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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 12 Dec, 2019
  • 11 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 12 दिसंबर, 2019

पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान

Papikonda National Park

वन विभाग और केरल एवं पूर्वोत्तर राज्यों के वन विशेषज्ञों ने पापिकोंडा नेशनल पार्क में तितली की प्रजातियों का पहला सर्वेक्षण शुरू किया है।

Papikonda

मुख्य बिंदु:

  • यह सर्वेक्षण कार्य 12 से 15 दिसंबर तक चलेगा।
  • इस सर्वेक्षण के अंतर्गत तितली की प्रजातियों का दस्तावेज़ीकरण किया जाएगा।
  • केरल स्थित पर्यावरण फोरम के विशेषज्ञों ने बताया कि पूर्वी घाट में पापिकोंडा पहाड़ी क्षेत्र के पापिकोंडा राष्ट्रीय उद्यान में "तितली की प्रवासी प्रजातियों" पर एक विशेष अध्ययन के साथ तितली की सभी प्रजातियों का रिकॉर्ड तैयार करने के उद्देश्य से सर्वेक्षण किया जाएगा।
  • तितली की प्रजातियों में विविधता, राष्ट्रीय उद्यान के एक स्वास्थ्य संकेतक के रूप में माना जाता है।

पापिकोंडा नेशनल पार्क:

  • पापिकोंडा नेशनल पार्क आंध्र प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी ज़िलों एवं तेलंगाना के खम्मम ज़िले में 1012.86 वर्ग किलोमीटर में फैला है।
  • इसे वर्ष 2008 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
  • इस राष्ट्रीय उद्यान को वर्ष 2016 में बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक ‘महत्त्वपूर्ण पक्षी और जैव विविधता क्षेत्र’ (Important Bird and Biodiversity Area) के रूप में मान्यता दी गई थी।

आगे की राह:

विशेषज्ञों का प्रयास पापिकोंडा नेशनल पार्क की मौजूदा जैव विविधता की एक तस्वीर पेश करेगा।

तितली की प्रजातियों से संबंधित ‘निष्कर्ष एवं रिपोर्ट’ वन्यजीवों की प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण (Conservation of Migratory Species of Wild Animals- CMS) पर 13वें COP (Conference of Parties) में गुजरात के गांधीनगर में प्रस्तुत की जाएगी।


शोर मंदिर

Shore Temple

मामल्लपुरम के ‘शोर मंदिर’ के उत्तरी किनारे को अपरदित हो रही तटरेखा का सामना करना पड़ रहा है।

Shore Temple

मुख्य बिंदु:

  • बताया गया है कि तटरेखा में हर साल 4-5 मीटर की कमी आ रही है।
  • ‘भारतीय तटरेखा में परिवर्तन पर राष्ट्रीय मूल्यांकन रिपोर्ट’ (1990-2016) के अनुसार, तमिलनाडु में पिछले दो दशकों में तटरेखा का 41% अपरदन हुआ है।
  • रिपोर्ट में बताया गया है कि सर्वेक्षण से पता चला है कि 991.47 किलोमीटर की तटरेखा में से लगभग 407.05 किमी तटरेखा का कटाव हो चुका है।
  • ‘राष्ट्रीय तटीय अनुसंधान केंद्र’ की रिपोर्ट के अनुसार इस कटाव के निम्नलिखित कारण हैं-
    • बंदरगाहों का निर्माण
    • समुद्र तट पर रेत खनन
    • समुद्र-स्तर में वृद्धि
    • चक्रवात
    • नदियों के पार बांधों का निर्माण

मामल्लपुरम के बारे में:

  • मामल्लपुरम जिसे महाबलीपुरम या सेवन पैगोडा भी कहा जाता है, एक शहर है जो चेन्नई से 60 किलोमीटर दक्षिण में बंगाल की खाड़ी के कोरोमंडल तट पर स्थित है।
  • मामल्लपुरम के स्मारक और मंदिर, जिनमें शोर मंदिर परिसर शामिल हैं, को सामूहिक रूप से वर्ष 1984 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के रूप में नामित किया गया था।

तीन तीर्थों वाला एक मंदिर (शोर मंदिर)

  • शोर मंदिर भारत के तमिलनाडु राज्य के एक छोटे से शहर मामल्लपुरम में समुद्र के किनारे स्थित है।
  • इसे स्थानीय रूप से अलाइवय-के-कोविल (Alaivay-k-kovil) के नाम से जाना जाता है।
  • यह मंदिर प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले ग्रेनाइट बोल्डर पर टिका हुआ है।
  • इसे संभवत: नरसिंहवर्मन द्वितीय के शासनकाल में बनाया गया था, जिसे राजसिम्हा (पल्लव शासक) के रूप में भी जाना जाता है, जिन्होंने 700 से 728 ई तक शासन किया था।
  • इस परिसर में तीन अलग-अलग तीर्थ हैं: दो भगवान शिव और एक विष्णु को समर्पित है।
  • तीनों तीर्थों में ‘विष्णु तीर्थ’ सबसे पुराना और छोटा है।
  • शोर मंदिर परिसर में एक कटे हुए पत्थरों से निर्मित और एक मुक्त खड़ा संरचनात्मक मंदिर है। यह परिपक्व द्रविड़ वास्तुकला के सभी तत्त्वों को प्रदर्शित करता है।

ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन

Taj Trapezium Zone

सुप्रीम कोर्ट द्वारा ताज़ ट्रेपेज़ियम ज़ोन (TTZ) में किसी भी तरह के निर्माण पर लगाई गई रोक को हटा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में निर्माण पर मार्च 2018 में रोक लगाई थी।

Taj Trapezium Zone

ताज ट्रैपेज़ियम ज़ोन

  • ताज ट्रैपेज़ियम ज़ोन (TTZ) स्मारक को प्रदूषण से बचाने के लिये ताजमहल के चारों ओर 10,400 वर्ग किमी. का परिभाषित क्षेत्र है।
  • यह उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस एवं एटा और राजस्थान के भरतपुर ज़िले में फैला हुआ है।
  • ताजमहल के चारों ओर स्थित एक समलम्ब (Trapezoid) के आकार का होने के कारण इसे ताज ट्रैपेज़ियम ज़ोन (TTZ) का नाम दिया गया है।
  • ताज ट्रैपेज़ियम ज़ोन (TTZ) में तीन विश्व धरोहर स्थल ताजमहल, आगरा का किला और फतेहपुर-सीकरी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय:

  • एक जनहित याचिका के जवाब में ताजमहल को पर्यावरण प्रदूषण से बचाने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने 30 दिसंबर,1996 को ताज ट्रैपेजियम ज़ोन (TTZ) के तहत आने वाले उद्योगों के बारे में एक फैसला सुनाया जिसके तहत-
    • TTZ में स्थित उद्योगों में कोयले / कोक के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
    • कहा गया है कि उद्योगों में कोयला / कोक को प्राकृतिक गैस से प्रतिस्थापित किया जाए।
    • या उद्योगों को TTZ के बाहर स्थानांतरित या बंद किया जाए।

आगे की राह

  • सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक हटाने के बाद अब सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की अनुमति से ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन में बुनियादी सुविधाओं के लिये गैर-प्रदूषणकारी निर्माण कार्य किये जा सकेंगे।

सुब्रह्मण्य भारती

Subramania Bharati

सुब्रह्मण्य भारती तमिलनाडु के एक कवि, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक थे। उन्हें ‘महाकवि भारतियार’ के नाम से जाना जाता था।

Subramania Bharati

परिचय:

  • सुब्रह्मण्य भारती का जन्म 11 दिसंबर, 1882 को तमिलनाडु के तिरूनेलवेल्ली ज़िले में एट्टियापुरम नामक गाँव में हुआ था।

भारती: एक कवि और राष्ट्रवादी

  • सुब्रह्मण्य भारती तमिल साहित्य में एक नए युग का सूत्रपात करने वाले महत्त्वपूर्ण कवि माने जाते हैं। इनकी रचनाएँ राष्ट्र प्रेम, भक्ति और रहस्यवादी विषयों से संबंधित हैं।
  • भारती मुख्य रूप से एक गीतकार थे। उनकी महान काव्यात्मक रचनाओं में ‘‘कन्नम पट्टू’’, ‘‘नीलवम वम्मिनुम कत्रम’’, ‘‘पांचाली सबतम’’, ‘‘कुयिल पट्टु’’ शामिल हैं।
  • भारत की स्वतंत्रता और राष्ट्रवाद संबंधी इनके गीतों ने तमिलनाडु में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के लिये जन समर्थन जुटाने में मदद की थी।
  • भारती ने मई 1906 में ‘‘इंडिया’’ का प्रकाशन तमिल में आरंभ किया। इस प्रकाशन में फ़्रांस की क्रांति के तीन नारों- स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा, को अपना लक्ष्य घोषित किया गया।
  • वर्ष 1908 में इनकी एक क्रांतिकारी रचना ‘‘स्वदेश गीतांगल’’ प्रकाशित हुई।
  • भारती ने भारतीय राष्ट्रीय काँन्ग्रेस के बनारस अधिवेशन (1905) और सूरत अधिवेशन (1907) में हिस्सा लिया।
  • भारती वर्ष 1919 में मद्रास के राजाजी गृह में महात्मा गांधी से मिले।

भारती: एक समाज सुधारक

  • भारती जाति-व्‍यवस्‍था के खिलाफ थे। उन्होंने घोषणा की थी कि केवल दो जातियाँ हैं - पुरुष और महिला अन्य कोई जाति नहीं है।
  • भारती ने महिलाओं के अधिकारों और लैंगिक समानता के लिये काम किया।
  • भारती ने बाल विवाह और दहेज का विरोध किया तथा विधवा पुनर्विवाह का समर्थन किया।

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