प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 14 जनवरी, 2020
गौतम बुद्ध की दूसरी सबसे ऊँची मूर्ति
Second Tallest Statue of Gautam Buddha
गुजरात के साबरकांठा ज़िले के देव नी मोरी (Dev Ni Mori) में चीन के स्प्रिंग टेम्पल (153 मीटर) के बाद गौतम बुद्ध की विश्व की दूसरी सबसे ऊँची मूर्ति (108 मीटर) बनाने का प्रस्ताव है।
देव नी मोरी में उत्खनन
- देव नी मोरी की खुदाई वर्ष 1953 में राज्य पुरातत्व विभाग द्वारा की गई थी।
- देव नी मोरी में तीसरी-चौथी सदी से संबंधित बौद्ध मठ के अवशेषों का पता लगाया गया।
- देव नी मोरी की खुदाई में 1700 वर्ष पुराना एक ताबूत मिला है जिसमें बुद्ध के अवशेष पाये गए हैं।
- हाल ही में गुजरात के वडनगर के गढ़वाले क्षेत्र में हुई खुदाई से दूसरी से सातवीं शताब्दी के बौद्ध मठ का पता चला है।
- इस मठ में दो विशाल स्तूप और एक खुला केंद्रीय प्रांगण है जिसके चारों ओर नौ कक्षों का निर्माण किया गया है। केंद्रीय प्रांगण के चारों ओर नौ कक्षों की यह व्यवस्था स्वास्तिक के चिन्ह जैसा पैटर्न बनाती है।
- गौरतलब है कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात के वडोदरा के पास नर्मदा ज़िले में स्थित राजपीपला के निकट साधुबेट नामक नदी द्वीप पर 182 मीटर ऊँची सरदार वल्लभभाई पटेल की विश्व की सबसे ऊँची मूर्ति है।
भील जनजाति
Bhil Tribe
मध्यप्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित एक परीक्षा में भील जनजाति (Bhil Tribe) की आपराधिक प्रवृत्ति के बारे में पूछे गए प्रश्नों पर विभागीय जाँच शुरू करने के आदेश दिये।
प्रमुख बिंदु:
- भील का अर्थ ‘धनुषधारी’ है।
- यह जनजाति प्रोटो-आस्ट्रेलायड प्रजाति की है।
- इनका कद छोटा व मध्यम,आँखे लाल, बाल रूखे व जबड़ा कुछ बाहर निकला हुआ होता है।
- भीलों में संयुक्त परिवार प्रथा प्रचलित है। ये सामान्यतः ‘कृषक’ हैं।
- यह जनजाति गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक और राजस्थान के साथ-साथ सुदूर पूर्वी भारत के त्रिपुरा में भी पाई जाती है। यह राजस्थान की दूसरी प्रमुख जनजाति है।
- उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने वर्ष 2013 में जनजातीय समुदायों पर प्रो. वर्जिनियस शाशा (Prof. Virginius Xaxa) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था।
- शाशा समिति को जनजातीय समुदायों की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और स्वास्थ्य स्थिति की जाँच करने और उनमें सुधार के लिये उपयुक्त हस्तक्षेपकारी उपायों की सिफारिश करने का कार्यभार सौंपा गया था। समिति ने मई 2014 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
भारतीय फसल कटाई त्योहार
Indian Harvest Festivals
भारत में फसल कटाई त्योहार को मकर संक्रांति, लोहड़ी, पोंगल, भोगली बिहू, उत्तरायण और पौष पर्व जैसे विभिन्न प्रकार से मनाया जाता है।
- मकर संक्रांति (Makar Sankranti): मकर संक्रांति एक हिंदू त्योहार जो सूर्य को आभार प्रकट करने के लिए समर्पित है। इस दिन लोग अपने प्रचुर संसाधनों और फसल की अच्छी उपज के लिए प्रकृति को धन्यवाद देते हैं। यह त्योहार सूर्य के मकर (मकर राशि) में प्रवेश को दर्शाता है।
- इसे भारत के कई राज्यों जैसे ओडिशा, महाराष्ट्र, गोवा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल और अधिकांश उत्तर भारत में मनाया जाता है। जबकि अन्य राज्यों में इसे निम्नलिखित नामों से जाना जाता है-
त्योहार | राज्य/क्षेत्र |
उत्तरायण (Uttarayan) | गुजरात |
पोंगल (Pongal) | तमिलनाडु |
भोगली बिहू (Bhogali Bihu) | असम |
लोहड़ी (Lohri) | पंजाब और जम्मू-कश्मीर |
माघी (Maghi) | हरियाणा और हिमाचल प्रदेश |
मकर संक्रामना (Makar Sankramana) | कर्नाटक |
सायन-करात (Saen-kraat) | कश्मीर |
खिचड़ी पर्व (Khichdi Parwa) | उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड |
- ग्रीष्म अयनांत (Summer Solstice): जब सूर्य कर्क रेखा पर लंबवत चमकता है तो इस स्थिति को ग्रीष्म अयनांत कहते हैं। वस्तुतः 21 मार्च के बाद सूर्य उत्तरायण होने लगता है तथा उत्तरी गोलार्द्ध में दिन की अवधि बढ़ने लगती है, जिससे वहाँ ग्रीष्म ऋतु का आगमन होता है।
- शीत अयनांत (Winter Solstice): जब सूर्य मकर रेखा पर लंबवत चमकता है तो इस स्थिति को शीत अयनांत कहते हैं। इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन की अवधि लंबी व रात छोटी होती हैं। वस्तुतः सूर्य के दक्षिणायन होने की प्रक्रिया 23 सितंबर के बाद प्रारंभ हो जाती है।
नियॉन
NEON
संयुक्त राज्य अमेरिका के लास वेगास में आयोजित वार्षिक उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स शो 2020 (Consumer Electronics Show- CES 2020) में नियॉन (NEON) नामक विश्व का पहला कृत्रिम मानव (Artificial Human) पेश किया गया ।
मुख्य बिंदु:
- नियॉन को सैमसंग कंपनी की स्टार लैब के सीईओ प्रणव मिस्त्री (भारतीय वैज्ञानिक) की अध्यक्षता में बनाया गया है।
- नियॉन (NEON) शब्द NEO (नया) + humaN (मानव) से मिलकर बना है।
- अभी इसे उपयोगकर्त्ता द्वारा नियंत्रित करने पर आभासी मानवीय भावनाओं को प्रदर्शित करता है किंतु आगे NEON को पूरी तरह से स्वायत्त रुप से संचालित किया जायेगा जिससे यह भावनाओं को प्रदर्शित करने, कौशल सीखने, स्मृति का निर्माण करने और स्वतः निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध होगा।
- एक आभासी मानव (Virtual Human) कृत्रिम बुद्धि के साथ कंप्यूटर जनित मानव प्रतिरूप तंत्र है। एक आभासी मानव में एक कंप्यूटर जनित मानव जैसी शारीरिक प्रणाली और कंप्यूटर जनित आवाज़ एवं सशक्त इंद्रियाँ होती हैं।
- आभासी मानव का उपयोग शिक्षा, विपणन, ब्रांडिंग, प्रशिक्षण और बिक्री जैसे विभिन्न क्षेत्रों किया जा सकता है।
- नियॉन, कोरR3 (CoreR3) तकनीक पर आधारित है। इसका तात्पर्य विश्वसनीयता (Reliability), रियल टाइम (Real Time) और प्रतिक्रिया (Response) है। इस तकनीक के द्वारा नियॉन पल भर में प्रतिक्रिया देने में समर्थ है।