आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय
हाल ही में संस्कृति मंत्रालय ने दिल्ली के रसायन विज्ञान विभाग में "रसायनज्ञ और स्वतंत्रता सेनानी के रूप में आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय के योगदान" पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय की 161वीं जयंती पर आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 2-3 अगस्त, 2022 को सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
- रसायन विज्ञान विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है और विज्ञान भारती (VIBHA) इंद्रप्रस्थ विज्ञान भारती, नई दिल्ली तथा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली के साथ संयुक्त रूप से इसका आयोजन करेगा।
- उद्देश्य:
- समाज में आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय की विरासत और योगदान का विस्तार करना, जिसका उद्देश्य इसके महत्त्व के साथ-साथ प्राचीन रसायन विज्ञान के बारे में सामान्य जागरूकता व पृष्ठभूमि को बढ़ाना है।
- यह अप्रत्याशित है कि सरकार वर्ष 1980 के दशक की पारंपरिक अवधारणा से शिक्षा प्रणाली को अद्यतन कर रही है ताकि भारत की परंपराओं और मूल्य प्रणालियों पर निर्माण करते हुए SDG 4 (गुणवत्ता शिक्षा) सहित 21वीं सदी की शिक्षा के आकांक्षी लक्ष्यों के साथ संरेखित किया जा सके।
- समाज में आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय की विरासत और योगदान का विस्तार करना, जिसका उद्देश्य इसके महत्त्व के साथ-साथ प्राचीन रसायन विज्ञान के बारे में सामान्य जागरूकता व पृष्ठभूमि को बढ़ाना है।
आचार्य प्रफुल्ल चंद्र राय
- प्रफुल्ल चंद्र राय (1861-1944) एक प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और शिक्षक थे तथा "आधुनिक" भारतीय रासायनिक शोधकर्त्ताओं में से एक थे। इन्हें "भारतीय रसायन विज्ञान के पिता" के रूप में जाना जाता है,
- मूल रूप से एडिनबर्ग विश्वविद्यालय में प्रशिक्षित, उन्होंने कई वर्षों तक कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज और फिर कलकत्ता विश्वविद्यालय में काम किया।
- उन्होंने वर्ष 1895 में स्थिर यौगिक मर्क्यूरस नाइट्राइट की खोज की।
- ब्रिटिश सरकार ने सबसे पहले उन्हें भारतीय साम्राज्य का साथी (CIE) की शाही उपाधि से सम्मानित किया; और फिर वर्ष 1919 में नाइटहुड से।
- वर्ष 1920 में उन्हें भारतीय विज्ञान काॅन्ग्रेस का अध्यक्ष चुना गया।
- एक राष्ट्रवादी के रूप में वह चाहते थे कि बंगाली उद्यम की दुनिया में आएंँ।
- उन्होंने खुद बंगाल केमिकल एंड फार्मास्युटिकल वर्क्स (1901) नामक एक केमिकल फर्म की स्थापना करके एक मिसाल कायम की।
- वह एक सच्चे तर्कवादी थे और पूरी तरह से जाति व्यवस्था व अन्य तर्कहीन सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ थे। उन्होंने अपनी मृत्यु तक समाज सुधार के इस कार्य को जारी रखा।
- 2 अगस्त, 1961 को उनकी जयंती मनाने के लिये भारतीय डाक द्वारा उन पर एक डाक टिकट जारी किया गया था।
स्रोत : पी.आई.बी.
एचपीवी वैक्सीन
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा विकसित एक वैक्सीन Cervavac ने हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) से बाज़ार प्राधिकार प्राप्त किया है।
- यह भारत का पहला क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) है जिसे महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
ग्रीवा कैंसर (Cervical Cancer):
- सर्वाइकल कैंसर एक प्रचलित यौन संचारित संक्रमण है।
- यह एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होता है, यह गर्भाशय के निचले हिस्से में होता है जो योनि से जुड़ता है।
- यह ज़्यादातर HPV के विशेष रूपों के साथ दीर्घकालिक संक्रमण के कारण होता है।
- यह दूसरा सबसे प्रचलित कैंसर रूप है और प्रजनन आयु (15-44) की महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है।
- भारतीय परिप्रेक्ष्य:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के अनुसार, भारत 1.23 लाख मामलों के साथ विश्व में पाँचवें स्थान पर है और प्रत्येक वर्ष लगभग 67,000 मौतें होती हैं।
नई वैक्सीन का महत्त्व:
- यह हेपेटाइटिस- बी टीके के समान वायरस-लाइक पार्टिकल्स (VLP) पर आधारित है और HPV वायरस 'L1 प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन करके सुरक्षा प्रदान करता है।
- इसे वायरस के चार स्ट्रेन- टाइप 6, टाइप 11, टाइप 16 और टाइप 18 के खिलाफ प्रभावी बताया गया है।
- एक चतु:संयोजक वैक्सीन एक टीका है जो चार अलग-अलग एंटीजन जैसे चार भिन्न-भिन्न वायरस या अन्य सूक्ष्मजीवों के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करके काम करती है।
- इसमें सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने की एक महत्त्वपूर्ण क्षमता है और यदि इसे राष्ट्रीय HPV टीकाकरण प्रयासों में शामिल किया जाए और मौजूदा टीकाकरण की तुलना में कम कीमत पर पेश किया जाए तो यह मददगार साबित होगी।
- विश्व स्तर पर लाइसेंस प्राप्त मौज़ूदा दो टीके भारत में एक चतु:संयोजक वैक्सीन (मर्क से गार्डासिल) और एक द्विसंयोजक वैक्सीन (ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन से सर्वारिक्स) उपलब्ध हैं और महंगे हैं और उनमें से कोई भी राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल नहीं है।
- DGCI की मंज़ूरी के बाद यह सरकार को 9 से 14 वर्ष की आयु की लगभग 50 मिलियन लड़कियों का टीकाकरण करने के लिये थोक में टीके खरीदने में सक्षम बनाएगा।
- टीका केवल तभी प्रभावी होता है जब इसे प्रथम संभोग से पहले लगाया जाता है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न:प्रश्न. भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया 'मिशन इंद्रधनुष' किससे संबंधित है? (2016) (a) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण उत्तर: (a) व्याख्या:
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 जुलाई, 2022
फ्राँसीसी बास्तील दिवस
फ्राँस प्रत्येक वर्ष 14 जुलाई को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाता है जिसे बास्तील दिवस (Bastille Day) भी कहा जाता है। 14 जुलाई, 1789 को सैन्य किले और जेल के रूप में मशहूर बास्तील के पतन का प्रतीक है जब गुस्साई भीड़ ने उस पर धावा बोल दिया था, जो फ्राँसीसी क्रांति की शुरुआत का संकेत था और फ्राँसीसी रिपब्लिकन आंदोलन के लिये एक महत्त्वपूर्ण प्रतीक बन गया। फ्राँसीसी राष्ट्रीय दिवस को औपचारिक रूप से फ्राँस में ला फेट नेशनेल (La Fete Nationale) कहा जाता है। फ्राँस के साथ-साथ यह अन्य देशों और विशेष रूप से फ्रेंच भाषी लोगों एवं समुदायों द्वारा भी मनाया जाता है। इस अवसर पर कई सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं लेकिन सबसे प्रसिद्ध कार्यक्रम बास्तील दिवस मिलिट्री परेड है। यह परेड 14 जुलाई की सुबह पेरिस में होती है। पहली परेड वर्ष 1880 में आयोजित की गई थी। प्रसिद्ध साइकिल दौड़ टूर डी फ्राँस (Tour de France) भी बास्तील दिवस के दौरान होती है। बास्तील पेरिस में एक मध्ययुगीन शस्त्रागार, किला और जेल था। कई आम लोगों के लिये यह अनुचित राजशाही का प्रतिनिधित्व करता था और राजशाही सत्ता के दुरुपयोग का प्रतीक था।
सुप्रीम आर्डर ऑफ द क्राईसेंथमम
जापान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को (मरणोपरांत) ‘सुप्रीम आर्डर ऑफ द क्राईसेंथमम’ से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। शिंजो आबे जापान के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। वह संविधान के तहत जापान के सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करने वाले चौथे पूर्व प्रधानमंत्री हैं। यह जापान का सर्वोच्च सम्मान है। जापान के सम्राट मेजी ने वर्ष 1876 में ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर की स्थापना की थी। बाद में 4 जनवरी, 1888 को इसमें कॉलर ऑफ द ऑर्डर जोड़ा गया। शिंजो आबे की 8 जुलाई, 2022 को उस समय हत्या कर दी गई, जब वह नारा शहर में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। 41 वर्षीय तेत्सुया यामागामी ने 10 मीटर की दूरी से उन पर गोलियाँ चलाकर इस घटना को अंजाम दिया।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन डिफेंस (AIDEf)
हाल ही में रक्षा मंत्री ने पहली “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन डिफेंस (AIDEf) संगोष्ठी और प्रदर्शनी” का उद्घाटन किया। ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत रक्षा मंत्रालय के तहत रक्षा उत्पादन विभाग द्वारा AIDEf संगोष्ठी और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसने रक्षा क्षेत्र में “आत्मनिर्भर भारत” को बढ़ावा देने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रदर्शनी के दौरान विभाग AI-सक्षम समाधानों का प्रदर्शन करेगा जिन्हें उद्योग, अनुसंधान संगठनों तथा स्टार्टअप एवं इनोवेटर्स द्वारा विकसित किया गया है। ये सभी उत्पाद ऑटोमेशन या मानव रहित या रोबोटिक्स सिस्टम, साइबर सुरक्षा, मानव व्यवहार विश्लेषण, लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति शृंखला प्रबंधन, निगरानी प्रणाली, भाषण विश्लेषण एवं C4ISR: कमांड, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर तथा खुफिया, निगरानी के क्षेत्र से संबंधित हैं।