हैं, जिससे इसके होने के कारणों पर विभिन्न सिद्धांत दिये जाते हैं।
  • कुछ शोधकर्त्ताओं का मानना है कि MIS-C कोरोना वायरस की देरी से होने वाली प्रतिक्रिया है जो शरीर में बड़े पैमाने पर सूजन का कारण बनता है और परिणामस्वरूप अंगों को नुकसान पहुँचाता है।
  • कुछ अन्य शोधकर्त्ताओं का मानना है कि यह बच्चों के प्रतिरक्षा तंत्र का वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनाने का परिणाम भी हो सकता है।
  • यह एक आनुवंशिक घटक भी हो सकता है क्योंकि प्रत्येक बच्चा MIS-C विकसित नहीं करता है और उनमें दिखाई देने वाले लक्षण भी विविध प्रकार के हैं।

उपचार:

  • MIS-C से होने वाले को सूजन को अच्छी देखभाल या विभिन्न Mesymptonicdicines दवाओं का उपयोग ठीक कर सकता है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 अप्रैल, 2021

रामानुजाचार्य

18 अप्रैल, 2021 को महान हिंदू दार्शनिक और चिंतक रामानुजाचार्य की 1004वीं जयंती है। रामानुजाचार्य ने आम जनमानस को समानता और भक्ति का मार्ग दिखाया था। उनका जन्म वर्ष 1017 में तमिलनाडु के श्रीपेरूमबुदूर गाँव में हुआ था। रामानुजाचार्य जयंती की तिथि तमिल सौर कैलेंडर के आधार पर तय की जाती है। वह एक महान धर्मशास्त्री थे, जिन्होंने सार्वभौमिक भाईचारे का संदेश दिया। रामानुजाचार्य, वेदांत और वैष्णववाद दर्शन के महान समर्थक थे। संत रामानुजाचार्य ने तथाकथित अछूतों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने की बात करते हुए कहा कि विश्व के रचयिता ने कभी भी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया। श्री रामानुजाचार्य ने ऐसा सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसमें जन्म या जाति के बजाय व्यक्ति के आध्यात्मिक ज्ञान के आधार पर सम्मान दिया जाता है। उन्होंने वेदों के गोपनीय और सर्वोत्कृष्ट ज्ञान को मंदिरों से निकाल कर आम लोगों तक पहुँचाया। श्री रामानुजाचार्य महान दार्शनिक, संत, चिंतक, समाज सुधारक और वेदांत की विशिष्‍टाद्वैत धारा के मुख्‍य उद्घोषक थे। माना जाता है कि उनका निधन 120 वर्ष की आयु में वर्ष 1137 में तमिलनाडु के श्रीरंगम में हुआ था। 

डॉ. नरेंद्र कोहली

17 अप्रैल, 2021 को हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार नरेंद्र कोहली का 81 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। नरेंद्र कोहली को हिंदी के प्रमुख उपन्यासकार, कहानीकार, नाटककार और व्यंग्यकार के रूप में जाना जाता था। 06 जनवरी, 1940 को पाकिस्तान के सियालकोट में जन्मे नरेंद्र कोहली का परिवार वर्ष 1947 में विभाजन के बाद बिहार में विस्थापित हो गया था। नरेंद्र कोहली की प्रारंभिक शिक्षा लाहौर और जमशेदपुर में हुई। उन्होंने राँची विश्वविद्यालय और दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में शिक्षा प्राप्त की। साहित्य में पौराणिक और ऐतिहासिक चरित्रों के जीवंत चित्रण के लिये उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने भारतीय पौराणिक पात्रों को एक नए संदर्भ में दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया। नरेंद्र कोहली को रामायण और महाभारत के पात्रों के बारे में उनके लेखन के लिये जाना जाता है। महाभारत पर आधारित महाकाव्यत्मक उपन्यास- 'महासमर' जोकि आठ-खंडों में विभाजित है, को एक उत्कृष्ट कृति माना जाता है। उन्होंने लेखन के माध्यम से संस्कृति के पुनरुद्धार पर ज़ोर दिया। उन्होंने उपन्यास, निबंध, व्यंग्य और संस्मरण सहित 100 से अधिक पुस्तकों की रचना की। उनके प्रमुख उपन्यासों में अभ्युदय, दीक्षा, अवसर और अभिज्ञान आदि शामिल हैं। उनके द्वारा रचिय नाटकों में शम्बूक की हत्या, निर्णय रुका हुआ और गारे की दीवार आदि शामिल हैं। हिंदी साहित्य में योगदान के लिये उन्हें वर्ष 2017 में पद्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

विश्व यकृत दिवस

लिवर/यकृत के महत्त्व और उससे संबंधित रोगों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये दुनिया भर में प्रत्येक वर्ष 19 अप्रैल को विश्व लिवर/यकृत दिवस का आयोजन किया जाता है। यकृत, मानव शरीर को स्वस्थ रखने के लिये डिटॉक्सिफिकेशन और पाचन सहित विभिन्न जटिल कार्य करता है। ज्ञात हो कि यकृत/लिवर मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है और पाचनतंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यकृत मानव शरीर मे मुख्य रूप से संक्रामक बीमारियों से निपटने, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने, शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने और  रक्त का थक्का जमने में मदद करने आदि का कार्य करता है। एक व्यक्ति में विभिन्न कारणों की वजह से यकृत संबंधी रोग उत्पन्न हो सकते हैं, जिसमें अस्वास्थ्यकर जीवन एवं खानपान की शैली, अल्कोहॉल एवं फास्ट फूड का अत्यधिक प्रयोग और अत्यधिक वज़न तथा टाइप 2 डायबिटीज आदि शामिल हैं। इसके अलावा यकृत संबंधी रोग वंशानुगत और अनुवांशिक भी हो सकते हैं। 

तुर्की में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध

डिजिटल मुद्रा में मौजूद जोखिम को मद्देनज़र रखते हुए तुर्की के केंद्रीय बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी के भुगतान के रूप में उपयोग किये जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। नए नियमों के तहत उन कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है, जो क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म से जुड़े भुगतान और इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर को नियंत्रित करती हैं। तुर्की के केंद्रीय बैंक के मुताबिक, आपराधिक गतिविधियों में प्रयोग होने की क्षमता तथा बाज़ार मूल्य की अत्यधिक अस्थिरता के साथ-साथ संयुक्त विनियमन, पर्यवेक्षण तंत्र या केंद्रीय नियामक प्राधिकरण के अभाव के कारण क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग काफी जोखिमपूर्ण है और इसके कारण अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। तुर्की के इस निर्णय से बिटकॉइन के मूल्य में 4 प्रतिशत की कमी हुई है। ध्यातव्य है कि भारत भी ऐसे कानून के प्रस्ताव पर विचार कर रहा है, जो क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने के साथ-साथ ऐसी किसी भी संपत्ति को रखने या इसका व्यापार करने वाले व्यक्ति को प्रतिबंधित करता हो। क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी (मुद्रा) होती है, जिसमें लेन-देन संबंधी सभी जानकारियों को ‘कूटबद्ध’ (Encrypt) तरीके से ‘विकेंद्रित डेटाबेस’ में सुरक्षित रखा जाता है।


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