प्रीलिम्स फैक्ट्स: 14 अगस्त 2019
चीन में क्रिप्टोकरेंसी
एक चीनी आधिकारिक जानकारी के अनुसार, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना (People’s Bank of China- PBoC) अपनी क्रिप्टोकरेंसी जारी कर सकता है।
- चीन के वित्त 40 फोरम द्वारा सप्ताहांत में आयोजित एक कार्यक्रम में दी गई जानकारी के अनुसार, चीन बैंक के शोधकर्त्ता पिछले साल से इस पर गहनता से काम कर रहे हैं।
- यह क्रिप्टोकरेंसी (डिजिटल मुद्रा) युआन के संचालन एवं अंतर्राष्ट्रीयकरण का समर्थन करेगी।
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)
- यह एक डिज़िटल या क्रिप्टोकरेंसी है जिसमें सुरक्षा के लिये क्रिप्टोग्राफी तकनीक उपयोग में लाई जाती है। इसकी सुरक्षा वैशिष्ट्य के कारण इसका जाली रूप बनाना मुश्किल है।
- इसे किसी केंद्रीय या सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है। अतः सैद्धांतिक रूप से यह सरकारी हस्तक्षेप से मुक्त है।
- वर्ष 2009 में किसी समूह या व्यक्ति ने सतोशी नाकामोतो के छद्म नाम से ‘बिटकॉइन’ के नाम से पहली क्रिप्टोकरेंसी बनाई।
स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम
(Smart Meter National Programme)
एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (Energy Efficiency Services Limited- EESL) ने स्मार्ट मीटर नेशनल प्रोग्राम के तहत उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, बिहार एवं आंध्र प्रदेश में 5 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर स्थापित किये हैं।
- इन राज्यों में स्मार्ट मीटर का संचालन उपभोक्ता सुविधा को बढ़ाने तथा बिजली की खपत को तर्कसंगत बनाने के लिये किया गया है।
- स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य स्मार्ट वेरिएंट के साथ 25 करोड़ पारंपरिक मीटर बदलना तथा बिलिंग दक्षता में 80-100 प्रतिशत तक सुधार करना है।
स्मार्ट मीटर
- स्मार्ट मीटर केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार स्थापित किये गए हैं।
- यह समग्र उन्नत इंफ्रास्ट्रक्चर समाधान (एएमआई) का हिस्सा हैं।
- यह दिन के विभिन्न समयों पर उपभोक्ताओं द्वारा किये गए बिजली के उपयोग को मापता है तथा GPRS प्रौद्योगिकी के माध्यम से ऊर्जा आपूर्तिकर्त्ता को इसकी सूचना भेजता है।
- यह उपभोक्ताओं को सूचना तक बेहतर पहुँच प्रदान करता है जिससे उपभोक्ता अपने घरों में बिजली के उपयोग को लेकर निर्णय लेने में सक्षम हो सकें।
- इससे बिजली की खराबी, मीटर खराब होना या मीटर रीडिंग में गड़बड़ी के कारण होने वाले नुकसान को तुरंत नियंत्रित किया जा सकता है।
नैनो प्रौद्योगिकी-आधारित उत्पाद
तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय (Tamil Nadu Agricultural University- TNAU) ने नैनो प्रौद्योगिकी-आधारित दो उत्पादों को जारी किया है।
- इसका उद्देश्य बागवानी उत्पादों के भंडारण एवं उपयोग होने तक की अवधि का विस्तार (शेल्फ लाइफ) करना है।
- इस प्रौद्योगिकी के तहत ‘नैनो उत्पादों का व्यवसायीकरण एवं बाज़ार संचालित नैनो अनुसंधान को बढ़ावा देना’ सुनिश्चित किया जा सकेगा।
- नैनो प्रौद्योगिकी-आधारित उत्पादों जैसे- फ्रूटी फ्रेश, नैनो स्टीकर और नैनो पेलेट्स (Nano Stickers and Nano Pellets) के प्रयोग से फलों एवं सब्जियों की शेल्फ लाइफ बढ़ जाएगी, साथ ही फसल उत्पादों को सड़ने-गलने एवं अन्य रोगों से से भी बचाया जा सकेगा।
- वैज्ञानिकों के अनुसार, फ्रूटी फ्रेश का उपयोग करके फसलों एवं सब्जियों की शेल्फ लाइफ 10 - 15 दिनों के लिये बढ़ाई जा सकती है।
- वहीं नैनो स्टीकर और नैनो पेलेट्स को विक्रेता या निर्यातक द्वारा शिपमेंट के लिये उपयोग किये गए बक्से के अंदर रखकर वस्तुओं की शेल्फ लाइफ बढ़ाई जा सकती है।
ऑपरेशन नंबर प्लेट
(Operation Number Plate)
भारतीय रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force- RPF) ने रेलवे परिसर में स्थित सभी वाहनों की पहचान करने तथा उनका सत्यापन करने के लिये एक विशेष अभियान ‘ऑपरेशन नंबर प्लेट’ लॉन्च किया है।
- इस अभियान का मुख्य उद्देश्य सभी रेलवे परिसरों में लावारिस वाहनों के खिलाफ कार्यवाही करना है जो लंबी अवधि के लिये 'नो पार्किंग' क्षेत्रों में भी मौजूद रहते हैं।
- इसे स्थानीय पुलिस एवं रेलवे के वाणिज्यिक विभाग के सक्रिय सहयोग से लॉन्च किया गया है।
- अज्ञात वाहनों को यात्रियों तथा रेलवे के अन्य हितधारकों की सुरक्षा के लिये एक गंभीर खतरा माना जाता है।
- यह अभियान (‘ऑपरेशन नंबर प्लेट’) विशेष रूप से 15 अगस्त 2019 को स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनज़र आयोजित किया गया है।
- यह 9 अगस्त से 11 अगस्त तक भारतीय रेलवे के 466 रेलवे स्टेशनों पर एक विशेष अभियान के रूप में चलाया गया था जिसके दौरान चोरी हुए वाहन, 5 दिन से अधिक अवधि से खड़े वाहन, लावारिस वाहन, संदिग्ध वाहन आदि पाए गए।
- इस दौरान अनधिकृत पार्किंग के लिये लगभग 59,000 रुपए शुल्क के रूप में वसूल किये गए।
बिधाननगर नगर निगम (साल्ट लेक सिटी)
बिधाननगर नगर निगम (साल्ट लेक सिटी) की अध्यक्ष कृष्णा चक्रवर्ती को हाल ही में निगम के महापौर के रूप में शपथ दिलाई गई।
- उल्लेखनीय है कि विधाननगर नगर निगम वर्ष 2015 में बना था और इसके पहले महापौर सब्यसाची दत्त बने थे लेकिन पार्टी में अविश्वास के चलते इन्होंने 18 जुलाई को महापौर पद से इस्तीफा दे दिया था।
- बिधाननगर नगर निगम (साल्ट लेक सिटी) कोलकाता शहर के केंद्र से 8.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक उपनगरीय क़स्बा है जहाँ हाल ही में नए वाणिज्यिक विकास एवं IT केंद्रों का तेज़ी से विकास हुआ है।
- यहाँ पर एक साल्ट लेक भी है।
- साल्ट लेक सिटी में आवासीय संपत्तियों की मांग पिछले एक दशक में बहुत अधिक बढ़ी है, साथ ही निवेश में भी बहुत तीव्र वृद्धि हुई है।
- निवेश का प्रमुख कारण आईटी कंपनियों का कार्यालय जैसे- विप्रो, TCS, एक्सेंचर, IBM, टेक महिंद्रा, जेनपैक्ट, HCL टेक्नोलॉजीज़, NIIT टेक्नोलॉजीज़, सीमेंस, डेलॉयट एवं लेक्समार्क आदि यहाँ पर स्थित हैं।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2020
Swachh Survekshan 2020
हाल ही में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs) द्वारा संचालित पाँचवें वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण 'स्वच्छ सर्वेक्षण 2020’ की शुरुआत की गई।
- इसका संचालन जनवरी 2020 से करना सुनिश्चित किया गया है।
- इसके साथ ही स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 टूलकिट, स्वच्छ भारत मिशन वॉटर प्लस प्रोटोकॉल एवं टूलकिट, एकीकृत कचरा प्रबंधन एप- स्वच्छ नगर तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) युक्त mSBM एप की शुरुआत भी की गई है।
- लॉन्च की गई स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 टूलकिट में विस्तृत सर्वेक्षण पद्धति एवं स्कोर के साथ घटक संकेतक हैं ताकि इस सर्वेक्षण के लिये शहरों को तैयार करने में मदद की जा सके।
- प्रत्येक वर्ष इस स्वच्छ सर्वेक्षण को नए तरीके से पुनः डिज़ाइन किया जाता है ताकि बदले हुए व्यवहारों को बनाए रखने पर ध्यान देते हुए प्रक्रिया को अधिक-से-अधिक मज़बूत किया जा सके।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 के प्रमुख केंद्रीय क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
- पृथक-पृथक कचरा जमा करना तथा प्रोसेसिंग स्थल तक उसे बनाए रखना।
- गीले कचरे की प्रसंस्करण सुविधाओं की क्षमता का उपयोग करना।
- गंदे पानी की सफाई तथा उसका पुनः उपयोग करना।
- तीन सिद्धांतों जैसे- घटाना, पुनः उपयोग करना, पुनर्चक्रण का पालन करना।
- ठोस कचरा आधारित वायु प्रदूषण को कम करना।
- अनौपचारिक कचरा बीनने वालों की सामाजिक स्थिति को ऊपर उठाना।
- GEM के माध्यम से प्राप्ति को बढ़ावा देना।
- कार्रवाई में तेजी लाने के लिये अलग से गंगा के किनारे बसे शहरों का आकलन करना।
- टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी को शामिल करना।