प्रीलिम्स फैक्ट्स: 16 नवंबर, 2019
ब्रह्मपुत्र पुष्करम उत्सव
Brahmaputra Pushkaram Festival
असम राज्य में 5 नवंबर से 16 नवंबर तक 12 दिवसीय नदी उत्सव ‘ब्रह्मपुत्र पुष्करम उत्सव’ (Brahmaputra Pushkaram Festival) का आयोजन किया गया।
उत्सव के बारे में:
- इससे पहले वर्ष 2018 में तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में तामिरापर्णी के तट पर पुष्करम उत्सव मनाया गया था।
- पुष्करम उत्सव नदियों का एक उत्सव है जो भारत की 12 महत्त्वपूर्ण नदियों से संबंधित है।
- नमामि ब्रह्मपुत्र उत्सव के बाद यह असम का दूसरा सबसे बड़ा उत्सव है।
- ब्रह्मपुत्र नदी की सौंदर्यता को नमामि ब्रह्मपुत्र उत्सव के रुप में प्रदर्शित किया जाता है। जिसका आयोजन असम सरकार द्वारा किया जाता है।
- यह पाँच दिवसीय उत्सव है जिसमें असम की कला, विरासत और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाता है।
सिसेरी नदी पुल
Sisseri River bridge
हाल ही में रक्षा मंत्रालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी को सियांग से जोड़ने वाले सिसेरी नदी पुल (Sisseri River bridge) का उद्घाटन किया गया।
सिसेरी नदी पुल के बारे में:
- इस पुल की लंबाई 200 मीटर है जो जोनाई-पासीघाट-राणाघाट-रोइंग (Jonai-Pasighat-Ranaghat-Roing) सड़क के बीच बना है।
- इस पुल के बन जाने से पासीघाट से रोइंग की यात्रा में लगने वाले वाले समय में लगभग पांच घंटे की कमी आ जाएगी।
- इस प्रकार की पहल से सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति (Act East Policy) द्वारा पूर्वोत्तर और खासतौर से अरुणाचल प्रदेश में तेज़ अवसंरचना विकास के नए द्वार खुलेंगे।
- सिसेरी नदी पर बने इस पुल से धोला-सादिया पुल के ज़रिये तिनसुकिया से संपर्क स्थापित किया जा सकेगा।
- इस पुल का निर्माण सीमा सड़क संगठन ( Border Roads Organisation-BRO) की परियोजना ब्रह्मांक (Brahmank) के तहत किया गया है।
- वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश में BRO की चार परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें वर्तक, अरूणांक, ब्रह्मांक और उद्यांक शामिल हैं।
- यह पुल सैन्य दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है और ट्रांस अरुणाचल राजमार्ग का भी एक हिस्सा होगा।
झारखंड स्थापना दिवास-बिरसा मुंडा जयंती
Jharkhand Foundation Day-Birsa Munda Jayanti
15 नवंबर 2019 को झारखंड राज्य का 19वाँ स्थापना दिवस तथा बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई।
झारखंड राज्य के बारे में:
- 15 नवंबर, 2000 को बिहार के दक्षिणी हिस्से को काटकर झारखंड की स्थापना भारत संघ के 28वें राज्य के रूप में हुई थी।
- इसके क्षेत्र में छोटा नागपुर का पठार तथा संथाल परगना के वन क्षेत्र आते हैं।
- इसके पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़, उत्तर में बिहार तथा दक्षिण में ओडिशा राज्य स्थित हैं।
बिरसा मुंडा के बारे में:
- बिरसा का जन्म 15 नवंबर को एक मुंडा परिवार में हुआ था, इसलिये इन्हें बिरसा मुंडा कहा गया।
- मुंडा छोटा नागपुर में रहने वाला एक जनजातीय समूह है।
- बिरसा का मानना था कि उन्हें भगवान ने लोगों की भलाई और उनके दुःख दूर करने के लिये भेजा है, इसलिये वे स्वयं को भगवान मानते थे।
- इन्हें जगत पिता (धरती आबा) भी कहा जाता था।
- बिरसा मुंडा के नेतृत्व में वर्ष 1899-1900 में हुआ मुंडा विद्रोह छोटा नागपुर (झारखंड) के क्षेत्र में सर्वाधिक चर्चित विद्रोह था।
- इस विद्रोह की शुरुआत मुंडा जनजाति की पारंपरिक व्यवस्था खूंटकटी की ज़मींदारी व्यवस्था में परिवर्तन के कारण हुई।
- इस विद्रोह में महिलाओं की भूमिका भी उल्लेखनीय रही।
- फरवरी 1900 में बिरसा मुंडा को सिंहभूम में गिरफ्तार कर राँची ज़ेल में डाल दिया गया जहाँ जून 1900 में उनकी मृत्यु हो गई थी।
ओपेक
OPEC
हाल ही में पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) द्वारा जारी विश्व तेल आउटलुक-2019 (World Oil Outlook-2019) के अनुसार, वर्ष 2024 तक कच्चे तेल और अन्य तरल पदार्थों के उत्पादन में प्रति दिन 32.8 मिलियन बैरल की कमी आने की आशंका है।
ओपेक के बारे में
- OPEC 14 तेल निर्यातक विकासशील राष्ट्रों का एक स्थायी, अंतर सरकारी संगठन है।
- इसका गठन 10-14 सितंबर, 1960 में आयोजित बगदाद सम्मेलन में ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेज़ुएला द्वारा किया गया था।
- इन पाँच संस्थापक सदस्यों के अलावा कुछ अन्य सदस्यों को इसमें शामिल किया गया है। ये देश हैं-
- क़तर (1961), लीबिया (1962), संयुक्त अरब अमीरात (1967), अल्जीरिया (1969), नाइजीरिया (1971), इक्वाडोर (1973), अंगोला (2007), गैबन (1975), इक्वेटोरियल गिनी (2017) और कांगो (2018)
- जनवरी 2019 में क़तर ओपेक से अलग हो गया, अतः वर्तमान में इसके सदस्य देशों की संख्या 14 है।
- OPEC के अस्तित्व में आने के बाद शुरुआत में पाँच वर्षों तक इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में था। 1 सितंबर, 1965 को इसका मुख्यालय ऑस्ट्रिया के वियना में स्थानांतरित कर दिया गया।
- भारत OPEC का सदस्य देश नहीं है।
ओपेक प्लस (OPEC PLUS)
- कुछ विश्लेषक, गैर ओपेक देश जो पेट्रोलियम पदार्थों का उत्पादन करते हैं, ऐसे देशों के समूह को ओपेक प्लस कहते हैं।
- ओपेक प्लस देशों की श्रेणी में अज़रबैजान, बहरीन, ब्रुनेई, कज़ाकस्तान, मलेशिया, मैक्सिको, ओमान, रूस, दक्षिण सूडान और सूडान शामिल हैं।