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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 16 Apr, 2022
  • 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा

वीर कुंवर सिंह

सरकार स्वतंत्रता सेनानी वीर कुंवर सिंह (1777-1858) को उनकी जयंती (23 अप्रैल) पर श्रद्धांजलि देगी। 

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कुंवर सिंह कौन थे?

  • वह जगदीशपुर के परमार राजपूतों के उज्जैनिया कबीले के परिवार से थे, जो वर्तमान में बिहार के भोजपुर ज़िले का एक हिस्सा है। 
  • वह बिहार में अंग्रजों के खिलाफ लड़ाई के मुख्य महानायक थे। उन्हें वीर कुंवर सिंह के नाम से जाना जाता है। 
  • वीर कुंवर सिंह ने बिहार में वर्ष 1857 के भारतीय विद्रोह का नेतृत्व किया। वह तब लगभग 80 वर्ष के थे जब उन्हें हथियार उठाने के लिये बुलाया गया और उनका स्वास्थ्य भी खराब था। 
  • उनके भाई, बाबू अमर सिंह और उनके सेनापति, हरे कृष्ण सिंह दोनों ने उनकी सहायता की थी। कुछ लोगों का मानना है कि कुंवर सिंह की प्रारंभिक सैन्य सफलता के पीछे का असली कारण यही था। 
  • उन्होंने बेहतरीन युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया और लगभग एक साल तक ब्रिटिश सेना को परेशान किया तथा अंत तक अजेय रहे। वह गुरिल्ला युद्ध कला के विशेषज्ञ थे।  
  • 26 अप्रैल, 1858 को उनका निधन हो गया। 
  • भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान के लिये 23 अप्रैल 1966 को भारत गणराज्य द्वारा उनके सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। 
  • वर्ष 1992 में  बिहार सरकार द्वारा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा की स्थापना की गई। 
    • वर्ष 2017 में वीर कुंवर सिंह सेतु, जिसे आरा-छपरा ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है, का उद्घाटन उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिये किया गया था।  
    • वर्ष 2018 में कुंवर सिंह की मृत्यु की 160वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये बिहार सरकार ने उनकी एक प्रतिमा को हार्डिंग पार्क में स्थानांतरित कर दिया था। पार्क को आधिकारिक तौर पर 'वीर कुंवर सिंह आज़ादी पार्क' का नाम भी दिया गया था। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

आयल बाॅण्ड्स

हाल ही में वित्त मंत्री ने तेल की ऊँची कीमतों की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि सरकार करों और तेल की कीमतों में कमी नहीं कर सकती क्योंकि उसे पिछली सरकार द्वारा जारी आयल बाॅण्ड्स के लिये भुगतान करना पड़ता है।

  • हालाँकि आलोचकों का दावा है कि सरकार को आयल बाॅण्ड के लिये जो भुगतान करना पड़ा है वह इस क्षेत्र में अर्जित राजस्व की तुलना में अधिक नहीं है।

Oil-bonds

ईंधन मूल्य का कितना प्रतिशत कर है?

  • घरेलू खुदरा मूल्य के दो घटक हैं - कच्चे तेल की कीमत तथा इस मूल कीमत पर लगाए गए कर
  • साथ ही वे खुदरा मूल्य को निर्धारित करते हैं। कर एक उत्पाद से दूसरे उत्पाद के मामले में भिन्न होते हैं। उदाहरण के लिये अब तक एक लीटर पेट्रोल के लिये कुल खुदरा मूल्य का 50% और एक लीटर डीज़ल के लिये 44% कर है।

आयल बाॅण्ड:

  • जब घरेलू उपभोक्ताओं के लिये ईंधन की कीमतें बहुत अधिक थीं, तो अतीत में सरकारें अक्सर तेल विपणन कंपनियों (OMCs) से उपभोक्ताओं से पूरी कीमत वसूलने से बचने को कहती थीं।
    • लेकिन अगर तेल कंपनियों को भुगतान नहीं मिलता है तो वे लाभहीन हो जाएंगे। इसे संबोधित करने के लिये सरकार ने कहा कि वह अंतर का भुगतान करेगी।
    • अगर सरकार ने उस राशि का भुगतान नकद में किया होता, तो यह व्यर्थ होता, क्योंकि तब सरकार को OMCs को भुगतान करने हेतु धन इकट्ठा करने के लिये उन्हीं लोगों पर कर लगाना पड़ता, जहाँ से आयल बाॅण्ड आते हैं।
  • एक आयल बाॅण्ड एक आई ओव यू (I owe you- IOU) या सरकार द्वारा OMCs को जारी किया गया एक वचन पत्र (Promissory Note) होता है जो नकद राशि के बदले सरकार उन्हें देती है ताकि कंपनियांँ जनता से ईंधन की पूरी कीमत की वसूली न करें।
    • एक IOU, "आई ओव यू" शब्दो के  एक ध्वन्यात्मक संक्षिप्त नाम का दस्तावेज होता है जो ऋण के अस्तित्व को स्वीकार करता है।
    • एक वचन पत्र ऐसा ऋण साधन होता है जो एक पार्टी (नोट जारीकर्त्ता या निर्माता) द्वारा किसी अन्य पार्टी (नोट प्राप्तकर्त्ता) को या तो मांग पर या एक निर्दिष्ट भविष्य की तारीख में एक निश्चित राशि का भुगतान करने हेतु एक लिखित वचन होता है।
  • एक आयल बाॅण्ड द्वारा सरकार तेल विपणन कंपनियों को क्षतिपूर्ति हेतु 10 वर्षों में 1,000 करोड़ रुपए का भुगतान करेगी तथा जब तक बाॅण्ड परिपक्व न हो जाए तब तक सरकार सीधे भुगतान न कर हर साल 8% (या 80 करोड़ रुपए) का भुगतान करेगी।
  •  आयल बाॅण्ड वैधानिक तरलता अनुपात (Statutory Liquidity Ratio- SLR) प्रतिभूतियों के रूप में अर्हता प्राप्त नहीं करते हैं, जिससे अन्य सरकारी प्रतिभूतियों की तुलना में उनमे तरलता कम होती है।
    • SLR: शुद्ध मांग (Net Demand) और समय देयता का हिस्सा जो एक बैंक के लिये सुरक्षित और तरल संपत्ति बनाए रखने हेतु आवश्यक है, जैसे कि सरकारी प्रतिभूतियांँ, नकद और सोना।

महत्त्व:

  • इस प्रकार के आयल बाॅण्ड जारी कर सरकार OMCs की लाभप्रदता को बनाए रखते हुए बिना या स्वयं बजट घाटे के बिना उपभोक्ताओं को रक्षा/सब्सिडी देने में सक्षम है।

विगत वर्षों के प्रश्न:

प्रश्न. वैश्विक तेल कीमतों के संदर्भ में ‘ब्रेंट क्रूड आयल’ को अक्सर समाचारों में संदर्भित किया जाता है। इस शब्द का क्या अर्थ है? (2011)

  1. यह कच्चे तेल का एक प्रमुख वर्गीकरण है।
  2. यह उत्तरी सागर से प्राप्त होता है।
  3. इसमें सल्फर नहीं होता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 2
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (b)

  • ‘ब्रेंट क्रूड आयल’ भौगोलिक स्थिति के आधार पर किये गए कच्चे तेल के प्रमुख वर्गीकरणों में से एक है। ‘ब्रेंट क्रूड आयल’ उत्तरी सागर से प्राप्त होता है। भौगोलिक आधार पर अन्य प्रमुख प्रकार के कच्चे तेल हैं वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (USA) और दुबई/ओमान (फारस की खाड़ी) हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 अप्रैल, 2022

विश्व चगास रोग दिवस

विश्व चगास रोग दिवस प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को मनाया जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 14 अप्रैल, 2020 को पहली बार विश्व चगास रोग दिवस (World Chagas Disease Day) मनाया गया। गौरतलब है कि 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने 24 मई, 2019 को चगास रोग दिवस के पदनाम को मंज़ूरी दी थी। इस दिवस का उद्देश्य चगास रोग के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह बीमारी धीरे-धीरे फैलती है और मुख्य रूप से उन गरीब लोगों को प्रभावित करती है जिनके पास उचित स्वास्थ्य देखभाल की कमी होती है। इसलिये इसे साइलेंट एवं साइलेंस्ड (Silent And Silenced) बीमारी भी कहा जाता है। इस बीमारी का ‘चगास’ नाम डॉ कार्लोस रिबेइरो जस्टिनिआनो चगास (Dr Carlos Ribeiro Justiniano Chagas) के नाम से लिया गया है, जिन्होंने 14 अप्रैल, 1909 को ब्राज़ील में इस बीमारी के पहले रोगी का निदान किया था। यह एक संक्रामक रोग है जो ट्रायटोमिन में मौजूद प्रोटोजन पैरासाइट से होता है किंतु यह सर्दी एवं फ्लू की तरह संक्रामक रोग नहीं है अर्थात् यह एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं पहुँचता है।

सियाचिन दिवस 

भारतीय सेना प्रतिवर्ष 13 अप्रैल को ‘सियाचिन दिवस’ का आयोजन करती है। यह दिवस ‘ऑपरेशन मेघदूत’ के तहत भारतीय सेना के साहस की स्मृति को चिह्नित करता है। यह दिवस दुश्मन से अपनी मातृभूमि की सेवा करने वाले सियाचिन योद्धाओं की याद में मनाया जाता है। भारतीय सेना के ‘हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल’ (HAWS) के कमांडेंट कर्नल नरेंद्र कुमार ने वर्ष 1977 में कुछ सैन्य अभियानों की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य काराकोरम दर्रे के आसपास के क्षेत्र को नियंत्रित करने की पाकिस्तानी योजना के विषय में पता लगाना था। गौरतलब है कि इसी बीच पाकिस्तान ने इस क्षेत्र को अपने नागरिकों द्वारा पर्वतारोहण अभियानों के लिये खोल दिया और वह सैन्य नियंत्रण हासिल करने हेतु आगे की ओर बढ़ने लगा। इन्हीं परिस्थितियों में 13 अप्रैल, 1984 को 'ऑपरेशन मेघदूत' की शुरुआत की गई। इस अभियान के परिणामस्वरूप भारतीय सेना ने साल्टोरो रिज, सिया ला और बिलाफोंड ला के मुख्य दर्रों पर नियंत्रण हासिल कर लिया। ज्ञात हो कि सियाचिन ग्लेशियर पृथ्वी पर सबसे ऊँचा युद्ध का मैदान है, जहाँ भारत-पाकिस्तान वर्ष 1984 के बाद से समय-समय पर लड़ते रहे हैं। 

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद

भारत को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषद के चार प्रमुख निकायों के लिये चुना गया है, जिसमें विकास हेतु विज्ञान और प्रौद्योगिकी आयोग भी शामिल है। आर्थिक एवं सामाजिक परिषद (ECOSOC) वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के छह प्रमुख अंगों में से एक है। इसमें महासभा द्वारा चुने गए संयुक्त राष्ट्र के 54 सदस्य भी शामिल हैं। यह सतत् विकास पर वार्ता एवं अभिनव विचार-विमर्श के लिये संयुक्त राष्ट्र का केंद्रीय मंच है। यह संयुक्त राष्ट्र की 14 विशिष्ट एजेंसियों, दस कार्यात्मक आयोगों और पाँच क्षेत्रीय आयोगों के कार्यों का समन्वय करता है, नौ संयुक्त राष्ट्र निधियों और कार्यक्रमों से रिपोर्ट प्राप्त करता है तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली व सदस्य राज्यों के लिये नीतिगत सिफारिशें जारी करता है।

‘समानता दिवस’ 

तमिलनाडु ने बी.आर. अंबेडकर जयंती को प्रत्येक वर्ष ‘समानता दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की चेन्नई में अंबेडकर स्मारक में बाबा साहब की एक पूर्ण आकार की कांस्य प्रतिमा स्थापित की जाएगीसाथ ही अंबेडकर के बारे में कुछ चुनिंदा पुस्तकों का तमिल में अनुवाद करने के बाद उन्हें प्रकाशित किया जाएगा। 17 सितंबर को पेरियार की जयंती को तमिलनाडु सरकार द्वारा पहले ही सामाजिक न्याय दिवस घोषित किया जा चुका है। 14 अप्रैल, 1891 को जन्मे बाबा साहब भीमराव अंबेडकर एक भारतीय विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक थे। उन्होंने अछूतों (दलितों) के प्रति सामाजिक भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाया और महिलाओं एवं श्रमिकों के अधिकारों का समर्थन किया। 6 दिसंबर, 1956 को उनका निधन हो गया। वर्ष 1990 में बाबा साहब को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।


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