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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 14 Feb, 2020
  • 11 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 14 फरवरी, 2020

हम्पी

Hampi

उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक के विरुपापुरा गद्दी (Virupapura Gaddi) में निर्मित रेस्तराँ, होटल, गेस्ट हाउस एवं अन्य इमारतों को ध्वस्त करने हेतु कर्नाटक सरकार के निर्णय की पुष्टि की।

  • गौरतलब है कि विरुपापुरा गद्दी, तुंगभद्रा (Tungabhadra) नदी द्वारा निर्मित एक अंडाकार आइलेट है जो हम्पी विश्व धरोहर स्थल के पश्चिम में स्थित है।

Hampi

हम्पी के बारे में

  • चौदहवीं शताब्‍दी के दौरान मध्‍यकालीन भारत के महानतम साम्राज्‍यों में से एक विजयनगर साम्राज्‍य की राजधानी हम्‍पी कर्नाटक राज्‍य में स्थित है।
  • हम्पी, उत्तर में तुंगभद्रा नदी और अन्‍य तीन ओर से पथरीले ग्रेनाइट के पहाड़ों से घिरा हुआ है। हम्पी के चौंदहवीं शताब्‍दी के भग्‍नावशेष यहाँ लगभग 26 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं।
  • विजयनगर शहर के स्मारक जिन्हें विद्या नारायण संत के सम्‍मान में विद्या सागर के नाम से भी जाना जाता है, को वर्ष 1336-1570 ईस्वी के बीच हरिहर-I से लेकर सदाशिव राय आदि राजाओं ने बनवाया था। यहाँ पर सबसे अधिक इमारतें तुलुव वंश (Tuluva Dynasty) के महान शासक कृष्णदेव राय (1509 -30 ईस्वी) ने बनवाई थीं।
  • हम्‍पी के मंदिरों को उनकी बड़ी विमाओं, पुष्प अलंकरण, स्‍पष्‍ट नक्काशी, विशाल खम्‍भों, भव्‍य मंडपों एवं मूर्ति कला तथा पारंपरिक चित्र निरुपण के लिये जाना जाता है, जिसमें रामायण और महाभारत के विषय शामिल किये गए हैं।
  • हम्‍पी में मौजूद विठ्ठल मंदिर विजय नगर साम्राज्य की कलात्मक शैली का एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है। एक पत्‍थर से निर्मित देवी लक्ष्‍मी, नरसिंह तथा गणेश की मूर्तियाँ अपनी विशालता एवं भव्‍यता के लिये उल्‍लेखनीय हैं। यहाँ स्थित जैन मंदिरों में कृष्‍ण मंदिर, पट्टाभिराम मंदिर, हजारा राम चंद्र और चंद्र शेखर मंदिर प्रमुख हैं।

अपिअरी आन व्हील्स

APIARY ON WHEELS

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री (Union Minister of MSME) ने दिल्ली में अपिअरी आन व्हील्स (APIARY ON WHEELS) को हरी झंडी दिखाई।

APIARY ON WHEELS

मुख्य बिंदु:

  • यह मधुमक्खियों को पालने एवं उनके बक्सों को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिये खादी और ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission- KVIC) की एक अनूठी पहल है।
    • खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने वर्ष 2017 में ‘शहद मिशन’ (Honey Mission) की शुरुआत की थी ताकि इसके तहत मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षित किया जा सके, इस मिशन को पूरा करने के लिये ग्रामीणों को मधुमक्खी पालन करने वाले बक्से वितरित किये जा रहे हैं और शिक्षित किंतु बेरोज़गार युवाओं को मधुमक्खी पालन गतिविधियों के माध्यम से अतिरिक्त आय अर्जित करने में मदद की जा रही है।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग

(Khadi and Village Industries Commission):

  • खादी और ग्रामोद्योग आयोग 'खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम-1956' के तहत एक सांविधिक निकाय (Statutory Body) है।
  • यह भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (Ministry of MSME) के अंतर्गत आने वाली एक मुख्य संस्था है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ भी आवश्यक हो अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर खादी एवं ग्रामोद्योगों की स्थापना तथा विकास के लिये योजनाएँ बनाना, उनका प्रचार-प्रसार करना तथा सुविधाएँ एवं सहायता प्रदान करना है।
  • अपिअरी ऑन व्हील्स एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो मधुमक्खियों के 20 बॉक्सों को बिना किसी परेशानी के एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकता है।
  • इसे देश में मधुमक्खियों के बक्सों का रखरखाव तथा रखरखाव में आने वाली लागत को कम करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • अपिअरी ऑन व्हील्स में एक सौर पैनल प्रणाली है जो बक्सों का तापमान 35 डिग्री सेंटीग्रेड या उससे ऊपर पहुँचते ही स्वचालित तरीके से बक्सों के अंदर लगे पंखों को चालू कर देता है। इसके साथ ही इसमें गर्मियों में मधुमक्खियों को खिलाने के लिये शुगर ड्रिप प्रणाली भी है।

कोणार्क सूर्य मंदिर

Konark Sun Temple

केंद्रीय संस्कृति मंत्री ने बताया कि ओडिशा में लगभग 800 वर्ष पुराने कोणार्क सूर्य मंदिर (Konark Sun Temple) को संरक्षित करने की योजना जल्द ही तैयार की जाएगी।

Konark-Sun-Temple

कोणार्क सूर्य मंदिर के बारे में

  • बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर भगवान सूर्य के रथ का एक विशाल प्रतिरूप है। यह मंदिर ओडिशा के पुरी ज़िले में चंद्रभागा नदी के तट पर स्थित है।
  • रथ के 24 पहियों को प्रतीकात्मक डिज़ाइनों से सजाया गया है और सात घोड़ों द्वारा इस रथ को खींचते हुए दर्शाया गया है।
  • भारतीय उपमहाद्वीप के पूर्वी तट पर स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर, मंदिर वास्तुकला और कला के उत्कृष्ट उदाहरणों में से एक है। अंग्रेज़ी भाषा में इसे ‘ब्लैक पैगोडा’ कहते हैं।
  • कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण 13वीं शताब्दी में गंग वंश के शासक नरसिंह देव प्रथम ने कराया था।
    • गौरतलब है कि ओडिशा वास्तुकला की अपनी अलग पहचान है जिसमें देउल (गर्भगृह के ऊपर उठता हुआ विमान तल), जगमोहन (गर्भगृह के बगल का विशाल हॉल), नटमंडप (जगमोहन के बगल में नृत्य के लिये हॉल), भोगमंडप के निर्माण के साथ-साथ परकोटा तथा ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। कोणार्क का सूर्य मंदिर इस शैली का श्रेष्ठ उदाहरण है।
  • ओडिशा स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर को यूनेस्को (UNESCO) ने वर्ष 1984 में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया था और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India- ASI) इस मंदिर का संरक्षक है।

विवाद से विश्वास योजना

Vivad Se Vishwas Scheme

विवाद से विश्वास योजना (Vivad Se Vishwas Scheme) की घोषणा केंद्रीय वित्त मंत्री ने 1 फरवरी, 2020 को अपने बजट भाषण के दौरान की थी। इस योजना का उद्देश्य बड़ी संख्या में लंबित प्रत्यक्ष कर के मामलों को निपटाना है।

विवाद से विश्वास योजना:

  • केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) के अंतर्गत आने वाली इस योजना के तहत करदाता को केवल विवादित करों की राशि का भुगतान करने की आवश्यकता होगी और उसे ब्याज तथा दंड से पूरी तरह छूट मिलेगी।
  • हालाँकि यह आवश्यक है कि करदाता देय करराशि का भुगतान 31 मार्च, 2020 से पहले कर दें। 31 मार्च, 2020 के बाद जो लोग इस योजना का लाभ उठाना चाहेंगे, उन्हें 10% अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। यह योजना 30 जून, 2020 तक प्रभावी रहेगी।
  • इस योजना में आयुक्त (अपीलीय), आयकर अपीलीय न्यायाधिकरणों (Income Tax Appellate Tribunals- ITAT) उच्च न्यायालयों, उच्चतम न्यायालय एवं अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के स्तर पर लंबित विवादों को शामिल किया गया है।
    • इस योजना का उद्देश्य विभिन्न अपीलीय स्तरों पर लंबित 483000 प्रत्यक्ष कर-संबंधी विवादों को हल करना है।
  • एक अनुमान के मुताबिक 9 लाख करोड़ रुपए से अधिक के प्रत्यक्ष कर विवाद अदालतों में लंबित हैं।

प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास बिल

(Direct Tax Vivad se Vishwas Bill):

  • इस विधेयक का उद्देश्य प्रत्यक्ष कर संबंधी विवादों को तेज़ी से निपटाना है।
  • गौरतलब है कि बजट-2019 में अप्रत्यक्ष करों से संबंधित विवादों को निपटाने के लिये ‘सबका विश्वास योजना’ लाई गई थी। इसके परिणामस्वरूप 1,89,000 से अधिक मामलों को निपटाया गया था।
  • ‘विवाद से विश्वास योजना’ प्रत्यक्ष कर संबंधी विवादों के लिये है, जबकि ‘सबका विश्वास योजना’ अप्रत्यक्ष कर संबंधी विवादों से संबंधित थी।

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