प्रारंभिक परीक्षा
IISc द्वारा विकसित ताप-सहिष्णु कोविड-19 वैक्सीन
स्रोत: द हिंदू
भारतीय विज्ञान संस्थान (Indian Institute of Science- IISc) के शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित एक ताप-सहिष्णु (Heat-Tolerant) वैक्सीन/टीके में SARS-CoV-2 के वर्तमान के सभी मौजूदा प्रभेदों (Strains) के विरुद्ध प्रभावी होने के अतिरिक्त भविष्य के वेरिएंट के लिये भी शीघ्र अनुकूलित होने की क्षमता है।
IISc द्वारा विकसित वैक्सीन से संबंधित मुख्य बिंदु क्या हैं?
- पृष्ठभूमि: IISc के अनुसार वर्तमान टीके अधिकांश SARS-CoV-2 प्रभेदों के विरुद्ध प्रभावी साबित हुए हैं किंतु वायरस/विषाणु द्वारा तेज़ी से उत्परिवर्तन (Mutation) के कारण टीकों की प्रभावकारिता कम हुई है।
- प्रतिजन चयन: विषाणु में पाए जाने वाले विभिन्न प्रोटीनों का विश्लेषण करने के बाद शोधकर्त्ताओं ने अपने संभावित टीके को विकसित करने के लिये SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन के दो भागों, S2 सबयूनिट और रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन (RBD) का चयन किया।
- S2 सबयूनिट अत्यधिक संरक्षित होता है। यह S1 सबयूनिट की तुलना में बहुत कम उत्परिवर्तन करता है जो कि अधिकांश वर्तमान टीकों का लक्ष्य है तथा RBD एक मज़बूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकता है।
- चयनित घटकों को एकीकृत कर एक हाइब्रिड प्रोटीन विकसित किया गया जिसे RS2 के नाम से जाना जाता है।
- इसके बाद शोधकर्त्ताओं ने चूहों तथा हैम्स्टर दोनों में प्रोटीन के प्रभावों का परीक्षण किया। उन्होंने पाया कि हाइब्रिड प्रोटीन ने एक मज़बूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रदर्शित की।
नोट: रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन अपने 'स्पाइक' डोमेन पर स्थित वायरस का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है जो इसे कोशिकाओं में प्रवेश करने तथा संक्रमण फैलाने के लिये शारीरिक रिसेप्टर्स से जुड़ने में सक्षम बनाता है।
- SARS-CoV-2 का स्पाइक (S) प्रोटीन जो रिसेप्टर पहचानने तथा कोशिका झिल्ली संगलन प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, दो सबयूनिट, S1 और S2 से बना है।
- RS2 एंटीजन के लक्षण:
- वेरिएंट के अनुकूलता: RS2 एंटीजन को XBB.1.5 और JN.1 वेरिएंट सहित किसी भी नए SARS-CoV-2 वेरिएंट के RBD क्षेत्र को शामिल करने के लिये अनुकूलित किया जा सकता है।
- यह अनुकूलन क्षमता वायरस के तीव्र उत्परिवर्तन से संबंधित चिंताओं का समाधान करती है।
- भंडारण एवं वितरण: RS2 एंटीजन को कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता के बिना एक महीने तक कमरे के तापमान पर संग्रहीत किया जा सकता है।
- आर्थिक लाभ: कम उत्पादन और वितरण लागत इसे आर्थिक रूप से व्यवहार्य बनाती है।
- वेरिएंट के अनुकूलता: RS2 एंटीजन को XBB.1.5 और JN.1 वेरिएंट सहित किसी भी नए SARS-CoV-2 वेरिएंट के RBD क्षेत्र को शामिल करने के लिये अनुकूलित किया जा सकता है।
सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. कोविड-19 वैश्विक महामारी को रोकने के लिये बनाई जा रही वैक्सीनों के प्रसंग में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2022)
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |
प्रारंभिक परीक्षा
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के 150 वर्ष
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department- IMD) ने आज (15 जनवरी, 2025 ) अपनी स्थापना और राष्ट्र सेवा के 150 वर्ष पूरे कर लिये हैं।
- IMD इस उपलब्धि को 15 जनवरी, 2024 से 15 जनवरी, 2025 के दौरान साल भर चलने वाले समारोहों के साथ मनाएगा।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) क्या है?
- परिचय:
- यह देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान सेवा है और मौसम विज्ञान एवं संबद्ध विषयों से संबंधित सभी मामलों में प्रमुख सरकारी एजेंसी है।
- यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
- उद्देश्य:
- कृषि, सिंचाई, नौवहन, विमानन, अपतटीय तेल अन्वेषण आदि जैसी मौसम-संवेदनशील गतिविधियों के इष्टतम संचालन के लिये मौसम संबंधी अवलोकन करना और वर्तमान एवं पूर्वानुमानित मौसम संबंधी जानकारी प्रदान करना।
- उष्णकटिबंधीय चक्रवात, नॉर्थवेस्टर, धूल भरी आँधी, भारी बारिश और बर्फ, ठंड तथा ग्रीष्म लहरें आदि जैसी गंभीर मौसम की घटनाओं, जो जीवन एवं संपत्ति के विनाश का कारण बनती हैं, के प्रति चेतावनी देना।
- कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, उद्योगों, तेल की खोज और अन्य राष्ट्र-निर्माण गतिविधियों के लिये आवश्यक मौसम संबंधी आँकड़े प्रदान करना।
- मौसम विज्ञान और संबद्ध विषयों में अनुसंधान का संचालन एवं प्रचार करना।
पिछले कुछ वर्षों में IMD का विकास कैसे हुआ है?
- ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
- वर्ष 1864 में दो विनाशकारी चक्रवात कोलकाता और आंध्र तट पर आये, जिससे जानमाल की भारी हानि हुई।
- इन आपदाओं की गंभीरता ने वायुमंडलीय मापदंडों की निगरानी के लिये एक प्रणाली की अनुपस्थिति को उजागर किया, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष 1875 में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की स्थापना की गई।
- IMD का विकास::
- IMD ने अपना आधिकारिक संचालन केवल एक व्यक्ति, HF ब्लैनफोर्ड, एक अंग्रेज़, जिसे इंपीरियल मौसम विज्ञान रिपोर्टर के रूप में मान्यता प्राप्त है, की नियुक्ति के साथ शुरू किया।
- वर्ष 1903 में IMD के प्रमुख के रूप में नियुक्त गिल्बर्ट वॉकर के नेतृत्व में, मानसून को समझने में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई।
- वॉकर ने वायुमंडलीय परिसंचरण में बड़े पैमाने पर दोलनों की पहचान की, जिससे अल नीनो घटना की आधुनिक समझ की नींव पड़ी।
- 150 वर्षों में, IMD देश भर में स्थायी वेधशालाओं और स्वचालित मौसम स्टेशनों के साथ एक विशाल संगठन के रूप में विकसित हुआ है।
- चक्रवात पूर्वानुमान में उन्नति:
- वर्ष 1999 में ओडिशा सुपर चक्रवात के दौरान, IMD को एक संकटपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ा, जिसके लिये प्रौद्योगिकी और जनशक्ति में काफी व्यय की आवश्यकता पड़ी। तब से, चक्रवात से संबंधित हताहतों की संख्या में उल्लेखनीय रूप से कमी आई है, जिसका श्रेय IMD के प्रभावी पूर्वानुमानों को जाता है।
- IMD के चक्रवात पूर्वानुमान अब न केवल भारत बल्कि पूरे पड़ोसी क्षेत्र के लगभग 13 देश इन पूर्वानुमानों का उपयोग करके अपने चक्रवात प्रबंधन प्रणालियों का संचालन कर रहे हैं।
- विविधतापूर्ण भूमिकाएँ :
- प्रारंभ में मौसम पूर्वानुमान पर ध्यान केंद्रित करने वाला IMD अब चुनाव, खेल आयोजनों, अंतरिक्ष प्रक्षेपण और विभिन्न क्षेत्रों के लिये विशेष सेवाएँ प्रदान करता है।
- वैश्विक भूमिका एवं मान्यता :
- IMD की बढ़ी हुई क्षमताओं के कारण इसे दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय जलवायु केंद्र के रूप में मान्यता मिली है।
- IMD ने संयुक्त राष्ट्र के 'सभी के लिये पूर्व चेतावनी (Early Warning for All)' कार्यक्रम में योगदान देने के लिये साझेदारी की है, जिसके लिये 30 देशों की पहचान की गई है।
भारत में मौसम विज्ञान से संबंधित प्रमुख पहल क्या हैं?
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारतीय मानसून का पूर्वानुमान करते समय कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित 'इंडियन ओशन डाईपोल (IOD)' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (b) मेन्स:प्रश्न. मौसम विज्ञान में ‘तापमान व्युत्क्रमण’ की घटना से आप क्या समझते हैं? उस स्थान के निवासियों को यह कैसे प्रभावित करता है? (2013) |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 जनवरी, 2024
स्पेसटाइम: ब्रह्मांड की ज्यामिति
स्पेसटाइम एक गणितीय मॉडल है जो अंतरिक्ष के तीन आयामों और समय के आयामों को एक इकाई में जोड़ता है।
- ब्रह्मांड की ज्यामिति के कारण सबसे बड़े पैमाने पर ब्रह्मांड मानव अनुभव के पैमाने से भिन्न दिखता था।
- मानव पैमाने पर, अंतरिक्ष-समय सपाट प्रतीत होता है, लेज़र से प्रकाश की किरण एक सीधी रेखा में यात्रा करेगी।
- लेकिन सबसे बड़े पैमाने पर, हमारा स्पेसटाइम वास्तव में एक गोलाकार स्थान घेर सकता है।
- यदि आप अपने सामने एक शक्तिशाली लेज़र चमकाते हैं और अविश्वसनीय रूप से लंबे समय तक प्रतीक्षा करते हैं, तो लेज़र से प्रकाश तकनीकी रूप से आपके पास वापस आ सकता है।
- अल्बर्ट आइंस्टीन के सापेक्षता के विशेष सिद्धांत में कहा गया है कि यदि दो पर्यवेक्षक A और B हैं, प्रत्येक के पास एक घड़ी है, जैसे कि A, B की तुलना में तेज़ी से चल रहा है (लेकिन तेज़ नहीं हो रहा है), तो A की घड़ी B की घड़ी की तुलना में कम समय मापेगी।
और पढ़ें: खगोलविदों ने आइंस्टीन के सापेक्षता सिद्धांत को स्वीकारा
भारत 76वाँ सेना दिवस और 8वाँ सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस मना रहा है
सेना दिवस: प्रतिवर्ष 15 जनवरी को उस दिन के उपलक्ष्य में "सेना दिवस" के रूप में मनाया जाता है,जब फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने वर्ष 1949 में अंतिम ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ से भारतीय सेना की कमान संभाली थी।
सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस: यह प्रतिवर्ष 14 जनवरी को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन वर्ष 1953 में भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा, जिन्होंने वर्ष 1947 के युद्ध में सेना को जीत दिलाई थी, औपचारिक रूप से सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे।
और पढ़ें: भारतीय सेना परिचालन संबंधी क्षमता बढ़ा रही है
भारतीय वायु सेना AN-32 (K-2743)
भारतीय वायु सेना का AN-32 K-2743 विमान वर्ष 2016 में बंगाल की खाड़ी के ऊपर लापता हो गया था जिसका चेन्नई तट के पास हाल ही में मलबा पाया गया।
- राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (National Institute of Ocean Technology), जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तत्त्वावधान में कार्य करता है। इस संस्थान ने लापता An-32 विमान के अंतिम ज्ञात स्थान पर हाल ही में गहरे समुद्र में अन्वेषण क्षमता के साथ एक ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (AUV) तैनात किया।
- यह खोज मल्टी-बीम साउंड नेविगेशन एंड रेंजिंग (SONAR), सिंथेटिक एपर्चर सोनार और हाई रिज़ॉल्यूशन फोटोग्राफी सहित कई पेलोड का उपयोग करके 3,400 मीटर की गहराई पर की गई। खोज के दौरान प्राप्त तस्वीरों का विश्लेषण किया गया और उन्हें An-32 विमान के अनुरूप पाया गया।
- AN-32 एक सोवियत मूल का सैन्य परिवहन विमान है जो वर्ष 1984 से भारतीय वायु सेना की सेवा में है।
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अर्जेंटीना की मुद्रास्फीति में 200% से अधिक वृद्धि
हाल ही में जारी आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार दिसंबर, 2023 में अर्जेंटीना की वार्षिक मुद्रास्फीति दर 211% से अधिक हो गई जो 1990 के दशक की शुरुआत के बाद से उच्चतम स्तर पर पहुँच गई, जहाँ देश अत्यधिक मुद्रास्फीति के दौर से उभर रहा था तथा खाद्य कीमतें विशेष रूप से तेज़ी से बढ़ रही थीं।
- मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिये पेसो मुद्रा का अवमूल्यन (Devaluation) किया गया जिसके बाद अर्जेंटीना की मासिक मुद्रास्फीति दर भी इस महीने 25.5% तक पहुँच गई जो पूर्वानुमान से थोड़ा कम है।
- इसके परिणामस्वरूप अर्जेंटीना अपने क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी वेनेज़ुएला से मुद्रास्फीति दर में आगे बढ़ गया जहाँ वर्षों की कठोर, अनियंत्रित कीमतों में वृद्धि के बाद वर्ष 2023 में मुद्रास्फीति अनुमानित 193% तक कम हो गई।
- हाइपरइन्फ्लेशन का आशय एक अर्थव्यवस्था के भीतर वस्तुओं एवं सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर में अत्यधिक तथा तेज़ी से होने वाली वृद्धि से है जो अमूमन प्रति माह 50% से अधिक होती है।
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