Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 13 जुलाई, 2022
हर घर तिरंगा राष्ट्रीय अभियान
केंद्र सरकार 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश भर में हर घर तिरंगा राष्ट्रीय अभियान शुरू करेगी। यह अभियान संस्कृति मंत्रालय द्वारा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत शुरू किया जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के सम्मान में इस अभियान को स्वीकृति दी है। अभियान का उद्देश्य लोगों में देशभक्ति की भावना को जागृत करना और तिरंगे के प्रति जागरूकता लाना है। राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल, प्रदर्शन और फहराने के नियम ध्वज आचार संहिता, 2002 में बताए गए हैं। यह आचार संहिता 26 जनवरी, 2002 को लागू की गई। ध्वज आचार संहिता, 2002 ने ध्वज के सम्मान और उसकी गरिमा को बनाए रखते हुए तिरंगे के अप्रतिबंधित प्रदर्शन की अनुमति दी। भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को तीन भागों में बाँटा गया है: पहले भाग में राष्ट्रीय ध्वज का सामान्य विवरण है। दूसरे भाग में जनता, निजी संगठनों, शैक्षिक संस्थानों आदि के सदस्यों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन के विषय में बताया गया है। संहिता का तीसरा भाग केंद्र और राज्य सरकारों तथा उनके संगठनों एवं अभिकरणों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के विषय में जानकारी देता है। इसमें उल्लेख है कि तिरंगे का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिये नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा ध्वज का उपयोग उत्सव के रूप में या किसी भी प्रकार की सजावट के प्रयोजनों के लिये नहीं किया जाना चाहिये। आधिकारिक प्रदर्शन के लिये केवल भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित विनिर्देशों के अनुरूप और उसके चिह्न वाले झंडे का उपयोग किया जा सकता है।
मारबर्ग वायरस रोग
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हाल ही में घाना में मारबर्ग वायरस रोग के दो संदिग्ध मामले सामने आए। मारबर्ग वायरस रोग इबोला के समान है। मारबर्ग वायरस रोग एक संक्रामक रक्तस्रावी बुखार (infectious haemorrhagic fever) है। यह इबोला के समान परिवार से संबंधित है। यह वायरस चमगादड़ों (fruit bats) के माध्यम से लोगों में फैलता है। यदि व्यक्ति संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क में आता है, तो लोगों से लोगों में संचरण होता है। मारबर्ग वायरस की ऊष्मायन अवधि 2-21 दिनों की होती है। यह रोग बहुत हानिकारक और घातक है। इसके पिछले प्रकोपों में मृत्यु दर 24% से 88% तक रही थी। इससे पहले अंगोला, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, युगांडा, केन्या और दक्षिण अफ्रीका में मारबर्ग वायरस रोग की सूचना मिली थी। सितंबर 2021 में गिनी में इसके एक मामले की पुष्टि हुई थी। मारबर्ग वायरस रोग के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं- तेज़ बुखार, गंभीर अस्वस्थता, गंभीर सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द इत्यादि। संक्रमण के बाद तीसरे दिन रोगी को दस्त, मतली और उल्टी, पेट में दर्द तथा ऐंठन जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। ये लक्षण एक हफ्ते तक बने रहते हैं। मारबर्ग के लिये अभी तक कोई इलाज या टीका विकसित नहीं किया गया है। मरीज़ों का इलाज अंतःस्रावी तरल पदार्थ के साथ पुनर्जलीकरण (rehydration) के माध्यम से किया जाता है।
अर्जुन बाबुता
हाल ही में भारत के अर्जुन बाबुता ने अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज़ी खेल महासंघ-ISSF विश्व कप में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता है। उन्होंने दक्षिण कोरिया के चांगवोन में आयोजित फाइनल मुकाबले में अमेरिका के लुकास कोज़ेनिस्की को 17-9 से पराजित किया। अर्जुन ने रैंकिंग राउंड में 261.1 स्कोर के साथ पहला स्थान हासिल किया, जबकि लुकास 260.4 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर रहे। इज़रायल के सर्गेई रिक्टर ने कांस्य पदक जीता और भारत के ही पार्थ मखीजा चौथे स्थान पर रहे। अंतर्राष्ट्रीय निशानेबाज़ी खेल महासंघ द्वारा काहिरा में आयोजित ISSF विश्व कप, 2022 में भारत ने चार स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य के साथ पदक तालिका में पहला स्थान हासिल किया। नॉर्वे तीन स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य पदक के साथ तालिका में दूसरे स्थान पर रहा।
अंतर्राष्ट्रीय मलाला दिवस
प्रत्येक वर्ष 12 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय मलाला दिवस के रूप में मनाया जाता है। 12 जुलाई को पाकिस्तान की समाजसेवी नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई का जन्मदिन हैै। इस दिन को संयुक्त राष्ट्र ने विश्व मलाला दिवस घोषित किया है. दुनिया भर में मलाला दिवस को महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के सम्मान में मनाया जाता है। मलाला को कभी भी स्कूल जाने की अनुमति नहीं मिली थी, क्योंकि तालिबान ने पाकिस्तान में लड़कियों के स्कूल जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांँकि मलाला ने घर पर रहने से इनकार कर दिया और लड़कियों के लिये शिक्षा के अधिकार की वकालत की। वर्ष 2013 में मलाला ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र को संबोधित किया था। मलाला तथा उनके पिता ने मलाला फंड की स्थापना की है, जो युवा लड़कियों को स्कूल जाने में मदद करता है। मलाला यूसुफजई को पाकिस्तान सरकार ने वर्ष 2012 में राष्ट्रीय युवा शांति पुरस्कार से सम्मानित किया। दिसंबर 2014 में मलाला को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मलाला ने सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त किया था। वर्ष 2017 में मलाला को संयुक्त राष्ट्र शांति दूत के रूप में नामित किया गया था। मलाला अपने कार्य और साहस के लिये 40 से अधिक पुरस्कार और सम्मान प्राप्त कर चुकी हैं।