प्रारंभिक परीक्षा
केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप हाल ही में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना (Ken-Betwa River Link Project- KBLP) को वन संबंधी अंतिम मंज़ूरी मिल गई है। यद्यपि परियोजना को वनों से संबंधित मंज़ूरी प्राप्त हो चुकी है लेकिन वन्यजीवों से संबंधित मंज़ूरी भारत के सर्वोच्च न्यायालय में जाँच के अधीन है।
- इस परियोजना के लिये वन संबंधी मंज़ूरी के लिये दो प्रमुख शर्तों को पूरा करना आवश्यक है: पहला इसकी नहर को पुनः व्यवस्थित करना और दूसरा प्रस्तावित बिजलीघरों को वन भूमि से दूर स्थानांतरित करना, क्योंकि इन दोनों ही मामलों के साथ संभावित पर्यावरणीय प्रभाव भी जुड़े हुए हैं।
परियोजना के विषय में:
- परिचय:
- KBLP नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan- NPP) के तहत पहली परियोजना है, इसका उद्देश्य जल की कमी को दूर करने और सिंचाई में वृद्धि करने के उद्देश्य से एक नदी बेसिन से अधिशेष जल को दूसरे नदी बेसिन में अंतरित करना है।
- KBLP में मध्य प्रदेश में केन नदी से उत्तर प्रदेश में बेतवा नदी तक जल अंतरण शामिल है, ये दोनों ही यमुना की सहायक नदियाँ हैं।
- KBLP नदियों को जोड़ने की राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (National Perspective Plan- NPP) के तहत पहली परियोजना है, इसका उद्देश्य जल की कमी को दूर करने और सिंचाई में वृद्धि करने के उद्देश्य से एक नदी बेसिन से अधिशेष जल को दूसरे नदी बेसिन में अंतरित करना है।
- परियोजना के चरण:
- परियोजना के दो चरण हैं, जिनमें मुख्य रूप से चार घटक शामिल हैं:
- पहले चरण में एक घटक शामिल होगा: दौधन बाँध कॉम्प्लेक्स और इसकी सहायक इकाइयाँ, जैसे; निम्न-स्तरीय सुरंग, उच्च-स्तरीय सुरंग, केन-बेतवा लिंक नहर एवं बिजलीघर।
- दूसरे चरण में तीन घटक शामिल होंगे: उर नदी (बेतवा की एक सहायक नदी) पर लोअर उर बाँध, बीना कॉम्प्लेक्स परियोजना और कोठा बैराज।
- परियोजना के दो चरण हैं, जिनमें मुख्य रूप से चार घटक शामिल हैं:
- महत्त्व:
- बहुउद्देशीय बाँध के निर्माण से न केवल जल संरक्षण में तेज़ी आएगी बल्कि 103 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन भी होगा और लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी।
- लिंकिंग नहर छतरपुर, टीकमगढ़ और झाँसी ज़िलों से होकर प्रवाहित होगी, इस परियोजना से प्रतिवर्ष लगभग 6.3 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होने का अनुमान है।
- चिंताएँ:
- पन्ना टाइगर रिज़र्व के महत्त्वपूर्ण बाघ आवास स्थल से गुज़रने जैसी वन्यजीव संरक्षण संबंधी चिंताओं के कारण इस परियोजना को राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT) से अभी तक मंज़ूरी नहीं मिल सकी है।
केन और बेतवा नदियाँ:
- केन तथा बेतवा नदियों का उद्गम मध्य प्रदेश होता है और ये दोनों यमुना की सहायक नदियाँ हैं।
- केन नदी उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के पास यमुना नदी से मिलती है और बेतवा उत्तर प्रदेश के हमीरपुर ज़िले में यमुना से मिलती है।
- राजघाट, पारीछा और माताटीला बाँध बेतवा नदी पर स्थित हैं।
- केन नदी पन्ना टाइगर रिज़र्व से होकर गुज़रती है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नमेन्स:प्रश्न. नदियों का आपस में जोड़ना से सूखा, बाढ़ और बाधित जल-परिवहन जैसी बहु-आयामी अंतरसंबंधित समस्याओं का व्यवहार्य समाधान दे सकता है। आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (2020) |
प्रारंभिक परीक्षा
गोवा के काजू को जीआई GI मिला
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में गोवा के काजू (कर्नेल) को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग मिला है, जिसे राज्य में काजू उद्योग के लिये एक महत्त्वपूर्ण अवसर और "स्वयंपूर्ण गोवा मिशन की दिशा में एक उपलब्धि" माना जा रहा है।
गोवा का काजू:
- मूलतः काजू लैटिन अमेरिका में पूर्वोत्तर ब्राज़ील में पाया जाता था और 16वीं शताब्दी (1570) में इसे पुर्तगालियों द्वारा गोवा लाया गया तथा गोवा काजू नाम दिया गया।
- प्रारंभ में इसका उपयोग वनीकरण और मृदा संरक्षण के लिये किया गया था इसके आर्थिक मूल्य के बारे में एक सदी बाद पता चला।
- काजू उत्पादन कुटीर उद्योग से बढ़कर गोवा की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्त्ता बन गया, जिसका मुख्य कारण अमेरिका में इसकी अधिक मांग थी।
काजू के संबंध में प्रमुख तथ्य:
- परिचय:
- काजू भारत में सबसे महत्त्वपूर्ण वृक्षारोपण फसलों में से एक है और काफी अधिक विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सहायक है। गोवा राज्य में बागवानी फसलों में इसका क्षेत्रफल सबसे अधिक है।
- मृदा और जलवायु:
- अच्छी जल निकास वाली गहरी बलुई दोमट मिट्टी काजू की खेती के लिये सर्वोत्तम होती है। इसके लिये भारी चिकनी मिट्टी उपयुक्त नहीं होती, क्योंकि काजू जल जमाव को सहन नहीं कर पाता।
- सामान्य तौर पर रेतीली से लेकर लेटेराइट तक सभी प्रकार की मृदा इस फसल के लिये उपयुक्त होती हैं।
- वर्षा:
- 60 से 95% की सापेक्ष आर्द्रता और 2000-3500 मिमी. की वार्षिक वर्षा वाली भारतीय तटीय क्षेत्र की परिस्थितियाँ काजू उत्पादन के लिये अनुकूल हैं।
- तापमान:
- काजू की खेती के लिये 20 से 38o C के बीच तापमान वाली गर्म आर्द्र परिस्थितियाँ उपयुक्त होती हैं। अत्यधिक कम तापमान और पाला काजू की खेती के लिये अनुकूल नहीं होते है।
- प्रमुख उत्पादक राज्य:
- राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के अनुसार, वर्ष 2021-2022 में महाराष्ट्र काजू का अग्रणी उत्पादक रहा है, इसके बाद आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मेघालय, गुजरात का स्थान है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित में से किसे 'भौगोलिक संकेतक' का दर्जा प्रदान किया गया है? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. भारत ने वस्तुओं के भौगोलिक संकेतक (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 को किसके दायित्वों का पालन करने के लिये अधिनियमित किया? (2018) (a) अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन उत्तर: (d) |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 अक्तूबर, 2023
विश्व छात्र दिवस 2023
भारत में 15 अक्तूबर को विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है। यह भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. कलाम के उल्लेखनीय योगदान और युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिये उनके समर्पण के सम्मान में वर्ष 2010 से वैश्विक स्तर पर विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है।
- एक महान शिक्षक, प्रख्यात वैज्ञानिक और महान राजनेता डॉ. कलाम ने वर्ष 2002 से 2007 तक 11वें भारतीय राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया।
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विश्व छात्र दिवस 2023 की थीम है- "FAIL: सीखने की दिशा में पहला प्रयास (Stands for First Attempt in Learning)" है।
- राष्ट्रपति कलाम का मानना था कि "जीवन में सफल होने और परिणाम प्राप्त करने के लिये आपको तीन शक्तिशाली शक्तियों- इच्छा, विश्वास एवं अपेक्षा को समझना तथा उन पर काबू पाना होगा।"
और पढ़ें…भारत के उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति चुनाव
तटीय सुरक्षा अभ्यास- पूर्वी तट सागर कवच 02/23
हाल ही में भारतीय नौसेना द्वारा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केंद्रशासित प्रदेश पुद्दुचेरी में सभी समुद्री सुरक्षा एजेंसियों को शामिल करते हुए एक व्यापक तटीय सुरक्षा अभ्यास सागर कवच 02-23 आयोजित किया गया।
- इस अभ्यास की विशाखापत्तनम के संयुक्त संचालन केंद्र (पूर्व) में सूक्ष्म निगरानी की गई, यह केंद्र संचालन के क्षेत्र में सभी तटीय सुरक्षा अभियानों और अभ्यासों के लिये नोडल केंद्र है।
- विशाखापत्तनम, चेन्नई और रामनाथपुरम से संचालित होने वाले डोर्नियर विमानों एवं हेलीकॉप्टरों द्वारा व्यापक हवाई सर्वेक्षण किया गया।
- अभ्यास से प्राप्त परिणामों का उपयोग तटीय सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिये किया जाएगा।
विश्व खाद्य दिवस 2023
16 अक्तूबर, 1945 को संयुक्त राष्ट्र, खाद्य और कृषि संगठन (FAO) की स्थापना के उपलक्ष्य में विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है।
- प्रत्येक वर्ष विश्व खाद्य दिवस समारोह मनाने का उद्देश्य विश्व भर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
- वर्ष 2023 के लिये विश्व खाद्य दिवस का विषय है- “Water is life, water is food. Leave no one behind (जल ही जीवन है, जल ही भोजन है। किसी को पीछे मत छोड़ो)"।
- यह सतत् विकास लक्ष्य 2 (SDG 2) अर्थात् 'ज़ीरो हंगर' लक्ष्य की प्राप्ति पर बल देता है।
- हेदी कुह्न (Heidi Kühn) को उनके किसान-केंद्रित विकास मॉडल, जो विश्व भर में विभिन्न विनाशकारी संघर्षों के आलोक में कृषि भूमि, आजीविका, लचीलेपन तथा खाद्य सुरक्षा को पुनर्स्थापित करता है, के लिये विश्व खाद्य पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा विश्व खाद्य पुरस्कार 2023 से सम्मानित किया गया।
और पढ़ें… वैश्विक भूख सूचकांक, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013
ओलिंपिक में पाँच नए खेल शामिल
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (मुंबई में आयोजित IOC का सत्र) ने ओलंपिक गेम्स लॉस एंजिल्स 2028 (LA28) की आयोजन समिति द्वारा प्रस्तावित ओलिंपिक खेलों में पाँच नए खेलों को जोड़ने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।
- LA28 के कार्यक्रम में क्रिकेट (T20), बेसबॉल/सॉफ्टबॉल, फ्लैग फुटबॉल, लैक्रोस और स्क्वैश खेलों को शामिल किया जाएगा।
- ओलंपिक खेल IOC के संरक्षण में आयोजित किये जाते हैं। IOC की स्थापना जून 1894 में हुई थी तथा यह एक स्वतंत्र, गैर-लाभकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
- ओलंपिक राजधानी स्विट्ज़रलैंड के लॉज़ेन में स्थित यह समिति पूर्ण रूप से निजी तौर पर वित्तपोषित है।