प्रारंभिक परीक्षा
सूर्य किरण XVI
भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास के 16वें संस्करण "सूर्य किरण-XVI" का आयोजन नेपाल में सलझंडी के नेपाल आर्मी बैटल स्कूल में किया जा रहा है।
अभ्यास के बारे में:
- यह भारत और नेपाल के बीच प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला एक सैन्य अभ्यास है।
- इस अभ्यास के उद्देश्य हैं:
- दोनों देशों के सैनिकों द्वारा दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में सैन्य संबंध स्थापित करना।
- आपदा प्रबंधन के तहत मानवीय सहायता प्रदान करना।
- उग्रवाद विरोधी अभियानों के संचालन के दौरान प्राप्त हुए अनुभवों को साझा करना।
- दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता विकसित करना तथा अनुभव साझा करना।
- सूर्य किरण के 15वें संस्करण का आयोजन भारत में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में किया गया था।
स्रोत: पी.आई.बी.
प्रारंभिक परीक्षा
अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल
हाल ही में भारत ने अग्नि-5 परमाणु-सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का रात्रि परीक्षण (Night Trials) सफलतापूर्वक किया।
प्रमुख बिंदु
- अग्नि-5 एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (Integrated Guided Missile Development Programme- IGMDP) के तहत विकसित सतह-से-सतह पर मार करने वाली उन्नत बैलिस्टिक मिसाइल है।
- यह दागो और भूल जाओ मिसाइल है, जिसे इंटरसेप्टर मिसाइल के बिना रोका नहीं जा सकता है।
- मिसाइल में 5000 किमी. की सीमा से परे लक्ष्य को भेदने की क्षमता है और यह भारत की आत्मरक्षा प्रणालियों के लिये महत्त्वपूर्ण है।
अग्नि मिसाइल:
- परिचय:
- अग्नि मिसाइल वर्ग भारत की परमाणु लॉन्च क्षमता की रीढ़ है, जैसे कि पृथ्वी, कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल, पनडुब्बी से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल और लड़ाकू विमान हैं।
- अग्नि-1 से 5 मिसाइलें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( Defence Research and Development Organisation- DRDO) द्वारा डिज़ाइन और विकसित की गई हैं।
- अन्य अग्नि मिसाइलें:
- अग्नि I: 700-800 किमी. की सीमा।
- अग्नि II: रेंज 2000 किमी. से अधिक।
- अग्नि III: 2,500 किमी. से अधिक की सीमा
- अग्नि IV: इसकी रेंज 3,500 किमी. से अधिक है और यह एक रोड मोबाइल लॉन्चर से फायर की जा सकती है।
- अग्नि V: अग्नि शृंखला की सबसे लंबी, एक अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Inter-Continental Ballistic Missile- ICBM) है जिसकी रेंज 5,000 किमी. से अधिक है।
एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP):
- इसकी स्थापना का विचार प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा दिया गया था।
- इसका उद्देश्य मिसाइल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना था।
- रक्षा बलों की विभिन्न प्रकार की मिसाइलों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम के तहत पाँच मिसाइल प्रणालियों को विकसित करने की मंज़ूरी दी गई।
- इसे वर्ष 1983 में शुरू किया गया और मार्च 2012 में पूरा हुआ।
- रणनीतिक रूप से स्वदेशी मिसाइल प्रणालियों को आकार देने के लिये यह देश के वैज्ञानिक समुदाय, शैक्षणिक संस्थानों, अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं, उद्योगों और तीनों रक्षा सेवाओं को एक साथ लाया।
- IGMDP के तहत विकसित मिसाइलें हैं:
- पृथ्वी: सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम कम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल।
- अग्नि: सतह-से-सतह पर मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली बैलिस्टिक मिसाइल यानी अग्नि।
- त्रिशूल: सतह से आकाश में मार करने में सक्षम कम दूरी वाली मिसाइल।
- नाग: तीसरी पीढ़ी की टैंक भेदी मिसाइल।
- आकाश: सतह से आकाश में मार करने में सक्षम मध्यम दूरी वाली मिसाइल।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न: कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला "टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD)" क्या है? (2018) (a) एक इज़रायली रडार प्रणाली उत्तर:(c) व्याख्या:
अतः विकल्प C सही है। प्रश्न: अग्नि-IV मिसाइल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2014)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) व्याख्या:
अत: विकल्प (a) सही उत्तर है। |
स्रोत: द हिंदू
प्रारंभिक परीक्षा
भगवान नटराज
हाल ही में फ्राँसीसी सरकार की कांस्य नटराज की मूर्ति की नीलामी की योजना को तमिलनाडु पुलिस ने सफलतापूर्वक रोक दिया है।
- ऐसा माना जाता है कि दुर्लभ प्रकार की कांस्य मूर्ति पचास साल पहले थूथुकुडी ज़िले के कयाथार से चुरा ली गई थी।
भगवान नटराज:
- नटराज (नृत्य के देवता), हिंदू देवता शिव ब्रह्मांडीय नर्तक के रूप में, विशेष तौर पर दक्षिण भारत में कई शैव मंदिरों में धातु या पत्थर की मूर्तियों के रूप में पाए जाते हैं।
- यह चोल मूर्तिकला की एक महत्त्वपूर्ण रचना है।
- नटराज के ऊपरी दाहिने हाथ में डमरू है, जो सृजन की ध्वनि का प्रतीक है। सभी रचनाएँ डमरू की महान ध्वनि से निकलती हैं।
- ऊपरी बाएँ हाथ में शाश्वत अग्नि है, जो विनाश की प्रतीक है। विनाश सृष्टि का अग्रदूत और अपरिहार्य प्रतिरूप है।
- निचला दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है जो आशीर्वाद का प्रतीक है और भक्त को न डरने के लिये आश्वस्त करता है।
- निचला बायाँ हाथ ऊपर उठे हुए पैर की ओर इशारा करता है और मोक्ष के मार्ग को इंगित करता है।
- शिव एक बौने की आकृति पर नृत्य कर रहे हैं। बौना अज्ञानता और व्यक्ति के अहंकार का प्रतीक है।
- भगवान शिव को ब्रह्मांड के भीतर सभी प्रकार की गति के स्रोत के रूप में दिखाया गया है और प्रलय के दिन को नृत्य, ज्वाला के मेहराब द्वारा दर्शाया गया है, ये ब्रह्मांड के विघटन को संदर्भित करते हैं।
- शिव के उलझे बालों से बहने वाली धाराएँ गंगा नदी के प्रवाह का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- शिव के एक कान में नर तथा दूसरे में मादा अलंकरण है। यह नर और मादा के संलयन का प्रतिनिधित्व करता है और इसे अर्द्ध-नारीश्वर रूप में जाना जाता है।
- शिव की भुजा के चारों ओर एक साँप मुड़ा हुआ है। साँप कुंडलिनी शक्ति का प्रतीक है, जो मानव रीढ़ में सुप्त अवस्था में रहती है। यदि कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाए तो व्यक्ति सच्ची चेतना प्राप्त कर सकता है।
- नटराज जगमगाती रोशनी के एक बादल/निंबस से घिरा हुआ है जो समय के विशाल अंतहीन चक्र का प्रतीक है।
स्रोत: द हिंदू
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 दिसंबर, 2022
विजय दिवस
वर्ष 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की विजय की स्मृति में प्रतिवर्ष 16 दिसंबर को विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाया जाता है। वर्ष 2020 में विजय दिवस के 52 वर्ष पूरे हो गए हैं और सरकार इस अवसर को मनाने के लिये ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन सभी सैनिकों को समर्पित है जिन्होंने आज़ादी के बाद देश की रक्षा के लिये अपना जीवन बलिदान कर दिया। साथ ही यह स्मारक उन सैनिकों को भी याद करता है जिन्होंने शांति अभियानों में बलिदान दिया। भारत सरकार ने 3 दिसंबर, 1971 को बंगाली मुसलमानों और हिंदुओं की रक्षा के लिये पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ने का निर्णय लिया। यह युद्ध भारत तथा पाकिस्तान के मध्य 13 दिनों तक लड़ा गया था। 16 दिसंबर, 1971 को पाकिस्तानी सेना के 93 हज़ार सैनिकों ने संयुक्त सेना के समक्ष बिना शर्त समर्पण कर दिया था। मुक्ति वाहिनी उन सशस्त्र संगठनों को संदर्भित करती है जो बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के दौरान पाकिस्तान सेना के विरुद्ध लड़े थे। यह एक गुरिल्ला प्रतिरोध आंदोलन था। इसी दिन बांग्लादेश की उत्पत्ति हुई थी। इसलिये बांग्लादेश प्रत्येक वर्ष 16 दिसंबर को स्वतंत्रता दिवस (बिजोय डिबोस) मनाता है।
एम्स, नई दिल्ली ‘तंबाकू मुक्त क्षेत्र‘ घोषित
राजधानी नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को ‘तंबाकू मुक्त क्षेत्र‘ घोषित किया गया है। अस्पताल परिसर में धूम्रपान करते या तंबाकू चबाते पाए जाने वाले चिकित्सकों, स्थायी या संविदा कर्मचारियों तथा सुरक्षा कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एम्स, नई दिल्ली के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास द्वारा जारी एक कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से इस विषय में जानकारी दी गई है। सभी विभागाध्यक्षों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों को दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने को कहें। एम्स, नई दिल्ली (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़, दिल्ली) एक मेडिकल कॉलेज और मेडिकल रिसर्च पब्लिक यूनिवर्सिटी है जो नई दिल्ली, भारत में स्थित है। एम्स की स्थापना 1956 में हुई थी और यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन है। अन्य अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान- एम्स भुवनेश्वर, जोधपुर, पटना, रायपुर, ऋषिकेश, भोपाल और नवनिर्मित एम्स नागपुर हैं।
हुरुन ग्लोबल 500 सूची 2022
हाल ही में हुरुन ग्लोबल 500 सूची 2022 जारी की गई है, जिसमें भारत 5वें स्थान पर है। हुरुन ग्लोबल 500 सूची विश्व की शीर्ष 500 सबसे मूल्यवान गैर-राज्य नियंत्रित कंपनियों का आकलन है। इसे हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा जारी किया गया है। इस सूची में कंपनियों को उनके बाज़ार पूंजीकरण (सूचीबद्ध) और मूल्यांकन (गैर-सूचीबद्ध) के आधार पर रैंक प्रदान किया गया है। हुरुन ग्लोबल 500 सूची के 2022 संस्करण में भारत 9वें स्थान से 5वें स्थान पर पहुँच गया है। देश में 20 कंपनियाँ हैं जिन्हें इस सूची में शामिल किया गया है। इन 20 कंपनियों में से 11 मुंबई में, 4 अहमदाबाद में और 1-1 नोएडा, नई दिल्ली, बंगलूरू और कोलकाता में स्थित हैं। 202 बिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज़ भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी है, इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ के पास 139 बिलियन अमेरिकी डॉलर वैल्यूएशन है। 260 कंपनियों के साथ इस सूची में अमेरिकी कंपनियाँ शीर्ष प्रदर्शनकर्त्ता हैं। 35 कंपनियों के साथ चीन दूसरा सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला देश है।