प्रिलिम्स फैक्ट्स (13 Mar, 2019)



प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13 मार्च, 2019

डेलाइट सेविंग टाइम
Daylight Saving Time-DST

डेलाइट सेविंग टाइम मार्च में प्रारंभ होकर नवंबर के पहले रविवार को समाप्त होता है। पिछले साल DST 11 मार्च को शुरू हुआ और 4 नवंबर को समाप्त हुआ था। इस साल DST 10 मार्च को शुरू हो गया है जो 3 नवंबर, 2019 को समाप्त होगा।

क्या है डेलाइट सेविंग टाइम

  • ग्रीष्म ऋतु में दिन बड़ा होता है, दिन के प्रकाश का अधिकतम उपयोग करने के लिये कई देश गर्मियों में अपनी घड़ियों को एक घंटा आगे सेट कर लेते हैं ताकि जल्दी काम शुरू करके खत्म कर सके। कुछ दिन बाद वे देश फिर से अपने मूल समय पर वापस आ जाते हैं इसे टाइमलाइट सेविंग टाइम कहा जाता है।
  • हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश हिस्सों में स्थानीय समयानुसार 2 बजे, अमेरिकियों ने अपनी घड़ियों को एक घंटे आगे सेट किया। इसके बाद timeanddate.com के अनुसार 70 से अधिक देशों ने इसका अनुसरण किया।
  • भारत डेलाइट सेविंग टाइम का पालन नहीं करता है क्योंकि भूमध्य रेखा के पास के देशों में मौसमों के बीच दिन के समय में उच्च विविधता का अनुभव नहीं होता है।

World Wide Web

  • 12 मार्च, 2019 को वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web- WWW) के 30 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में गूगल ने WWW को डूडल समर्पित किया।
  • वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार टिम बर्नर्स-ली ने 1989 में किया था।
  • उन्होनें डॉक्यूमेंट्स को लिंक करने के लिये हाइपरटेक्स्ट के उपयोग की कल्पना की थी। इसमें HTML, URL, HTTP जैसे फंडामेंटल शामिल थे।
  • WWW आमतौर पर वेब के रूप में जाना जाता है। यह ऑनलाइन सामग्री का एक नेटवर्क है, जहाँ डॉक्यूमेंट्स और अन्य वेब रिसोर्सेज़ की पहचान यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर (URL) द्वारा की जाती है।
  • पहली वेबसाइट वर्ष 1990 में बनाई गई थी जो World Wide Web प्रोजेक्ट को ही समर्पित थी।

सरकारी गोपनीयता अधिनियम, 1923 
Official Secrets Act, 1923 

हाल ही में अटॉर्नी-जनरल द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में राफेल सौदे वाले दस्तावेज़ के चोरी के लिये ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ ‘आपराधिक कार्रवाई’ हेतु आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम को संज्ञान में लाया गया।

  • औपनिवेशिक शासन में गुप्त एवं गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिये सामान्यतः राष्ट्रीय सुरक्षा और जासूसी के मुद्दों पर अधिकारियों द्वारा सूचना को गोपनीय रखने के लिये इस कानून को लाया गया था।
  • पहली बार 1923 में इस अधिनियम को लागू किया गया था और स्वतंत्रता के बाद भी इसे बरकरार रखा गया।
  • सरकारी कर्मचारियों और नागरिकों के लिये लागू यह कानून, राष्ट्र की अखंडता सुनिश्चित करने तथा जासूसी, राजद्रोह और अन्य संभावित खतरों से निपटने हेतु रूपरेखा प्रदान करता है।
  • यह कानून जासूसी, साझा 'गुप्त' जानकारी, वर्दी का अनधिकृत उपयोग, जानकारी रोकना, निषिद्ध/प्रतिबंधित क्षेत्रों में सशस्त्र बलों के कार्यों में हस्तक्षेप, अन्य लोगों के लिये दंडनीय अपराध बनाता है।
  • यह जानकारी सरकार, दस्तावेजों, तस्वीरों, रेखाचित्रों, मानचित्रों, योजनाओं, मॉडल, आधिकारिक कोड या पासवर्ड से संबंधित किसी स्थान के संदर्भ में हो सकती है।
  • अपराधी व्यक्ति को 14 साल तक का कारावास, जुर्माना या दोनों सज़ा दी जा सकती है।