प्रीलिम्स फैक्ट्स : 13 फरवरी, 2019
‘राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस’
(National Productivity Day)
राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (National Productivity Council-NPC) ने 12 फरवरी, 2019 को अपना 61वाँ स्थापना दिवस मनाया। NPC अपने स्थापना दिवस को ‘उत्पादकता दिवस’ के रूप में मनाता है।
परिषद के बारे में
- भारत सरकार के उद्योग मंत्रालय द्वारा वर्ष 1958 में स्थापित राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद एक स्वायत्तशासी, बहुपक्षीय और गैर-लाभान्वित संगठन है ।
- राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद का लक्ष्य भारतीय अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता को प्रोत्साहित करने के लिये शीर्ष संस्थान के रूप में कार्य करना है।
- यह परिषद टोक्यो स्थित अंतःशासकीय निकाय, एशियाई उत्पादकता संगठन (Asian Productivity Organisation-APO) का एक घटक है। उल्लेखनीय है कि भारत APO के संस्थापक सदस्यों में से एक है।
राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह (National Productivity Week)
- NPC 12-18 फरवरी, 2019 के दौरान राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह का आयोजन भी कर रहा है।
- इस वर्ष के राष्ट्रीय उत्पादकता सप्ताह की थीम है ‘उत्पादकता और निरंतरता के लिये सर्कुलर अर्थव्यवस्था’ ('Circular Economy for Productivity and Continuity')।
- सर्कुलर इकोनॉमी या अर्थव्यवस्था ‘बनाओ, उपयोग करो, वापस पाओ’ (Make-Use-Return) से जुड़े सर्कुलर बिजनेस मॉडल के लिये अनूठे अवसर को परिलक्षित करती है।
एक्वा मेगा फूड पार्क
(Aqua Mega Food Park)
12 फरवरी, 2019 को आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी ज़िले में भीमावरम मंडल के टुंडुरू गाँव में गोदावरी मेगा एक्वा फूड पार्क (Godavari Aqua Mega Food Park) का उद्घाटन किया गया।
- इस पार्क का विकास मैसर्स गोदावरी मेगा एक्वा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड (M/s Godavari Mega Aqua Food Park Pvt. Ltd.) द्वारा किया गया है।
- यह आंध्र प्रदेश राज्य में मछली और अन्य समुद्री उत्पादों के प्रसंस्करण के लिये विशेष रूप से स्थापित पहला मेगा एक्वा फूड पार्क है।
- गोदावरी मेगा एक्वा फूड पार्क 122.60 करोड़ रुपए की लागत से 57.81 एकड़ भूमि पर स्थापित किया गया है।
- आंध्र प्रदेश के अन्य मेगा फ़ूड पार्क चित्तूर ज़िले में तथा कृष्णा ज़िले में हैं। इनमें से चित्तूर स्थित मेगा फ़ूड पार्क की शुरुआत 9 जुलाई, 2012 को ही हो चुकी थी जबकि कृष्णा ज़िले में मेगा फ़ूड पार्क स्थापित करने का कार्य अभी प्रगति पर है।
पृष्ठभूमि
- मेगा फूड पार्क योजना का कार्यान्वयन खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (Ministry of Food Processing Industries) द्वारा किया जा रहा है।
- इस योजना का उद्देश्य किसानों, प्रसंस्करणकर्त्ताओं तथा खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाज़ार से जोड़ने हेतु एक तंत्र उपलब्ध कराना है ताकि अधिकतम मूल्यवर्द्धन, न्यूनतम बर्बादी, किसानों की आय में वृद्धि और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार के अवसर सृजित करना सुनिश्चित किया जा सके।
- मेगा फूड पार्क स्कीम ‘क्लस्टर’ दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें पार्कों में सुस्थापित आपूर्ति श्रृंखला के साथ उपलब्ध औद्योगिक भूखंडों में आधुनिक खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना के लिये सुपरिभाषित कृषि/बागवानी ज़ोन में अत्याधुनिक सहायक अवसंरचना के सृजन की परिकल्पना की गई है।
- मेगा फूड पार्क में संग्रहण केंद्रों, प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्रों, केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्रों, शीत श्रृंखला और उद्यमियों द्वारा खाद्य प्रसंस्करण यूनिटों की स्थापना हेतु 30-35 पूर्ण विकसित भूखंडों समेत आपूर्ति श्रृंखला अवसंरचना शामिल होती है।
पोषण अभियान (राष्ट्रीय पोषण मिशन)
POSHAN Abhiyaan (National Nutrition Mission)
12 फरवरी, 2019 को महिला और बाल विकास मंत्रालय (Ministry of Women and Child Development) ने पोषण अभियान के तहत देश में पोषण चुनौतियों पर राष्ट्रीय परिषद (National Council on India’s Nutrition Challenges) की चौथी बैठक का आयोजन किया जिसकी अध्यक्षता नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने की।
- बैठक के दौरान महिला और बाल विकास मंत्रालय ने पोषण चुनौतियों पर राष्ट्रीय परिषद की पिछली बैठक की सिफारिशों पर की गई कार्रवाई तथा कार्यकारी समिति की चौथी और 5वीं बैठकों में की गई सिफारिशों के बारे में जानकारी दी।
- पोषण (POSHAN) योजना का पूरा नाम ‘PM’s Overarching Scheme for Holistic Nourishment’ है।
- इस अभियान की शुरुआत 8 मार्च, 2018 को राजस्थान के झुंझुनू ज़िले से की गई थी।
- इस अभियान का उद्देश्य बच्चों में ठिगनापन/स्टंटिंग (Stunting), अल्पपोषण, रक्ताल्पता (छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में) और जन्म के समय बच्चों के कम वज़न के मामलों में प्रतिवर्ष क्रमशः 2%, 2%, 3% तथा 2% की कमी लाना है।
- एक समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करने के लिये सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और 718 ज़िलों को वर्ष 2020 तक चरणबद्ध रूप से इस अभियान के तहत शामिल किया जाएगा।
कुसुम योजना
(KUSUM Scheme)
हाल ही में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी कि सरकार किसानों के बीच सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिये ‘कुसुम’ (KUSUM) नामक योजना तैयार कर रही है।
- इस योजना का पूरा नाम ‘किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान’ (Kisan Urja Suraksha evam Utthaan Mahabhiyan-KUSUM) है।
- प्रस्तावित योजना के अंतर्गत निम्नलिखित कार्यों का प्रावधान किया गया है-
- ग्रामीण इलाकों में 500KW से 2 MW तक की क्षमता वाले ग्रिड से जुड़े नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना।
- ऐसे किसानों, जो किसी भी ग्रिड से नहीं जुड़े हैं, की सिंचाई संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु एकल आधार वाले (stand alone) ऑफ-ग्रिड सौर जल पंपों की स्थापना।
- किसानों को ग्रिड से की जाने वाली आपूर्ति से मुक्त करने के लिये विद्यमान ग्रिड-कनेक्टेड कृषि पंपों का सौरीकरण (Solarization) तथा उत्पादित अधिशेष सौर ऊर्जा की बिक्री वितरण कंपनियों (Distribution Companies-DISCOM) को करना और अतिरिक्त आय प्राप्त करना।
- यह योजना सरकार के विचाराधीन है इसलिये, विस्तृत प्रावधानों को अंतिम रूप दिया जाना अभी शेष है।
मानव से नहीं जीत पाया AI प्रोजेक्ट डिबेटर
AI Project Debater Lost to Human
हाल ही में अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स कॉर्पोरेशन (International Business Machines Corporation-IBM) की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रणाली- प्रोजेक्ट डिबेटर के साथ डिबेट चैंपियन हरीश नटराजन की डिबेट आयोजित की गई थी।
- IBM के थिंक 2019 (Think 2019) सम्मलेन में आयोजित इस डिबेट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस डिबेटर हरीश नटराजन के साथ सार्वजनिक बहस में हार गया।
- डिबेट के ज़रिये दर्शकों को दलीलें समझाने की क्षमता के आधार पर इस आयोजन के विजेता की घोषणा की गई।
- IBM द्वारा विकसित प्रोजेक्ट डिबेटर तीन प्रकार की क्षमताओं से युक्त है-
- डेटा-चालित भाषण लेखन और भाषण प्रस्तुति।
- सुनने की समझ जो लंबे समय से बोली जा रही भाषा के भीतर छिपे प्रमुख दावों की पहचान कर सकती है।
- सैद्धांतिक तर्कों को सक्षम करने के लिये एक अद्वितीय ज्ञान ग्राफ में मानव दुविधाओं की मॉडलिंग।
- ध्यातव्य है कि एक दशक पहले, IBM के सुपरकंप्यूटर डीप ब्लू ने विश्व शतरंज चैंपियन गैरी कास्परोव को हराया था।