प्रिलिम्स फैक्ट्स (15 May, 2019)



प्रीलिम्स फैक्ट्स: 15 मई, 2019

मिशन आर्टेमिस

नासा चंद्रमा हेतु एक नए मानवयुक्त मिशन की योजना बना रहा है जिसका नाम आर्टेमिस होगा।

  • ग्रीक पौराणिक कथाओं के अनुसार, चंद्रमा की देवी, आर्टेमिस, अपोलो की जुड़वाँ बहन थी।
  • वर्ष 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरिक्ष नीति निर्देश (Space Policy Directive) पर हस्ताक्षर किये थे जिसके पश्चात् मिशन आर्टेमिस की शुरुआत हुई थी। इस मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजा जाना है।
  • यह 2024 में चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर उतरेगा और इसमें महिलाओं को भी शामिल किया जाएगा।

LSA में अटलांटिक को पार करने वाली पहली महिला

कैप्टन आरोही पंडित, मुंबई की एक 23 वर्षीय पायलट लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट (Light Sports Aircraft- LSA) में अटलांटिक महासागर को पार करने वाली दुनिया की पहली महिला बन गई हैं।

  • यह कैप्टन आरोही की ग्लोबल सर्कमनेविगेशन फ्लाइट (Global Circumnavigation Flight) योजना का हिस्सा है, जिसे उन्होंने अपनी दोस्त केथर मिसक्वेटा के साथ एक साल पहले, 30 जुलाई, 2018 को लॉन्च किया था।

Flight

  • वह 1947 के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में लाइट स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट जहाज़ लैंड कराने वाली पहली नागरिक बनीं।

मारियाना गर्त

हाल ही में अमेरिका के एक अंडर-सी एक्सप्लोरर (Under-sea Explorer), विक्टर वेस्कोवो ने प्रशांत महासागर के मारियाना गर्त (Mariana Trench) में लगभग 6.8 मील तक गोता लगाया। गौरतलब है कि यह पृथ्वी पर सबसे गहरी जगह है।

  • विक्टर वेस्कोवो (Victor Vescovo) ने 1960 का रिकॉर्ड तोड़ते हुए उससे 52 फीट (16 मीटर) नीचे तक गोता लगाया।
  • यह तीसरी बार है जब इंसान ने समुद्र में सबसे अधिक गहराई तक गोता लगाया है, ध्यातव्य है कि इस गहराई को चैलेंजर डीप (Challenger Deep) के नाम से जाना जाता है।

डीएसवी लिमिटिंग फैक्टर

  • डीएसवी लिमिटिंग फैक्टर (DSV limiting Factor) दो लोगों हेतु ‘डीप सी व्हीकल’ (Deep Sea Vehicle-DSV) पोत है, जो महासागर में पूरी गहराई तक गोता लगाने में सक्षम है।

निष्कर्ष

  • विक्टर वेस्कोवो ने समुद्री जीवन की अनदेखी प्रजातियों की खोज की, जिसमें झींगे जैसे लंबे पैर और एंटीना वाले आर्थोपोडा से लेकर समुद्री सूअर जैसे जीव शामिल हैं। उन्होंने धातु या प्लास्टिक की मुद्रित वस्तुएँ भी देखी।
  • संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, दुनिया के महासागरों में लगभग 100 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा पहुँच गया है।
  • वैज्ञानिकों ने व्हेल जैसे गहरे आवास वाले समुद्री स्तनधारियों की आंतों में बड़ी मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक पाया है।