प्रीलिम्स फैक्ट्स: 17- 07- 2019
केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक
Central Universities (Amendment) Bill
हाल ही में आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय और जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना के लिये राज्यसभा ने केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2019 पारित किया।
- इस विधेयक में आंध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिये 450 करोड़ रुपए तथा जनजातीय विश्वविद्यालय के लिये 420 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
- उल्लेखनीय है कि लोकसभा ने इस विधेयक को पहले ही मंज़ूरी दे दी है।
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार, इस विश्वविद्यालय को अगले चार वर्षों में स्थापित कर लिया जायेगा।
- मंत्रालय के अनुसार, जनजातीय विश्वविद्यालय में आदिवासी समुदाय को कला, संस्कृति और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान की सुविधा प्रदान की जाएगी।
- आंध्र प्रदेश राज्य में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना से उच्चतर शिक्षा तक पहुँच तथा उसकी गुणवत्ता में वृद्धि होगी। इससे वहाँ के लोगों में उच्चतर शिक्षा एवं अनुसंधान सुविधाओं का मार्ग प्रशस्त होगा।
- जनजातीय विश्वविद्यालयों में भारत की जनजातीय कला, संस्कृति के साथ शिक्षा एवं अनुसंधान सुविधाओं तथा प्रौद्योगिकी के माध्यम से उन्नत ज्ञान का संवर्द्धन किया जा सकेगा ।
- वर्तमान में आंध्र प्रदेश राज्य में कोई केंद्रीय विश्वविद्यालय नहीं है जबकि गोवा के सिवाय सभी राज्यों में एक या एक से अधिक केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं।
लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट
(Leachate Treatment Plant)
हाल में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (South Delhi Municipal Corporation- SDMC) ने मानसून के दौरान सीपेज (Seepage) की समस्या को दूर करने के लिये ओखला लैंडफिल में एक लीचेट ट्रीटमेंट प्लांट (Leachate Treatment Plant) लगाया है।
- लीचेट काले रंग का, दुर्गंध युक्त, विषैला तरल पदार्थ है जो लैंडफिल (कूड़े का ढेर) में कचरे के सड़ने से निकलता है,
- इसमें कवक और बैक्टीरिया के अलावा हानिकारक रसायन भी मौज़ूद होते हैं।
- यह लैंडफिल के तल पर जमा हो जाता है तथा भूजल को दूषित करने वाली मिट्टी के माध्यम से नीचे की ओर रिसकर चला जाता है।
- यह सतह के पानी को भी दूषित करता है।
- भूजल संसाधनों के इस तरह के प्रदूषण से संसाधन के स्थानीय उपयोगकर्त्ताओं और प्राकृतिक पर्यावरण को काफी खतरा है।
- अपशिष्ट की रीसाइक्लिंग, ऑन-साइट कूड़ों को नष्ट करना, नगर निगम के सीवेज़ ट्रीटमेंट प्लांट को डिस्चार्ज करना आदि प्रक्रियाओं के माध्यम से लीचेट के बनने को रोका जा सकता है।
उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार, 2018
26 जून, 2019 को गुवाहाटी (असम) में आयोजित सामान्य परिषद की बैठक में उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार, 2018 के लिये एक संयुक्त पुरस्कार सहित 32 कलाकारों का चयन किया गया।
- चयनित कलाकारों ने कला प्रदर्शन के अपने-अपने क्षेत्रों में युवा प्रतिभाओं के रूप पहचान बनाई है।
- उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार कला प्रदर्शन के विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट युवा प्रतिभाओं की पहचान करने, उन्हें प्रोत्साहन देने और उन्हें जीवन में शीघ्र राष्ट्रीय मान्यता देने के उद्देश्य से 40 वर्ष से कम आयु के कलाकारों को प्रदान किया जाता है।
- उस्ताद बिस्मिल्लाह खां युवा पुरस्कार के तहत 25,000 रुपए की नकद राशि प्रदान की जाती है।
- चयनित कलाकारों को यह पुरस्कार संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष द्वारा एक विशेष समारोह के दौरान प्रदान किया जाएगा।
- संगीत नाटक अकादमी, संगीत, नृत्य और नाटक की राष्ट्रीय अकादमी है। यह देश में कला प्रदर्शन का शीर्ष निकाय है।
- पुरस्कारों के लिये चुने गए कलाकारों के नाम इस प्रकार हैं –
- संगीत के क्षेत्र में 8 कलाकरों:
- समीहान काशेलकर और रुचिरा केदार: हिंदुस्तानी वोकल संगीत के लिये
- ध्रुव बेदी: हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (सितार) के लिये
- शुभ महाराज: हिंदुस्तानी वाद्य संगीत (तबला) के लिये
- संदीप नारायण: कर्नाटक वोकल संगीत के लिये
- जे.बी. श्रुति सागर: कर्नाटक वाद्य संगीत (बांसुरी) के लिये
- आर. श्रीधर: कर्नाटक वाद्य संगीत (वायलिन) के लिये
- एम.डी. पल्लवी: संगीत की अन्य प्रमुख परंपराओं- भाव संगीत के लिये
- नृत्य के क्षेत्र में 8 कलाकारों को दिये जा रहे पुरस्कार -
- विजना रानी वासुदेवन एवं राजित बाबू: संयुक्त पुरस्कार भरतनाट्यम के लिये
- दुर्गेश गंगानी: कथक के लिये
- कलामंडलम वैसाखव: कथकली के लिये
- मंजू इलांगबम: मणिपुरी के लिये
- मधुलिता महापात्रा: ओडिसी के लिये
- अंजलि बोरबोरा बोरठाकुर: सतरिया के लिये
- राकेश साई बाबू: छऊ के लिये
- विक्रम मोहन: समकालीन नृत्य के लिये
- थियेटर के क्षेत्र में 7 पुरस्कार दिये जा रहे हैं-
- चवन प्रमोद आर: निर्देशन के लिये
- नम्रता शर्मा: अभिनय के लिये
- सुनील पलवल: अभिनय के लिये
- प्रीति झा तिवारी: अभिनय के लिये
- कुलदीप पाटगिरी: माइम के लिये
- सुभदीप गुहा: सम्बद्ध थिएटर कलाओं के लिये
- साजिथ विजयन: थिएटर संगीत के लिये
- कुटियाट्टम: थिएटर की अन्य प्रमुख परंपराओं के लिये
- पारंपरिक/लोक/जनजातीय संगीत/नृत्य/थियेटर और कटपुतली क्षेत्र में पुरस्कार:-
- चंदन तिवारी: लोक संगीत-बिहार के लिये
- दिनेश कुमार जांगड़े: पंथी नृत्य- छत्तीसगढ़ के लिये;
- मनोज कुमार दास: पारंपरिक संगीत खोल- असम के लिये,
- चंदानी मानसिंग ज़ाला: कठपुतली-गुजरात के लिये;
- ए. एनेशोरी देवी: पारंपरिक और लोक संगीत-मणिपुर के लिये,
- पी. राजकुमार: पारंपरिक और लोक संगीत- मणिपुर के लिये,
- मधुश्री हेतल: लोकनृत्य- तमिलनाडु के लिये,
- अशोक कुमार: लोक संगीत (झूमर)- पश्चिम बंगाल के लिये,
- लोक संगीत-उत्तर प्रदेश के लिये एक पुरस्कार।
संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप एवं अकादमी पुरस्कार
हाल ही में नई दिल्ली में संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (अकादमी रत्न) एवं संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की गई।
- अकादमी पुरस्कार वर्ष 1952 से प्रदान किया जा रहा है।
- उल्लेखनीय है कि संगीत नाटक अकादमी की आम परिषद, राष्ट्रीय संगीत, नृत्य एवं ड्रामा अकादमी ने 26 जून, 2019 को गुवाहाटी (असम) में हुई अपनी बैठक में 4 जानी-मानी हस्तियों जाकिर हुसैन, सोनल मानसिंह, जतिन गोस्वामी और के.कल्याणसुंदरम पिल्लै को सर्वसम्मति से संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप (अकादमी रत्न) के लिये चुना है।
- यह सम्मान उत्कृष्टता और उपलब्धियों के सर्वोच्च मानक का प्रतीक के तौर पर दिया जाता है साथ ही निरंतर व्यक्तिगत कार्य एवं योगदान को भी मान्यता प्रदान करता है।
- अकादमी फैलोशिप में 3,00,000 रुपए तथा अकादमी पुरस्कार के रूप में ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के अलावा 1,00,000 रुपए दिये जाते हैं।
- यह प्रतिष्ठित फैलोशिप किसी भी समय 40 सदस्यों तक सीमित रहती है।
- आम परिषद ने वर्ष 2018 के लिये संगीत, नृत्य, थियेटर, परंपरागत/लोक/जनजातीय संगीत/ नृत्य/ थियेटर, कठपुतली नचाने और अदाकारी के क्षेत्र में संपूर्ण योगदान/छात्रवृत्ति के लिये 44 कलाकारों का संगीत नाटक अकादमी पुरस्कारों (अकादमी पुरस्कार) के लिये चयन किया है।
- इन 44 कलाकारों में तीन को संयुक्त पुरस्कार दिया जाना भी शामिल हैं।
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार राष्ट्रपति द्वारा एक विशेष समारोह में दिये जाएंगे।
- संगीत के क्षेत्र में, ग्यारह प्रख्यात कलाकारों को चुना गया है जो इस प्रकार हैं-
- मणि प्रसाद (हिंदुस्तानी संगीत)
- मधुप मुद्गल (हिंदुस्तानी संगीत)
- तरुण भट्टाचार्य (हिंदुस्तानी वाद्य- संतूर)
- तेजेन्द्र नारायण मज़ूमदार (हिंदुस्तानी वाद्य- सरोद)
- अलामेलू मणि (कर्नाटक संगीत)
- मल्लादी सूरीबाबू (कर्नाटक संगीत)
- एस. कासिम और एस. बाबू, संयुक्त पुरस्कार (कर्नाटक वाद्य यंत्र- नादस्वरम)
- गणेश और कुमारेश, संयुक्त पुरस्कार (कर्नाटक वाद्य यंत्र- वायलिन)
- सुरेश वाडकर (संगीत की अन्य प्रमुख परंपराएँ- सुगम संगीत)
- शांति हीरानंद (संगीत की अन्य प्रमुख परंपराएँ- सुगम संगीत)
- एच. अशंगबी देवी (संगीत की अन्य प्रमुख परंपराएँ- नट संकीर्तन)
- नृत्य के क्षेत्र में, नौ प्रतिष्ठित कलाकारों को अकादमी पुरस्कार 2018 के लिये चुना गया है। इनमें शामिल हैं-
- राधा श्रीधर (भरतनाट्यम)
- इशिरा और मौलिक शाह (संयुक्त पुरस्कार कथक के लिये)
- अखम लक्ष्मी देवी (मणिपुरी)
- पसुमूर्ति रामलिंग शास्त्री (कुचीपुड़ी)
- सुरूप सेन (ओडिसी)
- टंकेश्वर हजारिका बोरबयान (सत्रिया)
- गोपिका वर्मा (मोहिनीअट्टम)
- तपन कुमार पटनायक (छऊ)
- दीपक मज़ूमदार (समकालीन नृत्य)
- रंगमंच के क्षेत्र में, अकादमी पुरस्कार 2018 के लिये नौ प्रतिष्ठित कलाकारों का चयन किया गया है। इनमें शामिल हैं-
- राजीव नाइक और लल्टुलांग्लियाना खियांगटे (नाट्य लेखन)
- संजय उपाध्याय और एस.रघुनंदन (निर्देशन)
- सुहास जोशी और टीकम जोशी (अभिनय)
- स्वप्न नंदी (मूक अभिनय)
- भगवत ए.एस. नन्जप्पा- (रंगमंच की अन्य प्रमुख परंपरा यक्षगान के लिये)
- ए.एम. परमेश्वरन कुट्टन चक्कीयार (रंगमंच की अन्य प्रमुख परंपरा कुटियाट्टम के लिये)
- पारंपरिक/लोक/जनजातीय संगीत/नृत्य/रंगमंच और कठपुतली नचाने के क्षेत्र में, दस कलाकारों को अकादमी पुरस्कार 2018 के लिये चुना गया है।
- लोक संगीत, उत्तर प्रदेश- मालिनी अवस्थी
- लोक संगीत- खरताल
- राजस्थान- गाजी खान बरना
- लोक गीत, उत्तराखंड- नरेंद्र सिंह नेगी
- लोक रंगमंच (भांड पाथेर) जम्मू-कश्मीर- मो. सादिक भगत
- हरिकथा, आंध्र प्रदेश- कोटा सचिदानंद शास्त्री
- लोक नृत्य, मध्य प्रदेश- अर्जुन सिंह ध्रुवे
- लोक संगीत, हिमाचल प्रदेश - सोमनाथ बट्टू
- कठपुतली (स्ट्रिंग), कर्नाटक- अनुपमा होसकरे
- मुखौटे बनाना, असम- हेम चंद्र गोस्वामी
- अभिनय कला में संपूर्ण योगदान/छात्रवृत्ति के क्षेत्र में अकादमी पुरस्कार 2018 के लिये दीवान सिंह बजेली और पुरू दधीच का चयन किया गया है।