प्रिलिम्स फैक्ट : 14 अप्रैल, 2021
सैन्य अभ्यास ‘शांतिर ओग्रोशेना’
(Exercise Shantir Ogroshena)
बांग्लादेश में आयोजित 10-दिवसीय बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास ‘शांतिर ओग्रोशेना’ का 12 अप्रैल, 2021 को सफलतापूर्वक समापन हो गया है।
- वर्ष 2021 में भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों की 50वीं वर्षगाँठ भी मनाई गई।
प्रमुख बिंदु
‘शांतिर ओग्रोशेना’- सैन्य अभ्यास
- यह बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास बांग्लादेश के 'राष्ट्रपिता' बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था, साथ ही यह अभ्यास बांग्लादेश की आज़ादी के 50 वर्ष पूरे होने का भी प्रतीक है।
- यह सैन्य अभ्यास बांग्लादेश स्थित ‘बंगबंधु सेनानीबास’ (BBS) में आयोजित किया गया था।
- ‘शांतिर ओग्रोशेना’ का अर्थ है ‘फ्रंट रनर ऑफ द पीस’।
थीम
- इस अभ्यास का विषय रक्षा संबंधों को मज़बूत करना और प्रभावी शांति अभियानों को सुनिश्चित करने के लिये पड़ोसी देशों के बीच अंतर-संचालन को बढ़ाना था।
- यह संयुक्त राष्ट्र (UN) द्वारा अधिदिष्ट एक काउंटर-टेररिज़्म अभ्यास है।
भागीदार देश
- इस अभ्यास के दौरान भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका के सैनिकों ने हिस्सा लिया, वहीं इस दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, तुर्की, सऊदी अरब, कुवैत और सिंगापुर के सैन्य पर्यवेक्षक भी उपस्थित रहे।
बांग्लादेश से संबंधित अन्य अभ्यास
- सम्प्रति अभ्यास (थल सेना)
- टेबल टॉप (वायु सेना)
- IN-BN कोर्पेट (नौसेना)
- संवेदना अभ्यास (बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका और संयुक्त अरब के साथ बहुराष्ट्रीय वायु अभ्यास)
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 14 अप्रैल, 2021
‘पोषण ज्ञान'- डिजिटल कोष
हाल ही में नीति आयोग ने, बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन तथा सेंटर फॉर सोशल एंड बिहेवियर चेंज’ (अशोका यूनिवर्सिटी) के साथ साझेदारी में स्वास्थ्य एवं पोषण पर आधारित एक राष्ट्रीय डिजिटल कोष ‘पोषण ज्ञान' की शुरुआत की है। यह कोष पोषण क्षेत्र में ज्ञान जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिये सरकारी एजेंसियों और अन्य विकास संगठनों द्वारा बनाया गया एक प्रभावी सामग्री संग्रह है। इस डिजिटल कोष में मौजूद सामग्री में विभिन्न प्रकार के विषय जैसे- प्रसवपूर्व देखभाल, पूरक आहार, किशोर स्वास्थ्य, आहार विविधता, एनीमिया की रोकथाम आदि शामिल हैं। इस डिजिटल कोष का रख-रखाव नीति आयोग द्वारा किया जाएगा। यह कोष, भारत में पोषण क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञों के लिये एक विश्वसनीय और व्यापक ऑनलाइन स्रोत के रूप में कार्य करेगा। ‘पोषण ज्ञान’ डिजिटल मंच मानवीय व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने के माध्यम से पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में सकारात्मक योगदान दे सकता है। यह एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण पहल है, जो पोषण को जन आंदोलन बनाने में काफी मददगार साबित हो सकती है।
रायसीना डायलॉग
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भू-राजनीति संबंधी भारत के प्रमुख वैश्विक सम्मेलन, रायसीना डायलॉग के 6वें संस्करण का उद्घाटन किया है। इस चार-दिवसीय सम्मेलन का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया जा रहा है। यह भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु एक वार्षिक सम्मेलन है जिसका आयोजन भारत के विदेश मंत्रालय और ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। भारत के विदेश मंत्रालय का मुख्यालय रायसीना हिल (साउथ ब्लॉक), नई दिल्ली में स्थित है, इसलिये इसे रायसीना डायलॉग के नाम से जाना जाता है। यह एक बहु-हितधारक, क्रॉस-सेक्टरल बैठक है जिसमें नीति-निर्माताओं एवं निर्णयकर्त्ताओं, विभिन्न राष्ट्रों के हितधारकों, राजनेताओं, पत्रकारों, उच्चाधिकारियों तथा उद्योग एवं व्यापार जगत के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाता है। रायसीना डायलॉग का आरंभ वर्ष 2016 में किया गया था। भारत द्वारा आयोजित इस वैश्विक सम्मेलन का प्राथमिक उद्देश्य वैश्विक समुदाय के समक्ष मौजूद विभिन्न चुनौतीपूर्ण मुद्दों को संबोधित करना और उन पर विचार-विमर्श करना है। साथ ही रायसीना डायलॉग से सरकार की कूटनीतिक क्षमता में भी वृद्धि होती है।
सियाचिन दिवस
13 अप्रैल, 2021 को भारतीय सेना ने सियाचिन के वीर शहीदों को याद करते हुए 37वाँ सियाचिन दिवस मनाया। सियाचिन दिवस पर भारतीय सैनिकों द्वारा दुनिया में सबसे ऊँचे और सबसे ठंडे युद्धक्षेत्र को सुरक्षित करने के लिये उनके अदम्य साहस को याद किया जाता है। दरअसल 13 अप्रैल, 1984 को भारतीय सेना द्वारा ‘ऑपरेशन मेघदूत’ लॉन्च किया गया था। इस ऑपरेशन के तहत भारतीय सैनिकों ने संपूर्ण सियाचिन ग्लेशियर पर सफलतापूर्वक नियंत्रण हासिल कर लिया था। सियाचिन ग्लेशियर या सियाचिन हिमनद हिमालय की काराकोरम रेंज में भारत-पाक नियंत्रण रेखा के समीप स्थित है। सियाचिन ग्लेशियर 76.4 किमी लंबा है और लगभग 10,000 वर्ग किमी. क्षेत्र को कवर करता है। सामरिक दृष्टिकोण से यह स्थान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ पर भारत और पाकिस्तान की सीमाएँ मिलती हैं। पर्यावरण की दृष्टि से यह अति-संवेदनशील क्षेत्र है इसलिये यहाँ पर मानवीय हस्तक्षेप को सीमित रखा गया था। हालाँकि इस क्षेत्र में पर्यटकों द्वारा किये जाने वाले प्रदूषण की समस्या काफी गंभीर है और भारतीय सेना लगातार इस चुनौती से निपटने का प्रयास कर रही है।
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस
भारत में प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस ‘व्हाइट रिबन एलायंस इंडिया’ (WRAI) की एक पहल है, जिसके अनुरोध पर भारत सरकार ने वर्ष 2003 में प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन करने की घोषणा की थी। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य सुरक्षित मातृत्व के संबंध में जागरूकता पैदा करना और गर्भावस्था एवं प्रसव के दौरान तथा प्रसव बाद महिलाओं के लिये आवश्यक देखभाल सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। भारत दुनिया में गर्भावस्था और प्रसव के लिहाज़ से सबसे अधिक जोखिमपूर्ण स्थानों में से एक है, जहाँ दुनिया भर में होने वाली कुल मातृ मृत्यु के 12 प्रतिशत से अधिक मामले दर्ज किये जाते हैं। हालाँकि विशेषज्ञों का मत है कि भारत में होने वाली कुल मातृ मृत्यु के मामलों में से अधिकांश में बचाव किया जा सकता है।