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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 12 Aug, 2020
  • 19 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 12 अगस्त, 2020

सिंधु जल संधि

Indus Water Treaty

हाल ही में भारत ने भारत-पाकिस्तान सीमा के पास  अटारी चेक पोस्ट पर सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) के मुद्दों पर एक बैठक आयोजित करने के लिये पाकिस्तान द्वारा किये गए अनुरोध से इंकार कर दिया है।   

प्रमुख बिंदु:

  • मार्च, 2020 में भारत ने एक आभासी सम्मेलन का सुझाव दिया था किंतु पाकिस्तान ने एक फिज़िकल बैठक पर ज़ोर दिया था। 
    • भारत ने कहा था कि COVID-19 महामारी के मद्देनज़र आवाजाही पर प्रतिबंध के कारण बैठक के लिये भारत-पाकिस्तान सीमा की यात्रा करना उचित नहीं है।
  • सिंधु जल संधि पर आयोजित होने वाली बैठकों का नेतृत्त्व दोनों देशों के सिंधु जल आयुक्त करते हैं। इन बैठकों में सिंधु नदी प्रणाली से संबंधित बांधों एवं जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की जाती है। 
  • इससे पहले दोनों देशों के बीच इस तरह की बैठक अक्तूबर, 2019 में इस्लामाबाद (पाकिस्तान) में हुई थी और सिंधु जल संधि (IWT) में हुए समझौते के अनुसार, 31 मार्च, 2020 से पहले भारत में एक बैठक होने वाली थी।
    • इन बैठकों में जम्मू एवं कश्मीर के किश्तवाड़ (Kishtwar) ज़िले में चिनाब नदी पर ‘रेटले रन-ऑफ-द-रिवर’ (Ratle run-of-the-River) परियोजना के निर्माण को नियंत्रित करने वाले तकनीकी पहलुओं पर आपसी मतभेदों को हल करना है।
    • भारत ने एक ’तटस्थ’ पार्टी की नियुक्ति का आग्रह किया है जबकि पाकिस्तान इस जल विद्युत परियोजना के डिज़ाइन मापदंडों पर एक अंतिम प्रस्ताव पर सहमत होने के लिये एक न्यायिक मध्यस्थता का पक्षधर है।

चिनाब नदी:

  • चिनाब नदी भारत-पाकिस्तान से होकर बहने वाली एक प्रमुख नदी है और पंजाब क्षेत्र की 5 प्रमुख नदियों में से एक है।     

उद्गम:

  • इसका उद्गम भारत के हिमाचल प्रदेश के लाहुल एवं स्पीति ज़िले में ऊपरी हिमालय के बारालाचा-ला दर्रे के पास से होता है। इसके बाद चिनाब नदी जम्मू एवं कश्मीर के जम्मू क्षेत्र से होकर बहती हुई पाकिस्तान के पंजाब के मैदान में प्रवेश करती है और आगे चलकर सतलज नदी से मिल जाती है।
  • चिनाब नदी हिमाचल प्रदेश के लाहुल एवं स्पीति ज़िले के तांडी में दो नदियों चंद्र एवं भागा के संगम से बनती है। 
    • भागा नदी सूर्या ताल झील से निकलती है जो हिमाचल प्रदेश में बारालाचा-ला दर्रे के पास अवस्थित है।
    • चंद्र नदी का उद्गम बारालाचा-ला दर्रे (चंद्र ताल के पास) के पूर्व के ग्लेशियरों से होता है।


विद्यार्थी उद्यमिता कार्यक्रम 2.0

Student Entrepreneurship Programme 2.0

11 अगस्त, 2020 को नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (Atal Innovation Mission- AIM) ने डेल टेक्नोलॉजिज़ (Dell Technologies) के साथ भागीदारी में अटल टिंकरिंग लैब्स (Atal Tinkering Labs- ATLs) के युवा नवाचारकर्त्ताओं के लिये विद्यार्थी उद्यमशीलता कार्यक्रम 2.0 (Student Entrepreneurship Programme 2.0- SEP 2.0) का शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु:

  • SEP 1.0 की सफलता के बाद SEP 2.0 की शुरुआत की गई है।
  • SEP 2.0 से विद्यार्थी अन्वेषकों को डेल टेक्नोलॉजिज़ के स्वयंसेवकों के साथ मिलकर कार्य करने का मौका मिलेगा। 
  • इससे उन्हें संरक्षण, प्रोटोटाइपिंग एवं परीक्षण समर्थन, एंड यूज़र फीडबैक, बौद्धिक संपदा एवं विचार का पंजीकरण, प्रक्रियाओं एवं उत्पादों का पेटेंट संरक्षण हासिल करना, विनिर्माण सहयोग के साथ ही बाज़ार में उत्पाद के लॉन्च में भी सहयोग मिलेगा।  

विद्यार्थी उद्यमशीलता कार्यक्रम 1.0 (SEP 1.0)

  • SEP 1.0 की शुरुआत जनवरी, 2019 में हुई थी। 
  • 10 महीने तक चलने वाले कार्यक्रम में एक देशव्यापी प्रतियोगिता (ATL मैराथन) में शीर्ष 6 टीमों को अपने नवीन प्रोटोटाइप्स को पूरी तरह कार्यशील उत्पादों में परिवर्तित करने का अवसर मिला जो अब बाज़ार में उपलब्ध हैं।
  • इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने सामुदायिक चुनौतियों की पहचान की और ATL के अंतर्गत ज़मीनी स्तर पर नवाचार एवं समाधान तैयार किये गए हैं।
  • ATL मैराथन के पिछले सीज़न में लगभग 1500 नवाचार जमा किये गए थे।
    • दो चरणों के बाद 50 टीमों को विद्यार्थी अन्वेषक कार्यक्रम के लिये चुना गया था। जिनमें 75% से ज्यादा विजेता टीमें टियर-2 शहरों या ग्रामीण क्षेत्रों से और 60% से अधिक सरकारी स्कूलों से थे। विजेता टीमों में लगभग 46% छात्राएँ थीं। 
    • फिर इन विजेता टीमों को अटल इनक्यूबेशन केंद्रों ने विद्यार्थी अन्वेषक कार्यक्रम के माध्यम से कई महीनों तक संरक्षण दिया। 
    • इस क्रम में 14 नवंबर, 2019 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा आठ शीर्ष टीमों को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया गया था।


स्ट्रिआनास्सा लेराई

Strianassa Lerayi

प्रशांत महासागर में पनामा के कोइबा नेशनल पार्क (Coiba National Park) में स्मिथसोनियन ट्रॉपिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (Smithsonian Tropical Research Institute- STRI) के समुद्री जीवविज्ञानियों ने झींगा (Shrimp) की एक नई प्रजाति ‘स्ट्रिआनास्सा लेराई’ (Strianassa Lerayi) खोजी गई।

Strianassa-Lerayi

प्रमुख बिंदु:

  • झींगा की खोजी गई यह नई प्रजाति ‘स्ट्रिआनास्सा लेराई’ (Strianassa Lerayi) लाओमेडीडाए (Laomediidae) परिवार से संबंधित है।
  • ‘स्ट्रिआनास्सा लेराई’ (Strianassa Lerayi) के अतिरिक्त कोइबा नेशनल पार्क में STRI टीम ने वर्ष 2019 के बाद से झींगा की अन्य निम्नलिखित प्रजातियों की खोज की है।  
    1. यूनिस्कोनिया कोइबेंसिस (Unesconia Coibensis): इस प्रजाति का जीनस नाम यूनिस्कोनिया (Unesconia), यूनेस्को (UNESCO) से लिया गया है जिसने वर्ष 2005 में कोइबा नेशनल पार्क को विश्व विरासत स्थल घोषित किया था।
    2. पचेलफेअस पाच्याकैंथस (Pachelpheus Pachyacanthus)
    3. ट्राईकैंथोनस ब्लैंका (Triacanthoneus Blanca)

कोइबा नेशनल पार्क (Coiba National Park):

Coiba-Island

  • चिरिकुई की खाड़ी (Gulf of Chiriquí) में अवस्थित कोइबा नेशनल पार्क पनामा के प्रशांत महासागरीय तट से दूर एक समुद्री रिज़र्व है।
  • कोइबा नेशनल पार्क में 38 द्वीपों का एक समूह शामिल है। गौरतलब है कि कोइबा (Coiba), मध्य अमेरिका का सबसे बड़ा द्वीप है।
  • वर्ष 1992 में पनामा ने कोइबा नेशनल पार्क बनाया था जिसमें 1042 वर्ग मील के क्षेत्र में वन, मैंग्रोव एवं प्रवाल भित्तियाँ आदि शामिल हैं।
  • वर्ष 2005 में यूनेस्को (UNESCO) द्वारा विश्व विरासत स्थल का दर्जा पाने वाला कोइबा नेशनल पार्क समृद्ध एवं संरक्षित प्राकृतिक संसाधन का क्षेत्र है।


सेरेस

Ceres

हाल ही में वैज्ञानिकों ने कहा है कि सेरेस (Ceres) जो मंगल एवं बृहस्पति ग्रह के बीच क्षुद्रग्रह की बेल्ट में सबसे बड़ा पिंड है, एक ‘महासागरीय दुनिया’ (Ocean World) है जिसमें इसकी सतह के नीचे नमकीन पानी का एक बड़ा भंडार है।

Ceres

प्रमुख बिंदु:

  • सेरेस (Ceres) एक बौना ग्रह (Dwarf Planet) है। 
  • नासा (NASA) के डॉन अंतरिक्ष यान (Dawn Spacecraft) द्वारा प्राप्त आँकड़ों के आधार पर हाल ही में प्रकाशित शोध में सेरेस से संबंधित एक नई जानकारी प्रदान की गई है। गौरतलब है कि डॉन अंतरिक्ष यान (Dawn Spacecraft) ने वर्ष 2018 में सेरेस की सतह का अध्ययन किया था।
    • सेरेस की सतह के अध्ययन के निष्कर्षों में लवण-युक्त जल के उपसतही भंडार की उपस्थिति की पुष्टि की गई है जो धीरे-धीरे जम चुके हैं।
  • सेरेस (Ceres) का व्यास लगभग 590 मील (950 किमी.) है। वैज्ञानिकों ने सेरेस के उत्तरी गोलार्द्ध में लगभग 22 मिलियन वर्ष पहले निर्मित हुए 92 किमी. चौड़े ओक्काटर क्रेटर (Occator Crater) का विश्लेषण किया। जहाँ चमकीले क्षेत्रों की उपस्थिति दर्ज की गई। जो तरल पदार्थ के वाष्पीकरण के कारण छोड़े गए साल्ट क्रस्ट हैं।  
  • यह तरल सतह के लगभग 25 मील (40 किमी.) नीचे सैकड़ों मील चौड़े एक जलाशय में उत्पन्न हुआ है जिसके प्रभाव से खारे जल को निकलने का रास्ता मिल गया।
  • सेरेस से संबंधित इस शोध को ‘नेचर एस्ट्रोनॉमी’ (Nature Astronomy), ‘नेचर जियोसाइंस’ (Nature Geoscience) और ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ (Nature Communications) नामक पत्रिकाओं में प्रकाशित किया गया है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 12 अगस्त, 2020

अंतर्राष्‍ट्रीय युवा दिवस

विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 12 अगस्त को अंतर्राष्‍ट्रीय युवा दिवस (International Youth Day) के रूप में मनाया जाता है,  इस दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य युवाओं के मुद्दों पर समाज और सरकारों का ध्यान आकर्षित करना है। यह दिवस न केवल भविष्य की पीढ़ी के रूप में युवाओं के महत्त्व को इंगित करता है, बल्कि यह हमारे वर्तमान को बदलने के एक महत्त्वपूर्ण साधन के रूप में भी युवाओं के महत्त्व को रेखांकित करता है। वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम ‘यूथ एंगेजमेंट फॉर ग्लोबल एक्शन’ (Youth Engagement for Global Action) है। यह दिवस देश के विकास में युवाओं की भूमिका पर केंद्रित है और युवाओं की आवाज़, उनके कार्य और पहलों को पहचान दिलाने का अवसर उपलब्ध कराता है। विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसंबर, 1999 को युवा विश्व सम्मेलन के दौरान की गई सिफारिशों को मानते हुए पहली बार वर्ष 2000 में अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन किया गया था। वर्ष 2015 में सुरक्षा परिषद द्वारा पारित संकल्प को अपनाने के बाद से इस मान्यता को बल मिला कि परिवर्तन के एजेंट के रूप में युवा संघर्षों को रोकने और शांति बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। ध्यातव्य है कि मानवता के समक्ष मौजूद वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिये आवश्यक है कि एक साथ मिलकर वैश्विक कार्रवाई पर ध्यान दिया जाए और इस कार्रवाई में युवाओं की अनिवार्य भूमिका सुनिश्चित की जाए। 

कमला हैरिस

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) ने भारतीय मूल की सीनेटर कमला हैरिस (Kamala Harris) को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामित किया है। ध्यातव्य है कि अमेरिका के इतिहास में यह पहली बार होगा जब एक अश्वेत भारतीय अमेरिकी महिला उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की दौड़ में शामिल होगी। डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य, 55 वर्षीय कमला हैरिस एक अमेरिकी राजनेता और एक वकील हैं, जो कि वर्ष 2017 से अमेरिकी के कैलिफोर्निया से सीनेटर के रूप में सेवा कर रही हैं। कमला हैरिस का जन्म 20 अक्तूबर, 1964 को कैलिफोर्निया के ऑकलैंड (Oakland) शहर में हुआ था। कमला हैरिस की माँ भारतीय मूल की थीं, जबकि उनके पिता जमैका से थे।  कमला हैरिस ने वर्ष 2010 से वर्ष 2014 के बीच कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में कार्य किया था। कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में प्रसिद्ध प्राप्त करने के बाद नवंबर 2016 में कमला हैरिस ने अमेरिकी सीनेट के रूप में चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके पश्चात् उन्होंने जनवरी, 2019 में राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने की घोषणा की थी, हालाँकि दिसंबर 2019 में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर अपना वापस ले लिया था।

राहत इंदौरी

11 अगस्त, 2020 को भारत के प्रसिद्ध उर्दू शायर और गीतकार राहत इंदौरी का 70 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। राहत इंदौरी का जन्म 01 जनवरी, 1950 को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था, उन्होंने अपनी प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा इंदौर से ही प्राप्त की थी। वर्ष 1973 में स्नातक और वर्ष 1975 में परास्नातक की डिग्री प्राप्त करने के पश्चात् उन्होंने वर्ष 1985 में मध्यप्रदेश भोज विश्विद्यालय (Bhoj University) से ‘उर्दू में मुशायरा’ विषय पर पीएचडी (PhD) की डिग्री प्राप्त की। आर्थिक संकट के कारण उनका बचपन काफी कठिन परिस्थितियों में गुजरा, यही कारण था कि उन्होंने मात्र दस वर्ष की उम्र में साइन-पेंटर के तौर पर कार्य करना शुरू कर दिया था। अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद राहत इंदौरी ने इंदौर के के ही एक कॉलेज में उर्दू साहित्य के एक शिक्षक के तौर पर कार्य शुरू किया, और साथ ही वे मुशायरों में भी हिस्सा लेने लगे। उर्दू शायर-ओ-शायरी के लिये राहत इंदौरी को विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। उर्दू शायरी के अलावा उन्हें हिंदी फिल्म उद्योग में एक लोकप्रिय गीत लेखक के रूप में भी जाना जाता था। 

मुख्यमंत्री किसान सहाय योजना

हाल ही में गुजरात सरकार ने सूखे, अत्यधिक वर्षा या बिन मौसम बरसात के कारण फसल नुकसान का सामना करने वाले किसानों के लिये एक नई योजना की शुरुआत की है। इसके तहत किसानों को उक्त स्थितियों में हुए नुकसान की भरपाई के लिये बिना कोई प्रीमियम दिये मुआवज़ा मिल सकेगा। इस संबंध में घोषणा करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नई योजना इस वर्ष के लिये प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' (Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana-PMFBY) का स्थान लेगी। आधिकारिक सूचना के अनुसार, केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना के विपरीत, किसानों को इस खरीफ सीजन में सूखे, अत्यधिक वर्षा या बिन मौसम बरसात जैसे प्राकृतिक जोखिमों से सुरक्षा पाने के लिये इस नई राज्य सरकार की योजना के तहत किसी भी प्रकार के प्रीमियम का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। हालाँकि यह योजना केवल एक वर्ष के लिये ही लागू होगी। इस योजना के तहत राज्य सरकार कुल 4,500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इस वर्ष खरीफ (मानसून) के मौसम में फसल बोने वाले किसानों को इस योजना के तहत लाभ मिलेगा। क्षतिपूर्ति केवल तभी दी जाएगी जब फसल का नुकसान 33 प्रतिशत से अधिक होगा।


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